Monday, September 26, 2016

अच्छे जीवन के उपाय 0301. - 0400.




ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं.  इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए.  उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका   ना हो , इसका ख़याल रखे. 



0301. छींक - कोई मरीज यदि दवा ले रहा हो और छींक आ जाए तो वह शीघ्र ही ठीक हो जाता है.

0302. छींक - कोई मित्र या रिश्तेदार के जाते समय कोई उसके बांई ओर छींकता है तो यह अशुभ संकेत है.  अगर जरूरी न हो तो ऐसी यात्रा टाल देनी चाहिए.

0303. छींक - कोई वस्तु खरीदते समय यदि छींक आ जाए तो खरीदी गई वस्तु से लाभ होता है.

0304. छींक - धार्मिक अनुष्ठान या यज्ञादि प्रारंभ करते समय कोई छींकता है तो अनुष्ठान पूरा होने में समस्याएं आती हैं.

0305. छींक - नए मकान में प्रवेश करते समय यदि छींक सुनाई दे तो प्रवेश स्थगित कर देना ही उचित होता है या फिर किसी योग्य ब्राह्मण से इसके बारे में विचार कर ही घर में प्रवेश करना चाहिए.

0306. छींक - भोजन करने से पहले छींक की ध्वनि सुनना अशुभ माना जाता है.

0307. छींक - यदि कोई व्यक्ति दिन के प्रथम प्रहर ( सुबह 6 से 9 बजे तक) में पूर्व दिशा की ओर छींक की ध्वनि सुनता है तो उसे अनेक कष्ट झेलने पड़ते हैं.  दूसरे प्रहर ( सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक) में सुनता है तो शारीरिक कष्ट, तीसरे प्रहर ( दोपहर 12 से 3 बजे तक) में सुनता है तो दूसरे के द्वारा स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति और चौथे प्रहर (दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक) में सुनता है तो किसी मित्र से मिलना होता है.

0308. छींक - यदि घर से निकलते समय कोई सामने से छींकता है तो कार्य में बाधा आती है, लेकिन एक से अधिक बार छींकता है तो काम आसानी से पूरा हो जाता है.

0309. छींक - व्यापार आरंभ करने से पहले छींक आना व्यापार में सफलता का सूचक है.

0310. छींक - सोने से पहले और जागने के तुरंत बाद छींक की ध्वनि सुनना अशुभ माना जाता है.

0311. ज़रूर करें - अखंडित भोज पत्र पर 15 का यंत्र लाल चन्दन की स्याही से मोर के पंख की कलम से बनाएं और उसे सदा अपने पास रखें. लाभ  होता है.

0312. ज़रूर करें - अगर आपके घर में किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो सावन में रोज सुबह घर में गोमूत्र का छिड़काव करें तथा गुग्गुल का धूप दें.

0313. ज़रूर करें - अगर आपको शक हो कि किसी ने आप पर कोई टोना-टोटका किया है तो भी गो मूत्र सर्वश्रेष्ठ उपचार है.  अपने शरीर पर गौ-मूत्र का छिड़काव करें. 

0314. ज़रूर करें - अगर घर के आस पास चमगादड दिखाई देते हैं तो शाम होते ही घर के खिड़की दरवाजे बंद  कर दे.

0315. ज़रूर करें - अपने घर के आस-पास कोई ऐसा तालाब, झील या नदी का चयन करें, जहां बहुत सी मछलियां हों.  यहां रोज जाकर आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं.  मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का यह बहुत ही अचूक उपाय है.  नियमित रूप से जो यह उपाय करता है, कुछ ही दिनों में उसकी परेशानियां दूर होने लगती हैं.

0316. ज़रूर करें - अपने घर में पवित्र नदियों का जल संग्रह कर के रखना चाहिए.  इसे घर के ईशान कोण में रखने से अधिक लाभ होता है.

0317. ज़रूर करें - ईश्वर को धन्यवाद किए बगैर भोजन नही करना चाहिये.

0318. ज़रूर करें - उत्तर दिशा में बैठकर ही भोजन करें और भोजन की थाली में हाथ न धोएं.  धन के नुकसान से  बचा जा सकता हैं.

0319. ज़रूर करें - ऊंचे व घने वृक्ष घर के दक्षिण या पश्चिम भाग में घर की दीवारों से थोड़ी दूर ही लगाना चाहिए.

0320. ज़रूर करें - औरतो का खडे खडे बाल नही बनाने  चाहिये. बैठ कर बनाने चाहिये. ज़्यादा सुंदर लगेंगी ओर थकान भी महसूस नही होगी.

0321. ज़रूर करें - कर्ज-मुक्ति के लिये “गजेन्द्र-मोक्ष´´ स्तोत्र का प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व पाठ अमोघ उपाय है.

0322. ज़रूर करें - काम पर जाने से पहले लौंग चूसें तथा सुपारी को वापस ला कर गणेश जी के आगे रख दें तथा जाते हुए कहें 'ऊँ ऊँ जय जय गणेश काटो कलेश'.

0323. ज़रूर करें - खाना बनाते समय पहली रोटी गाय के लिए निकालें.  मछली को आटा खिलाएं.  कुत्ते को रोटी दें.  पक्षियों को दाना डालें और चीटिंयों को चीनी व आटा खिलाएं. 

0324. ज़रूर करें - खुशबूदार फूल वाले पौधे जैसे- चंपा, नागचंपा, चमेली, बेला, रात की रानी आदि फूल घर के बाहर ही लगाएं. क्योंकि इससे मानसिक तनाव में कमी आती है.

0325. ज़रूर करें - चुटकी भर हींग अपने ऊपर से वार कर उत्तर दिशा में फेंक दें. प्रात:काल तीन हरी इलायची को दाएँ हाथ में रखकर “श्रीं श्रीं´´ बोलें, उसे खा लें, फिर बाहर जाए.

0326. ज़रूर करें - जब भी घर में पोंछा लगाते है, तब पानी में थोड़ा-सा नमक भी मिला लेना चाहिए.  नमक मिले हुए पानी से पोंछा लगाने पर फर्श के सूक्ष्म कीटाणु नष्ट होंगे.  साथ ही, घर की नकारात्मक ऊर्जा भी खत्म हो जाएगी.  घर का वातावरण पवित्र होगा और जिन घरों में पवित्रता रहती है, वहां लक्ष्मी का आगमन होता है.  

0327. ज़रूर करें - जब भी समय मिले, आप  राम नाम का जप करें.  आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी.

0328. ज़रूर करें - जूते चप्पल उल्टा देख कर उसको सीधा कर देना चाहिये.

0329. ज़रूर करें - जो दूसरो का भला करता है, ईश्वर उसका भला करता है.

0330. ज़रूर करें - तुलसी और केल का पौधा घर में रखने से हमेशा बरकत बनी रहेगी.

0331. ज़रूर करें - तुलसी का पौधा बेहद कल्याणकारी, बहुउपयोगी, पवित्र एवं शुभ माना जाता है.  तुलसी में एंटीबायोटिक सहित अनेक औषधीय गुण होते हैं.  इसका स्पर्श व इसकी हवा दोनों लाभकारी है.  इसलिए इसे घर में अवश्य लगाना चाहिए.  तुलसी का पौधा वायु प्रदूषण को भी कम करता है.  तुलसी का पौधा घर के ब्रह्म स्थल यानी बीचोंबीच लगाना चाहिए.  वैसे इसे घर के किसी भी कोने में लगाया जा सकता है.  इसे गंदे स्थान पर न लगाएं.

0332. ज़रूर करें - दक्षिण दिशा मैं लाल रंग की रोशनी  करें या लाल रंग की कोई  भी वस्तु  रखे, लॉटरी के लिए ठीक  होता है,

0333. ज़रूर करें - दीदी  (मंगलमुखी) की दुआएं किसी भी व्यक्ति के बुरे समय को दूर कर सकती हैं.  धन लाभ चाहते है तो एक सिक्का लेकर पर्स में रखे.

0334. ज़रूर करें - ध्यान दें घर में प्रवेश द्वार बिलकुल साफ़ रहे .  यदि आपका प्रवेश द्वार ही गन्दा रहेगा तब घर में लक्ष्मी के आगमन पर रोक जरुर लग सकती है .

0335. ज़रूर करें - नदी, पूल या सड़क पार करते समय भगवान का स्मरण जरूर करें.  एकांत में शयन या यात्रा करते समय पवित्रता का ध्यान रखें.

0336. ज़रूर करें - नियमित रूप से रात्रि के समय किसी भी शिवलिंग के समक्ष दीपक लगाना चाहिए.  दीपक लगाते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए.

0337. ज़रूर करें - नौकर न टिके या परेशान करे तो हर मंगलवार को मीठी बूंदी  का प्रशाद लेकर मंदिर में चढा कर लडकियों में बांट दें . ऐसा आप चार मंगलवार करें. लाभ होगा.

0338. ज़रूर करें - पवित्रता के साथ धर्मग्रंथ पढना चाहिये.

0339. ज़रूर करें - पूरव दिशा की  तरफ बेम्बू प्लांट  या अक्वेरियम लगाएँ, धन - संपत्ति के लिए ठीक होता हैं

0340. ज़रूर करें - पौधे व फूलों का उपयोग घर के नुकीले कोणों व उबड़-खाबड़ जमीन को ढकने के लिए किया जा सकता है.

0341. ज़रूर करें - प्रतिदिन गाय, कुत्ते, कौवे, पक्षी व चींटी को रो‍टी खिलाएं, आपके बिगड़े काम बनने लगेंगे.  इससे सभी तरह की समस्याओं का समाधान होगा.

0342. ज़रूर करें - प्रतिदिन थोड़ा-थोड़ा गौमूत्र पीने से भी लाभ प्राप्त होते हैं. (मेडिकेटिड प्रूवड)

0343. ज़रूर करें - प्रतिदिन नहाने से पहले बाल्टी में पानी भरें और इसके बाद अपनी तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) से पानी पर त्रिभुज का चिह्न बनाएं.  त्रिभुज बनाने के बाद एक अक्षर का बीज मंत्र ‘ह्रीं’ उसी चिह्न के बीच वाले स्थान पर लिखें.  साथ ही, अपने इष्ट देवी-देवता से परेशानियों दूर करने की प्रार्थना करें. 

0344. ज़रूर करें - प्रतिदिन नियमपूर्वक 5 माला श्रद्धा से भगवान् श्रीकृष्ण का ध्यान करके, जप करता रहे “ॐ ॐ क्लीं नन्दादि गोकुलत्राता दाता दारिद्र्यभंजन.  सर्वमंगलदाता च सर्वकाम प्रदायक:.  श्रीकृष्णाय नम:. . ´´

0345. ज़रूर करें - प्रतिदिन सूर्य को अध्र्य दें और पूजन करें.  आपको शत्रुओं का भय नहीं सताएगा.

0346. ज़रूर करें - प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें.  मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमानजी को चोला चढ़ाएं और उनको बनारसी पान का बीड़ा भी अर्पित करें.  आपके बिगड़े काम फिर से बनने लगेंगे.  हनुमान चालीसा पढ़ने से जहां पितृदोष, राहुदोष, मंगलदोष आदि दूर होते हैं वहीं भूत-प्रेतादि का बुरा साया भी हट जाता है. 

0347. ज़रूर करें - प्रत्येक पक्ष (शुक्ल और कृष्ण पक्ष) के ग्यारस और त्रयोदशी को विधिपूर्वक व्रत रखेंगे तो निश्‍चित ही आपके जीवन से निर्धनता और सभी तरह के संकट दूर हो जाएंगे.

0348. ज़रूर करें - प्रत्येक प्रकार के संकट निवारण के लिये भगवान गणेश की मूर्ति पर कम से कम 21 दिन तक थोड़ी-थोड़ी जावित्री चढ़ावे और रात को सोते समय थोड़ी जावित्री खाकर सोवे.  यह प्रयोग 21, 42, 64 या 84 दिनों तक करें.

0349. ज़रूर करें - प्रत्येक मंगलवार को 11 पीपल के पत्ते लें. उनको गंगाजल से अच्छी तरह धोकर लाल चन्दन से हर पत्ते पर 7 बार राम लिखें. इसके बाद हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ा आएं तथा वहां प्रसाद बाटें और इस मंत्र का जाप जितना कर सकते हो करें. "जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करो गुरू देव की नांई" 7 मंगलवार लगातार जप करें. प्रयोग गोपनीय रखें. अवश्य लाभ होगा.

0350. ज़रूर करें - प्रत्येक मंगलवार को बच्चे के सिर पर से कच्चा दूध 11 बार वार कर किसी जंगली कुत्ते को शाम के समय पिला दें . बच्चा दीर्घायु होगा .

0351. ज़रूर करें - बंद या खराब घडी नेगेटिव एनर्जी को बढ़ाती है.  उन्नति और धन संबंधी परेशानियों से बचाव के लिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए की बंद घडी को ठीक करवा लें या घर में न रखें.

0352. ज़रूर करें - बच्चे के उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु के लिए एक काला रेशमी डोरा लें. “ऊं ऊं नमोः भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करते हुए उस डोरे में थोडी थोडी दूरी पर सात गांठें लगायें . उस डोरे को बच्चे के गले या कमर में बांध दें.

0353. ज़रूर करें - बच्चों का पढ़ाई में मन न लगता हो, तो शुक्ल पक्ष के पहले बृहस्पतिवार को सूर्यास्त से ठीक आधा घंटा पहले बड़ के पत्ते पर पांच अलग-अलग प्रकार की मिठाईयां तथा दो छोटी इलायची पीपल के वृक्ष के नीचे श्रद्धा भाव से रखें और अपनी शिक्षा के प्रति कामना करें.  पीछे मुड़कर न देखें, सीधे अपने घर आ जाएं. 

0354. ज़रूर करें - बनता काम बिगडता हो, लाभ न हो रहा हो या कोई भी परेशानी हो तो हर मंगलवार को हनुमान जी के चरणों में मीठी बूंदी  चढा कर उसी प्रशाद को मंदिर के बाहर गरीबों में बांट दें .

0355. ज़रूर करें - बाहर से जब भी आप घर में प्रवेश करें तो कभी खाली हाथ ना जाएं.  घर में हमेशा कुछ ना कुछ लेकर प्रवेश करें.  चाहे वह पेड़ का पत्ता ही क्यों न हो.

0356. ज़रूर करें - बैठक रूम, बेडरूम, किचन, स्टडी रूम, बरामदे आदि जगहों पर  कोई चित्र या पेंटिंग लगाएं.  एक चित्र आपका जीवन बदल सकता है.  घर में ढेर सारे देवी और देवताओं के चित्र या मूर्तियां न रखें.

0357. ज़रूर करें - भगवान की आरती करते समय ध्यान रखें ये बातें- भगवान के चरणों की चार बार आरती करें, नाभि की दो बार और मुख की एक या तीन बार आरती करें.  इस प्रकार भगवान के समस्त अंगों की कम से कम सात बार आरती करनी चाहिए.

0358. ज़रूर करें - भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है.

0359. ज़रूर करें - भोजन के लिए बनाई जा रही रोटी में से पहली रोटी गाय को दें.  अगर प्रतिदिन गाय को रोटी दी जाए तो सभी देवता प्रसन्न होते हैं और आपकी हर मनोकामना पूरी कर सकते हैं.

0360. ज़रूर करें - भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर के करना चाहिए.  संभव हो तो रसोईघर में ही बैठकर भोजन करें इससे राहु शांत होता है. 

0361. ज़रूर करें - मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी के मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा पढ़े और एक बार उनको चौला अवश्य चढ़ा दें.  यह डर और भय को भगाने का सबसे अच्छा उपाय है.  भाग्य चमकाने लगेगा

0362. ज़रूर करें - मंगलवार को सूर्योदय के समय किसी चौराहे पर जाएं और एक टुकड़ा गुड़ को दांत से दो भागों में बांट कर दो अलग-अलग दिशाओं में फेंक दें.  5 सप्‍ताह लगातार यह क्रिया करें.

0363. ज़रूर करें - मानसिक परेशानी दूर करने के लिए रोज़ हनुमान जी का पूजन करें व हनुमान चालीसा का पाठ करें . प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढायें . अपनी पहनी हुई एक जोडी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें .

0364. ज़रूर करें - यदि  घर में क्लेश रहता है तो रोज भगवान की पूजा करें तथा माता-पिता की सेवा करें.  आपको शांति का अनुभव होगा.

0365. ज़रूर करें - यदि कुंडली में बुध गृह कमजोर हो तो दीदी को  (मंगलमुखी) को हरे रंग की चूड़ियां व साडी दान करनी चाहिए.   इससे लाभ होता है.

0366. ज़रूर करें - यदि घर की किसी दीवार पर पीपल उग आए तो उसे पूजा करके हटाते हुए गमले में लगा देना चाहिए.  पीपल को बृहस्पति ग्रह का कारक माना जाता है.

0367. ज़रूर करें - रविवार को छोड़कर हर दिन तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं और सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर ही काम के लिए बाहर निकलें, सारे काम बनेंगे.

0368. ज़रूर करें - रात्रि में सोने से पहले घी में तर किया हुआ कपूर जला दें.  इसे तनावमुक्ति होगी और गहरी नींद आएगी.  शरीर को हमेशा सुगंधित और साफ-सुथरा बनाए रखें.

0369. ज़रूर करें - रुका हुआ कार्य पूरा करने के लिए श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएं.

0370. ज़रूर करें - रोज शाम को धुप-बत्ती एवं शंख बजाने की परंपरा रखें .  शंख की ध्वनि से पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है साथ ही कपूर अथवा धुप से संध्या बत्ती देने पर हानिकारक विषाणुओं का नाश होता है .

0371. ज़रूर करें - रोज सुबह जब आप उठें तो सबसे पहले दोनों हाथों की हथेलियों को कुछ क्षण देखकर चेहरे पर तीन चार बार फेरे.  धर्म ग्रंथों के अनुसार, हथेली के ऊपरी भाग में मां लक्ष्मी, बीच में मां सरस्वती व नीचे के भाग (मणि बंध) में भगवान विष्णु का स्थान होता है.  इसलिए रोज सुबह उठते ही अपनी हथेली देखने से भाग्य चमक उठता है.

0372. ज़रूर करें - रोज सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल अर्पित करें.  जल चढ़ाने के साथ ही लाल फूल भी सूर्य को चढ़ाएं. लाभ  होता है.

0373. ज़रूर करें - रोज सुबह तुलसी को जल चढ़ाएं और शाम को तुलसी के पास दीपक जलाने का उपाय शुरू करें.  सुबह तुलसी के एक पत्ते का सेवन करें. लाभ  होता है.

0374. ज़रूर करें - रोज सुबह भगवान श्रीगणेश की पूजा करें.  महीने के अंत तक आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी.

0375. ज़रूर करें - रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद पीपल के पेड़ पर एक लोटा जल चढ़ाएं.  मान्यता है कि पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है.  रोज ये उपाय करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं.  इस पेड़ का महत्व इसी बात से जाना जा सकता है कि अर्जुन को गीता को उपदेश देते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं को पेड़ों में पीपल बताया था.

0376. ज़रूर करें - रोटी  खिलाने पर पुण्य बढ़ता है और पुराने समय में किए गए पाप खत्म होते हैं.  इसी वजह से कई लोग समय-समय पर खाना और अनाज दान करते रहते हैं. 

0377. ज़रूर करें - रोटी (जो बनती है रसोई मे सबसे अंत में), उस पर तेल लगाएं और ये रोटी काले कुत्ते को खाने के लिए दें.  यदि काला कुत्ता नहीं हो तो किसी अन्य कुत्ते को भी ये रोटी दी जा सकती है.

0378. ज़रूर करें - रोटी (सुबह की पहली जो बनती है रसोई मे) के चार बराबर टुकड़े करें , उस समय पहली रोटी अलग निकाल लें.   इनमें से एक टुकड़ा गाय को और दूसरा टुकड़ा काले कुत्ते को देना है.  तीसरा कौओं के लिए घर की छत पर डालना है.  अंतिम टुकड़ा घर के पास किसी चौराहे पर रखकर आना है.  ऐसा हर रोज करना चाहिए.  इस उपाय से घर की गरीबी दूर हो सकती है.

0379. ज़रूर करें - रोटी के छोटे-छोटे टुकड़े उस खीर में डाल दें (हर अमावस्या पर चावल की खीर बनाएं).  इसके बाद रोटी और खीर को कौओं के लिए घर की छत पर रख दें.  इस उपाय से घर पर पितर देवताओं की विशेष कृपा बनी रहती है.  पितर देवता की कृपा से ही सुख-समृद्धि मिलती है.

0380. ज़रूर करें - व्यर्थ की चिंता से बचने के लिए गाय को चारा खिलाएं. धीरे धीरे  सब कुछ ठीक हो जायेगा

0381. ज़रूर करें - शारीरिक दोष, वास्तु दोष और कर्म दोष से दुर्भाग्य निर्मित होता है.  शरीर के सभी छिद्रों को अच्छे से जल से धोएं. 

0382. ज़रूर करें - सभी को व्यावहारिक रूप से धर्म, कर्म, धर्म ग्रंथों में छुपे ज्ञान और विद्या से प्रकृति और इंसान के रिश्तों को समझना चाहिए. 

