ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं. इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए. उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका ना हो , इसका ख़याल रखे.
ज्योतिष् के घरेलू उपाय
0001. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - अगर घर मैं कोई ज़यादा बीमार हो तो किसी भी रविवार से आरम्भ करके लगातार 3 दिन तक गेहूं के आटे का पेड़ा तथा एक लोटा पानी व्यक्ति के सिर के ऊपर से उबार कर जल को पौधे में डाल दें तथा पेड़ा गाय को खिला दें. अवश्य ही इन 3 दिनों के अन्दर व्यक्ति स्वस्थ महसूस करने लगेगा. प्रयोग को पूरा करना है, बीच में रोकना नहीं चाहिए.
0002. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - अमावस्या को प्रात: मेंहदी का दीपक पानी मिला कर बनाएं. तेल का चौमुंहा दीपक बना कर 7 उड़द के दाने, कुछ सिन्दूर, 2 बूंद दही डाल कर 1 नींबू की दो फांकें शिवजी या भैरों जी के चित्र का पूजन कर, जला दें. महामृत्युजंय मंत्र की एक माला का पाठ कर रोग-शोक दूर करने की भगवान से प्रार्थना कर, घर के दक्षिण की ओर दूर सूखे कुएं में नींबू सहित डाल दें. पीछे मुड़कर नहीं देखें.
0003. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - एक पाचंमुखी रूद्राक्ष, एक लाल रंग का हकीक, 7 साबुत (डंठल सहित) लाल मिर्च को, आधा गज लाल कपड़े में रख कर व्यक्ति के ऊपर से 21 बार उसार कर इसे किसी नदी या बहते पानी में प्रवाहित कर दें.
0004. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - एकमुखी या सोलहमुखी रूद्राक्ष श्रेष्ठ होता है. इनके न मिलने पर ग्यारहमुखी, सातमुखी अथवा पांचमुखी रूद्राक्ष का उपयोग कर सकते हैं. इच्छित रूद्राक्ष को लेकर श्रावण माह में किसी प्रदोष व्रत के दिन, अथवा सोमवार के दिन, गंगाजल से स्नान करा कर शिवजी पर चढाएं, फिर सम्भव हो तो रूद्राभिषेक करें या शिवजी पर “ॐॐ नम: शिवाय ॐ´´ बोलते हुए दूध से अभिषेक कराएं. इस प्रकार अभिमंत्रित रूद्राक्ष को काले डोरे में डाल कर गले में पहनें. लाभ मिलता है.
0005. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - किसी पुरानी मूर्ति के ऊपर घास उगी हो तो शनिवार को मूर्ति का पूजन करके, प्रात: उसे घर ले आएं. उसे छाया में सुखा लें. जिस कमरे में रोगी सोता हो, उसमें इस घास में कुछ धूप मिला कर किसी भगवान के चित्र के आगे अग्नि पर सांय, धूप की तरह जलाएं और मन्त्र विधि से ´´ ॐ ॐ माधवाय नम:. ॐ ॐ अनंताय नम:. ॐ ॐ अच्युताय नम:. ´´ मन्त्र की एक माला का जाप करें. कुछ दिन में रोगी स्वस्थ हो जायेगा. दान-धर्म और दवा उपयोग अवश्य करें. इससे दवा का प्रभाव बढ़ जायेगा.
0006. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - घर में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी श्रद्धापूर्वक देखशल करने से रोग पीड़ाएँ समाप्त होती है.
0007. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - घर में नित्य घी का दीपक जलाना चाहिए. दीपक जलाते समय लौ पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर हो या दीपक के मध्य में (फूलदार बाती) बाती लगाना शुभ फल देने वाला है.
0008. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - घर मैंकोई बीमार हो तो कन्याओं को हलवा खिलाएं. पीपल के पेड़ की लकड़ी सिरहाने रखें.
