ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं. इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए. उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका ना हो , इसका ख़याल रखे.
1201. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - अपने ललाट पर प्रतिदिन दूध अथवा दही का तिलक लगाए.
1202. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - अपने हाथ में घोड़े की नाल का शनि छल्ला धारण करें.
1203. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - आपके घर का मुख्य दरवाजा यदि दक्षिण दिशा की ओर हो तो उसे बंद करवा दे.
1204. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - एक बोतल शराब शनिवार के दिन बहती नदी में प्रवाहित करें.
1205. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - कच्चा दूध शनिवार दिन कुएं में डालें.
1206. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - कौवों को दना खिलाएँ.
1207. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - गले में शनि यंत्र धारण करें.
1208. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - चार नारियल बहते पानी में प्रवाहित करें. ध्यान रहे, गंदे नाले मे नहीं करें.
1209. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - जब भी आपको समय मिले शनि दोष निवारण मंत्र का जाप करे.
1210. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - तांबे के बने हुए चार साँप शनिवार के दिन नदी में प्रवाहित करे.
1211. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - दो रंग वाली गाय / भैस कभी भी न पालें.
1212. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - पराई स्त्री से अवैध संबंध कदापि न बनाएँ.
1213. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - पीले रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें.
1214. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - पीले लड्डू गुरुवार के दिन बाँटे.
1215. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - पुत्र के जन्मदिन पर नमकीन वस्तुएं बांटनी चाहिए, मिठाई आदि नहीं.
1216. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - भगवान शनिदेव या हनुमान जी के मंदिर में जाकर यह प्रथना करें की प्रभु. हमसे जो पाप हुए हैं, उनके लिए हमे क्षमा करो, हमारा कल्याण करो.
1217. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - मकान के आखिर में एक अंधेरा कमरा बनवाएँ.
1218. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - मिट्टी के पात्र में शहद भरकर खेत में मिट्टी के नीचे दबाएँ. खेत की जगह बगीचे में भी दबा सकते हैं.
1219. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - रोज शनि चालीसा पढ़ें तथा दूसरों को भी शनि चालीसा भेंट करें.
1220. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - रोज शनिवार को कडवे तेल का दान करें.
1221. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - शनिवार के दिन अपने भार के दसवें हिस्से के बराबर वजन करके, बादाम नदी में प्रवाहित करने का कार्य करें.
1222. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - शनिवार के दिन आठ किलो उड़द बहती नदी में प्रवाहित करें. उड़द काले कपड़े में बांध कर ले जाएँ और बंधन खोल कर ही प्रबहित करें.
1223. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - शनिवार के दिन किसी तालाब, नदी में मछलियों को आटा डाले.
1224. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - शनिवार के दिन न तो तेल लगाए और न ही तेल खाए.
1225. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - शनिवार केदिन न तो तेल लगाए और न ही तेल खाए.
1226. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - शराब का त्याग करें और मांसाहार भी न करे.
1227. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - सवा सेर (1॰25 सेर) गुलगुले बाजार से खरीदें. उनको रोगी पर से 7 बार वार कर चीलों को खिलाएं. अगर चीलें सारे गुलगुले, या आधे से ज्यादा खा लें तो रोगी ठीक हो जायेगा. यह कार्य शनि या मंगलवार को ही शाम को 4 और 6 के मध्य में करें. गुलगुले ले जाने वाले व्यक्ति को कोई टोके नहीं और न ही वह पीछे मुड़ कर देखे.
1228. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - साबुत मूंग मिट्टी के बर्तन में भरकर नदी में प्रवाहित करें.
1229. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - साव 6 रत्ती का पुखराज गुरुवार को धारण करें.
1230. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - सुबह सुबह पीपल पर जल चढ़ाएं और 7 परिक्रमा करें. शाम को पीपल के नीचे दीपक भी जलाना चाहिए.
1231. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - सूर्योदय से पूर्व शराब और कड़वा तेल मुख्य दरवाजे के पास भूमि पर गिराएँ.
1232. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - सोमवार के दिन चावल का दान करना आपके लिए उत्तम हैं.
1233. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमित रूप से खिलाएँ.
1234. शनिवार को शनिदेव का स्मरण करने से सभी दोष दूर हो जाते हैं. 1. कोणस्थ, 2. पिंगल, 3. बभ्रु, 4. कृष्ण, 5. रौद्रान्तक, 6. यम, 7. सौरि, 8. शनैश्चर, 9. मंद व 10. पिप्पलाद.
1235. शनिवार की अमावस्या को पीपल वृक्ष की पूजा और 7 परिक्रमा करके काले तिल से युक्त सरसों के तेल के दीपक को जलाकर छायादान करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है.
1236. शनिवार के एक दिन पहले यानी शुक्रवार को सवा-सवा किलो काले चने अलग-अलग तीन बर्तनों में भिगो दें. अगले दिन नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर शनिदेव का पूजन करें और चनों को सरसो के तेल में छौंक कर इनका भोग शनिदेव को लगाएं और अपनी समस्याओं के निवारण के लिए प्रार्थना करें. इसके बाद पहला सवा किलो चना भैंसे को खिला दें. दूसरा सवा किलो चना कुष्ट रोगियों में बांट दें और तीसरा सवा किलो चना मछलियों की खिला दें. इस उपाय से शनिदेव के प्रकोप में कमी होती है.
1237. शनिवार के दिन दोपहर को 2॰25 kg बाजरे का दलिया पकाएं और उसमें थोड़ा सा गुड़ मिला कर एक मिट्टी की हांडी में रखें. सूर्यास्त के समय उस हांडी को रोगी के शरीर पर बायें से दांये 7 बार फिराएं और चौराहे पर मौन रह कर रख आएं. आते-जाते समय पीछे मुड़ कर न देखें और न ही किसी से बातें करें.
1238. शनिवार को इसे धारण करें. काले घोड़े की नाल या समुद्री नाव की कील से लोहे की अंगूठी बनवाएं. उसे तिल के तेल में रखें तथा उस पर शनि मंत्र का 23000 जाप करें. यह अंगूठी मध्यमा (शनि की उंगली) में ही पहनें.
1239. शनिवार को एक कांसे की कटोरी में तिल का तेल भर कर उसमें अपना चेहरा देख कर डाकोत ( शनि का दान लेने वाला) को दान कर दें. साथ ही एक काले कपड़े में काले उड़द, सवा किलो अनाज, दो लड्डू, फल, काला कोयला और लोहे की कील रख कर उसे भी डाकोत को दे दें. साथ ही कुछ दक्षिणा भी दें. ये उपाय अन्य किसी शनिवार को भी कर सकते हैं.
1240. शनिवार को कुष्ठ रोगियों को भोजन कराएं. साथ ही जरूरी चीजों का दान करें जैसे- जूते, चप्पल, छतरी, कपड़े, पलंग आदि. दान के साथ कुछ दक्षिणा (रुपए) भी अवश्य दें.
1241. शनिवार को खाने में किसी भी रूप में काला चना अवश्य ले लिया करें, कमाई बड़ेगी.
1242. शनिवार को पीपल के वृक्ष की पूजा विधि-विधान से करें. भागवत के अनुसार पीपल, भगवान श्रीकृष्ण का ही रूप है. नहाने के बाद साफ व सफेद कपड़े पहनें. पीपल की जड़ में केसर चंदन, चावल, फूल मिला पवित्र जल अर्पित करें. तिल के तेल का दीपक जलाएं. मंत्र:पड़ें - आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्. देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:. . विश्वाय विश्वेश्वराय विश्वसम्भवाय विश्वपतये गोविन्दाय नमो नम:. मंत्र जाप के साथ पीपल की परिक्रमा करें. धूप, दीपक जलाकर आरती करें. पीपल को चढ़ाया हुआ थोड़ा-सा जल घर में लाकर भी छिड़कें.
1243. शनिवार को शनिदेव का पूजन करें. गुम हुई वस्तु मिल जाएगी. धन संबंधी समस्या भी दूर हो जाएगी.
1244. शनिवार को श्रद्धापूर्वक शनि यंत्र की प्रतिष्ठा करके प्रतिदिन इस यंत्र के सामने सरसो के तेल का दीपक जलाएं. नीला या काला फूल चढ़ाएं, ऐसा करने से लाभ होगा. साथ ही इस यंत्र के सामने बैठकर प्रतिदिन शनि स्त्रोत या ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप भी करें. कर्ज, मुकद्दमा, हानि, पैर आदि की हड्डी तथा सभी प्रकार के रोग से परेशान लोगों के लिए शनि यंत्र की पूजा बहुत फायदेमंद होती है.
1245. शनिवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद कुश (एक प्रकार की घास) के आसन पर बैठ जाएं. सामने शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें व पंचोपचार से विधिवत पूजन करें. इसके बाद रूद्राक्ष की माला से नीचे लिखे मंत्र की कम से कम पांच माला जाप करें तथा शनिदेव से सुख-संपत्ति के लिए प्रार्थना करें. - a -ऊं शं नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शं योरभिस्त्रवन्तु न:. - b- ऊं ऐं ह्रीं श्रीशनैश्चराय नम:. यदि प्रत्येक शनिवार को इस मंत्र का इसी विधि से जप करेंगे तो शीघ्र लाभ होगा.
1246. शनिवार को सुबह स्नान आदि करने के बाद शनिदेव का विधि-विधान से पूजन करें. इसके बाद सरसो के तेल से अभिषेक करें. तेल में काले तिल भी डालें. इसके बाद शनिदेव के 108 नामों का स्मरण करें. इस प्रकार शनिदेव का पूजन करने से भक्त के संकट टल जाते हैं और मनोकामना पूरी होने के योग बनते हैं.