0383. ज़रूर करें - सुगंध हमारी भावनाओं से जुड़ा हुआ और बहुत हद तक यह हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करता है.  सुगंधित वातावरण बना रहने से मस्तिष्क प्रसन्नचित्त और शांत रहता है जिसके चलते घर में गृहकलह नहीं होती है. 

0384. ज़रूर करें - सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें . अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें . सेहत ठीक रहेगी .

0385. ज़रूर करें - सोते समय नारियल पानी पीने से नाड़ी संस्थान को बल मिलता है तथा नींद अच्छी आती है।

0386. ज़रूर करें - सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, किन्तु गीले पैर नहीं सोना चाहिए. 

0387. ज़रूर करें - स्त्रियों का सम्मान करें और परस्त्री पर बुरी निगाह न रखें.  ऐसा करने से घर में हमेशा मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.

0388. ज़रूर करें - स्नानादि से निवृत्त होने के बाद हनुमानजी के मंदिर जाकर उनसे जाने-अनजाने किए गए पापों की क्षमा मांग लें, तुरंत ही संकटों से मुक्ति मिलना शुरू हो जाएगी.

0389. ज़रूर करें - हनुमानजी का स्मरण करें.  चतुर्थी, तेरस, चौदस और अमावस्या को पवि‍त्रता का पालन करें.  शराब न पीएं और न ही मांस का सेवन करें.  लाभ होता है

0390. ज़रूर करें - हिन्दू धर्म में नारियल के बगैर कोई मंगल कार्य संपन्न होता ही नहीं.  पूजा के दौरान कलश में पानी भरकर उसके ऊपर नारियल रखा जाता है.  यह मंगल प्रतीक है.  नारियल का प्रसाद भगवान को चढ़ाया जाता है. 

0391. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए -  “क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा” मन्त्र का हर दिन 108 बार जाप करें. और साथ हीं “पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्.  तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम. .  इस मन्त्र का भी 108 बार हर दिन जाप करें.

0392. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए -  जिस लड़के या लड़की की शादी न हो रही हो, उसके पलंग के नीचे कोई भी सामान या कबाड़ नहीं रखना चाहिए.

0393. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - 5 नारियल लीजिये.. भगवान शिव के फोटो के आगे रखकर “ऊँ ऊँ  श्रीं वर प्रदाय श्री नामः” मंत्र का पांच माला जाप करें. फिर वो सारे नारियल शिवजी के मंदिर में चढ़ा दें. (यदि लड़की की शादी में रूकावट आ रही हो तो)

0394. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - अपने शरीर में हमेशा कोई-न-कोई पीला कपड़ा पहनें या रखें. आप अपने पास पीला रंग का रुमाल भी रख सकते हैं.

0395. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - आपको हर मंगलवार को चण्डिका स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. और शनिवार के दिन सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए.(अगर आप मांगलिक हैं)

0396. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - एक गमले में पीपल का छोटा सा पौधा लगाएँ. पीपल के पौधे को हर दिन पानी दें और अगरबत्ती दिखाएँ. यह काम भी शुक्ल पक्ष में शुरू करें

0397. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - ऐसे कमरे में रहें, जिसमें दिन भर प्राकृतिक रौशनी आती हो. कमरे का रंग उदास न हो.

0398. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - केले के पौधे में हर दिन पानी दें, गुरुवार को केले के पौधे के पास दीपक भी जलाएँ.

0399. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - चांदी का एक चौकोर टुकड़ा अपने पॉकेट में रखें.

0400. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - जब कन्या किसी दूसरे लड़की की शादी में जाए, तो कन्या के हाथ में दुल्हन के हाथों से थोड़ी सी मेहँदी लगवा ले.
Pain in the ankle means that you need more pleasure in your life. Try to enjoy the little things and every moment in your life. Pain in the hands may be caused by a lack of friends. Try to meet new people. Pain in the knee is a sign of high self-esteem. Maybe you should try to do some volunteering work and remember no one is perfect. Pain in the lower back shows that person has financial worries. Sit down and focus on managing money. Pain in the shoulders is sign that person carries a heavy emotional burden. Shoulders carry everything. To solve this problem share the load with friends or family. Palm Reading Services Palmistry Fate line in Hindi Palmistry Fate line in Hindi : भाग्य रेखा बताती है आपके भाग्य के बारे में ये 10 महत्तवपूर्ण बातें Palmistry Fate line in Hindi : हमारी हथेली में कई प्रकार की रेखाएं होती हैं, जैसे- जीवन रेखा, हृदय रेखा, मस्तिष्क रेखा, विवाह रेखा, सूर्य रेखा, बुध रेखा, भाग्य रेखा आदि. हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार भाग्य रेखा बताती है कि व्यक्ति भाग्यशाली है या नहीं. Panchastavi Third Edition - Shri Ram Shaiva Trika Ashram Pitra Dosh Nivaran Ke Upay : पितृ दोष निवारण के उपाय Pitra dosh nivaran ke upay in Hindi: हिंदू धर्म में श्राद्ध की व्यवस्था इसलिए की गई है कि मनुष्य साल में एक बार अपने पितरों को याद कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर सके. श्राद्ध का अर्थ अपने पितरों से प्रति व्यक्त की गई श्रद्धा से है. जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है, उसके लिए भी श्राद्ध पक्ष का समय विशेष होता है क्योंकि इन 16 दिनों में किए गए कर्मों के आधार पर ही पितृ दोष से मुक्ति मिलना संभव है. धर्म ग्रंथों के अनुसार, जो लोग श्राद्ध पक्ष के दौरान अपने पितरों का तर्पण, पिण्डदान व श्राद्ध नहीं करते, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. Planets and Gem Stones : जानिए किस ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहनना चाहिए रत्न Planets and Gemstones in Hindi Planets and Gemstones in Hindi : जानिए किस ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहनना चाहिए रत्न – रत्न यानी जेम्स स्टोन्स का ज्योतिष में काफी अधिक महत्व बताया गया है. ऐसा माना जाता है कि रत्न पहनने से संबंधित ग्रह के दोषों का निवारण हो जाता है और जीवन में चल रही परेशानियां खत्म हो सकती हैं. जानिए कौन सा रत्न किस ग्रह के लिए धारण किया जाता है और कौन से वार को कैसे धारण करना चाहिए… Post a Reply Posted by admin on Apr 12, 2016 in Astrology indian astrology | 0 comments Posted by admin on Apr 4, 2016 in Astrology indian astrology | 0 comments Posted by admin on Apr 8, 2016 in Get Love Back, vashikaran, Vashikaran Mantra | 0 comments Powered by Press PreviousNext Privacy Publishers Puja Rules at Home : घर में पूजन सम्बन्धी नियम कायदे Puja rules at home in Hindi , Niyam, Vidhi, Puja rules at home in Hindi : अधिकांश हिन्दुओं के घर में पूजन के लिए छोटे छोटे मंदिर बने होते है जहां की वो भगवान की नियमित पूजा करते है. लेकिन हममे में से अधिकांश लोग अज्ञानतावश पूजन सम्बन्धी छोटे छोटे नियमों का पालन नहीं करते है. जिससे की हमे पूजन का सम्पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है. आज हम आपको घर में पूजन सम्बन्धी कुछ ऐसे ही नियम बताएँगे जिनका पालन करने से हमे पूजन का श्रेष्ठ फल शीघ्र प्राप्त होगा. Purchase help Purnahanta VImarsha - Janaki Nath Kaul Putra Prapti Ke Saral Upay RELATED Ravan-Angad Samwad in Hindi : अच्छे और सुखी जीवन के लिए जरूरी है कि कुछ नियमों का पालन किया जाए. शास्त्रों के अनुसार बताए गए नियमों का पालन करने वाले व्यक्ति को जीवन में कभी भी किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. स्त्री हो या पुरुष, कुछ बातों का ध्यान दोनों को ही समान रूप से रखना चाहिए. अन्यथा भविष्य में भयंकर परिणामों का सामना करना पड़ता है. मृत्यु एक अटल सत्य है. देह एक दिन खत्म हो जानी है, यह पूर्व निश्चित है. आमतौर पर यही माना जाता है कि जब देह निष्क्रिय होती है, तब ही इंसान की मृत्यु होती है, लेकिन कोई भी इंसान देह के निष्क्रिय हो जाने मात्र से नहीं मरता. कई बार जीवित रहते हुए भी व्यक्ति मृतक हो जाता है. Ravan-Angad Samwad in Hindi, Kahani, Katha Read Free For One Month Read More Read more: गणेश चतुर्थी स्पेशल : अगर होना चाहते हैं धनी तो करें ये उपाय - News . wonders . temples . oshovani . do line shayari http://www.acitylive.com/2016/09/blog-post_71.html#ixzz4JMKvyN45 Read more: गणेश चतुर्थी स्पेशल : अगर होना चाहते हैं धनी तो करें ये उपाय - News . wonders . temples . oshovani . do line shayari http://www.acitylive.com/2016/09/blog-post_71.html#ixzz4JMKy7sAQ Read more: नहीं रुकता अगर धन और आ रही परेशानी तो करें ये उपाय - News . wonders . temples . oshovani . do line shayari http://www.acitylive.com/2016/09/blog-post_4.html#ixzz4JML4jfCo Read more: नहीं रुकता अगर धन और आ रही परेशानी तो करें ये उपाय - News . wonders . temples . oshovani . do line shayari http://www.acitylive.com/2016/09/blog-post_4.html#ixzz4JML6c8Hb Recent Posts Rules For Puja : पूजा से सम्बंधित 30 जरूरी नियम Rules for God pooja in Hindi Rules for God pooja in Hindi : पूजा से सम्बंधित 30 जरूरी नियम – सुखी और समृद्धिशाली जीवन के लिए देवी-देवताओं के पूजन की परंपरा काफी पुराने समय से चली आ रही है. आज भी बड़ी संख्या में लोग इस परंपरा को निभाते हैं. पूजन से हमारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, लेकिन पूजा करते समय कुछ खास नियमों का पालन भी किया जाना चाहिए. अन्यथा पूजन का शुभ फल पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं हो पाता है. यहां 30 ऐसे नियम बताए जा रहे हैं जो सामान्य पूजन में भी ध्यान रखना चाहिए. इन बातों का ध्यान रखने पर बहुत ही जल्द शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं. SEPTEMBER 10, 2014 BY AG 1 COMMENT SEPTEMBER 13, 2016 BY AG LEAVE A COMMENT SEPTEMBER 15, 2014 BY AG LEAVE A COMMENT SEPTEMBER 3, 2016 BY AG LEAVE A COMMENT SEPTEMBER 4, 2016 BY AG LEAVE A COMMENT SUPPORT Saas Bahu Ke Rishte Ko Kaise Sambhale – Bahu ke mayake vallon ka purn samman kare, pyar de, samay de, samay samay par bahu ke mayake vaalon se ke avasar pradan kare. Uske mayake valoon ka apmaan kabhi na kare. Unke apman ka arth hai bahu ke man me apne prati kadhvahat paida karna. Apne prati samman ko kam na kare. Saas Bahu Ke Rishte Ko Kaise Sambhale – Bahu ke mayake vallon ka purn samman kare, pyar de,  samay de,  samay samay par bahu ke mayake vaalon se ke avasar pradan kare.  Uske mayake valoon ka apmaan kabhi na kare. Unke apman ka arth hai bahu ke man me apne prati kadhvahat paida karna.  Apne prati samman ko kam na kare. Santan Sukh Ki Prapti Ke Upay Scribd on AppstoreScribd on Google Play Searches related to totke hindi Shabar Mantra Shabar Mantra Books Shakun Apshakun of Sneeze in Hindi : हमारे समाज में कई मान्यताएं प्राचीन समय में चली आ रही हैं. इन्हें शकुन व अपशकुन से जोड़कर देखा जाता है. घर से निकलते समय छींक आना अपशकुन माना जाता है. छींक से जुड़ी ऐसी अनेक मान्यताएं हमारे समाज में प्रचलित हैं. चिकित्सा विज्ञान के नजरिए से छींक आना एक सामान्य मानवीय प्रक्रिया है Shakun Shastra - Shakun Apshakun for (Naga) in Hindi Shakun Shastra - Shakun Apshakun for Lizard in Hindi Shakun Shastra - Shakun Apshakun for Snake (Naga) in Hindi Shakun Shastra - Shakun Apshakun for dog in Hindi Shakun Shastra – Shakun Apshakun for Lizard in Hindi : आने वाले समय में क्या होगा ये तो किसी को पता नहीं होता. लेकिन पशु-पक्षी और जीव-जंतु भी विभिन्न तरह से हमें भविष्य में होने वाली घटनाओं से अवगत कराते हैं. घरों में आमतौर पर पाई जाने वाली छिपकली भी भविष्य में होने वाली कई घटनाओं के बारे में संकेत करती है. इसका वर्णन शकुन शास्त्र में मिलता है. तो जानिए छिपकली से जुड़े शकुन और अपशकुनों के बारे में. Shakun Shastra – Shakun Apshakun for Snake (Naga) in Hindi : सांप एक ऐसा जीव है जिसे अपने सामने देखते ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं. सांप का भय इतना अधिक रहता है कि काफी लोग सांप के नाम से ही घबराते हैं. शास्त्रों के अनुसार सांप को पूजनीय भी बताया गया है. महादेव नाग को आभूषण की तरह अपने गले में धारण करते हैं. सांपों से जुड़े कई शकुन और अपशकुन हमारे समाज में प्रचलित हैं. Shakun Shastra – Shakun Apshakun for dog in Hindi : पशु-पक्षी सदैव ही मनुष्यों के मित्र रहे हैं. इनमें से कुछ पशु-पक्षी तो मनुष्यों के काफी करीब हैं और इन्हें पाला भी जाता है. कुछ पशु आर्थिक लाभ के लिए पाले जाते हैं तो कुछ शौकिया तौर पर. कुत्ता भी एक ऐसा ही प्राणी है जिसे शौकिया तौर पर पाला जाता है. कुत्ते बहुत वफादार होते हैं और ये घरों की रखवाली भी बखूबी करते हैं. हिंदू धर्म में पशु-पक्षियों को लेकर शकुन-अपशकुन की कईं मान्यताएं प्राचीन समय से चली आ रही है. इनमें से कुछ मान्यताएं कुत्तों से भी जुड़ी हैं. Shakun Shastra – Shakun Apshakun for owl and crow in Hindi : हिंदू धर्म में शकुन-अपशुकन की मान्यता सदियों से चली आ रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये मान्यता हमारे आस-पास रहने वाले हर पशु-पक्षी से भी जुड़ी हुई हैं. उल्लू और कौओं से जुड़ी भी शकुन-अपशकुन की अनेक मान्यताएं हमारे समाज में व्याप्त हैं. कौए तो आबादी में आसानी से देखे जा सकते हैं, लेकिन उल्लू कम ही दिखाई देते हैं. ये आबादी से दूर रहना पसंद करते हैं, लेकिन फिर भी यदि ये दिख जाएं या इनका स्वर सुनाई दे तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये हमारे लिए अच्छा शकुन या अपशकुन हो सकता है. Shakun shastra – Shakun apshakun about cow in Hindi : भविष्य में होने वाली घटनाओं को कई माध्यमों से जाना जा सकता है. जिसमें से एक महत्वपूर्ण और सरल माध्यम होता है पशु-पक्षी. गाय भी उनमें से एक है. गाय हिंदू धर्म में पूजनीय हैं. शकुन शास्त्र के अनुसार, सफर पर जाते समय गाय अपनी हरकतों से हमें भविष्य में होने वाली घटनाओं के संकेत देती हैं. हालांकि अब शहरों में गाय पालने जैसे काम हो नहीं पाते हैं या गाय का दिखना भी मुश्किल होता है, ऐसे में ये संकेत कारगर नहीं लगते, ऋषियों द्वारा ये संकेत तब बताए गए थे जब परिस्थितियां बहुत अलग थीं. फिर भी अगर हमें सफर पर निकलते समय गाय दिखती है, तो उससे हम कुछ बातों का अंदाजा लगा सकते हैं. Shambhavi Tantra - Dr. Gopinath Kaviraj Shani Dosh Nivaran Upay in Hindi Shani dev ko prasan karne ke upay Shani dev ko prasan karne ke upay Shani dev ko prasan karne ke upay : धार्मिक मान्यता के अनुसार शनिवार को कुछ विशेष उपाय करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों का कल्याण करते हैं. मान्यता के अनुसार, मनुष्य को उसके अच्छे-बुरे कामों का फल शनिदेव ही देते हैं, इसलिए अच्छे काम करने के साथ ही शनिदेव को प्रसन्न रखना भी आवश्यक है. जिस पर शनिदेव प्रसन्न हो जाएं, उसके सब कष्ट दूर हो जाते हैं. शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय इस प्रकार हैं, ये उपाय किसी भी शनिवार को कर सकते हैं- Shani dev ko prasan karne ke upay : शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए 10 ज्योतिष उपाय Shani dosh nivaran upay :शनि दोष निवारण के उपाय /टोटके (भाव/लग्न अनुसार) Shani dosh nivaran upay in Hindi :शनि दोष निवारण के उपाय /टोटके (भाव/लग्न अनुसार) Shares Sharir ke ang ke fadakne ka arth in Hindi :ज्योतिष के एक ग्रन्थ समुद्र शास्त्र में शरीर के अंगों के फड़कने के अर्थों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है. समुद्र शास्त्र के अनुसार इंसान का शरीर बेहद संवेदनशील होता है और उसके पास ऐसी ताकत है जो होने वाली घटना को पहले ही भांप ले. हो सकता है आपको यकीन ना हो लेकिन समुद्र शास्त्र की सहायता से आप इंसान के फड़कते हुए अंगों को जानकर उसके साथ भविष्य में होने वाली घटना को जान सकते हैं. Shastra Gyan in Hindi Shastra gyan in Hindi Shastra gyan in Hindi : सुखी और श्रेष्ठ जीवन के लिए शास्त्रों में कई नियम और परंपराएं बताई गई हैं. इन नियमों और परंपराओं का पालन करने पर अक्षय पुण्य के साथ ही धन-संपत्ति की प्राप्त होती है, भाग्य से संबंधित बाधाएं दूर हो सकती हैं. Shastra gyan in Hindi : हमारे शास्त्रों में कई ऐसे काम बताएं गए है जिनका पालन यदि किसी परिवार में किया जाए तो वो परिवार पीढ़ियों तक खुशहाल बना रहता है. आइए जानते है शास्त्रों में बताएं गए 9 ऐसे ही काम. Shastra gyan- How To Get Blessings Of God She says that chronic pain, beside physical injury, may be caused by stress and emotional issues. Shiv Puran ke Jyotish Upay : भगवान शिव बहुत भोले हैं, यदि कोई भक्त सच्ची श्रद्धा से उन्हें सिर्फ एक लोटा पानी भी अर्पित करे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं. इसीलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है. भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कुछ छोटे और अचूक उपायों के बारे शिवपुराण में भी लिखा है. ये उपाय इतने सरल हैं कि इन्हें बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है. हर समस्या के समाधान के लिए शिवपुराण में एक अलग उपाय बताया गया है. ये उपाय इस प्रकार हैं- Shiv Purana Tips for Money Gain : नियमित रूप से किए गए पूजन कर्म से भगवान बहुत ही जल्द प्रसन्न होते हैं. भगवान की प्रसन्नता से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं, दरिद्रता से मुक्ति मिल सकती है. सभी देवी-देवताओं में शिवजी का विशेष स्थान है. शिवपुराण के अनुसार इस संपूर्ण सृष्टि की रचना शिवजी की इच्छा से ही ब्रह्माजी ने की है. Shiva Mahimna Stotra - Acharya Rajesh Dikshit Shiva Purana- How To Pray To Lord Shiv In Hindi Silver: 62 Similar to Hypnotism) Ke Totke Site Language: Site directory Spambot blocker question Tantra Sangraha II - Gopinath Kaviraj_Part1 Tantrik Siddhiyan

अच्छे जीवन के उपाय 0201. - 0300.


ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं.  इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए.  उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका   ना हो , इसका ख़याल रखे.

0201. घर -  के वास्तुदोष से मुक्ति का सबसे सरल उपाय है घर के आसपास वृक्षों को लगाना.  किसी ज्योतिष और वास्तु के जानकार से पूछकर घर के आसपास ऐसे वृक्ष लगाएं, जो आपके घर की ऊर्जा को बदलकर वास्तुदोष का निवारण कर दे.

0202. घर -  को हमेशा साफ-स्वच्छ रखना चाहिए.  रोज सुबह झाड़ू-पोछा करें.

0203. घर -  में आंकड़े का पौधा, बरगद वृक्ष, घर में नहीं होना चाहिए.  इनसे वास्तु दोष उत्पन्न होता है.  ये हमारे स्वास्थ्य के हानिकारक भी होते हैं.

0204. घर -  में कई लोग घड़ी को तकिये के नीचे रखकर सोते है.  यह आदत वास्तु के अनुसार बिलकुल ही गलत मानी जाती है.  ऐसा करने से मनुष्य की विचारधारा पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है और उसका स्वभाव भी बदलने लगता है.