0009. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - पूर्णिमा के दिन चांदनी में खीर बनाएं. ठंडी होने पर चन्द्रमा और अपने पितरों को भोग लगाएं. कुछ खीर काले कुत्तों को दे दें. वर्ष भर पूर्णिमा पर ऐसा करते रहने से गृह क्लेश, बीमारी पास नही आती
0010. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - प्रतिदिन अपने भोजन का चौथाई हिस्सा गाय को तथा चौथाई हिस्सा कुत्ते को खिलाएं.
0011. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - बाजार से कपास के थोड़े से फूल खरीद लें. रविवार शाम 5 फूल, आधा कप पानी में साफ कर के भिगो दें. सोमवार को प्रात: उठ कर फूल को निकाल कर फेंक दें तथा बचे हुए पानी को पी जाएं. जिस पात्र में पानी पीएं, उसे उल्टा कर के रख दें.
0012. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - मंदिर में गुप्त दान करें.
0013. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - रविवार के दिन बूंदी के सवा किलो लड्डू मंदिर में प्रसाद के रूप में बांटे.
0014. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - रात्रि के समय शयन कक्ष में कपूर जलाना चाहिये, दु:स्वपन नहीं आते, पितृ दोष का नाश होता है एवं घर में शांति बनी रहती है.
0015. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - रात्रि को पानी किसी लोटे या गिलास में सुबह उठ कर पीने के लिये रख दें. उसे पी कर बर्तन को उल्टा रख दें तथा दिन में भी पानी पीने के बाद बर्तन (गिलास आदि) को उल्टा रखने से यकृत सम्बन्धी परेशानियां नहीं होती तथा व्यक्ति सदैव स्वस्थ बना रहता है.
0016. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - रोगी को शहद में चन्दन मिला कर चटाएं,लाभ मिलता है.
0017. अच्छे स्वास्थ्य के लिये - सदैव पूर्व या दक्षिण दिषा की ओर सिर रख कर ही सोना चाहिए.
0018. अमावस्या - अनुराधा नक्षत्र से युक्त शनिवार की अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष के पूजन से शनि पीड़ा से व्यक्ति मुक्त हो जाता है. श्रावण मास में अमावस्या की समाप्ति पर पीपल वृक्ष के नीचे शनिवार के दिन हनुमान की पूजा करने से सभी तरह के संकट से मुक्ति मिल जाती है.
0019. अमावस्या - अमावस्या के दिन शनि देव पर कड़वा तेल, काले उड़द, काले तिल, लोहा, काला कपड़ा और नीला पुष्प चढ़ाकर शनि का पौराणिक मंत् “ऊँ ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम. छायामार्तण्डसंभुतं नमामि शनैश्चरम. . ” की एक माला का जाप करने से शनि का प्रकोप शांत होता है , एवं अन्य ग्रहों के अशुभ प्रभावों से भी छुटकारा मिलता है
0020. अमावस्या - इस दिन संध्या के समय पितरों के निमित थोड़ी खीर पीपल के नीचे भी रखनी चाहिए.
0021. अमावस्या - की तिथि को कोई भी नया कार्य, यात्रा, क्रय-विक्रय तथा समस्त शुभ कर्मों को निषेध कहा गया है, इसलिए इस दिन इन कार्यों को नहीं करना चाहिए .
0022. अमावस्या - की रात्रि में 12 बजे अपने दाहिने हाथ में काली राई लेकर अपने घर की छत पर तीन चक्कर उलटे काटे, फिर दसो दिशाओं में हाथ की राई के दाने “ऊँ ऊँ हीं ऋणमोचने स्वाहा”॥ मन्त्र का जप करते हुए फेंकते जाय, इस उपाय से धन हानि बंद होती है ,ऋण के उतरने के योग प्रबल होते है. यह बहुत ही अमोघ प्रयोग है इसे किसी भी अमावस्या को किया जा सकता है लेकिन दीवाली की रात में इसे करने से शीघ्र ही फल मिलता है.
0023. अमावस्या - की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिबिया काले कपडे में बांध कर संदूक में रखे, इससे शीघ्र ही आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है.