1247. शनिवार को हनुमानजी का पूजन करें. चमेली के तेल से सिंदूर का चोला चढ़ाएं. गुलाब के फूल अर्पित करें. चूरमे का भोग लगाएं व केवड़े का इत्र हनुमान के दोनों कंधों पर छिड़कें. इसके बाद हनुमानजी से सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें. ये उपाय आप किसी अन्य शनिवार को भी कर सकते हैं.
1248. शिवलिंग पर कनेर के फूलों से पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं.
1249. शिवलिंग पर चंदन चढ़ाने से हमारा व्यक्तित्व आकर्षक होता है. समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है.
1250. शिवलिंग पर हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है.
1251. शिवलिंग पर अलसी के फूलों से पूजन करने पर मनुष्य के दुख दूर होते हैं
1252. शिवलिंग पर इस मंत्र का जप करें "मन्दारमालांकलितालकायै कपालमालांकितशेखराय. दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय. . "
1253. शिवलिंग पर ईत्र से स्नान करवाने से विचार पवित्र होते हैं.
1254. शिवलिंग पर केशर अर्पित करने से हमें सौम्यता प्राप्त होती है.
1255. शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है.
1256. शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है.
1257. शिवलिंग पर गाय के शुद्ध घी से अभिषेक करने से शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति की कमजोरी दूर हो सकती है.
1258. शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है.
1259. शिवलिंग पर घी अर्पित करने से हमारी शक्ति बढ़ती है.
1260. शिवलिंग पर चढ़ाएं ये 10 चीजें - जल, शक्कर, ईत्र, चंदन, केशर, भांग, दूध, दही, शहद, घी. इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर या एक-एक चीज से शिवजी को स्नान करवा सकते हैं. शिवपुराण में बताया गया है कि इन चीजों से शिवलिंग को स्नान कराने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं. स्नान करवाते समय " ऊँ ऊँ नम: शिवाय ऊँ " मंत्र का जप करना चाहिए.
1261. शिवलिंग पर चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है.
1262. शिवलिंग पर जल चढ़ाने से बुखार में शीघ्र लाभ मिलता है.
1263. शिवलिंग पर जूही के फूल से पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती.
1264. शिवलिंग पर जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है.
1265. शिवलिंग पर तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है.
1266. शिवलिंग पर दही चढ़ाने से हमारा स्वभाव गंभीर होता है.
1267. शिवलिंग पर दूध अर्पित करने से उत्तम स्वास्थ्य मिलता है.
1268. शिवलिंग पर दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है.
1269. शिवलिंग पर धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है.
1270. शिवलिंग पर प्रतिदिन सुबह जल, दूध, चावल आदि पूजन सामग्री अर्पित करना चाहिए. शिवजी के पूजन से श्रद्धालुओं की धन संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं.
1271. शिवलिंग पर बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है.
1272. शिवलिंग पर भांग चढ़ाने से हमारे विकार और बुराइयां दूर होती हैं.
1273. शिवलिंग पर मंत्रों का उच्चारण करते हुए जल चढ़ाने से हमारा स्वभाव शांत होता है. आचरण स्नेहमय होता है.
1274. शिवलिंग पर लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है.
1275. शिवलिंग पर लाल व सफेद आंकड़े के फूल से पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है.
1276. शिवलिंग पर शक्कर चढ़ाने से सुख और समृद्धि बढ़ती है.
1277. शिवलिंग पर शक्कर मिला दूध चढ़ाने से तेज दिमाग होता हैं
1278. शिवलिंग पर शमी वृक्ष के पत्तों से पूजन करने पर भी मोक्ष प्राप्त होता है.
1279. शिवलिंग पर शहद चढ़ाने से हमारी वाणी में मिठास आती है.
1280. शिवलिंग पर शहद से अभिषेक करने से टीबी रोग में आराम मिलता है.
1281. शिवलिंग पर सावन में रोज केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं. इससे जल्दी ही आपके विवाह के योग बन सकते हैं.
1282. शिवलिंग पर सावन में रोज 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से " ऊं ऊं नम: शिवाय ऊं " लिखकर चढ़ाएं. इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं.
1283. श्लोक - 0 - विष्णुरेकादशी गीता तुलसी विप्रधेनव:. असारे दुर्गसंसारे षट्पदी मुक्तिदायिनी. .
1284. श्लोक - 1 - भगवान विष्णु की पूजा करना. भगवान विष्णु परमात्मा के तीन स्वरूपों में से एक जगत के पालक माने गए हैं. श्रीहरि ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और शांति के स्वामी भी हैं. विष्णु अवतारों की पूजा करने पर धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष, सब कुछ प्राप्त हो सकता है.
1285. श्लोक - 2 - एकादशी व्रत. ये व्रत भगवान विष्णु को ही समर्पित है. हिन्दी पंचांग के अनुसार हर माह में 2 एकादशियां आती है. एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में. दोनों ही पक्षों की एकादशी पर व्रत करने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है. आज भी जो लोग सही विधि और नियमों का पालन करते हुए एकादशी व्रत करते हैं, उनके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
1286. श्लोक - 3 - मान्यता है कि श्रीमद् भागवत गीता भगवान श्रीकृष्ण का ही साक्षात् ज्ञानस्वरूप है. जो लोग नियमित रूप से गीता का या गीता के श्लोकों का पाठ करते हैं, वे भगवान की कृपा प्राप्त करते हैं. गीता पाठ के साथ ही इस ग्रंथ में दी गई शिक्षाओं का पालन भी दैनिक जीवन में करना चाहिए. जो भी शुभ काम करें, भगवान का ध्यान करते हुए करें, सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी.
1287. श्लोक - 4 - घर में तुलसी होना शुभ और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, ये बात विज्ञान भी मान चुका है. तुलसी की महक से वातावरण के सूक्ष्म हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाते हैं. घर के आसपास की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. साथ ही, तुलसी की देखभाल करने और पूजन करने से देवी लक्ष्मी सहित सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है.
1288. श्लोक - 5 - पुरानी मान्यताओं के अनुसार ब्राह्मण सदैव आदरणीय माने गए हैं. जो लोग इनका अपमान करते हैं, वे जीवन में दुख प्राप्त करते हैं. ब्राह्मण ही भगवान और भक्त के बीच की अहम कड़ी है. ब्राह्मण ही सही विधि से पूजन आदि कर्म करवाते हैं. शास्त्रों का ज्ञान प्रसारित करते हैं. दुखों को दूर करने और सुखी जीवन प्राप्त करने के उपाय बताते हैं. अत: ब्राह्मणों का सदैव सम्मान करना चाहिए.
1289. श्लोक - 6 - इस श्लोक में गौ यानी गाय का भी महत्व बताया गया है. जिन घरों में गाय होती है, वहां सभी देवी-देवता वास करते हैं. गाय से प्राप्त होने वाले दूध, मूत्र और गोबर पवित्र और स्वास्थ्यवर्धक हैं. ये बात विज्ञान भी स्वीकार कर चुका है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से केंसर जैसी गंभीर बीमारी में भी राहत मिल सकती है. यदि गाय का पालन नहीं कर सकते हैं तो किसी गौशाला में अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार धन का दान किया जा सकता है.
1290. सकारात्मक ऊर्जा - 2-3 दिन में कम से कम एक बार पूरा बाथरूम अच्छी तरह साफ करना चाहिए. बाथरूम यदि एकदम साफ रहेगा तो इसका शुभ असर आपकी आर्थिक स्थिति पर भी पड़ेगा. साफ-सफाई वाले घरों में देवी-देवताओं की विशेष कृपा रहती है.
1291. सकारात्मक ऊर्जा - अनार के वृक्ष से जहां सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है वहीं इस वृक्ष के कई औषधीय गुण भी हैं. पूजा के दौरान पंच फलों में अनार की गिनती की जाती है. अनार का प्रयोग करने से खून की मात्रा बढ़ती है. इससे त्वचा सुंदर व चिकनी होती है. रोज अनार का रस पीने से या अनार खाने से त्वचा का रंग निखरता है. अनार के छिल्कों के 1 चम्मच चूर्ण को कच्चे दूध और गुलाब जल में मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा दमक उठता है. दुर्बलता, अपच, दस्त, पेचिश, दमा, खांसी, मुंह में दुर्गंध आदि रोगों में अनार लाभदायक है. इसके सेवन से शरीर में झुर्रियां या मांस का ढीलापन समाप्त हो जाता है.
1292. सकारात्मक ऊर्जा - अपने ऑफिस में पूर्व दिशा में लकड़ी से बनी ड्रैगन की एक मूर्ति रखें. इससे ऊर्जा एवं उत्साह प्राप्त होगा.
1293. सकारात्मक ऊर्जा - अशोक का वृक्ष घर में उत्तर दिशा में लगाना चाहिए जिससे गृह में सकारात्मक ऊर्जा का संचरण बना रहता है. घर में अशोक के वृक्ष होने से सुख, शांति एवं समृद्धि बनी रहती है एवं अकाल मृत्यु नहीं होती.
1294. सकारात्मक ऊर्जा - अशोक वृक्ष के सात पत्ते मंदिर में रख कर पूजा करें. उनके सूखने पर नए पत्ते रखें और पुराने पत्ते पीपल के पेड़ के नीचे रख दें. यह क्रिया नियमित रूप से करें, आपका घर भूत-प्रेत बाधा, नजर दोष आदि से मुक्त रहेगा.