0205. घर -  में कांटेदार व दूध (जिनके कटने-छिलने पर सफेद द्रव्य निकलता हो) वाले पौधे नहीं लगाना चाहिए.  क्योंकि कांटे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं.  गुलाब जैसे कांटेदार पौधे लगाए जा सकते हैं पर इसे घर की छत पर रखें तो बेहतर रहेगा.

0206. घर -  में कूडा-करकट नही रखना चाहिये.

0207. घर -  में खुले स्थान पर झाड़ू रखना अपशकुन माना जाता है, इसलिए इसे छिपा कर रखें.

0208. घर -  में खुशियों के लिए एक लोहे के बर्तन में जल, चीनी, दूध व घी मिला लें.  इसे पीपल के पेड़ की छाया के नीचे खड़े होकर पीपल की जड़ में डाले.  इससे घर में लक्ष्मी का स्थाई वास होता है.

0209. घर -  में खुशियों के लिए घर की झाड़ू को कभी भी खुले में ना रखें और ना ही कभी उस पर पैस रखें.  अगर ऐसा करते हैं तो तुरंत बंद कर दें क्योंकि ऐसे लक्ष्मी जी का अपमान होता है और वो कभी खुश नहीं होती हैं.  झाडू को सदैव ऐसे स्थान पर ऱखें जहाँ से उसे कोई ना देख पायें.

0210. घर -  में खुशियों के लिए घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी की प्रतिमा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है.  ऐसा करने से घर पर गणेश जी की कृपा सदैव बनी रहती है.

0211. घर -  में खुशियों के लिए घर में  हनुमान जी की फोटो अथवा प्रतिमा लगाये जिसमें वो उड़ रहे हों.  ऐसी प्रतिमा बहुत ही शुभ मानी जाती है और उस प्रतिमा की विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए.

0212. घर -  में खुशियों के लिए घर में कभी भी बिस्तर पर खाना ना खायें.  ऩा ही ऐसे बिस्तर पर सोये जो गंदा हो.  बिस्तर पर खाना खाना अशुभ माना जाता है.  ऐसा करना लक्ष्मी को रुष्ठ करने के बराबर है.

0213. घर -  में खुशियों के लिए जब भी खाना बनायें पहली रोटी गाय की निकालें.  इसके अलावा जब तवा गरम हो जाये तो उसे पानी की छींटे डाले और फिर रोटी.  ऐसा करने से घर में बरकत होती है.

0214. घर -  में खुशियों के लिए जब भी घर में पोंछा लगाये हमेशा पानी में नमक डाल दें.  ऐसा करने से घर में अगर नकारात्मक शक्तियों का वास नहीं होता है साथ ही वो घर से दूर रहती हैं.

0215. घर -  में खुशियों के लिए तुलसी का पौधा अवश्य लगायें और हर शाम को वहाँ घी का दीपक जलायें.  ऐसा करने से घर में नकारात्मक तरंगों का वास नहीं होता है साथ ही लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं.

0216. घर -  में खुशियों के लिए सोमवार या शनिवार को थोड़े से गेहूं में 11 पत्ते तुलसी तथा 2 दाने केसर के डाल कर पिसवा लें.  बाद में इस आटे को पूरे आटे में मिला कर प्रयोग मैं लाए,  लाभ होगा.

0217. घर -  में खुशियों के लिए सोमवार से शिव-मंदिर में जाकर दूध मिश्रित जल शिवलिंग पर चढ़ाएं तथा रूद्राक्ष की माला से 'ऊँ ऊँ  सोमेश्वराय नम:' का 108 बार जप करें.  साथ ही पूर्णिमा को जल में दूध मिला कर चन्द्रमा को अध्र्य दे.

0218. घर -  में खुशियों के लिए, अगर घर में कोई व्यक्ति बहुत ही चिड़चिड़ा हो चुका है और वो भी बिना वजह तो थोड़ी सी राई, साबुत मिर्च, नमक और आटा लें और उस व्यक्ति के ऊपर से उसार कर जला दें.  जब जलायें तो उस व्यक्ति को उस आग को देखते रहने के लिए बोलें.  ऐसा करने से चढ़ी हुयी नजर उतर जाती है.

0219. घर -  में खुशियों के लिए, जिस बाक्स में आप पैसे रखते हैं उसमें लाल रंग का कपड़ी बिछायें और साथ ही चावल यानि की साबुत चावल की एक पोटली बना कर रख दें.  ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है साथ ही ऐसा करने से लक्ष्मी जी सदैव आपके पास बनी रहती है.  पूजा घर में भी लाल कपड़ा बिछाकर रखें और हर शाम को तीन अगरबत्तियाँ जलायें.

0220. घर -  में खुशियों के लिए, शानिवार, मंगरवार और बृहस्पतिवार को ना कपड़े धोये और ना ही सिर, ना ही नाखून काटें.  ऐसा करने से धन घर में नहीं रुकता है.  इस दिन सिर में तेल भी ना लगायें.  ब्रहस्पतिवार को पीले फल ना खायें खासकर केले क्योंकि इसकी पूजा होती है.

0221. घर -  में घर में हरे या ऑरेंज रंग की और दूकान में काले या डार्क नीले रंग की घड़ी नहीं लगानी चाहिए.  ऐसा करने से घर और दुकान में नेगेटिव एनर्जी बढ़ती है.

0222. घर -  में जहाँ-तहाँ देवी देवताओं की तस्वीरे न लगायें .  बेडरूम में तस्वीर न लगायें यदि लगाते भी हैं तो ध्यान दें कि पैर के समीप किसी देवी देवता की फोटो न हो .

0223. घर -  में जिस हिस्से में वास्तु दोष हो, वहां सुबह-शाम कुछ समय के लिए शंख बजाना चाहिए.  यदि आप चाहे तो पूजा की घंटी भी बजा सकते हैं.  इनसे निकलने वाली ध्वनि से वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है.

0224. घर -  में टूटा हुआ कांच या टूटे कांच की वस्तुएं रखना आर्थिक नुक्सान का कारण बनता है.  दरवाज़े-खिड़कियों में लगे कांच के टूट जाने पर उन्हें भी तुरंत बदलवा देना चाहिए.

0225. घर -  में टूटा हुआ दर्पण नहीं रखना चाहिए.  दो दर्पण एक-दूसरे के आमने-सामने भी नहीं लगाना चाहिए.

0226. घर -  में तिजोरी के ऊपर कोई भी सामान नहीं रखना चाहिए.  तिजोरी के एकदम ऊपरी वाले खाने (हिस्से) में पैसा नहीं रखना चाहिए.

0227. घर -  में तिजोरी में मुकदमे या वाद-विवाद से संबंधित कागजात नहीं रखना चाहिए.

0228. घर -  में तुलसी होना बहुत शुभ रहता है.  रोज सुबह-शाम तुलसी के पास दीपक लगाना चाहिए.

0229. घर -  में दक्षिण दिशा ठहराव मानी जाती है.  इस दिशा में घडी लगाना प्रगति के अवसरों को धीमा कर सकता है.  इस दिशा में घडी लगाना मुखिया के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना गया है.

0230. घर -  में दरवाज़े पर न लागएं घडी, ऐसा करना तनाव को बढ़ा सकता है.  इससे घर से बाहर आते-जाते समय कई तरह की नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव घडी पर आ सकता है, जिसके कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

0231. घर -  में देवी-देवताओं पर चढ़ाये गये फूल या हार के सूख जाने पर भी उन्हें घर में रखना अलाभकारी होता है.

0232. घर -  में नकली पौधे नहीं लगाने चाहिए, ये ऐस्थेटिक सेंस के लिहाज से अशुभ माने जाते है.  ये धूप व गंध को भी ज्यादा आकर्षित करते हैं.

0233. घर -  में परिवार के मृत सदस्यों के चित्र पूजन कक्ष में नहीं रखना चाहिए.  पूर्वजों के चित्र नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) में या पश्चिम दिशा में रखे जा सकते हैं.

0234. घर -  में पलंग के नीचे फालतू सामान या जूते-चप्पल नहीं रखना चाहिए.  इससे ऊर्जा का मार्ग अवरुद्ध होता है.

0235. घर -  में पूजन स्थल के ऊपर कोई सामान नहीं रखना चाहिए.  पूजन कक्ष उत्तर दिशा में या पूर्व दिशा में शुभ रहता है.

0236. घर -  में पूजन स्थल पर सुबह-शाम घी का दीपक लगाने चाहिए.  इससे भाग्य संबंधी लाभ मिलते हैं और इस दीपक का धुआं वातावरण की हानिकारक तरंगों और सूक्ष्म कीटाणुओं को नष्ट करता है

0237. घर -  में पूर्व दिशा में लगाईं घड़ी घर का वातावरण शुभ और प्यार वाला बनाए रखती है.  पश्चिम दिशा में घड़ी लगाने से घर के सदस्यों को नए अवसर की प्राप्ति होती है और उत्तर दिशा में लगाईं गई घड़ी घर को पैसों के नुकसान से बचाती है.

0238. घर -  में पेंडुलम वाली घड़ियों के लिए मान्यता है कि यह इंसान के जीवन के बुरा समय को दूर करने वाली होती है और तरक्की के नए अवसर लाती है.  पेंडुलम वालो घडी के लिए भी पूर्व, पश्चिम या उत्तर दिशा ही शुभ मानी जाती है.

0239. घर -  में फैली नकारात्मकता को दूर करने हेतु सदैव घर में झाड़ू-पोछा लगाया करें .  नमक मिश्रित पानी से घर में पोछा लगाने से घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है .

0240. घर -  में बंद घड़ी रखने से घर में पॉजिटिव एनर्जी कम होने लगती है और नेगेटिविटी बढ़ने लगती है.  घर में बंद पड़ी फ़ालतू घड़ियां व अन्य बेकार सामान को घर से तुरंत हटा देना चाहिए.  साथ ही ध्यान रखें कि घड़ी पर धुल न जमें.

0241. घर -  में बंद या खराब घड़ी भी नहीं रखना चाहिए.  इसके अशुभ प्रभाव से भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है.

0242. घर -  में बांस के पौधे लगा सकते हैं.  फेंगशुई के अनुसार बांस के पौधे सुख व समृद्धि के प्रतीक होते हैं.

0243. घर -  में बार-बार धन हानि हो रही हो तों वीरवार को घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़क कर गुलाल पर शुद्ध घी का दोमुखी (दो मुख वाला) दीपक जलाना चाहिए.  दीपक जलाते समय मन ही मन यह कामना करनी चाहिए की `भविष्य में घर में धन हानि का सामना न करना पड़े´.  जब दीपक शांत हो जाए तो उसे बहते हुए पानी में बहा देना चाहिए.

0244. घर -  में बीम के नीचे बैठकर खाना नहीं खाना चाहिए.  बीम के नीचे सोना भी नहीं चाहिए.

0245. घर -  में भगवान की खंडित मूर्ति भूलकर भी नहीं रखनी चाहिए.  भगवान की टूटी मूर्ति घर में पैसों से संबंधी परेशानियां बढाती हैं.  इसके अलावा भगवान की फटी हुई तस्वीरों को भी घर में नहीं रखना चाहिए.

0246. घर -  में मांगलिक कार्य  निर्विघ्न संपन्न हो जाए तो  जिस दिन मंगल कार्य हो उस दिन एक मुठ्ठी गेहूं लें और उसे लाल कपड़े में पोटली जैसा बांधकर उसे घर की पूर्व दिशा में किसी कोने में रख दें.  आपका जो भी मंगल कार्य है वह ईश्‍वर की कृपासे आपके ईष्टदेव की कृपा से बिना किसी बाधा के पूरा हो जाएगा.

0247. घर -  में यदि तिजोरी का दरवाजा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर खुलता है तो यह बहुत शुभ माना गया है.

0248. घर -  में रात्रि को भोजन पश्चात सोने से पूर्व चांदी की कटोरी में देवस्थान या किसी अन्य पवित्र स्थल पर कपूर तथा लौंग जला दें.  इससे आकस्मिक, दैहिक, दैविक एवं भौतिक संकटों से मुक्त मिलती है.

0249. घर -  में लक्ष्मी के स्थाई वास के लिए एक लोहे के बर्तन में जल, चीनी, दूध व घी मिला लें.  इसे पीपल के पेड़ की छाया के नीचे खड़े होकर पीपल की जड़ में डाले.  इससे घर में लक्ष्मी का स्थाई वास होता है.

0250. घर -  में लगे पेड़ पौधे  की सुखी पत्तिया समय समय पेर से उखाड़ कर अलग कर देनी चाहिये.

0251. घर -  में शयन कक्ष में रात के समय जूंठे बर्तन नहीं रखना चाहिए.  जो लोग बेडरूम में जूंठे बर्तन रखते हैं, उन्हें धन और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है

0252. घर -  में सप्ताह में एक या दो बार नीम के पत्ते की धूनी जलाएं.  इससे जहां एक और सभी तरह के जीवाणु नष्ट हो जाएंगे वहीं वास्तुदोष भी समाप्त हो जाएगा.

0253. घर -  में समृद्धि लाने हेतु घर के उत्तरपश्चिम के कोण (वायव्य कोण) में सुन्दर से मिट्टी के बर्तन में कुछ सोने-चांदी के सिक्के, लाल कपड़े में बांध कर रखें.  फिर बर्तन को गेहूं या चावल से भर दें.  ऐसा करने से घर में धन का अभाव नहीं रहेगा.

0254. घर -  में सही समय से आगे या पीछे चलने वाली घड़ियों को भी अच्छा नहीं माना जाता है.  ऐसी घड़ियां मनुष्य के लिए उसकी हार या नुकसान का कारण बन सकती है.  इसलिए घड़ी को हमेशा सही समय पर ही सेट करके रखना चाहिए.

0255. घर -  में साफ-सफाई रखते हुए पीपल के पत्ते से 7 दिन तक घर में गौमूत्र के छींटे मारें एवं तत्पश्चात शुद्ध गुग्गल की धूप जला दें.  इससे घर में किसी ने कुछ कर रखा होगा तो वह दूर हो जाएगा और सभी के मस्तिष्क शांत रहेंगे.  हफ्ते में 1 बार किसी भी दिन घर में कंडे जलाकर गुग्गल की धूनी देने से गृहकलह शांत होता है.

0256. घर -  में सुख के लिए -  एक मिट्टी के सुंदर से बर्तन में कुछ सोने-चांदी के सिक्के लाल कपड़े में बांधकर रखें.  इसके बाद बर्तन को गेहूं या चावल के भर कर घर के वायव्य (उत्तर-पश्चिम) कोने में रख दें.  ऐसा करने से घर में धन का कभी कोई अभाव नहीं रहेगा.

0257. घर -  में सुख के लिए - यदि बेहद कोशिशों के बाद भी घर में पैसा नहीं रूकता है तो एक छोटा सा उपाय करें.  सोमवार या शनिवार को थोड़े से गेहूं में 11 पत्ते तुलसी तथा 2 दाने केसर के डाल कर पिसवा लें.  बाद में इस आटे को पूरे आटे में मिला लें.  घर में बरकत रहेगी और लक्ष्मी दिन दूना रात चौगुना बढऩे लगेगी.

0258. घर -  में सुख के लिए - लक्ष्मीजी  के स्थाई वास के लिए एक लोहे के बर्तन में जल, चीनी, दूध व घी मिला लें.  इसे पीपल के पेड़ की छाया के नीचे खड़े होकर पीपल की जड़ में डाले.  इससे घर में लक्ष्मी का स्थाई वास होता है.

0259. घर -  में सुख के लिए - सोमवार को शिव-मंदिर में जाकर दूध मिश्रित जल शिवलिंग पर चढ़ाएं तथा रूद्राक्ष की माला से 'ऊँ ऊँ सोमेश्वराय नम:' का 108 बार जप करें.  साथ ही पूर्णिमा को जल में दूध मिला कर चन्द्रमा को अर्ध्य देकर व्यवसाय में उन्नति की प्रार्थना करें, तुरन्त ही असर दिखाई देगा.

0260. घर -  में सुख-समृद्धि लाने के लिए एक मिट्टी के सुंदर से बर्तन में कुछ सोने-चांदी के सिक्के लाल कपड़े में बांधकर रखें.  इसके बाद बर्तन को गेहूं या चावल के भर कर घर के वायव्य (उत्तर-पश्चिम) कोने में रख दें.  ऐसा करने से घर में धन का कभी कोई अभाव नहीं रहेगा.

0261. घर -  में स्टोर रूम और बाथरूम के पास पूजा कक्ष नहीं होना चाहिए.

0262. घर -  में स्थापित देवी-देवताओं को रोज फूलों से सजाना चाहिए.  इस बात का ध्यान रखें कि फूल ताजे ही हो.  सच्चे मन से देवी-देवताओं को फूल आदि अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं व व्यक्ति के जीवन की हर परेशानी दूर कर सकते हैं.  स्नान करने के बाद तोड़े गए फूल ही भगवान को चढ़ाना चाहिए.

0263. घर -  में स्थायी सुख-समृद्धि हेतु पीपल के वृक्ष की छाया में खड़े रह कर लोहे के बर्तन में जल, चीनी, घी तथा दूध मिला कर पीपल के वृक्ष की जड़ में डालने से घर में लम्बे समय तक सुख-समृद्धि रहती है और लक्ष्मी का वास होता है.

0264. घर -  में हॉल में चौकोर व बेडरूम में गोल घड़ी लगाना शुभ माना जाता है.  इससे घर में शांति और प्यार बना रहता है.

0265. घर -  या कार्यस्थल (दुकान व ऑफिस) की पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ाने के लिए गुलदस्तों में रोज ताजे फूल लगाएं.  फूलों के गुलदस्ते ताजगी व सौभाग्य की वृद्धि करते हैं. मुरझाए फूल व पत्तियां नेगेटिव एनर्जी उत्पन्न करती हैं.

0266. घर -  या दुकान में गणेश मूर्ति रखते समय ध्यान रखें की उनके दोनों पैर ज़मीन का स्पर्श करते हुए हों.  इससे कामों में स्थिरता और सफलता आती है.

0267. घर -  या दुकान में सुख-शांति, समृद्धि की इच्छा रखने वालों को सफ़ेद रंग के विनायक की मूर्ति या तस्वीर लगानी चाहिए.

0268. घर -  से किसी भी कार्य के लिए निकलते समय पहले ‘श्री गणेशाय नम:’ बोलें फिर विपरीत दिशा में 4 पग जाएं, इसके बाद कार्य पर चले जाएं, कार्य जरूर बनेगा.

0269. घर -  से बीमारी जाने का नाम न ले रही हो, किसी का रोग शांत नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र ले कर  रोगी के पलंग के पाये पर बांधने से आश्चर्यजनक परिणाम मिलता है.  उस दिन से रोग समाप्त होना शुरू हो जाता है.

0270. घर - और कार्यस्थल में धन वर्षा के लिए  आप अपने घर, दुकान या शोरूम में एक अलंकारिक फव्वारा रखें.

0271. छिपकली अगर अलग होती दिखे तो किसी प्रियजन से बिछुडऩे का दु:ख सहन करना पड़ सकता है.

0272. छिपकली अगर आपके बालों पर गिरती है, कुछ नुकसान का संकेत है.

0273. छिपकली अगर कंठ पर गिरती है तो, शत्रुओं का नाश होगा.

0274. छिपकली अगर कमर के बीच में  गिरे तो आर्थिक लाभ मिलता है.

0275. छिपकली अगर गर्दन पर गिरती है तो यश की प्राप्ति होगी.

0276. छिपकली अगर छाती के दाहिनी ओर गिरती है तो, जल्द ही ढेर सारी खुशियां मिलती हैं जबकि बाईं ओर गिरने से घर में ज्यादा क्लेश होता है.

0277. छिपकली अगर दाएं पैर के तलवे पर गिरे तो ऐश्वर्य की प्राप्ति है.  वहीं बाएं पैर के तलवे पर छिपकली गिरने का मतलब व्यापार में हानि होगी.

0278. छिपकली अगर दाएं पैर या दाएं एड़ी पर छिपकली गिरे तो यात्रा से लाभ मिलता है.  बाएं पैर या बाईं एड़ी पर छिपकली गिरने से बीमारी या घर में कलह होगी.  दु:ख मिलेगा.

0279. छिपकली अगर दाढ़ी पर गिरती है तो आपके सामने जल्दा ही कोई भयावह घटना हो सकती है.

0280. छिपकली अगर दाहिनी आंख पर गिरती है तो,  किसी दोस्तत से मुलाकात होगी.  बाईं आंख पर छिपकली गिरने का मतलब जल्दख ही कोई बड़ी हानि होगी.

0281. छिपकली अगर दाहिनी जांघ पर गिरे तो  सुख मिलता है. वहीं बाईं जांघ पर छिपकली गिरने से दु:ख ही दु:ख यानी शारीरिक पीड़ा.

0282. छिपकली अगर दाहिनी भुजा पर गिरती है तो, धन लाभ मिलता है. बायीं भुजा पर छिपकली गिरने से संपत्ति छिनने की आशंका बढ़ती है.

0283. छिपकली अगर दाहिनी हथेली पर गिरती है तो, कपड़े मिलते हैं. बाईं हथेली पर छिपकली गिरने पर धन की हानि होती है.