0024. अमावस्या - के तुरंत बाद प्रथम मंगलवार को 400 ग्राम दूध से चावल धोकर बहती नदी अथवा झरने में प्रवाहित करें. यह उपाय लगातार सात मंगलवार करें, दुर्घटना होना बंद हो जाएगा.
0025. अमावस्या - के दिन अपने घर के दरवाजे के ऊपर काले घोड़े की नाल को स्थापित करें. ध्यान रहे कि उसका मुंह ऊपर की ओर खुला रखें. लेकिन दुकान या अपने आफिस के द्वार पर लगाना हो तो उसका खुला मुंह नीचे की ओर रखें. इससे नज़र नहीं लगती है और घर में स्थाई सुख समृद्धि का निवास होता है.
0026. अमावस्या - के दिन एक कागजी नींबू लेंकर शाम के समय उसके चार टुकड़े करके किसी भी चौराहे पर चुपचाप चारों दिशाओं में फेंक दें. इस उपाय से जल्दी ही बेरोजगारी की समस्या दूर हो जाती है.
0027. अमावस्या - के दिन एक ब्राह्मण को भोजन अवश्य ही कराएं. इससे आपके पितर सदैव प्रसन्न रहेंगे, आपके कार्यों में अड़चने नहीं आएँगी, घर में धन की कोई भी कमी नहीं रहेंगी और आपका घर, परिवार को टोने-टोटको के अशुभ प्रभाव से भी बचा रहेगा.
0028. अमावस्या - के दिन काले कुत्ते को कड़वा तेल लगाकर रोटी खिलाएं. इससे ना केवल दुश्मन शांत होते है वरन आकस्मिक विपदाओं से भी रक्षा होती है.
0029. अमावस्या - के दिन किसी सरोवर पर गेहूं के आटे की गोलियां ले जाकर मछलियों को डालें. इस उपाय से पितरों के साथ ही देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है, धन सम्बन्धी सभी समस्याओं का निराकरण होता है.
0030. अमावस्या - के दिन क्रोध, हिंसा, अनैतिक कार्य, माँस, मदिरा का सेवन एवं स्त्री से शारीरिक सम्बन्ध, मैथुन कार्य आदि का निषेध बताया गया है, जीवन में स्थाई सफलता हेतु इस दिन इन सभी कार्यों से दूर रहना चाहिए
0031. अमावस्या - के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त होकर पवित्र होकर जो व्यक्ति रोगी है उसके कपड़े से धागा निकालकर रूई के साथ मिलाकर उसकी बत्ती बनाएं. फिर एक मिट्टी का दीपक लेंकर उसमें घी भरकर, रूई और धागे की बत्ती लगाकर यह दीपक हनुमानजी के मंदिर में जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें. इस उपाय से रोगी की तबियत जल्दी ही सुधरने लगती. यह उपाय उसके बाद कम से कम 7 मंगलवार और शनिवार को भी नियमित रूप से करना चाहिए.
0032. अमावस्या - को गहरे गड्ढे या कुएं में एक चम्मच दूध डालें इससे कार्यों में बाधाओं का निवारण होता है. इसके अतिरिक्त अमावस्या को आजीवन जौ दूध में धोकर बहाएं, आपका भाग्य सदैव आपका साथ देगा.
0033. अमावस्या - को गाय को पांच फल भी नियमपूर्वक खिलाने चाहिए, इससे भी घर में शुभता एवं हर्ष का वातावरण बना रहता है
0034. अमावस्या - को पितृ अपने घर पर आते है अतः इस दिन हर व्यक्ति को यथाशक्ति उनके नाम से दान करना चाहिए. इस दिन बबूल के पेड़ पर संध्या के समय पितरों के निमित्त भोजन रखने से भी पित्तर प्रसन्न होते है.
0035. अमावस्या - को पीपल के पेड़ के नीचे कड़वे तेल का दिया जलाने से भी पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं.
