Wednesday, October 5, 2016

अच्छे जीवन के उपाय 0801. - 0900.


ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं.  इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए.  उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका   ना हो , इसका ख़याल रखे.



0801. परिवार -  घर में तुलसी का पौधा लगाएं तथा प्रतिदिन इसका पूजन करें.  सुबह-शाम दीपक लगाएं.  इस को करने से घर में सदैव शांति का वातावरण बना रहेगा.

0802. परिवार -  घर में सुख शांति के लिए बहू को चाहिए की सूर्योदय से पहले घर में झाडू लगाकर कचड़े को घर के बाहर फेंके, यह किसी काम वाली बाई से भी करा सकते है.

0803. परिवार -  घर में सुख शांति के लिए मंगलवार को सूजी का हलवा बनाकर उसको मंदिर के बाहर बैठे गरीबों में स्वयं बाँटना चाहिए.

0804. परिवार -  जिस घर की स्त्रियां / बहु घर के वायव्य अर्थात उत्तर-पश्चिम कोण में शयन / निवास करती है वह अपना अलग से घर बसाने के सपने देखने लगती है. इसलिए इस दिशा में नई दुल्हन को तो बिलकुल भी नहीं रखे अन्यथा उसका परिवार के साथ अलग होना तय है. वास्तु शास्त्र के नियम अनुसार दक्षिण-पश्चिम कोण में सास को सोना चाहिए , उसके बाद बड़ी बहु को पश्चिम दिशा में और उससे छोटी बहु को पूर्व दिशा में शयन करना चाहिए.  इससे घर की स्त्रियों में प्रेम बना रहेगा.

0805. परिवार -  जो स्त्रियां घर के वायव्य उत्तर-पश्चिम कोण में शयन / निवास करती है उनके मन में उच्चाटन का भाव आने लगता है वह अपने अलग से घर बसाने के सपने देखने लगती है. इस लिए इस कोण में अविवाहित कन्याओं को निवास करना शुभ होता है जिससे उनका विवाह शीघ्र हो.

0806. परिवार -  दक्षिण में सोने वाली स्त्री को अपने पति के बायीं और शयन करना चाहिए अग्नि कोण में सोने वाली स्त्री को अपने पति के दायी और शयन करना चाहिए.

0807. परिवार -  दक्षिण-पश्चिम कोण दिशा घर की सबसे शक्तिशाली होती है इसमें सास को सोना चाहिए अगर सास ना हो तो घर की बड़ी बहू को सोना चाहिए उससे छोटी को पश्चिम दिशा में रहना चाहिए उससे भी छोटी तीसरे नम्बर की बहु को पूर्व दिशा में शयन करना चाहिए यदि और भी छोटी बहू हो तो उसे ईशान कोण में निवास रखना चाहिए.

0808. परिवार -  नवदंपतियों के लिए बिस्तर बिलकुल नया होना चाहिए.  कोशिश करें कि ऐसी चादर बिलकुल ही प्रयोग में न लाएँ जिसमें छेद हों.  रोज़ रात को बिस्तर बिलकुल साफ करके ही सोयें.

0809. परिवार -  परिवार का जो भी सदस्य यदि दक्षिण-पश्चिम में निवास करता है तो वह घर में प्रभावशाली हो जाता है अत: स्पष्ट है कि घर के मुखिया उसकी स्त्री को घर के दक्षिण-पश्चिम में निवास करना चाहिये. तथा कनिष्ठ स्त्री-पुरुष, देवरानिया या बहू को शयन नहीं करना चाहिये.

0810. परिवार -  बेड के सामने या कहीं भी ऐसी जगह शीशा नहीं लगाना चाहिए, जहां से आपके बेड का प्रतिबिंब दिखता हो.  इससे संबंधों में दरार आती है और आप अनिद्रा, और बदन दर्द के भी शिकार हो सकते हैं.  यदि इसे टाला न जा सके तो आप रात्रि में उस शीशे पर एक पर्दा डालकर ही सोयें.

0811. परिवार -  बैडरूम में प्रवेश द्वार वाली दीवार के साथ अपना बैड लगाने से बचना चाहिए. इससे आपसी रिश्तों में कटुता आती है. उस दीवार से सटाकर भी अपना बेड न लगाएँ जिसकी दूसरी ओर बाथरूम या टॉयलेट हो और न ही ऐसी जगह, जहां से बाथरूम या टॉयलेट का दरवाजा ठीक सामने दिखता हो. यदि ऐसा हो तो इसका दरवाजा हमेशा बंद कर के ही रखना चाहिए या बीच पर्दा जरूर डालें.