0284. छिपकली अगर दाहिने कंधे पर गिरती है तो, विजय की प्राप्ति होती है. बाएं कंधे पर अगर छिपकली गिरे तो नए शत्रु बनते हैं.

0285. छिपकली अगर दाहिने कान पर गिरती है तो आभूषण की प्राप्ति होगी.  बाएं कान पर छिपकली का गिरना यानी आयु वृद्धि.

0286. छिपकली अगर दाहिने घुटने पर गिरे तो  यात्रा का संयोग बनेगा.  बाएं घुटने पर छिपकली गिरने का मतलब बुद्धि की हानि है.

0287. छिपकली अगर नए घर में प्रवेश करते समय यदि गृहस्वामी को छिपकली मरी हुई व मिट्टी लगी हुई दिखाई दे तो उसमें निवास करने वाले लोग रोगी हो सकते हैं, ऐसा शकुन शास्त्र में लिखा है.  इस अपशकुन से बचने के लिए पूरे विधि-विधान से पूजन करने के बाद ही नए घर में प्रवेश करना चाहिए.

0288. छिपकली अगर नाक पर गिरती है तो जल्द ही भग्योद्य होगा.

0289. छिपकली अगर नाभि में गिरे तो  मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

0290. छिपकली अगर पीठ पर दाहिनी ओर गिरे तो सुख मिलता है जबकि बाईं तरफ छिपकली गिरने का मतलब रोग का दस्तक देना है.

0291. छिपकली अगर पीठ पर बीच में गिरे तो  घर में कलह होती है

0292. छिपकली अगर पेट पर गिरती है तो, आभूषण की प्राप्ति होती है.

0293. छिपकली अगर बाएं गाल पर गिरती है तो पुराने मित्र से मुलाकात होगी.  दाहिने गाल पर छिपकली गिरना यानी आपकी उम्र बढ़ेगी.

0294. छिपकली अगर बोलते हूए सुनाई पडे दिन में भोजन करते समय, शीघ्र ही कोई शुभ समाचार मिल सकता है या फिर कोई शुभ फल प्राप्त हो सकता है. हालांकि ये घटना बहुत कम होती है क्योंकि छिपकली अधिकांश रात के समय बोलती है.

0295. छिपकली अगर भौंह पर गिरती है तो,  धन हानि हो सकती है

0296. छिपकली अगर माथे पर गिरती है तो संपत्ति मिलने की संभावना बढ़ जाती है.

0297. छिपकली अगर मुख पर गिरती है तो भोजन की प्राप्ति होगी.

0298. छिपकली अगर मूंछ पर गिरती है तो, कुछ नुकसान का संकेत है.

0299. छिपकली अगर लड़ती दिखे तो किसी दूसरे से झगड़ा संभव है

0300. छिपकली अगर समागम करती मिले तो किसी पुराने मित्र से मिलना हो सकता है.

Bhut Pret Badha Nivaran ke Upay, Mantra in Hindi : हिन्दू धर्म में भूतों से बचने के अनेक उपाय बताए गए हैं. चरक संहिता में प्रेत बाधा से पीड़ित रोगी के लक्षण और निदान के उपाय विस्तार से मिलते हैं. ज्योतिष साहित्य के मूल ग्रंथों- प्रश्नमार्ग, वृहत्पराषर, होरा सार, फलदीपिका, मानसागरी आदि में ज्योतिषीय योग हैं जो प्रेत पीड़ा, पितृ दोष आदि बाधाओं से मुक्ति का उपाय बताते हैं. Birthday prediction Blogs Browse books Calf pain is caused by stress, emotional tension or jealousy. Maybe it is time to let go the jealousy or any big stressor in your life. Cancel any time Cart Chamatkari Free Vashikaran Totke for all problem Solution Chamatkari Vashikaran Specialist in India Checkout Click here Comments vastu Comments वास्तु टिप्स Contact Us Copyright Copyright © 2016 Scribd Inc. Cow Shakun Apshakun Shagun Apshagun DECEMBER 24, 2014 BY AG LEAVE A COMMENT Daridrata nivaran upay Daridrata nivaran upay in Hindi Departments as Per Lalkitab Developers / API Dhan Prapti Ke Sanket Dhan Prapti Ke Sanket Dhan Prapti Ke Sanket : धन प्राप्ति से जुड़े 30 गुप्त संकेत Dhan Prapti Ke Sanket : धन प्राप्ति से जुड़े 30 गुप्त संकेत – हिंदू धर्म में संकेतों की मान्यता भी प्रचलित है. ये संकेत भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में हमें पहले से ही सूचित कर देते हैं. इन संकेतों का माध्यम सपने हो सकते हैं या किसी पशु, पक्षी की कोई खास हरकत भी. कुछ संकेत ऐसे भी होते हैं, जो हमें धन लाभ होने के बारे में पहले से ही बता देते हैं. आवश्यकता है बस उन संकेतों को समझने की. आज हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में जो लक्ष्मी (धन) आगमन के बारे में हमें पहले से ही सूचित कर देते हैं. ये हैं वो संकेत- Dhan prapti ke rashi anusar upay Dhanteras ke jyotish upay Rashi Anusar : धनतेरस के दिन धनवन्तरी, धन की देवी लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और यमराज का पूजन किया जाता है. अपनी आर्थिक हालत को मजबूत करने के लिए धनतेरस का दिन बहुत अहम होता है. धनतेरस के दिन राशि के अनुसार नीचे लिखे उपाय किए जाएं तो धन-संपत्ति आदि का लाभ होता है. ये उपाय इस प्रकार हैं- Dhanteras ke jyotish upay in Hindi Diwali Poojan Vidhi in Hindi Don't do these 5 works on Thursday Don’t do these 5 works on Thursday : गुरुवार धर्म का दिन होता है. ब्रह्मांड में स्थित नौ ग्रहों में से गुरु वजन में सबसे भारी ग्रह है. यही कारण है कि इस दिन हर वो काम जिससे कि शरीर या घर में हल्कापन आता हो. ऐसे कामों को करने से मना किया जाता है क्योंकि ऐसा करने से गुरु ग्रह हल्का होता है. यानी कि गुरु के प्रभाव में आने वाले कारक तत्वों का प्रभाव हल्का हो जाता है. गुरु धर्म व शिक्षा का कारक ग्रह है. गुरु ग्रह को कमजोर करने से शिक्षा में असफलता मिलती है. साथ ही धार्मिक कार्यों में झुकाव कम होता चला जाता है. DownloadAdd to libraryOther Library Actions EMBED ENERGIZED VASHIKARAN PRODUCTS AVAILABLE (Click Here) Easy to solve Love problem issue in belgium Ekadashi ka vrat karna Ekadashi ko nahi kare ye kaam : धर्म ग्रंथो में सभी तिथियों में एकदशी को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इस दिन किये गए जप-तप का बहुत अधिक महत्तव है. धर्म ग्रंथो के अनुसार एकादशी के दिन 11 ऐसे काम है जो करना वर्जित है. आइए जानते है कौन-कौन से है वो काम -यह भी पढ़े- Ekadashi ko nahi kare ye kaam, Don't do these 11 works on Ekadashi Elbow and arm pain signifies a lack of flexibility. Try not to resist the natural changes in your life. English Enquiry Form FAQ Facebook1WhatsAppLinkedInTwitterGoogle+SumoMe Facebook3WhatsAppLinkedInTwitterGoogle+SumoMe Facebook7WhatsAppLinkedInTwitterGoogle+SumoMe Facebook8WhatsAppLinkedInTwitterGoogle+SumoMe FacebookWhatsAppLinkedInTwitterGoogle+SumoMe Fear of change, moving or waiting on a big decision can cause the hip pain. Make the changes step by step. Fill in the form below and we will be in touch soon Foot pain occurs if you fight with depression. Depression is a specific disease, but for a start try to find a new hobby or just adopt a pet Free Jyotish Upay - Aarop, Udhar, Aalasya Se Bachne Ke Liye Free Predictions » Free Vastu Remedies Do it Yourself Free astrology services GET YOUR LOVE BACK BY VASHIKARAN +91-9928553282 Ganpati ji ki Sthapana Kaise Kare, Dhyan rakhe ye baatein Ganpati ji ki Sthapana Kaise Kare, Dhyan rakhe ye baatein :- सभी देवी देवताओं में भगवान गणेश प्रथम पूजनीय माने जाते है. इसलिए घर हो या दुकान सभी जगह श्री गणेश की मूर्ति या फोटो रखी जाती है. वास्तु में भी भगवान गणेश का बहुत महत्व है. अगर भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर से जुड़ी बातों का ध्यान रखा जाए तो घर के सभी वास्तु दोष खत्म हो जाते हैं. घर में हमेशा सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है. आइए जानते है भगवान श्री गणेश की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करते वक़्त किन बातों का ध्यान रखे – Garibi dur karne ke upay Get your love back By vashikaran Specialist Astrologer in belgium Ghar ke mandir mein dhyan rakhe ye baatein : देवी-देवताओं का पूजन करने से दुख-दर्द तो दूर होते हैं, साथ ही शांति भी मिलती है. इसी कारण पुराने समय से ही पूजन की परंपरा चली आ रही है. जिन घरों में हर रोज पूजा की जाती है, वहां का वातावरण सकारात्मक (Positive) और पवित्र रहता है. दरिद्रता दूर रहती है. दीपक और अगरबत्ती के धुएं से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले सूक्ष्म कीटाणु भी मर जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार पूजन के लिए कई आवश्यक नियम बताए गए हैं. इन नियमों का पालन करते हुए पूजा करने पर श्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं. महालक्ष्मी सहित सभी देवी-देवताओं की कृपा मिलती है. यहां जानिए 20 नियम जो कि घर के मंदिर में पूजा करते समय ध्यान रखना चाहिए… Gifts Gita ka paath karna Good and Bad Omen for Crow Good and Bad Omen for Crow and Owl Good and Bad Omen for Owl Grah kalesh Problems Guru dosh dur karne ke upay in Hindi Guru dosh dur karne ke upay in Hindi : यदि कुंडली में गुरु ग्रह का कोई दोष हो तो विवाह और भाग्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गुरु ग्रह के दोषों की शांति के लिए गुरुवार को खास उपाय किए जा सकते हैं. गुरु ग्रह को बृहस्पति भी कहा जाता है, ये देवताओं के गुरु भी हैं. गुरु वैवाहिक जीवन व भाग्य का कारक ग्रह है. Guru ke upay : गुरु ग्रह के दोषों को दूर करने के उपाय HAWAN Headaches can be caused by stress life. If someone has chronic headaches she/he needs to grab some time for themselves on daily basis. Relaxing may help you to relieve your body from the head pain. Help Hindi, Ekadashi, Jankari, Information, Ekadashi ko na kare ye kaam, Don’t do these works on Ekadashi, Home Home » Astrology indian astrology » Home » Astrology indian astrology » Home » Astrology indian astrology » अमावस्या के चमत्कारी उपाय » Home » Astrology indian astrology » धन-समृद्धि का आकर्षण » Home » Astrology indian astrology » पूर्णिमा का विशेष महत्व / उपाय » Home » Get Love Back » Vashikaran Mantra For Love | खोया प्यार पाने का मंत्र » How to improve sex power in Hindi, Upay, Nuskhe, Tarike, Napunsakta ka nidan, Food for improve sexual health, How to worship Tulsi plant at home in Hindi How to worship Tulsi plant at home in Hindi : प्राचीन काल से ही यह परंपरा चली आ रही है कि घर में तुलसी का पौधा होना चाहिए. शास्त्रों में तुलसी को पूजनीय, पवित्र और देवी स्वरूप माना गया है, इस कारण घर में तुलसी हो तो कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. यदि ये बातें ध्यान रखी जाती हैं तो सभी देवी-देवताओं की विशेष कृपा हमारे घर पर बनी रहती है. घर में सकारात्मक और सुखद वातावरण बना रहता है, पैसों की कमी नहीं आती है और परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है. यहां जानिए शास्त्रों के अनुसार बताई गई तुलसी के संबंध में 10 खास बातें… Husband Wife Problem Hypnotism) Ke Totke Il Manuale Del Tantra Totale In Italiano.pdf Indrajala Vidya Sangraha - Edited by Ashubodha Vidya Bhushan_Part1 Intercaste Love marriage Introduction Invite Friends JANUARY 19, 2015 BY AG 1 COMMENT JOIN OUR WHATSAPP GROUP JULY 23, 2015 BY AG 1 COMMENT JULY 29, 2014 BY AG 3 COMMENTS Jaldi Shadi Ke Upay in Hindi – vivah ke upay – shadi ke upay in hindi – shadi karne ke upay – vivah ke totke – shadi karne ke totke – shadi hone ke totke – shadi jaldi hone ke totke – vivah jaldi hone ke upay – vivah ke upay in hindi – shadi jaldi hone ke upay- jaldi shadi ke totke – shadi ke liye upay – shadi ke totke – jaldi vivah karne ke upay – shighra vivah ke upay – jaldi shadi karne ke upay – shaadi ke upay – vivah badha ke upayJaldi Shadi Ke Upay in Hindi Jhadu se jude shakun apshakun in Hindi Join Scribd, the membership for readers Join our team. 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Love Back Love Problem Love marriage MARCH 12, 2015 BY AG LEAVE A COMMENT MARCH 18, 2015 BY AG LEAVE A COMMENT MARCH 29, 2015 BY AG 6 COMMENTS MAY 27, 2015 BY AG LEAVE A COMMENT MAY 3, 2015 BY AG 1 COMMENT MAY 4, 2015 BY AG LEAVE A COMMENT MAY 7, 2015 BY AG LEAVE A COMMENT MAY 9, 2015 BY AG LEAVE A COMMENT MEMBERSHIPS Matangi Aur Kamla Sadhna RKShrimali Media & Press Release Meet the team Message Mobile Site Money Loss Due To Vastu Dosh Money Loss Due To Vastu Dosh, 6 Things Which Create Vastu Dosh, Jisse Hota Hai Arthik Nuksan: Money Loss Due To Vastu Dosh, 6 Things Which Create Vastu Dosh, Jisse Hota Hai Arthik Nuksan: घर में रखी गई वस्तुएं भी घर में अच्छा या बुरा प्रभाव डालती है. कई बार हम जाने-अनजाने में ऐसी वस्तुएं घर में रख लेते हैं जो आर्थिक नुकसान का कारण बनती है. इन चीजों को घर में रखने से घर में लक्ष्मी नहीं टिकती और हर समय धन का नुकसान होता रहता है. वास्तुशास्त्र के अनुसार, आर्थिक नुकसान से बचने के लिए इन 6 चीजों को तुरंत घर से हटा दें,आइए जानते है कौनसी है ये 6 चीज़ें Money Loss Due To Vastu Dosh: More information Muft Jyotish Upay - Aarthik Samasya Aur Berojgaari Door Karne Ke Upay Muft Jyotish Upay - Agar bachcha kehna na Manta ho to karein ye upay Muft Vastu Salah - Plot Kaisa Ho Must Read- वास्तु टिप्स- 6 चीजें जिन्हें घर में रखने से कभी नहीं होती पैसों की कमी My Account

Friday, September 23, 2016

अच्छे जीवन के उपाय 0101. - 0200.


ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं.  इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए.  उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका   ना हो , इसका ख़याल रखे.


0101. कौआ - को भोजन कराने से सभी तरह का पितृ और कालसर्प दोष दूर हो जाता है.  कौवे को भोजन कराने से अनिष्ट व शत्रु का नाश होता है.  शनि को प्रसन्न करना हो तो कौवों को भोजन कराना चाहिए.

0102. कौआ - यदि उड़ता हुआ कौआ किसी के सिर पर बीट करे, तो उसे रोग व संताप होता है और यदि हड्डी का टुकड़ा गिरा दे, तो उस व्यक्ति पर भारी संकट आ सकता है.

0103. कौआ - यदि किसी महिला के सिर पर कौआ बैठता है, तो उसके पति को गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है.

0104. कौआ - यदि किसी व्यक्ति के ऊपर कौआ आकर बैठ जाए, तो उसे धन व सम्मान की हानि हो सकती है.

0105. कौआ - यदि कौआ  यात्रा करने वाले व्यक्ति के सामने आकर सामान्य स्वर में कांव-कांव करे और चला जाए तो कार्य सिद्धि की सूचना देता है.

0106. कौआ - यदि कौआ ऊपर मुंह करके पंखों को फडफ़ड़ाता है और कर्कश स्वर में आवाज करता है तो वह हानि का सिग्नल है.

0107. कौआ - यदि कौआ पंख फडफ़ड़ाता हुआ उग्र स्वर में बोलता है, तो यह अशुभ संकेत है.

0108. कौआ - यदि कौआ पानी से भरे घड़े पर बैठा दिखाई दे तो धन-धान्य की वृद्धि होती है.

0109. कौआ - यदि कौआ मुंह में रोटी, मांस आदि का टुकड़ा लाता दिखाई दे, तो मन की इच्छा पूरी होती है.

0110. कौआ - यदि पेड़ पर बैठा कौआ यदि शांत स्वर में बोलता है, तो स्त्री सुख मिलता है.

0111. कौआ - यदि बहुत से कौए किसी नगर या गांव में एकत्रित होकर शोर करें, तो उस नगर या गांव पर भारी विपत्ति आने के योग बनते हैं.

0112. क्रोध - 24 घंटे क्रोध में रहने वाला भी मृत समान ही है.  हर छोटी-बड़ी बात पर क्रोध करना ऐसे लोगों का काम होता है.  क्रोध के कारण मन और बुद्धि, दोनों ही उसके नियंत्रण से बाहर होते हैं.  जिस व्यक्ति का अपने मन और बुद्धि पर नियंत्रण न हो, वह जीवित होकर भी जीवित नहीं माना जाता है.

0113. क्रोध - कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें अन्य लोगों में सिर्फ दोष ही नजर आते हैं.  ऐसे लोग सामाजिक नहीं कहे जाते.  लोग इनके साथ घुलना-मिलना पसंद नहीं करते.  ऐसे लोग को परिवार व समाज में भी उचित स्थान नहीं मिलता.  अतः इस बुरी आदत से बचना चाहिए.

0114. क्रोध - कुछ लोगों का स्वभाव बहुत ही बुरा होता है.  ऐसे लोग दूसरों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार करते हैं.  वे अपने-पराए में भेद नहीं कर पाते.  इसलिए परिवार व समाज में इन्हें उचित स्थान नहीं मिलता.

0115. क्रोध - कुछ लोगों की आदत होती है दूसरों से ईर्ष्या करने की.  ऐसे लोग दूसरों की तरक्की देखकर जलते हैं और उन्हें हमेशा भला-बुरा कहते हैं.  ऐसे लोगों को जीवन में कभी संतोष नहीं मिलता.

0116. क्रोध - गाली देकर बात करने वाले लोगों को सभ्य नहीं माना जाता.  ये भी क्रोध से उत्पन्न होने वाली एक बुराई ही है.  क्रोध में आकर किसी को गाली देते समय व्यक्ति अपने आपे में नहीं रहता और बड़े बूढ़ों का लिहाज भी नहीं करता.  इसलिए ऐसी स्थिति से बचना चाहिए.

0117. क्रोध - जो लोग दूसरों के धन को बलपूर्वक छिन लेते हैं, वे सभी की निंदा के पात्र होते हैं.  ऐसे लोग निजी हित के लिए अपनों का नुकसान करने से भी नहीं चूकते.  इसलिए इन लोगों से कोई मेल-जोल नहीं बढ़ाता.  सभी बच कर रहने की कोशिश करते हैं.

0118. क्रोध - मनु स्मृति के अनुसार चुगली करना क्रोध से उत्पन्न 8 बुरी आदतों में से एक मानी गई है.  चुगली करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है.  कई बार अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है.

0119. क्रोध - में आकर बिना कुछ सोचे-समझे द्रोह करना यानी विरोध करना भी एक बुरी आदत है.  बाद में स्थिति सामान्य होने पर आपको स्वयं पर शर्मिंदा भी होना पड़ सकता है.

0120. क्रोध - साहसी होना अच्छी बात है, लेकिन कुछ लोग क्रोध में आकर दुःसाहसी हो जाते हैं और ये ऐसा काम कर जाते हैं, जिसकी इनसे उम्मीद नहीं की जा सकती.  ऐसे लोग कई बार अन्य लोगों के गुस्से का शिकार भी हो सकते हैं.

0121. गणेश चतुर्थी के दौरान - 7 नारियल की माला बनाएं और श्रीगणेश को चढ़ाएं, इससे कार्यों में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं.

0122. गणेश चतुर्थी के दौरान - कच्चे धागे में 7 गांठ लगाएं और गणेशजी को चढ़ाएं.  साथ ही गणपति जी से प्रार्थना करें कि सभी कष्ट दूर हों.  पूजा के बाद यह धागा अपने पर्स में रखें.

0123. गणेश चतुर्थी के दौरान - किसी पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाएं.  यह उपाय रात में किया जाना चाहिए.  दीपक लगाकर घर लौट आए, पीछे पलटकर न देखें.

0124. गणेश चतुर्थी के दौरान - किसी ब्राह्मण, जरूरतमंद व्यक्ति या गरीब बच्चों को अनाज, मिठाई दान करें. कपड़ों का दान करना भी अच्छा रहता है.