0036. अमावस्या - ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या तिथि के दिन वटवृक्ष की पूजा का विधान है. शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन वटवृक्ष की पूजा से सौभाग्य एवं स्थायी धन और सुख-शांति की प्राप्ति होती है.
0037. अमावस्या - धन लाभ के लिए इस दिन पीली त्रिकोण आकृति की पताका विष्णु मन्दिर में ऊँचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएँ कि वह लगातार लहराती रहे, आपका भाग्य शीघ्र ही चमक उठेगा. झंडा लगातार वहाँ लगा रहना अनिवार्य है. लगातार स्थाई लाभ हेतु यह ध्यान रहे की झंडा वहाँ लगा रहना चाहिए. उसे आप समय समय पर स्वयं बदल भी सकते है.
0038. अमावस्या - पर तुलसी के पत्ते या बिल्व पत्र बिलकुल भी नहीं तोडऩा चाहिए. अमावस्या पर देवी-देवताओं को तुलसी के पत्ते और शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाने के लिए उन्हें एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें.
0039. अमावस्या - पर पितरों का तर्पण अवश्य ही करना चाहिए. तर्पण करते समय एक पीतल के बर्तन में जल में गंगाजल , कच्चा दूध, तिल, जौ, तुलसी के पत्ते, दूब, शहद और सफेद फूल आदि डाल कर पितरों का तर्पण करना चाहिए. तर्पण, में तिल और कुशा सहित जल हाथ में लेकर दक्षिण दिशा की तरफ मुँह करके तीन बार तपरान्तयामि, तपरान्तयामि, तपरान्तयामि कहकर पितृ तीर्थ यानी अंगूठे की ओर जलांजलि देते हुए जल को धरती में किसी बर्तन में छोड़ने से पितरों को तृप्ति मिलती है. ध्यान रहे तर्पण का जल तर्पण के बाद किसी वृक्ष की जड़ में चड़ा देना चाहिए वह जल इधर उधर बहाना नहीं चाहिए.
0040. अमावस्या - पर पितरों की तृप्ति के लिए विशेष पूजन करना चाहिए. यदि आपके पितृ देवता प्रसन्न होंगे तभी आपको अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त हो सकती है. पितरों की कृपा के बिना कठिन परिश्रम के बाद भी जीवन में अस्थिरता रहती है, मेहनत के उचित फल प्राप्त नहीं होती है.
0041. अमावस्या - पितरों को खीर बहुत पसंद होती है इसलिए प्रत्येक माह की अमावस्या को खीर बनाकर ब्राह्मण को भोजन के साथ खिलाने पर महान पुण्य की प्राप्ति होती है, जीवन से अस्थिरताएँ दूर होती है.
0042. अमावस्या - यदि कोई व्यक्ति अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर जल में दूध , गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल मिलाकर सींचते हुए पुष्प, जनेऊ अर्पित करते हुये “ऊँ ऊँ नमो भगवते वासुदेवाएं नमः” मंत्र का जाप करते हुये 7 बार परिक्रमा करें तत्पश्चात् "ऊँ ॐ पितृभ्यः नमः " मंत्र का जप करते हुए अपने अपराधों एवं त्रुटियों के लिये क्षमा मांगे तो पितृ दोष से उत्पन्न समस्त समस्याओं का निवारण हो जाता है. और अगर सोमवती अमावस्या हो तो पीपल की 108 बार परिक्रमा करने से विशेष लाभ मिलता है.
0043. अमावस्या - वैसे तो सभी अमावस्या का महत्व है लेकिन सोमवार एवं शनिवार को पड़ने वाली अमावास्या विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है. इसके अतिरिक्त मौनी अमावस्या और सर्वपितृ दोष अमावस्या अति महत्वपूर्ण मानी गयी है.
0044. अमावस्या - हर अमावस्या को घर के कोने कोने को अच्छी तरह से साफ करें, सभी प्रकार का कबाड़ निकाल कर बेच दें. इस दिन सुबह शाम घर के मंदिर और तुलसी पर दिया अवश्य ही जलाएं इससे घर से कलह और दरिद्रता दूर रहती है.