1295. सकारात्मक ऊर्जा - अशोक वृक्ष घर में लगाने से या इसकी जड़ को शुभ मुहूर्त में धारण करने से मनुष्य को सभी शोकों से मुक्ति मिल जाती है. अशोक का वृक्ष वात-पित्त आदि दोष, अपच, तृषा, दाह, कृमि, शोथ, विष तथा रक्त विकार नष्ट करने वाला है. यह रसायन और उत्तेजक है. इसके उपयोग से चर्म रोग भी दूर होता है.
1296. सकारात्मक ऊर्जा - इंटीरियर डेकोरेशन के लिए कुछ ऐसी कलाकृतियों का प्रयोग होता है जो सूखे ठूंठ या नकारात्मक आकृति के होते हैं. ये सभी मृतप्राय: सजावटी वस्तुएं अच्छे नहीं माने जाते हैं अत: इनके प्रयोग से भी बचें.
1297. सकारात्मक ऊर्जा - इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि बाथरूम और कमरे के फर्श के बीच में कुछ दूरी अवश्य हो. बाथरूम और कमरे के फर्श के बीच दूरी बनाने के लिए थोड़ी ऊंची दहलीज बनाई जा सकती है. जब बाथरूम का दरवाजा बंद रहेगा तब दहलीज के कारण दरवाजे के नीचे से भी नकारात्मक ऊर्जा कमरे में प्रवेश नहीं कर पाएगी.
1298. सकारात्मक ऊर्जा - कभी-कभी बेडरूम की खिड़की से नकारात्मक वस्तुएं दिखाई देती हैं जैसे- सूखा पेड़, फैक्ट्री की चिमनी से निकलता हुआ धुआं आदि. ऐसे दृश्यों से बचने के लिए खिड़कियों पर परदा डाल दें.
1299. सकारात्मक ऊर्जा - कमरों में पूरे फर्श को घेरते हुए कालीन आदि बिछाने से लाभदायक ऊर्जा का प्रवाह रुकता है.
1300. सकारात्मक ऊर्जा - किसी भी भवन के मुख्य द्वार के पास या बिल्कुल सामने बिजली के ट्रांसफार्मर लगे होते हैं जिनसे चिंगारियां निकलती हैं. ऐसे दृश्य भी नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं.
गणेश चतुर्थी के उपाय
गणेश चतुर्थी के दौरान -
गणेश चतुर्थी स्पेशल : अगर होना चाहते हैं धनी तो करें ये उपाय
गर्भ धारण करने के लिए :: Remedies to conceive
उनके साथ रहते है और उन्हें कोई भी कष्ट नहीं होने देते है.
दांपत्य सुख हेतु यदि चाहते हुए वैवाहिक सुख नहीं मिल पा रहा है, हमेशा पति-पत्नि में किसी बात को लेकर अनबन रहती हो तो किसी भी शुक्रवार के दिन यह उपाय करें.
दांपत्य सुख हेतु उपाय :
दान धर्म पालन के लिए अहम माना गया है. खासतौर पर
दिखा देना चाहिए.
दिन डोमियाना न लें, बाकी के छह दिनों में ही लें. होम्योपैथिक दवा लेने में परहेज यह है कि दवा लेने से आधा घंटा पहले और दवा लेने के आधा घंटा बाद तक के एक घंटे के समय में कुछ भी खाएँ-पिएँ नहीं. यह दोनों प्रकार के इलाज कम से कम छह माह तक लें और फिर अपने वीर्य की पैथोलॉजिकल जाँच करा लें.
दिनेश-वंश-मण्डनम्, महेश-चाप-खण्डनम्.
दीपक प्रावलित करें :
दीपावली, ग्रहण या किसी शुभ मुहूर्त्त में इस मन्त्र को सिद्ध कर लें. अमुक के स्थान पर जिस बच्चे को वश में करना है या कन्ट्रोल में लाना है उसका नाम लें.
दीवाली की रात करें ये टोने-टोटके, कुछ ही देर में होगा धनलाभUpdated:2015-11-09 18:00:43IST diwali ke tone-totke in hindi शास्त्रों में बताए दीवाली के टोने-टोटके के उपायों को करने से बहुत जल्दी मां महालक्ष्मी की प्रसन्नता प्राप्त होती है तथा घर में धन-संपदा का आगमन होता है.
दुखी व्यक्ति नीचे लिखे मंत्र का जप करें:-
दुर्भाग्य से बचें :
दूसरा उपाए- सपत्नीक कदली (केले) वृक्ष के नीचे बालमुकुंद भगवान की पूजन करें. कदली वृक्ष की पूजन करें, गुड़, चने का भोग लगाएं. 21 गुरुवार करने से संतान की प्राप्ती होती है.
दूसरा- काक बन्ध्यत्व यानी एक संतान को जन्म देने के बाद किसी भी कारण के पैदा होने से फिर गर्भ धारण न करना. एक संतान हो जाने के बाद स्त्री को बाँझ नहीं कहा जा सकता अतः ऐसी स्त्री को काक बन्ध्त्व यानी वन चाइल्ड स्टेरेलिटी कहते हैं.
देर ना करेँ, जो देर होए , तो शिव को त्रिशूल पड़े,
देवताओं को फूलों से सजाएं
देवी के समक्ष धूप :
द्रव्य : कस्तूरी व सोने के वर्क 1-1 ग्राम, चाँदी के वर्क, इलायची, जुन्देबेदस्तर 10-10 ग्राम, नरकचूर, दरूनज अकबरी, बहमन लाल, बहमन सफेद, जटामांसी, लौंग, तेजपान 6-6 ग्राम, पीपल और सौंठ 3-3 ग्राम.
द्वादश भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय /टोटके :-
द्वारवेध
द्वारा आप अपने प्यार से शादी करेगा तो नहीं किया जाता है चाहता है और आप करेंगे एक बहुत मजबूत और सुखी विवाहित जीवन होने.
धन का प्रवाह बनाए रखने हेतु :
धन की प्राप्ति के लिए
धन के ठहराव के लिए :
धन के नुकसान से बचें :
धन प्राप्ति और बरकत हेतु :.
धन प्राप्ति के राशि अनुसार उपाय (Dhan prapti ke rashi anusar upay)
धन प्राप्ति से जुड़े 30 गुप्त संकेत
धन प्राप्ति से जुड़े 30 गुप्त संकेत – हिंदू धर्म में संकेतों की मान्यता भी प्रचलित है. ये संकेत भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में हमें पहले से ही सूचित कर देते हैं. इन संकेतों का माध्यम सपने हो सकते हैं या किसी पशु, पक्षी की कोई खास हरकत भी. कुछ संकेत ऐसे भी होते हैं, जो हमें धन लाभ होने के बारे में पहले से ही बता देते हैं. आवश्यकता है बस उन संकेतों को समझने की. आज हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में जो लक्ष्मी (धन) आगमन के बारे में हमें पहले से ही सूचित कर देते हैं. ये हैं वो संकेत-
धन समृद्धि की देवी लक्ष्मी को प्रति एकादशी के दिन नौ बत्तियों वाला शुद्ध घी का दीपक लगाएं.
धन समृद्धि हेतु :
धन-समृद्धि का आकर्षण
धन-समृद्धि को अर्जित करने के लिए प्रबल पुरुषार्थ यानि कि ईमानदारी पूर्वक कठोर परिश्रम तो आवश्यक है ही.
धन-समृद्धि को अर्जित करने के लिए प्रबल पुरुषार्थ यानि कि ईमानदारी पूर्वक कठोर परिश्रम तो आवश्यक है ही. किंतु साथ ही कुछ जांचे-
धनतेरस पर करने योग्य कुछ ज्योतिष उपाय (राशि अनुसार)
धनलाभ हेतु :
धातु पुष्ट हो जाता है, बल-वीर्य की बढ़ोतरी होती है, स्तंभन शक्ति बढ़ती है और संभोग शक्ति में रुचि उत्पन्न होती है.
धातु पौष्टिक व काम शक्ति वर्द्धक : कामिनी विद्रावणरस, सिद्ध मकरध्वज, शक्रवल्लभ रस, पुष्पधन्वा रस, बंगेश्वर रस, मूसली पाक, दशमूलराष्टि, गोक्षुरादि चूर्ण, अश्वगंधादि चूर्ण.
धूप के 13 अचूक टोटके आजमाएं जरूर
धूप, दीप, चंदन, कुमकुम, अष्टगंध, जल, अगर, कपूर, घृत, गुड़, घी, पुष्प, फल, पंचामृत, पंचगव्य, नैवेद्य, हवन, शंख, घंटा, रंगोली, मांडना, आंगन-अलंकरण, तुलसी, तिलक, मौली (कलाई पर बांधे जाने वाला नाड़ा), स्वस्तिक, ओम, पीपल, आम और कैले के पत्तों का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है.
ध्यान दें ये प्रवृति बच्चों में सामाजिक, मनोवैज्ञानिक एवं धार्मिक रूप से मन की शुद्धि और अच्छे विचारों के निर्माण में मदद करेगी .
ध्यान रखें इस उपाय से वशीकरण नहीं होता वरन यह उपाय केवल प्रेम विवाह के निमित्त है.
ध्यान रखें यहां सिर्फ भाग्य रेखा के आधार पर भविष्य से संबंधित जानकारी दी गई है. अन्य रेखाओं के शुभ-अशुभ प्रभाव से यहां बताया गया फलादेश बदल भी सकता है. एकदम सही भविष्यवाणी के लिए दोनों हथेलियों की सभी रेखाओं का गहन अध्ययन किया जाना चाहिए.