0125. गणेश चतुर्थी के दौरान - गणेश भगवान को एक पूरी सुपारी रोज चढ़ाएं और एक कटोरी चावल दान करें.  यह क्रिया एक वर्ष तक करें, नजर दोष व भूत-प्रेत बाधा आदि के कारण बाधित सभी कार्य पूरे होंगे.

0126. गणेश चतुर्थी के दौरान - गणेश मंदिर जाएं और जरूरतमंद लोगों को अपने सामथ्र्य के अनुसार धन का दान करें.  दान से पुराने पापों का असर खत्म हो जाता है.

0127. गणेश चतुर्थी के दौरान - घर में भगवान गणेश की बैठी मुद्रा में और दुकान या ऑफिस में खड़े गणपति की मूर्ति या तस्वीर रखना बहुत ही शुभ माना जाता है.

0128. गणेश चतुर्थी के दौरान - घर में श्री गणेशजी का चित्र लगाते समय ध्यान रखें कि चित्र में मोदक और चूहा अवश्य हो.  इससे घर में बरकत रहती है.

0129. गणेश चतुर्थी के दौरान - तालाब या नदी में मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं.  शास्त्रों के अनुसार इस उपाय से बड़ी-बड़ी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं.

0130. गणेश चतुर्थी के दौरान - दूर्वा की 21 गांठ श्री गणेशजी को रोज चढ़ानी चाहिए.  ऐसा करने से घर-परिवार में बरकत बनी रहती है.

0131. गणेश चतुर्थी के दौरान - नियमित रूप से श्री गणेशजी का अभिषेक करने से भी घर परिवार की सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं.  साथ ही गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ भी करें.

0132. गणेश चतुर्थी के दौरान - बड़ी से बड़ी परेशानी दूर करने के लिए किसी हाथी को हरा चारा खिलाएं और मंदिर जाकर भगवान श्रीगणेश से परेशानियों को दूर करने के लिए प्रार्थना करें.

0133. गणेश चतुर्थी के दौरान - रोज सुबह स्नान के बाद एक थाली में चंदन से "ऊँ ऊँ  गं गणपतयै नम:" मंत्र लिखें.  इसके बाद इस थाली में पांच बूंदी के लड्डू रखें और गणेशजी को चढ़ाएं.

0134. गणेश चतुर्थी के दौरान - श्री गणेशजी  को चढ़ाएं - शमी पत्र, भंगरेया, बिल्वपत्र, दूर्वादल, बेर, धतूरा, तुलसी, सेम, अपामार्ग, भटकटैया, तेजपात, अगस्त्य, कनेर, कदलीफल का पत्ता, आक, अर्जुन, देवदारू, मरुआ, गांधारी पत्र, केतकी का पत्ता.

0135. गणेश चतुर्थी के दौरान - श्री गणेशजी की मूर्ति या तस्वीर लगाते समय इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि भगवान का मुंह नैर्त्रत्य कोण यानी दक्षिण दिशा की ओर न हों.  इससे घर-दूकान पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.

0136. गणेश चतुर्थी के दौरान - श्री गणेशजी को का ऐसा चित्र घर या दुकान पर लगाएं, उनकी आराधना करें.  उनके आगे लौंग तथा सुपारी रखें.  जब भी कहीं काम पर जाना हो, तो इस लौंग तथा सुपारी को साथ ले कर जाएं, तो काम सिद्ध होगा.

0137. गणेश चतुर्थी के दौरान - श्री गणेशजी को जनेऊ अर्पित करें.  सिंदूर से शृंगार करें.  मोदक का भोग लगाएं. गणेश मंत्र का जाप करें.

0138. गणेश चतुर्थी के दौरान - सर्व मंगल की कामना करने वालों को सिंदूरी रंग के गणपति की आराधना करनी चाहिए.  ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती है.

0139. गणेश चतुर्थी के दौरान - सुबह स्नान के बाद गणेश मंदिर जाएं और गुड़ की 21 ढेली या 21 छोटे-छोटे टुकड़े चढ़ाएं.  साथ ही दूर्वा भी चढ़ाएं.

0140. गणेश चतुर्थी के दौरान - सुबह स्नान के बाद श्री गणेशजी को शुद्ध घी और गुड़ का भोग लगाएं.  पूजा के बाद घी और गुड़ का दान कर दें.

0141. गाय - के गोबर का कण्डा और जली हुई लकड़ी की राख को पानी में गूंद कर एक गोला बनाएं.  इसमें एक कील तथा एक सिक्का भी डाल  दें.  इसके ऊपर रोली और काजल से 7 निशान लगाएं.  इस गोले को एक उपले पर रख कर रोगी के ऊपर से 3 बार उतार कर सुर्यास्त के समय मौन रह कर चौराहे पर रखें.  पीछे मुड़ कर न देखें.

0142. गाय - जब गाय के ऊपर बहुत सारी मक्खियां बैठी हुई दिखाई दें, तो अच्छी वर्षा होने की संभावना मानी जाती है.

0143. गाय - में सकारात्मक ऊर्जा का भंडार होता है.  घर के आसपास गाय होने का मतलब है कि आप सभी तरह के संकटों से दूर रहकर सुख और समृद्धिपूर्वक जीवन जी रहे हैं.  गाय को प्रतिदिन भोजन कराने से घर में धन-समृद्धि और शांति बढ़ती है.  गाय को खिलाने से घर की पीड़ा दूर होगी.

0144. गाय - यदि किसी व्यक्ति को यात्रा पर जाते समय सांड अपने सींग या खुर से जमीन खोदता हुआ दिखाई दे तो यह भी शुभ शकुन माना जाता है.

0145. गाय - यदि किसी व्यक्ति को सांड अपनी बांई ओर से दाहिना ओर जाता हुआ दिखाई दे तो यह शुभ शकुन माना जाता है.

0146. गाय - यात्रा करते समय यदि किसी व्यक्ति को दोनों ओर भैंस दिखाई दे, तो यात्री की मृत्यु होने का भय रहता है.

0147. गाय - यात्रा पर जा रहे व्यक्ति को गाय अपने खुरों से जमीन खुरचती दिखाई दे तो आने वाले समय में उसे बीमारी का सामना करना पड़ सकता है.

0148. गाय - यात्री को गाय अपने बछड़े से मिलने के लिए रंभाती दिखाई दे, तो उसकी सभी इच्छाएं पूरी होने के योग बनते हैं.

0149. गाय - रात के समय अगर गाय हुंकार भरती या पुकारती है, तो यह ही शुभ शकुन माना जाता है.

0150. गाय - सफर करते समय गाय रोती हुई दिखाई दे, तो यात्री को कष्ट होने की आशंका रहती है.

0151. गाय - सफर करते समय यदि बांई ओर से गाय की आवाज सुनाई दे तो यह शुभ माना जाता है.

0152. गुरु ग्रह - गुरु बृहस्पति की प्रतिमा या फोटो को पीले कपड़े पर विराजित करें और पूजा करें.  पूजा में केसरिया चंदन, पीले चावल, पीले फूल और प्रसाद के लिए पीले पकवान या फल चढ़ाएं.

0153. गुरु ग्रह - गुरु मंत्र का जप करें- मंत्र- ॐ बृं बृहस्पते नम:.  मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए.

0154. गुरु ग्रह - गुरु से जुड़ी पीली वस्तुओं का दान करें.  पीली वस्तु जैसे सोना, हल्दी, चने की दाल, आम (फल) आदि.

0155. गुरु ग्रह - गुरुवार की विशेष पूजा के बाद स्वयं के माथे पर केसर का तिलक लगाएं.  यदि केसर नहीं हो तो हल्दी का तिलक भी लगा सकते हैं.

0156. गुरु ग्रह - गुरुवार की शाम को केले के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं.  केले की पूजा करें और लड्डू या बेसन की मिठाई चढ़ाएं.

0157. गुरु ग्रह - गुरुवार को गुरु ग्रह के लिए व्रत रखें.  इस दिन पीले कपड़े पहनें.  बिना नमक का खाना खाएं.  भोजन में पीले रंग का पकवान जैसे बेसन के लड्डू, आम, केले आदि भी शामिल करें.

0158. गुरु ग्रह - गुरुवार को माता-पिता एवं गुरु के चरण स्पर्श करें और आशीर्वाद प्राप्त करें.

0159. गुरु ग्रह - गुरुवार को सूर्योदय से पहले उठें.  स्नान के बाद भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं.  इसके बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.

0160. गुरु ग्रह - हर गुरुवार शिवजी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं.  इस उपाय से गुरु ग्रह के दोष दूर होते हैं.

0161. गुरु वार और रविवार को गुड़ और घी मिलाकर उसे कंडे पर जलाएं.  चाहे तो इसमें पके चावल भी मिला सकते हैं.  इससे जो सुगंधित वातावरण निर्मित होगा, वह आपके मन और मस्तिष्क के तनाव को शांत कर देगा.  जहां शांति होती है, वहां गृहकलह नहीं होता और जहां गृहकलह नहीं होता वहीं लक्ष्मी वास करती हैं.

0162. गुरु वार के दिन कुंवारी कन्या पीले वस्त्रों में दिख जाए, तो इसे भी शुभ संकेत मानना चाहिए.  ये भी धन लाभ होने के संकेत है.

0163. गृह शांति -  कन्या राशि वाले लोगों को गले हुए मूंग गाय को खिलाना चाहिए.  इससे आपके धर में शांति बनी रहेगी.

0164. गृह शांति -  कर्क राशि पर चंद्रमा का विशेष प्रभाव है चंद्रमा के शुभ प्रभाव के लिए आप 10 वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को भोजन कराएं और दक्षिणा दें.

0165. गृह शांति -  कुंभ राशि पर शनि देव का विशेष प्रभाव है इसलिए आप चिंटीयों को आटा और चिनी खिलाए.

0166. गृह शांति -  तुला  राशि शुक्र की राशि है इसलिए आप नव विवाहित वधू को भोजन कराएं तो आप पर लक्ष्मी जी प्रसन्न होंगी और घर में बरकत बनी रहेगी.

0167. गृह शांति -  धनु राशि वाले रोज पीली गाय को चारा दें और हर गुरुवार को किसी ब्राह्मण को भोजन कराए.

0168. गृह शांति -  मकर राशि वाले अपने घर मे शांति बनाए रखने के लिए आप किसी जरूरतमंद व्यक्ति को काला कंबल दान दें.

0169. गृह शांति -  मिथुन राशि  वाले  बुध से संबंधीत वस्तुओं का दान दें तो आपके घर में निश्चित ही शांति रहेगी.  आप किन्नरों को हरे वस्त्र के साथ हरी चुड़ीयां दान दें.

0170. गृह शांति -  मीन राशि के अनुसार आपको रोज मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना चाहिए या दाना डालना चाहिए.

0171. गृह शांति -  मेष राशि वाले लोग अपनी राशि के अनुसार घर में लाल गाय का गौमूत्र छीटें और शाम को गुग्गल का धूप दें.

0172. गृह शांति -  वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है इसलिए आप रोज रात को तांबे के बर्तन में पानी भर कर उसे अपने सिरहाने रख कर सोए और सुबह कांटेदार वृक्ष में डाल दें तो आपके घर में शांति रहेगी और सारी नकारात्मकता खत्म हो जाएगी.

0173. गृह शांति -  वृष राशि का स्वामी शुक्र है इसलिए आपको लक्ष्मी जी के मन्दिर में गाय का घी दान देना चाहिए.

0174. गृह शांति -  सिंह राशि का स्वामी सूर्य है और आप पर सूर्य का विशेष प्रभाव है.  इसलिए आप रोज सूर्योदय के समय तांबे के पात्र से सूर्य को जल चढ़ाए.

0175. ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहने रत्न - केतु – लहसुनिया (Ketu – Cat’s eye)  -  जिन लोगों की कुंडली में केतु की महादशा चल रही है, उन्हें लहसुनिया धारण करना चाहिए.  इसके लिए भी शनिवार श्रेष्ठ दिन है.  शनिवार को सूर्यास्त के बाद मिडिल फिंगर यानी मध्यमा उंगली में लहसुनिया धारण करना चाहिए.

0176. ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहने रत्न - गुरु – पुखराज (Jupiter – Yellow Sapphire)  -  पुखराज उन लोगों को धारण करना चाहिए, जिन लोगों की कुंडली में गुरु की महादशा चल रही हो.  इसके लिए गुरुवार श्रेष्ठ दिन है.  गुरुवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच तर्जनी उंगली यानी इंडेक्स फिंगर में धारण करना चाहिए.

0177. ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहने रत्न - चंद्रमा – मोती (Moon – White Pearl)  - मोती उन लोगों को धारण करना चाहिए, जिन लोगों की कुंडली में चंद्र की महादशा चल रही हो.  किसी भी सोमवार को शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच अनामिका या कनिष्ठा (सबसे छोटी उंगली) में मोती धारण करना चाहिए.

0178. ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहने रत्न - ध्यान रहे, किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए.  कभी-कभी रत्न का प्रभाव बहुत जल्दी हो जाता है.  कुछ परिस्थितियों में रत्न विपरीत प्रभाव भी दे सकते हैं, अत: बिना ज्योतिषी के परामर्श के रत्न धारण नहीं करना चाहिए.

0179. ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहने रत्न - बुध – पन्ना (Mercury – Emerald)  -  जिन लोगों की कुंडली में बुध की महादशा चल रही हो, उन्हें पन्ना धारण करना चाहिए.  पन्ना धारण करने के लिए बुधवार श्रेष्ठ दिन है.  दिन के समय 12 बजे से 2 बजे तक सबसे छोटी उंगली में पन्ना धारण कर सकते हैं.

0180. ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहने रत्न - मंगल – मूंगा  (Mars – Coral)  -  मंगल की महादशा में मूंगा धारण करना सबसे अच्छा उपाय है.  मंगलवार के दिन शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच मूंगा अनामिका यानी फिंगर में धारण करने पर श्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं.

0181. ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहने रत्न - राहु – गोमेद (Rahu – Hessonite)  -  जिन लोगों की कुंडली में राहु की महादशा चल रही है, उन्हें गोमेद धारण करना चाहिए.  इसके लिए शनिवार श्रेष्ठ दिन है.  शनिवार को सूर्यास्त के बाद मिडिल फिंगर यानी मध्यमा उंगली में गोमेद धारण करना चाहिए.

0182. ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहने रत्न - शनि – नीलम (Saturn – Blue Sapphire)  -  यदि किसी व्यक्ति को शनि की महादशा चल रही है, उन्हें नीलम धारण करना चाहिए.  नीलम धारण करने के लिए शनिवार सबसे अच्छा दिन है.  शाम 5 बजे से 7 बजे तक मिडिल फिंगर यानी मध्यमा उंगली में नीलम धारण किया जा सकता है.

0183. ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहने रत्न - शुक्र – हीरा  (Venus – Diamond) - जिन लोगों को शुक्र की महादशा चल रही है, उन्हें हीरा धारण करना चाहिए.  इसके लिए शुक्रवार सबसे अच्छा है.  शुक्रवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच हीरा मध्यमा उंगली यानी मिडिल फिंगर में पहनना चाहिए.

0184. ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहने रत्न - सूर्य – माणिक (Sun – Ruby) -  जिनकी कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही हो, उन्हें माणिक धारण करना चाहिए.  इसे धारण करने के लिए रविवार सर्वश्रेष्ठ है.  रविवार को सूर्योदय के समय माणिक अनामिका उंगली यानी रिंग फिंगर में धारण करना चाहिए.

0185. घर -  और कार्यस्थल में धन वर्षा के लिए - इसके लिए आप अपने घर, दुकान या शोरूम में एक अलंकारिक फव्वारा रखें . या एक मछलीघर जिसमें 8 सुनहरी व एक काली मछ्ली हो रखें . इसको उत्तर या उत्तरपूर्व की ओर रखें . यदि कोई मछ्ली मर जाय तो उसको निकाल कर नई मछ्ली लाकर उसमें डाल दें .

0186. घर -  का जो हिस्सा वास्तु के अनुसार सही न हो, वहां घी मिश्रित सिंदूर से श्रीगणेश स्वरुप स्वास्तिक दीवार पर बनाने से वास्तु दोष का प्रभाव कम होने लगता है.

0187. घर -  की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए घर में सोने का चौरस सिक्का रखें, कुत्ते को दूध दें, अपने कमरे में मोर का पंख रखें.

0188. घर -  की छत  पर   पड़ा  हुआ  कबाड़, पुराना फर्निचर, लोहे का समान आदि अगर है तो इसको तुरंत हटा दे.  ये पॉज़िटिव एनर्जी को रोकता है.

0189. घर -  की दीवार मैं  दरार ना होने दे,  अगर आए तो इसकी मररमत जल्दी से जल्दी करवाएँ, ग़रीबी का सूचक है ये.

0190. घर -  की दीवारों पर कोई-सा भी चित्र न लगाएं जिससे आपकी भावनाएं विकृत होती हों.  दीवार पर लगा प्रकृति का चित्र या हंसमुख परिवार का चित्र आपके जीवन में खुशियां बढ़ा सकने में सक्षम है.

0191. घर -  की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए घर में नींबू का पेड़ लगाए.  नींबू के पेड़ से आसपास का वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहता है.  इसके साथ ही नींबू का पेड़ घर में लगाने से घर का वास्तु दोष भी दूर होता है.

0192. घर -  की रसोई आग्नेय कोण यानी उत्तर-पूर्व में होनीं चाहिए , रसोई गलत जगह में होने पर सास-बहू के आपसी क्लेश, मनमुटाव बना ही रहेगा. अगर रसोई में दोष है तो उसके आग्नेय कोण में एक लाल रंग का बल्ब लगा दें.

0193. घर -  के दक्षिण एवं पश्चिम क्षेत्र में ऊंचे वृक्ष (नारियल अशोकादि) लगाने चाहिए.  इससे शुभता बढ़ती है.  जिस घर की सीमा में निगुंडी का पौधा होता है वहां गृह कलह नहीं होती.  जिस घर में एक बिल्व का वृक्ष लगा होता है उस घर में लक्ष्मी का वास बतलाया गया है.  जिस व्यक्ति को उत्तम संतान एवं सुख देने वाले पुत्र की कामना हो, उसे पलाश का पेड़ लगाना चाहिए.  तुलसी का पौधा घर की सीमा में शुभ होता है.

0194. घर -  के द्वार और चौखट में भूलकर भी आम और बबूल की लकड़ी का उपयोग न करें.  कोई भी पौधा घर के मुख्य द्वार के सामने न रोपें.  इससे जहां द्वार भेद होता है वहीं बच्चों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ता  है.

0195. घर -  के पूजा स्थान पर घी का दीपक जलाएं.  कपूर और अष्टगंध की सुगंध प्रतिदिन घर में फैलाएं.  गुरुवार और रविवार को गुड़ और घी मिलाकर उसे कंडे पर जलाएं.

0196. घर -  के पूर्व में बरगद, पश्चिम में पीपल, उत्तर में पाकड़ और दक्षिण में गूलर का वृक्ष शुभ होता है किंतु ये घर की सीमा में नहीं होना चाहिए.  घर के उत्तर एवं पूर्व क्षेत्र में कम ऊंचाई के पौधे लगाने चाहिए.  पौधारोपण उत्तरा, स्वाति, हस्त, रोहिणी एवं मूल नक्षत्रों में करना चाहिए.  ऐसा करने पर रोपण निष्फल नहीं होता.

0197. घर -  के प्रवेश में तुलसी का पौधा अवस्य लगायें एवं नियमित रूप से उसकी पूजा भी करें .  शाम के वक़्त दीप भी जलायें .

0198. घर -  के ब्रह्म स्थान यानी केंद्र में और पूर्व दिशा में मंगलकारी श्री गणेश की मूर्ति या चित्र जरूर लगाना चाहिए.  ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है.

0199. घर -  के मुख्य द्वार के समीप श्वेतार्क का पौधा लगाएं, घर ऊपरी हवाओं से मुक्त रहेगा.

0200. घर -  के मेन गेट पर गणपति की दो मूर्ति या चित्र लगाने चाहिए.  उन्हें ऐसे लगाएं कि दोनों गणेशजी की पीठ मिली रहे.  ऐसा करने से सभी वास्तु दोष खत्म हो जाते है.