0045. आसन - बल, शक्ति आदि प्रयोगों के लिए लाल रंग का आसन का प्रयोग करें.
0046. आसन - लक्ष्मी संबंधी प्रयोग में आप पीले वस्त्रों का ही प्रयोग करें. यदि पीले वस्त्र न हों तो मात्र धोती पहन लें एवं उपर शाल लपेट लें. आप चाहे तो धोती को केशर के पानी में भिगोंकर पीला भी रंग सकते हैं.
0047. आसन - लक्ष्मी, ऐश्वर्य, धन संबंधी प्रयोगों के लिए पीले रंग के आसन का प्रयोग करें.
0048. आसन - वशीकरहण, उच्चाटन आदि प्रयोगों के लिए काले रंग के आसन का प्रयोग करें.
0049. आसन - सात्विक साधनाओं, प्रयोगां के लिए कुशा के बने आसन का प्रयोग करें.
0050. उल्लू - (सफेद) का दिखाई देना शुभ माना जाता है.
0051. उल्लू - की आवाज सुनने को अशुभ माना जाता है.
0052. उल्लू - मेहमान के पीछे की तरफ यदि उल्लू दिखाई दे तो काम में सफलता मिलने के योग बढ़ जाते हैं.
0053. उल्लू - यदि उल्लू रात में यात्रा कर रहे व्यक्ति को होम-होम की आवाज करता मिले तो शुभ फल मिलता है, क्योंकि इसी प्रकार की ध्वनि यदि वह फिर करता है तो उसकी इच्छा रमण करने की होती है.
0054. उल्लू - यदि किसी के दरवाजे पर उल्लू तीन दिन तक लगातार रोता है, तो उसके घर में चोरी अथवा डकैती होने की संभावना अधिक रहती है. अथवा उसे किसी न किसी रूप में धन की हानि अवश्य होती है.
0055. उल्लू - यदि किसी घर की छत पर बैठ कर उल्लू बोलता है तो उस घर के स्वामी अथवा परिवार के ऊपर संकट का समय है.
0056. उल्लू - यदि कोई उल्लू किसी के घर पर बैठना प्रारंभ कर दे, तो वह घर शीघ्र ही उजड़ सकता है और उस घर के मालिक पर कोई विपत्ति आने की संभावना बढ़ जाती है.
0057. उल्लू - शकुन शास्त्र के अनुसार उल्लू का बांई ओर बोलना और दिखाई देना शुभ रहता है. दाहिने देखना और बोलना अशुभ होता है.
0058. कपूर - अति सुगंधित पदार्थ होता है तथा इसके दहन से वातावरण सुगंधित हो जाता है. कपूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है. प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कपूर जरूर जलाएं.
0059. कपूर - का वास्तुदोष को मिटाने के लिए बहुत महत्व है. यदि सीढ़ियां, टॉयलेट या द्वार किसी गलत दिशा में निर्मित हो गए हैं, तो सभी जगह 1-1 कपूर की बट्टी रख दें. वहां रखा कपूर चमत्कारिक रूप से वास्तुदोष को दूर कर देगा. रात्रि में सोने से पहले पीतल के बर्तन में घी में भीगा हुआ कपूर जला दें. इससे तनावमुक्ति होगी और गहरी नींद आएगी.
0060. काम - अनेक स्त्रियों के साथ रहना भी काम वासना से जुड़ी एक बुरी आदत है. इसके कारण शरीर, यश, कीर्ति आदि सभी नष्ट हो जाता है. व्यक्ति को परिवार व समाज में भी बुरी नजर से देखा जाता है.
0061. काम - जुआ खेलने से एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संपूर्ण परिवार नष्ट हो सकता है. यह एक सामाजिक बुराई है. अतः इससे बचकर रहने में ही भलाई है.