ध्यान रखें ये बातें-
ध्यान रहे कि आपने यह उपाय किया है इसकी चर्चा किसी से भी ना करें
नई दिल्ली. अच्छे कर्मों पर अच्छा तथा बुरे कर्मों पर बुरा भाग्य बनता है. हालांकि ज्योतिष के कुछ विशेष उपायों (तांत्रिक टोने-टोटकों सहित) को अपना कर व्यक्ति अपने भाग्य में कुछ हद तक परिवर्तन कर सकता है परन्तु पूरी तरह बदलना केवल ईश्वर कृपा और अच्छे कर्मों से ही संभव हो पाता है. आज हम आपके लिए लाए हैं ऐसे ही कुछ विशेष टोने-टोटके जो आपके भाग्य को पूरी तरह तो नहीं बदल सकते परन्तु आपकी समस्या का तुरंत निराकरण अवश्य कर देंगे. क्योंकि ये हैं खास लाल किताब के
नए ज़माने का प्यार l Love of new generation
नकारात्मक उर्जा हटाएं
नकारात्मकता शक्तियों को भगाने के लिए :
नजर उतारने के लिए :
नदी में नहाते समय पानी पर ऊँ लिखें
नपुंसकता रोग में लाभ मिलता है और शीघ्रपतन रोग दूर होता है.
नमक
नमक के 9 प्रयोग दिलाएंगे संकट से मुक्ति
नमामि इन्दिरा-पतिं, सुखाकरं सतां गतिम्.
नमामि भक्त-वत्सलं, कृपालु-शील-कोमलम्.
नमो नमस्ते सत्याय सत्यपूर्णाय शुण्डिने..
नमो स्तु गणनाथाय सिद्धिबुद्धियुताय च.
नये मकान के निर्माण की जानकारी देने के लिए, प्लॉट की दिशाओं का सही निर्धारण करने के साथ, प्लॉट के आस-पास की भौगोलिक वास्तु स्थिति, निर्माण करवाते समय आप जिस मकान में रह रहे हैं, उस मकान की वास्तु स्थिति तथा आपकी आर्थिक सामर्थ्य एवं आवश्यक्ताओं का भी ध्यान रखना पड़ता है.
नरक से बचने का उपाय :
नवम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय /टोटके :-
नवरात्रों के प्रारम्भ होने से पूर्व अपने सभी मित्रों को बताने का प्रयास कर रहा कि हमें आराधना करते समय और भगवान से कुछ मांगते समय किन किन नियमो का पालन करना चाहिऐ. हम मन से भगवान कि प्रार्थना कर रहें परन्तु उसके पश्चात भी हमारी कामना पुर्ण नहीं हो पा रही हैं इसके लिये भगवान को दोष देते हैं जो ठिक नहीं मैं जो जानता हुं अपके सामने रख कर प्रयास कर चाहता हुं कि आप भी उन नियमो का पालन करे जो शास्त्रो में लिखे हैं इन्हीं के आधार पर हमारें पुर्वजो ने राजा,महाराजाओं को लक्ष्मी, ऐश्वर्य,वशीकरहण,उच्चाटन,पुत्र प्राप्ति,राज सम्मान,सुख और संपत्ति की प्राप्ति के मार्ग दिखाये थे. आप भी इन्हें प्रयो्र में लाये और लाभ उठायें. -
नहाते समय इस मंत्र का जप करना श्रेष्ठ रहता है…
नहाते समय करें मंत्रों का जप
नहाने के पानी का ये प्राचीन उपाय करने से दूर हो सकती है दरिद्रता
नहाने के पानी का ये प्राचीन उपाय करने से दूर हो सकती है दरिद्रता : नहाने से स्वास्थ्य लाभ और पवित्रता मिलती है. सभी प्रकार के पूजन कर्म आदि नहाने के बाद ही किए जाते हैं, इस कारण स्नान का काफी अधिक महत्व है. पुराने समय में सभी ऋषि-मुनि नदी में नहाते समय सूर्य को जल अर्पित करते थे और मंत्रों का जप करते थे. इस प्रकार के उपायों से अक्षय पुण्य मिलता है और पाप नष्ट होते हैं.
नहीं रुकता अगर धन और आ रही परेशानी तो करें ये उपाय
नानक दुखिया सब संसार . आज संसार में हर आदमी दुखी है . चाहे अमीर हो या गरीब, बडा हो या छोटा . हर इंसान को कोई न कोई परेशानी लगी रहती है . ज्योतिष में इसके लिए कई उपाय सुझाए गए हैं . जिनको विधि पूर्वक करके हम लाभ उठा सकते हैं .
नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते..
नारियल का वृक्ष :
नारियल के उपाय
नारी शरीर में स्तनों का विकास किशोर अवस्था के शुरू होते ही, 12-13 वर्ष की आयु होते ही होने लगता है और 16 से 18 वर्ष की आयु तक इनका विकास होता रहता है. गर्भ स्थापना होने की स्थिति में इनका विकास तेजी से होता है, ताकि बालक का जन्म होते ही, उसे इनसे दूध मिल सके. स्तनों का यही प्रमुख एवं महत्वपूर्ण उपयोग है.
निकाम-श्याम-सुन्दरं, भवाम्बु-नाथ मन्दरम्.
निपटना अत्यधिक कठिन होता है. ऐसी ही परिस्थितियों से
निम्ब शीतों लघुग्राही कतुर कोअग्नी वातनुत.
नियमित सेवन करने से शरीर पुष्ट और शक्तिशाली बनता है.
निरस्य इन्द्रियादिकं, प्रयान्ति ते गतिं स्वकम्. . 8
निर्माण विधि : सब द्रव्यों को मोटा-मोटा कूट-पीसकर 5 लीटर पानी में डालकर उबालें. जब पानी सवा लीटर बचे तब उतार लें. इसमें सरसों व तिल का तेल डालकर फिर से आग पर रखकर उबालें. जब पानी जल जाए और सिर्फ तेल बचे, तब उतारकर ठंडा कर लें, इसमें शुद्ध कपूर मिलाकर अच्छी तरह मिला लें. बस दवा तैयार है. असामान्य व अविकसित स्तन
निश्चित प्रकार आप जो प्यार और हमेशा के लिए भरोसा कर सकते हैं के लिए देख रहे हैं तो इस जादू आप के लिए है.
निषंग-चाप-सायकं, धरं त्रिलोक-नायकम्. . 3
नोट :
नौकरी बचाने, ट्रांसफर रुकवाने में
नौकरी/धन/अच्छे कैरियर के लिए:
पठन्ति से स्तवं इदं, नराऽऽदरेण ते पदम्.
पतन्ति नो भवार्णवे, वितर्क-वीचि-संकुले. . 7
पति को वश में करने का उपाय:
पति को वश में करने के लिए :
पति सहवास में अति करने, अप्राकृतिक एवं असुविधापूर्ण आसनों में अति वेग के साथ सहवास करने, अति प्रसव करने और शरीर के कमजोर एवं शिथिल होने के कारण स्त्रियों का योनि मार्ग ढीला, पोला और विस्तीर्ण हो जाता है, जिससे सहवास करते समय सुख एवं आनन्द की अनुभूति नहीं होती.
पति-पत्नी में विवाद आम बात है क्योंकि जहां प्यार होता है तकरार भी वहीं होती है. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है पति बिना किसी बात के ही अपनी पत्नी पर गुस्सा करने लगते हैं और धीरे-धीरे यह उनका आदत बन जाती है. अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो नीचे लिखा उपाय करें.
पति-पत्नी के बीच यौन संबंध का एक लक्ष्य माता-पिता बनना भी होता है. वात्सयायन के कामसूत्र में संभोग की स्थितियों यानी पोजीशंस के बारे में बताया गया है. इसी में ऐसी पोजीशन भी बताई गई हैं, जिनमें संभोग करने से गभीधारण आसान हो जाता है. आज हम आपको कुछ पोजीशंस बताएंगे, जो गर्भधारण में सहायक होती हैं. साथ ही हम आपको कुछ टिप्स भी देंगे-
पत्नी बीमार हो तो गोदान करें.
परखे और कारगर उपायों जिन्हें टोने-टोटके के रूप में जाना जाता है को भी आजमाना चाहिये. तो देखें ऐसे ही कुछ आसान किंतु प्रभावशाली
परनिंदा यानी दूसरों की बुराई करना. ऐसा करने से मन में दूसरों के प्रति कटु भाव आ सकते हैं. इसलिए एकादशी के दिन दूसरों की बुराई न करते हुए भगवान विष्णु का ही ध्यान करना चाहिए.
परिक्रमा से मिटे रोग और शोक : अक्सर आपने देखा होगा कि
परिवार -
परिवार में टकराव , अनबन सबसे ज्यादा सास और बहु के बीच ही होती है , लेकिन इसका सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव लड़के पर ही पड़ता है. यहाँ पर हम कुछ उपाय बता रहे है जिससे सास बहु के बीच कलह दूर रह सकती है.
परिवार में सुख समृधी बडती है.
पल्सेटिला : यह महिलाओं की खास दवा है. सीपिया और कैल्केरिया कार्ब की तरह यह दवा स्त्री के यौनांग पर विशेष प्रभाव डालती है. ये तीन दवाएँ स्त्री शरीर के हारमोन्स को सक्रिय कर देती हैं. पहले पल्सेटिला की एक खुराक 3 एक्स शक्ति में देकर आधा घंटे बाद पल्सेटिला 30 एक्स शक्ति में देना चाहिए. इस तरह दिन में 3-3 खुराक देना चाहिए, इसी के साथ सप्ताह में दो बार सीपिया 200 शक्ति में और
पवित्र विवाह –
पहला उपाए- संतान गोपाल मंत्र के सवा लाख जप शुभ मुहूर्त में शुरू करें. साथ ही बालमुकुंद (लड्डूगोपाल जी) भगवान की पूजन करें. उनको माखन-मिश्री का भोग लगाएं. गणपति का स्मरण करके शुद्ध घी का दीपक प्रज्जवलित करके निम्न मंत्र का जप करें.