कामवश- खर्राटे भरना चुगली करना जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है उनके यहां संतान होने में समस्याएं आती हैं. कई बार तो संतान पैदा ही नहीं होती और यदि संतान हो जाए तो उनमें से कुछ अधिक समय तक जीवित नहीं करती है. जुआ खेलना फेंगशुई में ऐसी मान्यता है कि हमारे आस-पास ऊर्जा का अनंत असीम स्रोत है. यह ऊर्जा सकारात्मक (पॉजिटिव) और नकारात्मक (नेगेटिव) दोनों प्रकार की होती है. इस ऊर्जा से हमारे जीवन का प्रत्येक पहलू प्रभावित होता है. हमारे दांपत्य जीवन पर भी इस ऊर्जा का बहुत ही असर पड़ता है. फेंगशुई मुख्यता हमारे घर हमारे जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को निष्क्रिय करके सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है. बिना बात के धन संबंधी नुकसान होना रोग पंचक लाल किताब के सभी उपाय दिन में ही करने चाहिए . अर्थात सूरज उगने के बाद व सूरज डूबने से पहले . वास्तु शास्त्र के अनुसार शिकार खेलना 1.मान-सम्मान, प्रतिष्ठा व लक्ष्मी प्राप्ति के लिए किए जाने वाली पूजा,उपाय / टोटकों के लिए पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ होता है. अघ खानी- क्रोध बिना किसी उद्देश्य के घूमना शिवलिंग और गणेश पूजन में वर्जित है तुलसी के पत्ते- सब्जियां न खाना अचूक टोटके-101 achook totke in hindi ज्यादा नमक झूठ बोलना तनु पोषक- शास्त्रों में लिखा गया है कि – अनहेल्दी ईटिंग निंदक- विष्णु विमुख- सिम्पटम्स इग्नोर करना रेड मीट संत और वेद विरोधी- अगर आप को लगता है कि आपको जीवन में पर्याप्त सम्मान नहीं मिल पा रहा है या मिलता भी है तो टिक नहीं पाता है, भलाई की जगह बुराई ही मिलती है तो एक छोटा सा उपाय करें. आप यह देखिये कि आप रेग्युलर हेल्थ चेकअप न कराना आंखें भारी होना व पलकों का मुड़ना जुआ खेलना पितृ दोष होने के कारण ऐसे लोगों को हमेशा धन की कमी रहती है. किसी न किसी रूप में धन की हानि होती रहती है. फेंगशुई में घर के दक्षिण-पश्चिम खंड को आपसी रिश्तों के लिए सक्रिय माना गया है. इसलिए इस खंड में सकारात्मक ऊर्जा को सक्रिय और नकारात्मक ऊर्जा को निष्क्रिय करने के लिए आप जो भी प्रयास करेंगे, वह बहुत फलदाई साबित होगा. राज पंचक रात में सोना रोज करें तुलसी का पूजन- लम्बे समय तक स्ट्रेस वाम मार्गी- सच्चाई व शुद्ध भोजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए . साहस 4K views 2.गुरु ग्रह को सौभाग्य, सम्मान और समृद्धि नियत करने वाला माना गया है. शास्त्रों में यश व सफलता के इच्छुक हर इंसान के लिये गुरु ग्रह दोष शांति का एक बहुत ही सरल उपाय बताया गया है. यह उपाय औषधीय स्नान के रूप में प्रसिद्ध है इसे हर इंसान दिन की शुरुआत में नहाते वक्त कर सकता है. नहाते वक्त नीचे लिखी चीजों में से थोड़ी मात्रा में कोई भी एक चीज जल में डालकर नहाने से गुरु दोष शांति होती है और व्यक्ति को समाज में मान सम्मान की प्राप्ति होती है. – 21 2468-9122_1अमावस्या हिन्दु पंचांग के अनुसार माह की 30 वीं और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है उस दिन आकाश में चंद्रमा दिखाई नहीं देता, रात्रि में सर्वत्र गहन अन्धकार छाया रहता है । इस दिन का ज्योतिष एवं तंत्र शास्त्र में अत्यधिक महत्व हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार अमावस्या के दिन किये गए उपाय बहुत ही प्रभावशाली होते है और इसका फल भी अति शीघ्र प्राप्त होता है। पितृ दोष हो या किसी भी ग्रह की अशुभता को दूर करना हो, अमावस्या के दिन सभी के लिए उपाय बताये गए है । आपकी आर्थिक, पारिवारिक और मानसिक सभी तरह की परेशानियाँ इस दिन थोड़े से प्रयास से ही दूर हो सकती है। 2468-9122_1अमावस्या हिन्दु पंचांग के अनुसार माह की 30 वीं और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है उस दिन आकाश में चंद्रमा दिखाई नहीं देता, रात्रि में सर्वत्र गहन अन्धकार छाया रहता है. इस दिन का ज्योतिष एवं तंत्र शास्त्र में अत्यधिक महत्व हैं. तंत्र शास्त्र के अनुसार अमावस्या के दिन किये गए उपाय बहुत ही प्रभावशाली होते है और इसका फल भी अति शीघ्र प्राप्त होता है. पितृ दोष हो या किसी भी ग्रह की अशुभता को दूर करना हो, अमावस्या के दिन सभी के लिए उपाय बताये गए है. आपकी आर्थिक, पारिवारिक और मानसिक सभी तरह की परेशानियाँ इस दिन थोड़े से प्रयास से ही दूर हो सकती है. 26 Rules (Niyam) for Pitru Shraddha in Hindi 26 Rules for Pitru Shraddha in Hindi : धर्म ग्रंथों के अनुसार श्राद्ध के सोलह दिनों में लोग अपने पितरों को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर श्राद्ध करते हैं. ऐसी मान्यता है कि पितरों का ऋण श्राद्ध द्वारा चुकाया जाता है. वर्ष के किसी भी मास तथा तिथि में स्वर्गवासी हुए पितरों के लिए पितृपक्ष की उसी तिथि को श्राद्ध किया जाता है. पूर्णिमा पर देहांत होने से भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा को श्राद्ध करने का विधान है. इसी दिन से महालय (श्राद्ध) का प्रारंभ भी माना जाता है. श्राद्ध का अर्थ है श्रद्धा से जो कुछ दिया जाए. पितृपक्ष में श्राद्ध करने से पितृगण वर्षभर तक प्रसन्न रहते हैं. धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि पितरों का पिण्ड दान करने वाला गृहस्थ दीर्घायु, पुत्र-पौत्रादि, यश, स्वर्ग, पुष्टि, बल, लक्ष्मी, पशु, सुख-साधन तथा धन-धान्य आदि की प्राप्ति करता है. 3 3 + 4 = 3 + 9 = 3. 3. अग्नि पंचक 3. कंजूस- 3. किसी काम में मन न लगना 3. किसी भी उपाय के बीच मांस, मदिरा, झूठे वचन, परस्त्री गमन की विशेष मनाही है . 3. जिन लोगों को पितृ दोष होता है, उनकी शादी होने में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं. 3. तुलसी से दूर होते हैं वास्तु दोष- 3. दिन में सोते हुए कपोल कल्पनाएं करना 3. द्रोह 3. पान खाना 4. अकेले रहना 4. अति दरिद्र- 4. ईर्ष्या करना 4. घर-परिवार में किसी न किसी कारण झगड़ा होता रहता है. परिवार के सदस्यों में मनमुटाव बना रहता है व मानसिक अशांति के कारण जीना दूभर हो जाता है. 4. तुलसी का पौधा घर में हो तो नहीं लगती है बुरी नजर- 4. दातून करना 4. परनिंदा करना 4. बच्चों को किसी भारी-भरकम या लम्बी चौड़ी पूजा-अर्चना आदि के विस्तृत विधि-विधान में न डालें 4. बार-बार उल्टी या डायरिया का होना 4. मृत्यु पंचक 4. सभी उपाय पूरे विश्वास व श्रद्धा से करें, लाभ अवश्य होगा . 5 + 5 = 5. एक्सरसाइज करके छोड़ देना 5. गालियां देना 5. चोर पंचक 5. तुलसी का सूखा पौधा नहीं रखना चाहिए घर में- 5. परनिंदा (दूसरों की बुराई करना) 5. बच्चे का ज्यादा रोना व चिड़चिड़ाना 5. यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक किसी मुकद्में में उलझा रहे या बिना किसी कारण उसे कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटना पड़े तो ये भी पितृ दोष का कारण हो सकता है. 5. विमूढ़- 5. स्त्रियों के साथ रहना 6 6. अजसि- 6. इसके अलावा बुधवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक में ऊपर दी गई बातों का पालन करना जरूरी नहीं माना गया है. इन दो दिनों में शुरू होने वाले दिनों में पंचक के पांच कामों के अलावा किसी भी तरह के शुभ काम किए जा सकते हैं. 6. चुगली करना 6. दूसरों में दोष देखना 6. पितृ दोष होने पर परिवार का एक न एक सदस्य निरंतर रूप से बीमार रहता है. यह बीमारी भी जल्दी ठीक नहीं होती. 6. बहुत ज्यादा शराब 6. शराब पीना 6. सूखा पौधा हटाने के बाद तुरंत लगा लेना चाहिए तुलसी का दूसरा पौधा- 7 7 - 2 = 7. चोरी करना 7. तुलसी है औषधि भी- 7. दूसरों के धन को छीन लेना 7. नाचना 7. पितृ दोष होने के कारण कन्या के विवाह में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है या तो कन्या का विवाह जल्दी नहीं होता या फिर मनचाहा वर नहीं मिल पाता. 7. सदा रोगवश- 7. सिगरेट 8 8 + 10 = 8. अति बूढ़ा- 8. ओवरईटिंग 8. दूसरों से बुरा व्यवहार करना 8. बाजा बजाना 8. रोज तुलसी की एक पत्ती सेवन करने से मिलते हैं ये फायदे- 8. हिंसा करना 9. तुलसी के पत्ते चबाना नहीं चाहिए- 9. दवाई न लेना 9. श्रृंगारिक कविताएं, गीत आदि गाना 9. संतत क्रोधी- 9. स्त्रीसंग

Thursday, September 22, 2016

अच्छे जीवन के उपाय 0001. - 0100.


ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं.  इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए.  उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका ना हो , इसका ख़याल रखे.

 ज्योतिष् के घरेलू  उपाय


0001. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  अगर घर मैं कोई ज़यादा बीमार हो तो  किसी भी रविवार से आरम्भ करके लगातार 3 दिन तक गेहूं के आटे का पेड़ा तथा एक लोटा पानी व्यक्ति के सिर के ऊपर से उबार कर जल को पौधे में डाल दें तथा पेड़ा गाय को खिला दें.  अवश्य ही इन 3 दिनों के अन्दर व्यक्ति स्वस्थ महसूस करने लगेगा.  प्रयोग को पूरा करना है, बीच में रोकना नहीं चाहिए.

0002. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  अमावस्या को प्रात: मेंहदी का दीपक पानी मिला कर बनाएं.  तेल का चौमुंहा दीपक बना कर 7 उड़द के दाने, कुछ सिन्दूर, 2 बूंद दही डाल कर 1 नींबू की दो फांकें शिवजी या भैरों जी के चित्र का पूजन कर, जला दें.  महामृत्युजंय मंत्र की एक माला का पाठ कर रोग-शोक दूर करने की भगवान से प्रार्थना कर, घर के दक्षिण की ओर दूर सूखे कुएं में नींबू सहित डाल दें.  पीछे मुड़कर नहीं देखें.

0003. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  एक पाचंमुखी रूद्राक्ष, एक लाल रंग का हकीक, 7 साबुत (डंठल सहित) लाल मिर्च को, आधा गज लाल कपड़े में रख कर व्यक्ति के ऊपर से 21 बार उसार कर इसे किसी नदी या बहते पानी में प्रवाहित कर दें. 

0004. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  एकमुखी या सोलहमुखी रूद्राक्ष श्रेष्ठ होता है.  इनके न मिलने पर ग्यारहमुखी, सातमुखी अथवा पांचमुखी रूद्राक्ष का उपयोग कर सकते हैं.  इच्छित रूद्राक्ष को लेकर श्रावण माह में किसी प्रदोष व्रत के दिन, अथवा सोमवार के दिन, गंगाजल से स्नान करा कर शिवजी पर चढाएं, फिर सम्भव हो तो रूद्राभिषेक करें या शिवजी पर “ॐॐ नम: शिवाय ॐ´´ बोलते हुए दूध से अभिषेक कराएं.  इस प्रकार अभिमंत्रित रूद्राक्ष को काले डोरे में डाल कर गले में पहनें.  लाभ मिलता है.

0005. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  किसी पुरानी मूर्ति के ऊपर घास उगी हो तो शनिवार को मूर्ति का पूजन करके, प्रात: उसे घर ले आएं.  उसे छाया में सुखा लें.  जिस कमरे में रोगी सोता हो, उसमें इस घास में कुछ धूप मिला कर किसी भगवान के चित्र के आगे अग्नि पर सांय, धूप की तरह जलाएं और मन्त्र विधि से ´´ ॐ ॐ माधवाय नम:.  ॐ ॐ अनंताय नम:.  ॐ ॐ अच्युताय नम:. ´´ मन्त्र की एक माला का जाप करें.  कुछ दिन में रोगी स्वस्थ हो जायेगा.  दान-धर्म और दवा उपयोग अवश्य करें.  इससे दवा का प्रभाव बढ़ जायेगा.

0006. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  घर में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी श्रद्धापूर्वक देखशल करने से रोग पीड़ाएँ समाप्त होती है.

0007. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  घर में नित्य घी का दीपक जलाना चाहिए.  दीपक जलाते समय लौ पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर हो या दीपक के मध्य में (फूलदार बाती) बाती लगाना शुभ फल देने वाला है.

0008. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  घर मैंकोई  बीमार हो तो कन्याओं को हलवा खिलाएं.  पीपल के पेड़ की लकड़ी सिरहाने रखें.

0009. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  पूर्णिमा के दिन चांदनी में खीर बनाएं.  ठंडी होने पर चन्द्रमा और अपने पितरों को भोग लगाएं.  कुछ खीर काले कुत्तों को दे दें.  वर्ष भर पूर्णिमा पर ऐसा करते रहने से गृह क्लेश, बीमारी पास नही आती

0010. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  प्रतिदिन अपने भोजन का चौथाई हिस्सा गाय को तथा चौथाई हिस्सा कुत्ते को खिलाएं.

0011. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  बाजार से कपास के थोड़े से फूल खरीद लें.  रविवार शाम 5 फूल, आधा कप पानी में साफ कर के भिगो दें.  सोमवार को प्रात: उठ कर फूल को निकाल कर फेंक दें तथा बचे हुए पानी को पी जाएं.  जिस पात्र में पानी पीएं, उसे उल्टा कर के रख दें. 

0012. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  मंदिर में गुप्त दान करें.

0013. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  रविवार के दिन बूंदी के सवा किलो लड्डू मंदिर में प्रसाद के रूप में बांटे.

0014. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  रात्रि के समय शयन कक्ष में कपूर जलाना चाहिये,  दु:स्वपन नहीं आते, पितृ दोष का नाश होता है एवं घर में शांति बनी रहती है.

0015. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  रात्रि को पानी किसी लोटे या गिलास में सुबह उठ कर पीने के लिये रख दें.  उसे पी कर बर्तन को उल्टा रख दें तथा दिन में भी पानी पीने के बाद बर्तन (गिलास आदि) को उल्टा रखने से यकृत सम्बन्धी परेशानियां नहीं होती तथा व्यक्ति सदैव स्वस्थ बना रहता है.

0016. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  रोगी को शहद में चन्दन मिला कर चटाएं,लाभ मिलता है.

0017. अच्छे स्वास्थ्य के लिये -  सदैव पूर्व या दक्षिण दिषा की ओर सिर रख कर ही सोना चाहिए.

0018. अमावस्या  - अनुराधा नक्षत्र से युक्त शनिवार की अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष के पूजन से शनि पीड़ा से व्यक्ति मुक्त हो जाता है.  श्रावण मास में अमावस्या की समाप्ति पर पीपल वृक्ष के नीचे शनिवार के दिन हनुमान की पूजा करने से सभी तरह के संकट से मुक्ति मिल जाती है.

0019. अमावस्या - अमावस्या के दिन शनि देव पर कड़वा तेल, काले उड़द, काले तिल, लोहा, काला कपड़ा और नीला पुष्प चढ़ाकर शनि का पौराणिक मंत् “ऊँ ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम.  छायामार्तण्डसंभुतं नमामि शनैश्चरम. . ” की एक माला का जाप करने से शनि का प्रकोप शांत होता है , एवं अन्य ग्रहों के अशुभ प्रभावों से भी छुटकारा मिलता है

0020. अमावस्या - इस दिन संध्या के समय पितरों के निमित थोड़ी खीर पीपल के नीचे भी रखनी चाहिए.

0021. अमावस्या - की तिथि को कोई भी नया कार्य, यात्रा, क्रय-विक्रय तथा समस्त शुभ कर्मों को निषेध कहा गया है, इसलिए इस दिन इन कार्यों को नहीं करना चाहिए .

0022. अमावस्या - की रात्रि में 12 बजे अपने दाहिने हाथ में काली राई लेकर अपने घर की छत पर तीन चक्कर उलटे काटे, फिर दसो दिशाओं में हाथ की राई के दाने “ऊँ ऊँ हीं ऋणमोचने स्वाहा”॥ मन्त्र का जप करते हुए फेंकते जाय, इस उपाय से धन हानि बंद होती है ,ऋण के उतरने के योग प्रबल होते है.  यह बहुत ही अमोघ प्रयोग है इसे किसी भी अमावस्या को किया जा सकता है लेकिन दीवाली की रात में इसे करने से शीघ्र ही फल मिलता है.

0023. अमावस्या - की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिबिया काले कपडे में बांध कर संदूक में रखे, इससे शीघ्र ही आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है.

0024. अमावस्या - के तुरंत बाद प्रथम मंगलवार को 400 ग्राम दूध से चावल धोकर बहती नदी अथवा झरने में प्रवाहित करें.  यह उपाय लगातार सात मंगलवार करें, दुर्घटना होना बंद हो जाएगा.

0025. अमावस्या - के दिन अपने घर के दरवाजे के ऊपर काले घोड़े की नाल को स्थापित करें.  ध्यान रहे कि उसका मुंह ऊपर की ओर खुला रखें.  लेकिन दुकान या अपने आफिस के द्वार पर लगाना हो तो उसका खुला मुंह नीचे की ओर रखें.  इससे नज़र नहीं लगती है और घर में स्थाई सुख समृद्धि का निवास होता है.

0026. अमावस्या - के दिन एक कागजी नींबू लेंकर शाम के समय उसके चार टुकड़े करके किसी भी चौराहे पर चुपचाप चारों दिशाओं में फेंक दें.  इस उपाय से जल्दी ही बेरोजगारी की समस्या दूर हो जाती है.

0027. अमावस्या - के दिन एक ब्राह्मण को भोजन अवश्य ही कराएं.  इससे आपके पितर सदैव प्रसन्न रहेंगे, आपके कार्यों में अड़चने नहीं आएँगी, घर में धन की कोई भी कमी नहीं रहेंगी और आपका घर, परिवार को टोने-टोटको के अशुभ प्रभाव से भी बचा रहेगा.

0028. अमावस्या - के दिन काले कुत्ते को कड़वा तेल लगाकर रोटी खिलाएं.  इससे ना केवल दुश्मन शांत होते है वरन आकस्मिक विपदाओं से भी रक्षा होती है.

0029. अमावस्या - के दिन किसी सरोवर पर गेहूं के आटे की गोलियां ले जाकर मछलियों को डालें.  इस उपाय से पितरों के साथ ही देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है, धन सम्बन्धी सभी समस्याओं का निराकरण होता है.

0030. अमावस्या - के दिन क्रोध, हिंसा, अनैतिक कार्य, माँस, मदिरा का सेवन  एवं  स्त्री से शारीरिक सम्बन्ध, मैथुन कार्य आदि का निषेध बताया गया है, जीवन में स्थाई सफलता हेतु इस दिन इन सभी कार्यों से दूर रहना चाहिए

0031. अमावस्या - के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त होकर पवित्र होकर जो व्यक्ति रोगी है उसके कपड़े से धागा निकालकर रूई के साथ मिलाकर उसकी बत्ती बनाएं.  फिर एक मिट्टी का दीपक लेंकर उसमें घी भरकर, रूई और धागे की बत्ती लगाकर यह दीपक हनुमानजी के मंदिर में जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें.  इस उपाय से रोगी की तबियत जल्दी ही सुधरने लगती. यह उपाय उसके बाद कम से कम 7 मंगलवार और शनिवार को भी नियमित रूप से करना चाहिए.

0032. अमावस्या - को गहरे गड्ढे या कुएं में एक चम्मच दूध डालें इससे कार्यों में बाधाओं का निवारण होता है. इसके अतिरिक्त अमावस्या को आजीवन जौ दूध में धोकर बहाएं,  आपका भाग्य सदैव आपका साथ देगा.

0033. अमावस्या - को गाय को पांच फल भी नियमपूर्वक खिलाने चाहिए, इससे भी घर में शुभता एवं हर्ष का वातावरण बना रहता है

0034. अमावस्या - को पितृ अपने घर पर आते है अतः इस दिन हर व्यक्ति  को यथाशक्ति उनके नाम से दान करना चाहिए.   इस दिन बबूल के पेड़ पर संध्या के समय पितरों के निमित्त भोजन रखने से भी पित्तर प्रसन्न होते है.

0035. अमावस्या - को पीपल के पेड़ के नीचे कड़वे तेल का दिया जलाने से भी पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं.

0036. अमावस्या - ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या तिथि के दिन वटवृक्ष की पूजा का विधान है.  शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन वटवृक्ष की पूजा से सौभाग्य एवं स्थायी धन और सुख-शांति की प्राप्ति होती है.