0062. काम - जो लोग काम वासना से ग्रसित होते हैं, शिकार खेलना उनकी एक बुरी आदत होती है. इसके कारण कई बार मनुष्य को अनेक कष्ट उठाने पड़ सकते हैं.
0063. काम - परनिंदा यानी दूसरों की बुराई करना. कुछ लोगों की आदत होती है कि वे हमेशा दूसरों लोगों की बुराई करते रहते हैं. ऐसे लोग यदि आपके सामने दूसरों की बुराई करते हैं तो यह समझना चाहिए कि दूसरों के सामने वह आपकी भी बुराई अवश्य करते होंगे.
0064. काम - पारिवारिक जिम्मेदारी छोड़कर श्रृंगार रस की कविताएं लिखना व गाना भी काम से जुड़ी बुरी आदत मानी गई है (पुराने समय में), लेकिन वर्तमान समय में इसे बुरा नहीं माना जाता.
0065. काम - बिना किसी काम के दिन-भर इधर-उधर भटकते रहना भी एक बुरी आदत है. ऐसे लोग न तो परिवार के काम आते हैं और न ही समाज के. इनके जीवन का कोई लक्ष्य भी निर्धारित नहीं होता.
0066. काम - बिना किसी विशेष उद्देश्य के वाद्य यंत्र बजाना भी काम से जुड़ी बुरी आदत है. (अकेले में प्रेक्टिस अलग बात है)
0067. काम - बेमतलब नाचना भी काम वासना से जुड़ी एक बुरी आदत है. जो मनुष्य इस आदत का शिकार होता है, उसे समाज में अच्छा नहीं माना जाता. ऐसे लोगों को समाज से दूर ही रखा जाता है. (अकेले में प्रेक्टिस अलग बात है)
0068. काम - वासना से ग्रसित लोग दिन में सोते हुए कुछ भी सोचा करते हैं. इनकी कल्पनाएं भी वासना से लिप्त रहती हैं व स्वयं के हित से जुड़ी होती हैं. ऐसे लोग जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पाते. इसलिए इस बुरी आदत से बचना चाहिए.
0069. काम - शराब पीने से व्यक्ति दुःसाहसी हो जाता है. उसे अपने-पराए, भले-बुरे का भान नहीं रहता. ऐसी अवस्था में वह कुछ ऐसे काम भी कर जाता है जिससे परिवार व समाज में उसे अपयश मिलता है. कई बार उसका परिवार भी नष्ट हो जाता है.
0070. काली मिर्च - काली मिर्च के 7-8 दाने लेकर उसे घर के किसी कोने में दिए में रखकर जला दें. इसके अलावा आप यह भी कर सकते हैं कि 5 ग्राम हींग और 5 ग्राम कपूर के साथ 5 ग्राम काली मिर्च को मिलाकर मिश्रण बना लें. फिर इसकी राई के बराबर गोलियां बना लें. जितनी भी गोलियां बनी हो उसको दो भागों में बराबर बांट लें और फिर इसे सुबह और शाम को चलाएं. यह प्रयोग तीन दिन तक करेंगे तो घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएगी. इस उपाय से यदि किसी की बुरी नजर के कारण आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है तो वह दोष भी दूर हो जाता है. इन गोलियां का सेवन करने से उल्टी एवं दस्त भी बंद हो जाते हैं.
0071. काली मिर्च - किसी भी शुभ दिवस पर मिटटी का एक नया कुल्हड़ लाएँ तथा उसमे एक लाल वस्त्र,सात काली मिर्च एवं सात ही नमक की साबुत कंकड़ी रख दें, हांडी का मुख लाल कपडे से बंद कर दें एवँ कुल्हड़ के बाहर कुमकुम की सात बिंदियाँ लगा दे फिर उसे सामने रख कर निम्न मंत्र की ५ माला जप करेँ. मन्त्र जप के पश्चात हांडी को चौराहे पर रखवा देँ. यह बहुत ही असरदायक प्रयोग है.