पहला- आदि बन्ध्यत्व यानी जो स्त्री पूरे जीवन में कभी गर्भ धारण ही न करे, इसे प्राइमरी स्टेरेलिटी कहते हैं.
पहली बार गर्भवती हुई कई महिलाएँ शुरू के सप्ताहों में सेक्स में जरा भी रुचि नहीं लेती हैं. वहीं दो-तीन माह बीतने पर वे ही महिलाएँ गर्भावस्था में भी सेक्स का भरपूर आनंद उठाती हैं, उनकी प्रतिदिन सेक्स करने की इच्छा होती है.
पहली रोटी गाय को दें
पांच गुप्त सम्मोहन उपाय
पांचवां उपाए- आम, बील, आंवले, नीम, पीपल के पांच पौधे लगाने से संतान की प्राप्ति होती है.
पिंडदान पर साधारण या नीच मनुष्यों की दृष्टि पहने से वह पितरों को नहीं पहुंचता.
पितृदोष से मुक्ति :
पीपल और बरगद की पूजा करें :
पीपल के नीचे करें ये उपाय
पीपल पर जल चढ़ाएं
पुत्र प्राप्ति के लिए संतान गणपति स्तोत्र
पुत्र प्राप्ति हेतु गर्भाधान का तरीका
पुत्रप्रदमिदं स्तोत्रं सर्वसिद्धप्रदायकम्..
पुरानी मान्यता है कि गुरुवार को घर में पोंछा न लगाएं ऐसा करने से लक्ष्मी रूठ जाती है. शेष सभी दिनों में पोंछा लगाना चाहिए.
पुरुष रोगों की दवाएँ
पुरुषों को अपनी गर्भवती पत्नियों के समीप रहकर उनमें बराबर रुचि लेते रहना चाहिए. अधिकांश पुरुष शुरू में बहुत ध्यान रखते हैं, लेकिन बाद में सेक्स से वंचित रहने के कारण उनकी रुचि अपनी पत्नी में कम हो जाती है.
पूजन कक्ष में नहीं ले जाना चाहिए ये चीजें :
पूजन में शिवजी से परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करें और इस मंत्र का जप करें-
पूजन सामग्री से जुड़ी खास बातें :
पूजा करते समय किस दिशा की ओर होना चाहिए अपना मुंह :
पूजा में शिवजी को घी, शक्कर या मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद धूप, दीप से आरती करें.
पूजा से सम्बंधित 30 जरूरी नियम
पूर्णरूप से की है.
पूर्णिमा का विशेष महत्व / उपाय
पूर्णिमा के दिन
प्रचलित मान्यता के अनुसार अगर सुई लगा नींबू किसी बीमार के सिर पर से 7 बार वार (उसार) कर चौराहे पर रख देना चाहिए. चौराहे से जाते हुए जो भी व्यक्ति उस नींबू को पार कर चला जाएगा या उसे स्पर्श करेगा तो बीमार व्यक्ति की सारी बीमारी उसको को लग जाती है.
प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पीपल, तुलसी एवं सूर्य देव को जल अर्पित कर सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें.
प्रथम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय /टोटके :-
प्रदर (लाल, पीला, सफेद, पानी जाना) : अशोकारिष्ट, फेमीकेयर सीरप, प्रदरहर वटी, पत्रांगासव, लोध्रासव, प्रदरांतक लौह, पुष्पानुग चूर्ण.
प्रपन्नजनपालाय प्रणतार्तिविनाशिने..
प्रफुल्ल-कंज-लोचनं, मदादि-दोष-मोचनम्. . 2
प्रयोग जारी रखें.
प्रयोग विधि : इस तेल को नहाने से आधा घंटा पूर्व और रात को सोते समय स्तनों पर लगाकर हलके-हलके मालिश करें.
प्रलम्ब-बाहु-विक्रमं, प्रभो•प्रमेय-वैभवम्.
प्रश्न : ऋतुकाल का आरंभ ऋतु स्राव बंद होने पर मानें या जिस दिन से ऋतु स्राव शुरू हो उस दिन से ?
प्रश्न : मेरे स्तन बहुत छोटे हैं, सहेलियाँ मजाक उड़ाती हैं, इन्हें सामान्य अवस्था में लाने का उपाय बताएँ ?
प्रश्न : विवाह को छह वर्ष हो गए हैं, अभी तक पत्नी गर्भवती नहीं हो सकी है. हम दोनों यौन विषय में बहुत ज्यादा संतुष्ट हैं, हमने जाँच करवाई तो मेरी जाँच रिपोर्ट में यह दोष पाया गया कि वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम है और उनकी जीवनी शक्ति का प्रतिशत भी कम है. कोई इलाज बताएँ ?
प्रसव के पश्चात उपयोगी : दशमूलारिष्ट, सुपारी पाक, जीरकाद्यरिष्ट दशमूल काढ़ा.
प्रसीद मे नमामि ते, पदाब्ज-भक्तिं देहि मे. . 11
प्रस्तुत आर्टिकल के माध्यम से हमारे वास्तुशास्त्र एक्सपर्ट ने आपके स्टडी रूम को थोड़ा और बेहतर बना आपकी पढ़ाई को थोड़ा और बेहतर बनाने की कोशिश की है . आशा करते हैं ये आपको पसंद आएगा .
प्राक-क्रीड़ा को लंबा न खींचे-
प्रेग्नेंसी और सेक्स
प्रेम प्रसंगों में किसी पर भी (चाहे वह लड़का हो या लड़की)
प्रेम विवाह -
प्रेम विवाह में सफल होने के लिए :
प्रेम संबंधो में फैंगशुई का महत्व
प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ना (बार-बार पेशाब जाना व तकलीफ से थोड़ा-थोड़ा होना) : चन्द्रप्रभा वटी, गोक्षुरादि गूगल, शुद्ध शिलाजीत.
प्लेटिना 6 एक्स: अत्यंत संवेदनशील और भावुक स्वभाव होना, जननांग को छूते ही स्त्री का शरीर ऐंठने, मचलने लगे, अत्यंत कामुक प्रकृति, हिस्टीरियाई रोग के लक्षण होना, मासिक धर्म अनियमित हो, तीव्र कामवासना की प्रवृत्ति हो तो प्लेटिनम या प्लेटिना 6 एक्स शक्ति में सुबह-शाम चूसकर लेना चाहिए.
पढ़ें : कैसे चुने एक बेहतर कैरियर विकल्प
पितृपक्ष में नहीं करने चाहिए यह 7 काम, जानिए क्यों?
फंसा हुआ धन वापिस लेने के लिए
फंसा हुआ धन वापिस लेने के लिए :
फड़कन - यदि पुरुष के शरीर का अगर बायां भाग फड़कता है तो भविष्य में उसे कोई दुखद घटना झेलनी पड़ सकती है. जबकि महिलाओं के मामले में यह उलटा है, यानि उनके बाएं हिस्से के फड़कने में खुशखबरी होती है
फूल चढाने सम्बन्धी नियम :
बंद किस्मत खोले ताला :
बंद घडी
बंध्यत्व : फल घृत, वंग भस्म, शुद्ध शिलाजीत, अशोकारिष्ट.
बच्चों को वश में करने का अनुभूत मन्त्र प्रयोग
बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं. इन्हीं उपायों में से एक उपाय यहां बताया जा रहा है. इस उपाय को विधिवत किया जाए तो बहुत जल्दी सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं. यह उपाय पीपल के पत्तों से किया जाता है.
बल की वृद्धि होती है.
बहरहाल इन टोने-टोटकों में कितनी सच्चाई है ये इसके इस्तेमाल के बाद ही पता चलेगा. लेकिन उसके लिए इन उपायों को प्रयोग में लाना भी चाहिए क्या पता आपकी भी किस्मत चमक जाए और सारे बिगड़े काम बन जाए.
बहुत अधिक गरिष्ठ भोजन, जैसे पिज्जा, बर्गर जैसे फास्ट फूड भी इसका एक बड़ा कारण हैं. अधिक घी-दूध, मेवे-मिठाई आदि का सेवन करना भी आयुर्वेद की दृष्टि से अच्छा नहीं माना गया है.
बहुत से लोगों की यह धारणा बनी हुई है कि एक वीर्यवान पुरुष ही स्त्री को संभोग क्रिया के समय पूरी तरह से चरमसुख तक पहुंचा सकता है. संभोगशक्ति को बढ़ाने के लिए वीर्य को शुद्ध, गाढ़ा, और शुक्राणुओं की वृद्धि, स्तंभन शक्ति बढ़ाने के लिए आयुर्वेद के विद्वानों ने वाजीकरण नाम के अलग विभाग की रचना की है. उनके हिसाब से वीर्य को बढ़ाने के लिए, वीर्य से संबंधित दोषों को दूर करने के लिए, संभोग शक्ति और स्तंभन शक्ति बढ़ाने के लिए वाजीकरण औषधि का सेवन करना बहुत जरूरी है. वाजीकरण को वृष्य भी कहते हैं. इसलिए मनुष्य के शरीर में जिन खाद्य पदार्थों, यौगिक क्रियाओं या औषधियों के द्वारा शक्ति प्राप्त होती है उसे वाजीकरण के नाम से जाना जाता है.
बहुत से लोगों को पेड़ पौधे लगाने का शौक होता है. ऐसे में अलग-अलग तरह के पेड़-पौधे लगाने की चाह में कई लोग कांटेदार पौधों को घर में सजा लेते है, जो की घर में धन संबंधी परेशानियों का कारण बनते है.