0037. अमावस्या - धन लाभ के लिए इस दिन पीली  त्रिकोण आकृति की पताका विष्णु मन्दिर में ऊँचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएँ कि वह लगातार लहराती रहे, आपका भाग्य शीघ्र ही चमक उठेगा.  झंडा लगातार वहाँ लगा रहना अनिवार्य  है. लगातार स्थाई लाभ हेतु यह  ध्यान रहे की झंडा वहाँ लगा रहना चाहिए.  उसे आप समय समय पर स्वयं बदल भी सकते है.

0038. अमावस्या - पर तुलसी के पत्ते या बिल्व पत्र बिलकुल भी नहीं तोडऩा चाहिए.  अमावस्या पर देवी-देवताओं को तुलसी के पत्ते और शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाने के लिए उन्हें एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें.

0039. अमावस्या - पर पितरों का तर्पण अवश्य ही करना चाहिए. तर्पण करते समय एक पीतल के बर्तन में जल में गंगाजल , कच्चा दूध, तिल, जौ, तुलसी  के पत्ते, दूब, शहद और सफेद फूल आदि डाल कर पितरों का तर्पण करना चाहिए.  तर्पण, में तिल और कुशा सहित जल हाथ में लेकर दक्षिण दिशा की तरफ मुँह करके तीन बार तपरान्तयामि, तपरान्तयामि, तपरान्तयामि कहकर पितृ तीर्थ यानी अंगूठे की ओर जलांजलि देते हुए जल को धरती में किसी बर्तन में छोड़ने से पितरों को तृप्ति मिलती है.  ध्यान रहे तर्पण का जल तर्पण के बाद किसी वृक्ष की जड़ में चड़ा देना चाहिए वह जल इधर उधर बहाना नहीं चाहिए.

0040. अमावस्या - पर पितरों की तृप्ति के लिए विशेष पूजन करना चाहिए.  यदि आपके पितृ देवता प्रसन्न होंगे तभी आपको अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त हो सकती है.  पितरों की कृपा के बिना कठिन परिश्रम के बाद भी जीवन में अस्थिरता रहती है, मेहनत के उचित फल प्राप्त नहीं होती है.

0041. अमावस्या - पितरों को खीर बहुत पसंद होती है इसलिए प्रत्येक माह की अमावस्या को खीर बनाकर ब्राह्मण को भोजन के साथ खिलाने पर महान पुण्य की प्राप्ति होती है, जीवन से अस्थिरताएँ दूर होती है.

0042. अमावस्या - यदि कोई व्यक्ति अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर जल में दूध , गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल मिलाकर सींचते हुए पुष्प, जनेऊ अर्पित करते हुये  “ऊँ ऊँ  नमो भगवते वासुदेवाएं नमः” मंत्र का जाप करते हुये 7 बार परिक्रमा करें तत्पश्चात्  "ऊँ ॐ पितृभ्यः नमः " मंत्र का जप करते हुए अपने अपराधों एवं त्रुटियों के लिये क्षमा मांगे तो पितृ दोष से उत्पन्न समस्त समस्याओं  का निवारण हो जाता है.  और अगर सोमवती अमावस्या हो तो पीपल की 108 बार परिक्रमा करने से विशेष लाभ मिलता है.

0043. अमावस्या - वैसे तो सभी अमावस्या का महत्व है लेकिन सोमवार एवं शनिवार को पड़ने वाली अमावास्या विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है.  इसके अतिरिक्त मौनी अमावस्या और सर्वपितृ दोष अमावस्या अति महत्वपूर्ण मानी गयी है.

0044. अमावस्या - हर अमावस्या को घर के कोने कोने को अच्छी तरह से साफ करें, सभी प्रकार का कबाड़ निकाल कर बेच दें.  इस दिन सुबह शाम घर के मंदिर और तुलसी पर दिया अवश्य ही जलाएं इससे घर से कलह और दरिद्रता दूर रहती है.

0045. आसन  - बल, शक्ति आदि प्रयोगों के लिए लाल रंग का आसन का प्रयोग करें.

0046. आसन  - लक्ष्मी संबंधी प्रयोग में आप पीले वस्त्रों का ही प्रयोग करें.  यदि पीले वस्त्र न हों तो मात्र धोती पहन लें एवं उपर शाल लपेट लें.  आप चाहे तो धोती को केशर के पानी में भिगोंकर पीला भी रंग सकते हैं.

0047. आसन  - लक्ष्मी, ऐश्वर्य, धन संबंधी प्रयोगों के लिए पीले रंग के आसन का प्रयोग करें.

0048. आसन  - वशीकरहण, उच्चाटन आदि प्रयोगों के लिए काले रंग के आसन का प्रयोग करें. 

0049. आसन  - सात्विक साधनाओं, प्रयोगां के लिए कुशा के बने आसन का प्रयोग करें.

0050. उल्लू - (सफेद) का दिखाई देना शुभ माना जाता है.

0051. उल्लू - की आवाज सुनने को अशुभ माना जाता है.

0052. उल्लू - मेहमान के पीछे की तरफ यदि उल्लू दिखाई दे तो काम में सफलता मिलने के योग बढ़ जाते हैं.

0053. उल्लू - यदि उल्लू रात में यात्रा कर रहे व्यक्ति को होम-होम की आवाज करता मिले तो शुभ फल मिलता है, क्योंकि इसी प्रकार की ध्वनि यदि वह फिर करता है तो उसकी इच्छा रमण करने की होती है.

0054. उल्लू - यदि किसी के दरवाजे पर उल्लू तीन दिन तक लगातार रोता है, तो उसके घर में चोरी अथवा डकैती होने की संभावना अधिक रहती है.  अथवा उसे किसी न किसी रूप में धन की हानि अवश्य होती है.

0055. उल्लू - यदि किसी घर की छत पर बैठ कर उल्लू बोलता है तो उस घर के स्वामी अथवा परिवार के ऊपर संकट का समय है.

0056. उल्लू - यदि कोई उल्लू किसी के घर पर बैठना प्रारंभ कर दे, तो वह घर शीघ्र ही उजड़ सकता है और उस घर के मालिक पर कोई विपत्ति आने की संभावना बढ़ जाती है.

0057. उल्लू - शकुन शास्त्र के अनुसार उल्लू का बांई ओर बोलना और दिखाई देना शुभ रहता है.  दाहिने देखना और बोलना अशुभ होता है.

0058. कपूर - अति सुगंधित पदार्थ होता है तथा इसके दहन से वातावरण सुगंधित हो जाता है.  कपूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है.  प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कपूर जरूर जलाएं.

0059. कपूर - का वास्तुदोष को मिटाने के लिए बहुत‍ महत्व है.  यदि सीढ़ियां, टॉयलेट या द्वार किसी गलत दिशा में निर्मित हो गए हैं, तो सभी जगह 1-1 कपूर की बट्टी रख दें.  वहां रखा कपूर चमत्कारिक रूप से वास्तुदोष को दूर कर देगा.  रात्रि में सोने से पहले पीतल के बर्तन में घी में भीगा हुआ कपूर जला दें.  इससे तनावमुक्ति होगी और गहरी नींद आएगी.

0060. काम - अनेक स्त्रियों के साथ रहना भी काम वासना से जुड़ी एक बुरी आदत है.  इसके कारण शरीर, यश, कीर्ति आदि सभी नष्ट हो जाता है.  व्यक्ति को परिवार व समाज में भी बुरी नजर से देखा जाता है.

0061. काम - जुआ खेलने से एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संपूर्ण परिवार नष्ट हो सकता है.  यह एक सामाजिक बुराई है.  अतः इससे बचकर रहने में ही भलाई है.

0062. काम - जो लोग काम वासना से ग्रसित होते हैं, शिकार खेलना उनकी एक बुरी आदत होती है.  इसके कारण कई बार मनुष्य को अनेक कष्ट उठाने पड़ सकते हैं.

0063. काम - परनिंदा यानी दूसरों की बुराई करना.  कुछ लोगों की आदत होती है कि वे हमेशा दूसरों लोगों की बुराई करते रहते हैं.  ऐसे लोग यदि आपके सामने दूसरों की बुराई करते हैं तो यह समझना चाहिए कि दूसरों के सामने वह आपकी भी बुराई अवश्य करते होंगे.

0064. काम - पारिवारिक जिम्मेदारी छोड़कर श्रृंगार रस की कविताएं लिखना व गाना भी काम से जुड़ी बुरी आदत मानी गई है (पुराने समय में), लेकिन वर्तमान समय में इसे बुरा नहीं माना जाता.

0065. काम - बिना किसी काम के दिन-भर इधर-उधर भटकते रहना भी एक बुरी आदत है.  ऐसे लोग न तो परिवार के काम आते हैं और न ही समाज के.  इनके जीवन का कोई लक्ष्य भी निर्धारित नहीं होता.

0066. काम - बिना किसी विशेष उद्देश्य के वाद्य यंत्र बजाना भी काम से जुड़ी बुरी आदत है. (अकेले में प्रेक्टिस अलग बात है)

0067. काम - बेमतलब नाचना भी काम वासना से जुड़ी एक बुरी आदत है.  जो मनुष्य इस आदत का शिकार होता है, उसे समाज में अच्छा नहीं माना जाता.  ऐसे लोगों को समाज से दूर ही रखा जाता है. (अकेले में प्रेक्टिस अलग बात है)

0068. काम - वासना से ग्रसित लोग दिन में सोते हुए कुछ भी सोचा करते हैं.  इनकी कल्पनाएं भी वासना से लिप्त रहती हैं व स्वयं के हित से जुड़ी होती हैं.  ऐसे लोग जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पाते.  इसलिए इस बुरी आदत से बचना चाहिए.

0069. काम - शराब पीने से व्यक्ति दुःसाहसी हो जाता है.  उसे अपने-पराए, भले-बुरे का भान नहीं रहता.  ऐसी अवस्था में वह कुछ ऐसे काम भी कर जाता है जिससे परिवार व समाज में उसे अपयश मिलता है.  कई बार उसका परिवार भी नष्ट हो जाता है.

0070. काली मिर्च - काली मिर्च के 7-8 दाने लेकर उसे घर के किसी कोने में दिए में रखकर जला दें.  इसके अलावा आप यह भी कर सकते हैं कि 5 ग्राम हींग और 5 ग्राम कपूर के साथ 5 ग्राम काली मिर्च को मिलाकर मिश्रण बना लें.  फिर इसकी राई के बराबर गोलियां बना लें. जितनी भी गोलियां बनी हो उसको दो भागों में बराबर बांट लें और फिर इसे सुबह और शाम को चलाएं.  यह प्रयोग तीन दिन तक करेंगे तो घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएगी.  इस उपाय से यदि किसी की बुरी नजर के कारण आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है तो वह दोष भी दूर हो जाता है.  इन गोलियां का सेवन करने से उल्टी एवं दस्त भी बंद हो जाते हैं.

0071. काली मिर्च - किसी भी शुभ दिवस पर मिटटी का एक नया कुल्हड़ लाएँ तथा उसमे एक लाल वस्त्र,सात काली मिर्च एवं सात ही नमक की साबुत कंकड़ी रख दें, हांडी का मुख लाल कपडे से बंद कर दें एवँ कुल्हड़ के बाहर कुमकुम की सात बिंदियाँ लगा दे फिर उसे सामने रख कर निम्न मंत्र की ५ माला जप करेँ. मन्त्र जप के पश्चात हांडी को चौराहे पर रखवा देँ.  यह बहुत ही असरदायक प्रयोग है.

0072. काली मिर्च - दीपावली के दिन काली मिर्च के दाने ‘ऊं ऊं क्लीं’ बीज मंत्र का जप करते हुए परिवार के सदस्यों के सिर पर घुमाकर दक्षिण दिशा में घर से बाहर फेंक दें, शत्रु शांत हो जाएंगे.

0073. काली मिर्च - प्रातः काल बीज मंत्र झ्क्लींश् का उच्चारण करते हुए काली मिर्च के नौ दाने सिर पर से घुमाकर दक्षिण दिशा की ओर फेंक दें, ऊपरी बला दूर हो जाएगी.

0074. काली मिर्च - भोजन करते समय आपको दाल या सब्जी आदि में नमक कम लगे तो उपर से नमक न डालें (सफेद नमक तो बिल्कुल भी नही) ऐसे में काला नमक तथा मिर्च कम होने पर काली मिर्च का प्रयोग करें.  यदि आप ऐसे नहीं करेंगे तो इससे शनि का दुष्प्रभाव शुरू हो जाएगा.

0075. काली मिर्च - यदि आप किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए जा रहे हैं तो घर से बाहर निकलने से पहले मुख्य दरवाजे पर काली मिर्च रखें और उसी काली मिर्च पर पैर रखकर घर से बाहर अपने कदम बढ़ाएं.  आप जिस काम के लिए जा रहे हैं उसमें सफलता मिलेगी.

0076. काली मिर्च - यदि आप मालामाल होना चाहते हैं तो काली मिर्च के 5 दाने लें और उन्हें अपने सिर पर से 7 बार वार लें.  इसके बाद किसी चौराहे या किसी सुनसान स्थान पर खड़े होकर चारों दिशाओं में 4 दाने फेंक दें.  इसके बाद 5वें दाने को ऊपर आसमान की ओर फेंक दें.  इसके बाद चौराहे से पुन: लौटते वक्त पीछे पलटकर न देंगे.

0077. काली मिर्च - शनि देव मान जाते हैं अगर आप काले कपड़े में काली मिर्च और पैसे बांधकर दान करें.

0078. काले तिल - का दान करें.  इससे राहु-केतु और शनि के बुरे प्रभाव समाप्त हो जाते हैं.  कालसर्प योग, साढ़ेसाती, ढय्या, पितृ दोष आदि में भी यह उपाय किया जा सकता है.

0079. काले तिल - कुंडली में शनि के दोष हों या शनि की साढ़ेसाती या ढय्या चल रही हो तो किसी पवित्र नदी में हर शनिवार काले तिल प्रवाहित करना चाहिए.  इस उपाय से शनि के दोषों की शांति होती है.

0080. काले तिल - दूध में काले तिल मिलाकर पीपल पर चढ़ाएं.  इससे बुरा समय दूर हो सकता है.  यह उपाय हर शनिवार को करना चाहिए.

0081. काले तिल - परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उसार कर घर के उत्तर दिशा में फेंक दें, धनहानि बंद होगी.

0082. काले तिल - हर रोज एक लोटे में शुद्ध जल भरें और उसमें काले तिल डाल दें.  अब इस जल को शिवलिंग पर ऊँ नम: शिवाय मंत्र जप करते हुए चढ़ाएं.  जल पतली धार से चढ़ाएं और मंत्र का जप करते रहें.  जल चढ़ाने के बाद फूल और बिल्व पत्र चढ़ाएं.  इस उपाय से शुभ फल प्राप्त होने की संभावनाएं बढ़ती हैं.

0083. काले तिल - हर रोज शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करें.  इससे शनि के दोष शांत होते हैं.  पुराने समय से चली आ रही बीमारियां भी दूर हो सकती हैं.

0084. काले तिल - हर शनिवार काले तिल, काली उड़द को काले कपड़े में बांधकर किसी गरीब व्यक्ति को दान करें.  इस उपाय से पैसों से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं.

0085. कुत्ता - किसी किसान को हल ले जाते हुए रास्ते में कुत्ता बांई और मिल जाए और फिर घर आते समय दाहिनी ओर मिले तो उसकी उपज अच्छी होती है.

0086. कुत्ता - कुत्ता यदि अपनी जीभ से अपने दाहिने अंग को चाटता है अथवा खुजलाता है तो ये कार्य सिद्धि की सूचना है या जीभ से पेट को छूता हुआ दिखाई दे तो लाभ होता है.

0087. कुत्ता - जिसके घर में कोई कुत्ता बहुत देर तक आकाश, गोबर, मांस, विष्ठा देखता है तो उस मनुष्य को सुंदर स्त्री की प्राप्ति और धन का लाभ होने के योग बनते हैं.

0088. कुत्ता - भोजन करते समय यदि कोई कुत्ता आपके सामने आकर अपनी पूंछ उठाकर सिर को हिलाता है तो वह भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि वह भोजन करने से रोगी होने की संभावना रहती है.

0089. कुत्ता - यदि किसी जुआरी को जुआ खेलते जाते समय दाईं ओर कुत्ता मैथुन करता मिले तो उसे जुएं में अत्यधिक लाभ होने की संभावना रहती है.

0090. कुत्ता - यदि किसी यात्री को देखकर कुत्ता भय से या क्रोध से गुर्राता है अथवा बिना किसी कारण से इधर-उधर चक्कर काटे तो उस यात्रा करने वाले को धन की हानि हो सकती है.

0091. कुत्ता - यदि किसी रोगी के सामने कुत्ता अपनी पूंछ या ह्रदय स्थल बार-बार चाटे तो शकुन शास्त्र के अनुसार बहुत ही जल्दी उस रोगी की मृत्यु होने की संभावना रहती है.

0092. कुत्ता - यदि किसी व्यक्ति की चारपाई के नीचे घुसकर कुत्ता भौंकता है तो उस चारपाई पर सोने वाले को रोग और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

0093. कुत्ता - यदि किसी स्थान पर बहुत से कुत्ते एकत्रित होकर भौंके तो वहां रहने वाले लोगों पर कोई बड़ी विपत्ति आती है या फिर वहां के लोगों में भयंकर लड़ाई-झगड़ा होता है.

0094. कुत्ता - यदि कुत्ता पेड़ के नीचे खड़ा होकर भौंकता है तो ये वर्षाकाल में अच्छी वर्षा का संकेत होता है.

0095. कुत्ता - यदि कुत्ता बाएं घुटने को सूंघते हुए दिखे तो धन प्राप्ति हो सकती है तथा दाहिने घुटने को सूंघता दिखे तो पत्नी से झगड़ा हो सकता है.  बांई जांघ को सूंघे तो स्त्री से समागम और दाईं जांघ को सूंघे तो मित्र से वैर होने की संभावना रहती है.

0096. कुत्ता - यदि यात्रा करते समय किसी व्यक्ति को कुत्ता अपने मुख में रोटी, पूड़ी या अन्य कोई खाद्य पदार्थ लाता दिखे तो उस व्यक्ति को धन लाभ होने की संभावना बनती है.

0097. कुत्ता - यात्रा के लिए जाते हुए यदि कोई कुत्ता बांई ओर संग-संग चले तो सुंदर स्त्री और धन की प्राप्ति हो सकती है.  यदि दाहिनी ओर चले तो चोरी या और किसी प्रकार से धन हानि की सूचना देता है.

0098. कुत्ता - यात्रा पर जाते समय कुत्ता जूते लेकर भाग जाए या किसी ओर के जूते लेकर सामने आ जाए तो निश्चित रूप से उस व्यक्ति के धन को चोर चुरा लेते हैं.

0099. कुत्ता - शकुन शास्त्र के अनुसार कुत्ता यदि अचानक धरती पर अपना सिर रगड़े और यह क्रिया बार-बार करें तो उस स्थान पर गड़ा धन होने की संभावना होती है.

0100. कौआ - किसी के घर पर कौओं का झुंड आकर चिल्लाए तो भवन मालिक पर कई संकट एक साथ आ सकते हैं.