0072. काली मिर्च - दीपावली के दिन काली मिर्च के दाने ‘ऊं ऊं क्लीं’ बीज मंत्र का जप करते हुए परिवार के सदस्यों के सिर पर घुमाकर दक्षिण दिशा में घर से बाहर फेंक दें, शत्रु शांत हो जाएंगे.
0073. काली मिर्च - प्रातः काल बीज मंत्र झ्क्लींश् का उच्चारण करते हुए काली मिर्च के नौ दाने सिर पर से घुमाकर दक्षिण दिशा की ओर फेंक दें, ऊपरी बला दूर हो जाएगी.
0074. काली मिर्च - भोजन करते समय आपको दाल या सब्जी आदि में नमक कम लगे तो उपर से नमक न डालें (सफेद नमक तो बिल्कुल भी नही) ऐसे में काला नमक तथा मिर्च कम होने पर काली मिर्च का प्रयोग करें. यदि आप ऐसे नहीं करेंगे तो इससे शनि का दुष्प्रभाव शुरू हो जाएगा.
0075. काली मिर्च - यदि आप किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए जा रहे हैं तो घर से बाहर निकलने से पहले मुख्य दरवाजे पर काली मिर्च रखें और उसी काली मिर्च पर पैर रखकर घर से बाहर अपने कदम बढ़ाएं. आप जिस काम के लिए जा रहे हैं उसमें सफलता मिलेगी.
0076. काली मिर्च - यदि आप मालामाल होना चाहते हैं तो काली मिर्च के 5 दाने लें और उन्हें अपने सिर पर से 7 बार वार लें. इसके बाद किसी चौराहे या किसी सुनसान स्थान पर खड़े होकर चारों दिशाओं में 4 दाने फेंक दें. इसके बाद 5वें दाने को ऊपर आसमान की ओर फेंक दें. इसके बाद चौराहे से पुन: लौटते वक्त पीछे पलटकर न देंगे.
0077. काली मिर्च - शनि देव मान जाते हैं अगर आप काले कपड़े में काली मिर्च और पैसे बांधकर दान करें.
0078. काले तिल - का दान करें. इससे राहु-केतु और शनि के बुरे प्रभाव समाप्त हो जाते हैं. कालसर्प योग, साढ़ेसाती, ढय्या, पितृ दोष आदि में भी यह उपाय किया जा सकता है.
0079. काले तिल - कुंडली में शनि के दोष हों या शनि की साढ़ेसाती या ढय्या चल रही हो तो किसी पवित्र नदी में हर शनिवार काले तिल प्रवाहित करना चाहिए. इस उपाय से शनि के दोषों की शांति होती है.
0080. काले तिल - दूध में काले तिल मिलाकर पीपल पर चढ़ाएं. इससे बुरा समय दूर हो सकता है. यह उपाय हर शनिवार को करना चाहिए.
0081. काले तिल - परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उसार कर घर के उत्तर दिशा में फेंक दें, धनहानि बंद होगी.
0082. काले तिल - हर रोज एक लोटे में शुद्ध जल भरें और उसमें काले तिल डाल दें. अब इस जल को शिवलिंग पर ऊँ नम: शिवाय मंत्र जप करते हुए चढ़ाएं. जल पतली धार से चढ़ाएं और मंत्र का जप करते रहें. जल चढ़ाने के बाद फूल और बिल्व पत्र चढ़ाएं. इस उपाय से शुभ फल प्राप्त होने की संभावनाएं बढ़ती हैं.
0083. काले तिल - हर रोज शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करें. इससे शनि के दोष शांत होते हैं. पुराने समय से चली आ रही बीमारियां भी दूर हो सकती हैं.
0084. काले तिल - हर शनिवार काले तिल, काली उड़द को काले कपड़े में बांधकर किसी गरीब व्यक्ति को दान करें. इस उपाय से पैसों से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं.
0085. कुत्ता - किसी किसान को हल ले जाते हुए रास्ते में कुत्ता बांई और मिल जाए और फिर घर आते समय दाहिनी ओर मिले तो उसकी उपज अच्छी होती है.