बाथरूप और टायलेट दोष से मुक्ति :
बिगड़े काम बनाएं लौंग
बिगड़े या रुके काम बनाएं :
बिना पूजा पाठ करें गृह शांति
बिना शर्त जाएगा. इसके अलावा, अगर अपने प्यार को किसी और के साथ है तो इस की शक्ति से अपने प्यार के जादू उसके या उसके संबंध
बिल्व वृक्ष : बिल्व अथवा बेल (बिल्ला) विश्व के कई हिस्सों में पाया जाने वाला वृक्ष है. हिन्दू धर्म में बिल्व वृक्ष भगवान शिव की आराधना का मुख्य अंग है. शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाए जाते हैं. औषधीय गुणों से परिपूर्ण बिल्व की पत्तियों में टैनिन, लौह, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नेशियम जैसे रसायन पाए जाते हैं. बिल्व पत्र आंखों की रोशनी बढ़ाने, पेट के कीड़े मारने और कैंसर की रोकथाम में बहुत काम आता है.
बीमारी ठीक करने के लिए उपाय
बुरी नज़र लगने के लक्षण और नज़र उतारने के उपाय
बृहस्पति को किस तरह कमजोर करते है घर में किए गए ये कार्य
ब्राह्मण का सम्मान करना
ब्लड प्रेशर/डिप्रेशन से बचने का उपाय:
भगवान की खंडित मूर्ति
भगवान विष्णु का पूजन करना
भजामि ते पदाम्बुजं, अकामिनां स्व-धामदम्. . 1
भजामि भाव-वल्लभं, कु-योगिनां सु-दुलर्भम्.
भजे स-शक्ति सानुजं, शची-पति-प्रियानुजम्. . 6
भवष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गणनायक..
भविष्य में कुछ गड़बड़ियों के लिए तैयार रहिए, लेकिन ये ऐसी नहीं हैं कि जिन्हें आप संभाल न सकें. जब भी ऐसी स्थिति आए, दूसरे रास्ते को चुनने में देर न करें. कुछ अच्छी खबरें, अच्छी बातें आपके नजदीक आ रही है, इसलिए अस्वाभाविक आश्चर्य के लिए तैयार रहें. हालांकि, यह आपके लिए नई नहीं होंगी, लेकिन आपको चौकाएंगी जरूर.
भविष्यवक्ता शमी : विक्रमादित्य के समय में सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य वराहमिहिर ने अपने 'बृहत्संहिता'नामक ग्रंथ के 'कुसुमलता' नाम के अध्याय में वनस्पति शास्त्र और कृषि उपज के संदर्भ में जो जानकारी प्रदान की है उसमें शमी वृक्ष अर्थात खिजड़े का उल्लेख मिलता है.
भाग्य चमकाने का अचूक टोटका :
भाग्य रेखा का फलादेश
भाग्य रेखा टूटी हुई या अन्य रेखाओं से कटी हुई हो तो यह भाग्यहीनता का संकेत है.
भाग्य रेखा सामान्यत: जीवन रेखा, मणिबंध, मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा या चंद्र पर्वत से प्रारंभ होकर शनि पर्वत (मध्यमा उंगली के नीचे वाला भाग शनि पर्वत कहलाता है) की ओर जाती है.
भाग्य रेखा हथेली के प्रारंभ से जितनी अधिक दूरी से शुरू होती है, व्यक्ति का भाग्योदय उतने ही विलंब से होता है.
भाग्य रेखा हृदय रेखा पर रुक जाए तो व्यक्ति प्रेम संबंध के कारण असफलताएं प्राप्त करता है, लेकिन यह रेखा हृदय रेखा के साथ गुरु पर्वत तक जा पहुंचे तो वह व्यक्ति प्रेम संबंध से सफलताएं प्राप्त करता है.
भाग्यवान बनने के लिए कुछ बातों में सावधानी रखना होगी और कुछ ऐसे उपाय करना होंगे जिन्हें हम टोटके कहते हैं. टोटके कहने से कुछ लोग इसका गलत अर्थ निकालते हैं जबकि यह सात्विक उपाय होते हैं.
भारत के सभी पर्वों में दीवाली का सर्वाधिक महत्व है. इस दिन शुभ मुहूर्त में सही विधि-विधान से लक्ष्मी का पूजन करने पर अगली दीवाली तक के लिए लक्ष्मी कृपा से घर में धन और धान्य की कमी नहीं आती है. साथ ही शास्त्रों में बताए टोने-टोटके के उपायों से भी बहुत जल्दी ही लक्ष्मी की प्रसन्नता प्राप्त की जा सकती है. लक्ष्मी कृपा पाने के लिए ज्योतिषियों के बताए 51 उपाय यहां दिए जा रहे हैं, इन्हें सभी राशियों के लोग कर सकते हैं. इनमें से कोई भी एक या अधिक उपाय करने से दरिद्रता दूर होकर सुख-सम्पत्ति का आगमन होता है.
भारत में पंजाब प्रांत के ग्राम फरवाला (जिला जालंधर) के निवासी पंडित रूप चंद जोशी जी ने 1939 से 1952 के बीच में इसके पाँच खण्डों की रचना की.
भावार्थ- अर्थात कई सगुण साधकों, ऋषियों यहां तक कि देवताओं ने भी वटवृक्ष में भगवान विष्णु की उपस्थिति के दर्शन किए हैं. -रामचरित मानस
भी अपने सवालों का जवाब या परेशानियों का हल जानना है वो पहले पांच बार
भी जरूरी है. कई बार होता यह है कि इंसान अपनी दरिद्रता को सादगी का मुखोटा पहनाकर मन बहलाता रहता है.
भूखों को अनाज का दान धार्मिक नजरिए से बहुत पुण्यदायी होता है. संकेत है कि
भूत भगाने के 10 सरल उपाय
भूत व प्रेतबाधा मुक्ति के 10 सरल उपाय (Bhoot Bhagane ke Upay Mantra)
भ्रूण दोनों के लिए कष्टदायी तथा नुकसानदेह हो सकता है.
मंगल की शांति
मंगल दोष
मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है. इन पांच दिनों में कोर्ट कचहरी और विवाद आदि के फैसले, अपना हक प्राप्त करने वाले काम किए जा सकते हैं. इस पंचक में अग्नि का भय होता है. ये अशुभ होता है. इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य, औजार और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है. इनसे नुकसान हो सकता है.
मंत्र
मंत्र 2:
मंत्र का जप करें. इसके बाद आंखें बंद करके अपना सवाल पूछें और भगवान श्रीगणेश का स्मरण करते हुए प्रश्नावली चक्र पर कर्सर घुमाते हुए रोक दें. जिस कोष्ठक(खाने) पर कर्सर रुके, उस कोष्ठक में लिखे अंक के फलादेश को ही अपने अपने प्रश्न का उत्तर समझें.
मंदिर तक पहुंचनी चाहिए सूर्य की रोशनी और ताजी हवा :
मकर राशि :-
मकान का निर्माण अगर वास्तु के सिद्धांतों के विपरीत हो गया तो, उस नव-निर्मित मकान में पैदा होने वाले वास्तु-दोषों के दुष्परिणाम, उस मकान में निवास करने वालों के जीवन को समस्याग्रस्त स्थिति में परिवर्तित कर देंगे, क्योंकि आपका वर्तमान और भविष्य, आपके मकान की वास्तु के आधार पर ही प्रभावित होगा.
मकान जीवन में बार-बार नहीं बनाए जाते हैं, अत: इतना चिंतन अवश्य करें कि मकान के निर्माण में एक कुशल व अनुभवी वास्तु विशेषज्ञ का मार्गदर्शन आपके जीवन में सुख-समृद्धि लाने में सक्षम होगा.
मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं
मजाक उड़ाती हैं सभी
मणिबंध: हथेली जिस स्थान से प्रारंभ होती है, वहां आड़ी अवस्था में कुछ रेखाएं होती हैं, इन्हीं रेखाओं को मणिबंध कहा जाता है.
मन की बैचेनी मिटाएं :
मनपंसद संतान-प्राप्ति के योग
मनपसंद जीवन साथी पाने के उपाय शीघ्र विवाह के उपाय
मनी प्लांट के लिए वास्तु टिप्स (Vastu Tips For Money Plant)
मनोकामना पूर्ति का एक सरल प्रयोग.docx
मनोज-वैरि-वन्दितं, अजादि-देव-सेवितम्.
मस्तिष्क रेखा: यह रेखा हथेली के मध्य भाग में आड़ी स्थिति में रहती है. मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के प्रारंभिक स्थान के पास से ही शुरू होती है. मस्तिष्क रेखा यहां से प्रारंभ होकर हथेली की दूसरी ओर जाती है.
महादेव की पूजा से सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और कुंडली के ग्रह दोष शांत हो जाते हैं. यहां जानिए शिव कृपा पाने के लिए उपाय…
महालक्ष्मी की कृपा पाने के लिए करें झाड़ू का ये उपाय
महिलाओं के शरीर में स्तनों का विशिष्ट स्थान है, इस दृष्टि से इनकी देखभाल और सुरक्षा करना बहुत जरूरी है. आज हर युवती चाहती है कि उसके स्तन उन्नत, सुडौल व विकसित दिखें. चेहरे के अलावा स्त्रियों के उन्नत स्तन ही आकर्षण का केन्द्र होते हैं.
मांगलिक कार्य निर्विघ्न संपन्न होने हेतु :
माईग्रेन या आधा सीसी का दर्द का उपाय :
माईग्रेन/आधा सीसी का दर्द से बचने का उपाय:
मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी
माता-पिता का आशीर्वाद लें
मात्र इन दो आसान से उपाय से सभी प्रकार के टोने-टोटकों और बुरी नजर के प्रभाव से बचा जा सकता है.