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सास बहु के बीच सम्बन्ध सुधारने के उपाय '...गन्धाक्षतम्, पुष्पाणि, धूपम्, दीपम्, नैवेद्यम् समर्पयामि. ' नपुंसकता नष्ट करने के लिए जायफल, लौंग, कपूर और काली मिर्च 40-40 ग्राम, मकरध्वज 5 ग्राम, केसर 1 ग्राम सबको बारीक कूट-पीसकर खरल करके पान के रस के साथ घुटाई करें और आधा-आध ग्राम की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें. रात को सोते समय दो चम्मच या एक चम्मच मक्खन के साथ एक गोली खाकर ऊपर से एक गिलास मीठा कुनकुना गर्म दूध पिएं, जब शाम का भोजन किए हुए दो-ढाई घंटे हो चुके हों. यह बहुत ही बलवीर्यवर्द्धक नुस्खा है. भांग को कूट-पीसकर महीन चूर्ण कर लें. इस चूर्ण को 5-6 ग्राम (एक छोटा चम्मचभर) मात्रा में, एक महीन मलमल के साफ सफेद कपड़े पर रखकर छोटी सी पोटली बनाकर मजबूत धागे से बांध दें. धागा लम्बा रखें, ताकि धागे को खींचकर पोटली बाहर खींची जा सके. रात को सोते समय इस पोटली को पानी में डुबोकर गीली कर लें एवं योनि मार्ग में अन्दर तक सरकाकर रख लें और सुबह निकालकर फेंक दें. लाभ न होने तक यह असगन्ध 100 ग्राम, गिलोय 50 ग्राम और गिलोयसत 10 ग्राम तीनों को कूट-पीसकर मिला लें. आधा चम्मच चूर्ण, आधा चम्मच शुद्ध घी और दो चम्मच शहद मिलाकर चाट लें और ऊपर से मिश्री मिला ठंडा किया हुआ दूध पिएं. शीतकाल के दिनों में कम से कम 60 दिन सुबह-शाम यह नुस्खा सेवन करना चाहिए. माजूफल का चूर्ण 100 ग्राम मोचरस का चूर्ण 50 ग्राम और लाल फिटकरी 25 ग्राम. सबको कूट-पीसकर मिलाकर रखें. पहले 20 ग्राम खड़े मूंग 3 कप पानी में खूब उबालें और बाद में छानकर इस पानी से डूश करें. एक रूई का बड़ा फाहा पानी में गीला कर निचोड़ लें और इस पर ऊपर बताया चूर्ण बुरककर यह फाहा सोते समय योनि में रखें. इन दोनों में से कोई एक प्रयोग कुछ दिन तक करने से योनि तंग और सुदृढ़ हो जाती है. वाटर फाउंटेन: ताजमहल: यूँ तो शंखचालनी मुद्रा तथा मूलबंध का अभ्यास करना और मूत्र विसर्जन करते समय रोक-रोककर पेशाब करना, ये तीन उपाय योनि को चुस्त-दुरुस्त, सशक्त और संकीर्ण बनाते हैं. नियमित रूप से थोड़ी देर वज्रासन पर बैठकर शंखचालनी मुद्रा व मूलबंध लगाने का अभ्यास करना चाहिए सफेद मुसली, गोखरू बड़ा, तालमखाना और तावरी 50-50 ग्राम सबको कूट-पीसकर महीन चूर्ण कर लें और पिसी हुई मिश्री 100 ग्राम लेकर सबको मिला लें. सुबह-शाम इस चूर्ण को 1-1 चम्मच मात्रा में मीठे कुनकुने गर्म दूध के साथ सेवन करें. यह नुस्खा नपुंसकता, ध्वजभंग, शुक्रमेह, शुक्र की उष्णता व पतलापन, पेशाब की रुकावट और जलन आदि व्याधियां नष्ट कर शरीर को सशक्त बनाने और पौरुष बल की वृद्धि करने में बड़े गोखरू, तालमखाना, शतावरी, कौंच के छिलकेरहित बीज, नागबला और अतिबला सब 50-50 ग्राम और मिश्री 150 ग्राम, सभी को कूट-पीसकर अच्छा महीन चूर्ण कर लें. सुबह-शाम 1-1 चम्मच चूर्ण फांककर ऊपर से कुनकुना मीठा दूध पिएं. यह नुस्खा बिना कोई हानि किए नपुंसकता को नष्ट करने वाला और पर्याप्त यौन शक्ति प्रदान करने वाला आयुर्वेदिक टॉनिक है. नियमों का पालन कर कम से कम 60 दिन इस नुस्खे का नियमित रूप महाभारत की तस्वीर: मैनफल, मुलहठी और कपूर तीनों को समान मात्रा में खूब कूट-पीसकर महीन करके मिला लें और पोटली बना लें. चुटकीभर माजूफल का महीन पिसा चूर्ण जरा से शहद में मिला लें. इस लेप को अंगुली से योनि के अंदर ठीक प्रकार सब तरफ लगाकर यह पोटली सोते समय योनि के अंदर सरकाकर रख दें. प्रातः इससे निकालकर फेंक दें. कूठ, धाय के फूल, बड़ी हरड़, फिटकरी, माजूफल, लोध्र, भांग और अनार के छिलके सब 10-10 ग्राम, इन्हें कूट-पीसकर चूर्ण कर लें 250 ग्राम शराब में डालकर 7 दिन तक रखें. दिन में 2-3 बार हिला दिया करें. आठवें दिन कपड़े से छानकर शीशी में भर लें इसमें रूई का फाहा भिगोकर योनि में अंदर चारों तरफ लगाने से योनि की शिथिलता, विस्तीर्ण तथा दीर्घमुख होने की स्थिति दूर होती है. आवश्यकता रहे तब तक यह प्रयोग नटराज की प्रतिमा: जिसमे वो नाचते हूए दिखाई दें) तथा) जो भावप्रिय, कुयोगियों (विषयी पुरूषों) के लिये अत्यन्त दुर्लभ, अपने भक्तों के लिये कल्पवृक्ष, सम और सदा सुखपूर्वक सेवन करने योग्य हैं, मैं निरन्तर भजता हू¡. 2500 वर्ष पूर्व लिखित चरक संहिता में लिखा हुआ है कि भगवान अत्रिकुमार के कथनानुसार स्त्री में रज की सबलता से पुत्री तथा पुरुष में वीर्य की सबलता से पुत्र पैदा होता है. आठवीं रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र ऐश्वर्यशाली होता है. इन्ही के साथ सर्वोत्तम यह भी रहेगा कि रात को सोने से पहले किसी भी तेल की 10 मिनट तक मालिश करें. या तो स्वयं करें या अपने पति से कराएं, मालिश के दिनों में गेप न करें, रेगुलर करें व दो माह बाद चमत्कार देखें. स्तनों की मालिश हमेशा नीचे से ऊपर ही करें. कई व्यक्ति सहवास को इस हद तक जरूरी मानते हैं कि भले ही उनका सहयोगी ठंडा पड़ा हो या वह अन्य किसी कठिन परिस्थिति से गुजर रहा हो, वे सहवास करते ही हैं. यदि पति-पत्नी में से कोई भी क्रोध, चिंता, दुःख, अविश्वास आदि किसी भी मानसिक समस्या से गुजर रहा हो, तो सहवास करना उचित नहीं है. यानी सहवास उसी समय परम आनंददायक होता है, जब पति-पत्नी दोनों पूर्ण प्रसन्न चित्त हों कई व्यक्ति सहवास को महज एक औपचारिकता के तौर पर लेते हैं और इस कार्य को केवल वीर्य स्खलन मानते हुए जल्द खत्म कर देते हैं. दरअसल सहवास में जल्दबाजी न तो पुरुष को ही आनंद देने वाली होती है और न ही स्त्री की संतुष्टि. लिहाजा सहवास के पूर्व विभिन्न क्रिया-कलाप एवं श्रृंगार रसपूर्ण बातों से स्त्री के 'काम' या सेक्स को पूर्ण जागृत करें, तभी सहवास का सच्चा आनंद आप पा सकते हैं और कभी-कभी चुचुकों में कटाव, शोथ या अलसर जैसी व्याधि हो जाती है, इसके लिए थोड़ा सा शुद्ध घी (गाय के दूध का) लें, सुहागा फुलाकर पीसकर इसमें मिला दें. माचिस की सींक की नोक के बराबर गंधक भी मिला लें. इन तीनों को अच्छी तरह मिलाकर मल्हम जैसा कर लें और स्तनों के चुचुक पर दिन में 3-4 बार लगाएं. ताजे मक्खन में थोड़ा सा कपूर मिलाकर लगाने से भी लाभ होता है. कभी-कभी स्तनों में हलकी सूजन और कठोरता आ जाती है. मासिक धर्म के दिनों में प्रायः यह व्याधि हुआ करती है, जो मासिक ऋतु स्त्राव बन्द होते ही ठीक हो जाती है. ऐसी स्थिति में गर्म पानी से नैपकिन गीला करके स्तनों को सेकना चाहिए. किशोरावस्था में जब स्तनों का आकार बढ़ रहा हो, तब तंग अंगिया या ब्रेसरी का प्रयोग नहीं करना चाहिए, बल्कि उचित आकार की और तनिक ढीली अंगिया पहनना चाहिए. बिना अंगिया पहने नहीं रहना चाहिए वरना स्तन बेडौल और ढीले हो जाएंगे. ज्यादा तंग अंगिया पहनने से स्तनों के स्वाभाविक विकास में बाधा पड़ती है. किसी भी स्थिति में स्तनों पर आघात नहीं लगने देना चाहिए. स्तन में कभी कोई छोटी सी गांठ हो जाए जो कठोर हो और स्तन से दूध की जगह खून आने लगे तो यह स्तन के कैंसर हो सकने की चेतावनी हो सकती है. ऐसी स्थिति में तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क करना जरूरी है. कुछ विशिष्ट पंडितों तथा ज्योतिषियों का कहना है कि सूर्य के उत्तरायण रहने की स्थिति में गर्भ ठहरने पर पुत्र तथा दक्षिणायन रहने की स्थिति में गर्भ ठहरने पर पुत्री जन्म लेती है. उनका यह भी कहना है कि मंगलवार, गुरुवार तथा रविवार पुरुष दिन हैं. अतः उस दिन के गर्भाधान से पुत्र होने की संभावना बढ़ जाती है. सोमवार और शुक्रवार कन्या दिन हैं, जो पुत्री पैदा करने में सहायक होते हैं. बुध और शनिवार नपुंसक दिन हैं. अतः समझदार व्यक्ति को इन दिनों का ध्यान करके ही गर्भाधान करना चाहिए. गम्भारी की छाल 100 ग्राम व अनार के छिलके सुखाकर कूट-पीसकर महीन चूर्ण कर लें. दोनों चूर्ण 1-1 चम्मच लेकर जैतून के इतने तेल में मिलाएं कि लेप गाढ़ा बन जाए. इस लेप को स्तनों पर लगाकर अंगुलियों से हलकी-हलकी मालिश करें. आधा घंटे बाद कुनकुने गर्म पानी से धो डालें. जो भी परिणाम मिले, उसकी सूचना कृपया हमें जरूर दें. गर्भावस्था के दिनों में स्तनों को भली प्रकार धोना, अच्छे साबुन का प्रयोग करना, चुचुकों को साफ रखना यानी चुचुक बैठे हुए और ढीले हों तो उन्हें आहिस्ता से अंगुलियों से पकड़कर खींचना व मालिश द्वारा उन्नत व पर्याप्त उठे हुए बनाना चाहिए, ताकि नवजात शिशु के मुंह में भलीभांति दिए जा सकें. यदि हाथों के सहयोग से यह सम्भव न हो सके तो 'ब्रेस्ट पम्प' के प्रयोग से चुचुकों को उन्नत और ग्यारहवीं रात्रि के गर्भ से चरित्रहीन पुत्री पैदा होती है. चन्द्रावती ऋषि का कथन है कि लड़का-लड़की का जन्म गर्भाधान के समय स्त्री-पुरुष के दायां-बायां श्वास क्रिया, पिंगला-तूड़ा नाड़ी, सूर्यस्वर तथा चन्द्रस्वर की स्थिति पर निर्भर करता है. चौथी रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र अल्पायु और दरिद्र होता है. चौदहवीं रात्रि के गर्भ से उत्तम पुत्र का जन्म होता है. छठवीं रात्रि के गर्भ से मध्यम आयु वाला पुत्र जन्म लेगा. छोटी कटेरी नामक वनस्पति की जड़ व अनार की जड़ को पानी के साथ घिसकर गाढ़ा लेप करें. इस लेप को स्तनों पर लगाने से कुछ दिनों में स्तनों का ढीलापन दूर हो जाता है. जापान के सुविख्यात चिकित्सक डॉ. कताज का विश्वास है कि जो औरत गर्भ ठहरने के पहले तथा बाद कैल्शियमयुक्त भोज्य पदार्थ तथा औषधि का इस्तेमाल करती है, उसे अक्सर लड़का तथा जो मेग्निशियमयुक्त भोज्य पदार्थ जैसे मांस, मछली, अंडा आदि का इस्तेमाल करती है, उसे लड़की पैदा होती है. जो लोग शाम सात बजे तक भोजन कर लेते हैं, उनको छोड़कर शेष लोगों को जो कि भोजन रात्रि 10-11 बजे तक करते हैं, सहवास आधी रात के बाद करना हितकारी है. तेरहवीं रात्रि के गर्म से वर्णसंकर पुत्री जन्म लेती है. दसवीं रात्रि के गर्भ से चतुर पुत्र का जन्म होता है. दिन के समय कभी भी सहवास न करें, सहवास (मैथुन) हमेशा रात में ही करना चाहिए वह भी सिर्फ एक बार. हो सके तो इसमें भी 'गैप' दें. दो हजार वर्ष पूर्व के प्रसिद्ध चिकित्सक एवं सर्जन सुश्रुत ने अपनी पुस्तक सुश्रुत संहिता में स्पष्ट लिखा है कि मासिक स्राव के बाद 4, 6, 8, 10, 12, 14 एवं 16वीं रात्रि के गर्भाधान से पुत्र तथा 5, 7, 9, 11, 13 एवं 15वीं रात्रि के गर्भाधान से कन्या जन्म लेती है. नौवीं रात्रि के गर्भ से ऐश्वर्यशालिनी पुत्री पैदा होती है. पंद्रहवीं रात्रि के गर्भ से सौभाग्यवती पुत्री पैदा होती है. पाँचवीं रात्रि के गर्भ से जन्मी कन्या भविष्य में सिर्फ लड़की पैदा करेगी. प्राचीन संस्कृत पुस्तक 'सर्वोदय' में लिखा है कि गर्भाधान के समय स्त्री का दाहिना श्वास चले तो पुत्री तथा बायां श्वास चले तो पुत्र होगा. फिटकरी 20 ग्राम, गैलिक एसिड 30 ग्राम, एसिड आफ लेड 30 ग्राम, तीनों को थोड़े से पानी में घोलकर स्तनों पर लेप करें और एक घंटे बाद शीतल जल से धो डालें. लगातार एक माह तक यदि यह प्रयोग किया गया तो 45 वर्ष की नारी के स्तन भी नवयौवना के स्तनों के समान पुष्ट हो जाएंगे. बच्चे को जन्म देते ही स्तनों का प्रयोग शुरू हो जाता है. स्तन के चुचुकों को भलीभांति अच्छे साबुन-पानी से धोकर साफ करके ही शिशु के मुंह में देना चाहिए. यदि बच्चे को दूध पिलाने के बाद भी स्तनों में दूध भरा रहे तो इस स्थिति में हाथ से या 'ब्रेस्ट पम्प' से, दूध निकाल देना चाहिए. सब प्रयत्न करने पर भी स्तन में कोई व्याधि, सूजन या पीड़ा हो तो शीघ्र ही किसी कुशल स्त्री चिकित्सक को बरगद के पेड़ की जटा के बारीक नरम रेशों को पीसकर स्त्रियां अपने स्तनों पर लेप करें तो स्तनों का ढीलापन दूर होता है और कठोरता आती है. बारहवीं रात्रि के गर्भ से पुरुषोत्तम पुत्र जन्म लेता है. भलीभांति शारीरिक परिश्रम करने वाली, हाथों से काम करने वाली किशोर युवतियों के अंग-प्रत्यंगों का उचित विकास होता है और स्तन बहुत सुडौल और पुष्ट हो जाते हैं. प्रायः घरेलू काम जैसे कपड़े धोना, छाछ बिलौना, कुएं से पानी खींचना, बर्तन मांजना, झाड़ू-पोछा लगाना और चक्की पीसना ऐसे ही व्यायाम हैं, जो स्त्री के शरीर के सब अवयवों को स्वस्थ और सुडौल रखते हैं. यह पाचन क्रिया को बलवान बनाकर जहाँ शरीर को रस रक्त आदि सातों धातुओं को पुष्ट करने की क्षमता प्रदान कर शरीर को पुष्ट व शक्तिशाली बनाती है, वहीं यौनांग को भी शक्ति, स्फूर्ति व कठोरता प्रदान कर शीघ्रपतन, शिथिलता व निर्बलता को नष्ट कर यौन शक्ति व सामर्थ्य प्रदान करती है. यूनान के प्रसिद्ध चिकित्सक तथा महान दार्शनिक अरस्तु का कथन है कि पुरुष और स्त्री दोनों के दाहिने अंडकोष से लड़का तथा बाएं से लड़की का जन्म होता है. विवाहित पुरुषों को अपनी असमर्थता दूर कर उचित पौरुष बल प्राप्त करने के लिए उचित आहार-विहार और संयम का पालन कर कम से कम 40 दिन तक वीर्यशोधन वटी 1-1 गोली के साथ इस वीर्य स्तंभन वटी का सेवन करना चाहिए. ये दोनों दवाएँ बाजार में बनी बनाई मिलती है शयन के ठीक पहले दूध न पिएँ , यदि दूध लेना ही है तो सोने के एक घण्टा पूर्व लें. सातवीं रात्रि के गर्भ से पैदा होने वाली कन्या बांझ होगी. सूर्योदय के कुछ समय पूर्व से लेकर सूर्योदय के बाद यानी ब्रह्य मुहूर्त में किया गया सहवास स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक है. सोलहवीं रात्रि के गर्भ से सर्वगुण संपन्न, पुत्र पैदा होता है. सोलहवीं रात्रि के गर्भ से सर्वगुण संपन्न, पुत्र पैदा होता है. स्तनों की शिथिलता दूर करने के लिए एरण्ड के पत्तों को सिरके में पीसकर स्तनों पर गाढ़ा लेप करने से कुछ ही दिनों में स्तनों का ढीलापन दूर हो जाता है. कुछ व्यायाम भी हैं, जो वक्षस्थल के सौन्दर्य और आकार को बनाए रखते हैं. स्त्री का जिस समय मासिक धर्म चला रहा हो, तब उसके साथ सहवास न करें. इन चार दिनों में कंडोम वगैरह लगाकर भी नहीं. ऐसा करना कई तरह के रोगों को दावत देना है. अप्राकृतिक मैथुन किसी भी सूरत में उचित नहीं, इससे दूर ही रहें. , , लेकिन हमें नियमित रूप से तुलसी की पत्ती का सेवन करते रहना चाहिए. - पति-पत्नी दोनों साथ मिलकर गेंहू के आटे से ११ पार्थिव लिंग बनाए. पार्थिव लिंग विशेष मिट्टी के बनाए जाते हैं. - पहले तीन महीनों और आखिरी तीन महीनों में सेक्स से बचें. कोई दिक्कत न हो तो सेकंड ट्राइमेस्टर में शारीरिक संबंध बना सकती हैं, लेकिन इस दौरान पोजिशन का ध्यान रखें और देखें कि पेट पर किसी तरह का दबाव न पड़े. - पार्थिव लिंग के अभिषेक का पवित्र जल पति-पत्नी दोनों पीएं और शिव से पुत्र पाने के लिए प्रार्थना करें. - पार्थिव लिंग को बनाने के बाद इनका शिव महिम्र स्त्रोत के श्लोकों से पूजा और अभिषेक के ११ पाठ स्वयं करें. अगर ऐसा संभव न हो तो पूजा और अभिषेक के लिए सबसे श्रेष्ठ उपाय है कि यह कर्म किसी विद्वान ब्राह्मण से कराएं. पार्थिव लिंग निर्माण और पूजा भी ब्राह्मण के बताए अनुसार कर सकते हैं. - पुत्र प्राप्ति का यह उपाय विशेष तौर पर सावन माह से शुरु करें. - पुरुष को ऊपर नहीं रहना चाहिए. ऐसे में महिला को ऊपर रहने की सलाह दी जाती है या फिर दोनों सिटिंग पोजिशन में भी आ सकते हैं. - प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं काफी इमोशनल और संवेदनशील हो जाती हैं. अगर उन्हें लगता है कि उनका हस्बैंड उन पर ध्यान नहीं दे रहा, तो वे चिड़चिड़ी, अनिद्रा की शिकार और कम या ज्यादा भूख की मरीज हो जाती हैं. उनकी सेक्स की इच्छा कम हो जाती है. ऐसे में पति प्यार से पेश आए और पत्नी जिन बदलावों से गुजर रही है, उन्हें समझे. - यह प्रयोग २१ या ४१ दिन तक पूरी श्रद्धा और भक्ति से करने पर शिव कृपा से पुत्र जन्म की कामना शीघ्र ही पूरी होती है. - स्त्री और पुरुष दोनों सुबह जल्दी उठे. स्त्री इस दिन उपवास रखे. . . . . इन नियमों का पालन करने से आपको समाज में मान सम्मान मिलना शुरू हो जायेगा. . इससे भी पितृ दोष में कमी आती है. . दक्षिण अफ्रीका में उल्लू की आवाज को मृत्युसूचक कहा जाता है. चीन में उल्लू दिखाई देने पर पड़ोसी की मृत्यु का सूचक मानते हैं. . प्रॉब्लम बढ़ने पर पेस मेकर की जरूरत भी पड़ सकती है. . माना जाता है कि इस उपाय से अचानक धन प्राप्ति के योग बनते हैं. . मौसम परिवर्तन के समय होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से बचाव हो सकता है. . यही कारण है कि रात को श्मशान जाते समय तांत्रिक भी अपनी सुरक्षा का विशेष उपाय करते हैं. . स्टडी रूम में अधिक साज-सज्जा से परहेज करें . . हिन्दू धर्म में संध्यावंदन, आरती या प्रार्थना के बाद कपूर जलाकर उसकी आरती लेने की परंपरा है. . . तहं पुनि संभु समुझिपन आसन. बैठे वटतर, करि कमलासन. . . . श्रीअत्रि-मुनिरूवाच. . . . ध्यान रहे कि आपने यह उपाय किया है इसकी चर्चा किसी से भी ना करें 1 + 8 = 1 + 9 = 1 वर्ष में सूर्य पर आधारित उत्तरायण और दक्षिणायन 2 अयन होते हैं. इनमें से वर्ष के मान से उत्तरायण में और माह के मान से शुक्ल पक्ष में देव आत्माएं सक्रिय रहती हैं, तो दक्षिणायन और कृष्ण पक्ष में दैत्य और पितर आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं.

Wednesday, September 14, 2016

- sept 2016 - defaulter builders list released by greater noida authority 94-95

94-95

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