0086. कुत्ता - कुत्ता यदि अपनी जीभ से अपने दाहिने अंग को चाटता है अथवा खुजलाता है तो ये कार्य सिद्धि की सूचना है या जीभ से पेट को छूता हुआ दिखाई दे तो लाभ होता है.
0087. कुत्ता - जिसके घर में कोई कुत्ता बहुत देर तक आकाश, गोबर, मांस, विष्ठा देखता है तो उस मनुष्य को सुंदर स्त्री की प्राप्ति और धन का लाभ होने के योग बनते हैं.
0088. कुत्ता - भोजन करते समय यदि कोई कुत्ता आपके सामने आकर अपनी पूंछ उठाकर सिर को हिलाता है तो वह भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि वह भोजन करने से रोगी होने की संभावना रहती है.
0089. कुत्ता - यदि किसी जुआरी को जुआ खेलते जाते समय दाईं ओर कुत्ता मैथुन करता मिले तो उसे जुएं में अत्यधिक लाभ होने की संभावना रहती है.
0090. कुत्ता - यदि किसी यात्री को देखकर कुत्ता भय से या क्रोध से गुर्राता है अथवा बिना किसी कारण से इधर-उधर चक्कर काटे तो उस यात्रा करने वाले को धन की हानि हो सकती है.
0091. कुत्ता - यदि किसी रोगी के सामने कुत्ता अपनी पूंछ या ह्रदय स्थल बार-बार चाटे तो शकुन शास्त्र के अनुसार बहुत ही जल्दी उस रोगी की मृत्यु होने की संभावना रहती है.
0092. कुत्ता - यदि किसी व्यक्ति की चारपाई के नीचे घुसकर कुत्ता भौंकता है तो उस चारपाई पर सोने वाले को रोग और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
0093. कुत्ता - यदि किसी स्थान पर बहुत से कुत्ते एकत्रित होकर भौंके तो वहां रहने वाले लोगों पर कोई बड़ी विपत्ति आती है या फिर वहां के लोगों में भयंकर लड़ाई-झगड़ा होता है.
0094. कुत्ता - यदि कुत्ता पेड़ के नीचे खड़ा होकर भौंकता है तो ये वर्षाकाल में अच्छी वर्षा का संकेत होता है.
0095. कुत्ता - यदि कुत्ता बाएं घुटने को सूंघते हुए दिखे तो धन प्राप्ति हो सकती है तथा दाहिने घुटने को सूंघता दिखे तो पत्नी से झगड़ा हो सकता है. बांई जांघ को सूंघे तो स्त्री से समागम और दाईं जांघ को सूंघे तो मित्र से वैर होने की संभावना रहती है.
0096. कुत्ता - यदि यात्रा करते समय किसी व्यक्ति को कुत्ता अपने मुख में रोटी, पूड़ी या अन्य कोई खाद्य पदार्थ लाता दिखे तो उस व्यक्ति को धन लाभ होने की संभावना बनती है.
0097. कुत्ता - यात्रा के लिए जाते हुए यदि कोई कुत्ता बांई ओर संग-संग चले तो सुंदर स्त्री और धन की प्राप्ति हो सकती है. यदि दाहिनी ओर चले तो चोरी या और किसी प्रकार से धन हानि की सूचना देता है.
0098. कुत्ता - यात्रा पर जाते समय कुत्ता जूते लेकर भाग जाए या किसी ओर के जूते लेकर सामने आ जाए तो निश्चित रूप से उस व्यक्ति के धन को चोर चुरा लेते हैं.
0099. कुत्ता - शकुन शास्त्र के अनुसार कुत्ता यदि अचानक धरती पर अपना सिर रगड़े और यह क्रिया बार-बार करें तो उस स्थान पर गड़ा धन होने की संभावना होती है.
0100. कौआ - किसी के घर पर कौओं का झुंड आकर चिल्लाए तो भवन मालिक पर कई संकट एक साथ आ सकते हैं.
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