मान सम्मान - रात को सोते समय अपने पलंग के नीचे एक बर्तन में थोड़ा सा पानी रख लें, सुबह वह पानी घर के बाहर डाल दें इससे रोग, वाद-विवाद, बेइज्जती, मिथ्या लांछन आदि से सदैव बचाव होता रहेगा.
मान सम्मान प्राप्ति के उपाय / टोटके
मान सम्मान प्राप्ति के उपाय / टोटके
मान-सम्मान, प्रतिष्ठा व लक्ष्मी प्राप्ति के लिए किए जाने वाली पूजा,उपाय / टोटकों के लिए पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ होता है.
माना जाता है कि
माना जाता है कि पितृदोष, कालसर्प दोष और ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव के कारण कभी कोई सुख प्राप्त नहीं होता, तो कभी देवी-देवताओं के प्रति किए गए अपराध के चलते भी दुखों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यह सब ठीक होने के बावजूद कभी-कभी वास्तुदोष के कारण भी व्यक्ति समस्याओं से घिरा रहता है. उपरोक्त कारणों के चलते व्यक्ति कर्ज में डूब जाता है, संतान सुख चला जाता है, गृहकलह बढ़ जाती है, धन-समृद्धि भी साथ छोड़ देती है, दरिद्रता पीछे लग जाती है, रोग और शोक भी परेशान करते रहते हैं. इस तरह की अन्य कई समस्याओं से व्यक्ति घिर जाता है.
माना जाता है कि.
मालामाल होने का टोटका :
मिथुन राशि :-
मिशनरी पोजीशन:
मीन राशि :-
मुकदमे में विजय पाने का उपाय:
मुकदमें में विजय पाने के लिए :
मुक्त करें पक्षियों को :
मुनीन्द्र-सन्त-रंजनम्, सुरारि-वृन्द-भंजनम्. . 4
मुरझाने ना दे पौधा-
मूर्ति रखते समय ध्यान रखें ये बात
में विफल रहा है और वहाँ कोई रास्ता नहीं है कि आप अपने प्यार वापस मिल सकता है. खोया प्यार जादू अपने प्यार को वापस लाने के लिए
में, वे तुम्हारे साथ एक मजबूत भावनात्मक और प्यार बंधन महसूस होगा. इस कोर्स की सुनिश्चित करेंगे कि आप के रूप में लंबे समय के
मेन गेट पर इस तरह लगाएं श्रीगणेश की तस्वीर
मेरा पहला लेख लाल किताब के सिद्ध टोटके भागएक प्रकाशित हुआ था . जिसमें बहुत से सदस्यों ने रूचि ली थी . इसको हज़ारों सदस्यों ने देखा व पढा और उन उपायों को अपनाकर लाभ उठाया . बहुत से लोगों ने अपनी समस्यायों के समाधान के लिए और उपायों की मांग की थी . इस बाबत मुझे बहुत सी मेल व फोन भी आए . अतः लाल किताब के टोटके भाग दो आपकी सेवा में प्रस्तुत है .
मेष राशि :-
मोचरस, कौंच के बीज, शतावरी, तालमखाना को 100-100 ग्राम की मात्रा में लेकर लगभग 400 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को 2-2 चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम दूध के साथ सेवन करने से बुढ़ापे में भी संभोग क्रिया का पूरा मजा लिया जा सकता है. इस योग को लगभग 2-3 महीने तक सेवन करना लाभकारी रहता है.
यत् त्वेमहे प्रति तन्नो जुषस्व शं नो भव द्विपदे शं चतुष्पदे. .
यदि
यदि आप और पौराणिक कहानियाँ पढ़ना चाहे
यदि आप पुत्र प्राप्त करना चाहते हैं और वह भी गुणवान, तो हम आपकी सुविधा के लिए हम यहाँ माहवारी के बाद की विभिन्न रात्रियों की महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं.
यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह दोष है, शनि की साढे साती चल रही है. शनि के अशुभ प्रभाव से आप किसी रोग से पीड़ित हैं तो यह उपाय करें
यदि आपके घर में रहने वाले सदस्यों में हमेशा अनबन रहती है, कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता है. सारा पैसा बीमारी में चला जाता है या घर में पैसों की बरकत नही होती है और आपके घर में शांति नही है तो बिना पूजा पाठ एवं तंत्र मंत्र से आप गृह शांति कर सकते है. अगर आप राशि के अनुसार कुछ छोटे छोटे प्रयोग करें तो निश्चित ही आपके घर में शांति हो जाएगी.
यदि आपको जीवन में मान सम्मान की चाह है तो आप नमक का कम से कम सेवन करें. यह भी ध्यान रहे कि आपके घर में नमक खुला ना पड़ा हो या इधर उधर गिरता ना हो. नमक जब भी डिब्बे से निकाले चम्मच का प्रयोग करें उसे उँगलियों से नहीं निकाले. पुराने ज़माने में बड़े बूढ़े कहते थे कि यदि नमक गिराओगे तो आँखों की पलकों से उठाना पड़ेगा. जिस घर में नमक का निरादर होता है, नमक का नुकसान होता है या नमक का ज्यादा सेवन होता है तो वहाँ निवासियों को मानसिक तनाव, उच्च रक्तचाप की शिकायत भी रहती है. उन्हें कभी भी समाज में उचित सम्मान नहीं मिलता है.
यदि आपको धन की परेशानी है, नौकरी मे दिक्कत आ रही है, प्रमोशन नहीं हो रहा है या आप अच्छे करियर की तलाश में है तो यह उपाय कीजिए :
यदि आपको पर्याप्त मात्रा में धन की प्राप्ति नहीं हो रही है या आया हुआ धन आपके पास रूक नहीं रहा है तो आप राशि अनुसार निम्न ज्योतिष उपाय कर सकते है.
यदि आपको विश्वास है कि अपने प्रेमी एक रोविंग नजर है, तो इस जादू उन्हें आकर्षक प्रतीयमान से दूसरों को बंद हो जाएगा. एक ही समय
यदि किसी व्यक्ति की हथेली में भाग्य रेखा मणिबंध से प्रारंभ होकर शनि पर्वत तक गई हो और दोष रहित है तो व्यक्ति भाग्यशाली होता है. ऐसे लोग जीवन में सफलताएं प्राप्त करते हैं.
यदि कुंडली में शनि या राहु-केतु का कोई दोष हो तो रोज रात को जो
यदि घर में कोई वास्तु दोष होता है तो नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. यहां जानिए ऐसी 25 छोटी-छोटी बातें और उपाय जो आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाएंगे…
यदि घर में लगा रखा है मनी प्लांट तो ध्यान रखें ये बातें
यदि घर में लगा रखी है तुलसी तो जरूर जानिए ये बातें
यदि चंद्र पर्वत से निकलकर कोई अन्य रेखा भाग्य रेखा के साथ-साथ चले तो व्यक्ति की शादी अत्यंत धनी परिवार में होती है. वह व्यक्ति किसी स्त्री की मदद से सफलताएं प्राप्त करता है.
यदि बेहद कोशिशों के बाद भी घर में पैसा नहीं रूकता है तो एक छोटा सा उपाय करें.
यदि भाग्य रेखा किसी स्थान पर जीवन रेखा को काट दे तो उस आयु में व्यक्ति को कोई अपमान या कलंक झेलना पड़ सकता है.
यदि भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा पर रुक जाए तो व्यक्ति खुद की गलती से असफलताएं प्राप्त करता है.
यदि भाग्य रेखा हथेली को पार करते हुए मध्यमा उंगली (मिडिल फिंगर) तक जा पहुंचे तो यह अशुभ योग दर्शाती है. ऐसा व्यक्ति खुद की गलतियों से हानि उठाता है.
यदि रहना है सुखी तो :
यदि वंशानुगत शारीरिक दुबलापन न हो तो उचित आहार और हलके व्यायाम से शरीर को पुष्ट और सुडौल बनाया जा सकता है. जब पूरा शरीर हृष्ट-पुष्ट हो जाएगा तो स्तन भी विकसित और पुष्ट हो जाएंगे. शरीर बहुत ज्यादा दुबला-पतला, चेहरा पिचका हुआ और आंखें धंसी हुई होंगी तो यही हालत स्तनों की भी होता स्वाभाविक है.
यदि हथेली में भाग्य रेखा जीवन रेखा से प्रारंभ हो तो व्यक्ति खुद की मेहनत से काफी अधिक धन प्राप्त करता है.
यन्त्र मंत्र और तंत्र से ये उपाय बहुत अलग है.
यह 28 दिन की अवधि में न हो, बहुत थोड़ी मात्रा में हो, कष्ट के साथ हो तो यह अनियमित मासिक धर्म कहलाता है. उपरोक्त वर्णित तकलीफ में यह इलाज करें-
यह ज्योतिष के सिधान्तो और हस्तरेखा के सिधान्तो को सरल रूप से समझाता है.
यह टोटका बहुत ही लाभदायक है. ये क्रिया प्रत्येक रविवार को करे .
यह दरवाजा संघर्ष का सूचक है. फिर वह नौकरी को लेकर हो या कोई कानूनी लड़ाई. आप अपने जीवन में बहुत से संकटों से होकर गुजरे हैं या गुजर रहे हैं. लाल रंग ताकत (पावर) का सूचक है और दरवाज़े से निकले नुकीले तीर यह दर्शाते हैं कि आप अपना हक़ लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, फिर उसके लिए आपको जो भी कीमत चुकानी पड़े.
यह नुस्खा महंगा है और धन संपन्न व्यक्ति ही इसको तैयार कर सकता है या बना बनाया बाजार से खरीद सकता है.
यह प्रयोग 11 प्रदोष तक लगातार करें. पूर्ण फल मिलेगा.
यह बहुत ही गुप्त प्रयोग है, इसे किसी को भी न बताएं और जब इसे प्रयोग करें तो खुद भी करके भूल जायें.
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यह माना जाता है कि देवी महालक्ष्मी का भी बेल वृक्ष में वास है. जो व्यक्ति शिव-पार्वती की पूजा बेलपत्र अर्पित कर करते हैं, उन्हें महादेव और देवी पार्वती दोनों का आशीर्वाद मिलता है. 'शिवपुराण' में इसकी महिमा विस्तृत रूप में बताई गई है.
यह माह में कभी दो बार या एक-डेढ़ माह में एक बार तक हो सकता है, यानी नियमित नहीं रहता, कभी ज्यादा गरम वस्तु खा ली कि मासिक शुरू हो जाता है.
यह मुख्य विषय प्रारब्ध एवं भाग्य संबंधी होता है. किंतु ठीक उपाए कर लिए जाएं तो संतान की प्राप्ती निश्चित होती है.
यह लाल किताब का जाना-माना प्रयोग है. अपनी किस्मत चमकाने के लिए इसे अवश्य आजमाएं….
यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में बांट देना चाहिए.
यह सभी उपाय एक से बढ़कर एक हैं, एक बार में सिर्फ एक ही उपाय करें. ये सभी परीक्षित नुस्खे हैं.
यह सावधानी रखें :
यहा ना लगाएं पौधा-
यहाँ कुछ ऐसे सरल टोटके बताये जा रहे हैं जिन्हें अपना कर अपने दांपत्य जीवन को सुखी बनाया जा सकता है.
यहाँ होम्योपैथिक तरीके से इलाज का तरीका व दवाई के नाम बताए गए हैं. होम्योपैथिक चिकित्सा इस विषय विशेष में अच्छा दखल रखती है व बीमारी के उपचार में सहायता करती है. लेकिन दवाओं के इस्तेमाल से पूर्व योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक की सलाह अवश्य लें.
यहां जानिए एक श्लोक जिसमें 6 ऐसे काम बताए गए हैं जो भाग्य को भी बदल सकते हैं…
यहां जानिए कुछ उपाय, जिनसे गुरु ग्रह के दोषों को दूर किया जा सकता है
यहां जानिए रोटी के कुछ उपाय, जिनसे कुंडली के दोष दूर हो सकते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है…
यहां मिलेगा फायदा-.
यही कारण हें कि आज के युग में यदि हम प्रक्टिकल वास्तु अपनाते है तो जीवन में किसी भी प्रकार के कष्ट से बिना यंत्र-मन्त्र-तंत्र से छुटकारा पा कर उन्नति के मार्ग में चल सकते है.
याद रखिये साथ में रहने से परिवार और नव दम्पति दोनों को ही बहुत लाभ होते है. उस घर की आने वाली संताने सुशिक्षित और सुसंस्कृत होती है, परिवार में आर्थिक , सामाजिक और मानसिक सुरक्षा रहती है , बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी आसानी से हल हो जाती है.
युवा अथवा प्रौढ़ आयु के विवाहित पुरुष जो यौन शक्ति में कमी का अनुभव करते हैं, स्तंभन शक्ति न रखते हों, यौनांग में शिथिलता व उत्साहहीनता का अनुभव करते हों, ऐसे पुरुष मानसिक व शारीरिक रूप से स्थिर रहकर नीचे दिए जा रहे नुस्खे का प्रयोग करें.
यूँ तो आपमें से कई लोग टोटके शब्द से इत्तेफाक नहीं रखते होंगे क्योंकि कहीं ना कहीं ये अंधविश्वास से जुड़ा हुआ माना जाता है. लेकिन हर समय इसे अंधविश्वास से नहीं जोड़ना चाहिए कभी-कभी ये फायदेमंद भी सिद्ध होता है. आईये जानते हैं कौन से हैं वो टोटके जो आपके घर में बरकत करवा सकते हैं
यूँ तो पूजन में तुलसी का विशेष महत्तव है पर
ये तत्व दांतों के लिए फायदेमंद नहीं है. अत: तुलसी के पत्तों को बिना चबाए निगलना चाहिए.
ये दिन है लक्ष्मी प्राप्ति का इसलिए देवी लक्ष्मी भी होती है प्रभावित
ये नियम इस प्रकार हैं…
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ये हैं शिवपुराण के छोटे-छोटे उपाय, कर सकते हैं आपकी हर इच्छा पूरी
योनि की खुजली, योनि दाह
योनि में खुजली होने के कई कारण हो सकते हैं, इन कारणों में संक्रमण (इन्फेक्शन) होना, गन्दगी यानी रोजाना सफाई-धुलाई न करने से अस्वच्छता का होना, फिरंग, पूयमेह या उपदंश आदि यौन रोग होना, रक्त विकार होना, हमेशा कब्ज रहना और पति के यौनांग में कोई इन्फेक्शन होना, जिस कारण पति सहवास के समय सम्पर्क होने से योनि में भी इन्फेक्शन होना आदि प्रमुख कारण हैं.
योनि संकोचन
यौनसुख अर्थात संभोग क्रिया के समय चरम सुख की प्राप्ति होना बहुत ही आनंददायक होता है. इसकी तुलना बहुत से विद्वानों ने स्वर्ग के सुख से की है. हर मनुष्य पूरे जीवन इस सुख को भोगना चाहता है. मनुष्य कभी भी काम अर्थात सेक्स से मुक्त नहीं होना चाहता. यही उसके जीवन का प्राथमिक बिंदु है. काम अर्थात सेक्स की शक्ति परमात्मा की शक्ति है इसलिए तो काम अर्थात सेक्स से शरीर में ऊर्जा पैदा होती है इसलिए मनुष्य को पूरी तरह से काम-शक्ति संपन्न होना चाहिए.
रक्त प्रदर : रक्त स्तम्भक, कामदुधा, रस मौ.यु, कहरवा पिष्टी, बोलबद्ध रस, प्रवाल पिष्टी, अशोकारिष्ट, लोध्रासव, पुष्पानुग चूर्ण, दुग्ध पाषण भस्म.
रति क्रिया के नियम
रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है. इसके प्रभाव से ये पांच दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते हैं. इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है.
रविवार को स्नानादि से निवृत्त होकर काले कपड़े की छोटी थैली में तुलसी के आठ पत्ते, आठ काली मिर्च और सहदेई की जड़ बांधकर गले में धारण करें, नजर दोष बाधा से मुक्ति मिलेगी.
रहकर गृहस्थ जीवन की सफलता के लिए सुख-समृद्धि का होना निहायत ही जरूरी है.
राम कृष्ण खुराना
राम कृष्ण खुराना Sunday May 05, 2013
रावण-अंगद संवाद : ये 14 बुरी आदतें जीवित को भी बना देती हैं मृत समान
राशि अनुसार उपाय - धनु राशि :
राहु की शांति
रूक सकता है प्रमोशन भी
रूके हुए आर्थिक कार्यों की सिद्धि के लिए
रूके हुए कार्यों की सिद्धि के लिए यह प्रयोग बहुत ही लाभदायक है.
रोग और प्रेम से मुक्ति दिलाए नीम :
रोग से मुक्ति हेतु
रोगों से मुक्ति का उपाय:
रोगों से मुक्ति पाने के लिए
रोज रात को मंदिर पर ढंकें पर्दा :
रोज सुबह उठकर अपनी हथेलियां देखें
रोज़ सुबह कुछ तुलसी के पत्ते खाने से कई रोगों से मुक्ति भी मिलती है .
रौशनी वाले, साफ़ एवं हवादार कमरे में पढ़ाई करने पर शारीरिक उर्जा संतुलित रहती है . फिर भी यदि आपके पास कोई ऐसा हवादार कमरा नहीं है तो कोशिश करें कमरे में पूरी रौशनी पहुँच पाए . अगर
लकी होती है पेंडुलम वाली घड़ी-
लक्ष्मी बंधन :
लक्ष्मी, ऐश्वर्य,वशीकरहण,उच्चाटन,पुत्र प्राप्ति,राज
लगातार बुखार आने पर :
लाइलाज और बाकी पांचों प्रकार की नपुंसकता साध्य यानी इलाज द्वारा ठीक की जा सकने वाली है.
लाभ : इस तेल के नियमित प्रयोग से 2-3 माह में स्तनों का उचित विकास हो जाता है और वे पुष्ट और सुडौल हो जाते हैं. ऐसी युवतियों को तंग चोली नहीं पहननी चाहिए और सोते समय चोली पहनकर नहीं सोना चाहिए. इस तेल का प्रयोग लाभ न होने तक करना चाहिए.
लाभ : यह वटी वाजीकारक नुस्खों में अति उत्तम और संतोषप्रद लाभ करने वाली निरापद औषधि है.
लाभ होता है
लाभकारी शास्त्रीय वाजीकर योग-
लाल किताब
लाल किताब (गुटका) — सन 1941 में प्रकाशित
लाल किताब उत्तर भारत में खास कर पंजाब में बहुत प्रसिद्ध है . अब इसका प्रचार धीरे-धीरे पूरे भारत में हो रहा है . इसकी लोकप्रियता का मुख्य कारण इसके आसान, सस्ते और सटीक उपाय हैं . इसमें कई उपाय ग्रहों की बजाय लक्षणों से बताये जाते हैं . आपके लाभ के लिए कुछ सिद्ध उपाय निम्न प्रकार से हैं –
लाल किताब का इतिहास (History of Lal Kitab)
लाल किताब की विशेषताएं :
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