0812. परिवार -  यदि किसी परिवार में सास बहु में झगड़ा होता रहता हो तो बहु पूर्णिमा की रात में खीर बनाकर चंद्रमा की किरणों में रखे और फिर वह खीर अपनी सास को खिला दे.  इससे सास-बहू में बनने लगेगी. यह उपाय अगर बहु ना करे तो सास भी कर सकती है.

0813. परिवार -  यदि किसी बुरी शक्ति के कारण घर में झगड़े होते हों तो प्रतिदिन सुबह घर में गोमूत्र अथवा गाय के दूध में गंगाजल मिलाकर छिड़कने से घर की शुद्धि होती है तथा बुरी शक्ति का प्रभाव कम होता है.

0814. परिवार -  यदि किसी महिला की सास या ससुर उससे नाराज रहता हो तो वह महिला प्रतिदिन जल में गुड़ मिलाकर सूर्यदेव को अध्र्य दे तो उसकी यह समस्या दूर हो जाती है.

0815. परिवार -  रंगों का रिश्तों पर बहुत ही खासा असर होता है.  घर की दीवारों के लिए हलका गुलाबी, नीला, हल्का ग्रे या हल्का येलो रंग का ही प्रयोग करें.  ये रंग शान्ति और प्यार को बड़ाने वाले माने जाते हैं.

0816. परिवार -  रोटी बनाते समय तवा गर्म होने पर पहले उस पर ठंडे पानी के छींटे डाले और फिर रोटी बनाएं. लाभ  होता है.

0817. परिवार -  वायव्य कोण में नई दुल्हन को तो बिलकुल मत रखे इससे उसका परिवार के साथ अलगाव रहेगा.

0818. परिवार -  सास बहु में कलेश होने पर जो चाहता है कि आपसी रिश्ते सुधरे उसे गले में चांदी की चेन धारण करनी चाहिए और यह भी ध्यान रहे कि कभी किसी से भी कोई सफेद वस्तु न लें.

0819. परिवार -  हमेशा याद रखिये कि अपना बिस्तर खिड़की से सटाकर कभी भी न लगाएँ.  इससे रिश्तों में तनाव उत्पन्न होता है और आपसी असहयोग की प्रवृत्ति बडती है.  ऐसी स्थिति से बचने के लिए अपने सिरहाने और खिड़की के बीच पर्दा जरूर डालें.  इससे नकारात्मक ऊर्जा आपके रिश्तों पर असर नहीं कर पाएगी.

0820. परिवार -  हर दम्पति यह कोशिश करें कि उसके पलंग के नीचे कुछ भी सामान न रखा हो.  पलंग के नीचे जगह को खाली रहने दें.  इससे आपके बेड के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा बिना किसी बाधा के प्रवाहित हो सकेगी.

0821. परिवार - अश्विनी नक्षत्र वाले दिन एक रंग वाली गाय के दूध में बेल के पत्ते डालकर वह दूध निःसंतान स्त्री को पिलाने से उसे संतान की प्राप्ति होती है.

0822. परिवार - आत्मा और परमात्मा के मिलन के लिए परिवार के सदस्य सुख और शांति के लिए कड़ी मेहनत, परिश्रम और पुरुषार्थ करें.

0823. परिवार - एक साबूत पानीदार नारियल लें और उसे अपने उपर से 21 बार वारकर किसी देवस्थान की आग में डाल दें.  यह उपाय आप मंगलवार और शनिवार को ही करें.  ऐसा पांच बार करें.  ऐसा घर के सभी सदस्यों के उपर से वारकर करेंगे तो उत्तम होगा.

0824. परिवार - कर्मेंन्द्रियों और ज्ञानेन्द्रियों पर संयम रखना.  जिसका मतलब है परिवार के सदस्य शौक-मौज में इतना न डूब जाए कि कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को भूलने से परिवार दु:ख और कष्टों से घिर जाए.

0825. परिवार - किचन कभी भी घर के ईशान कोण या मध्य में ना हो, यह आपसी संबंधों के लिए बेहद घातक है.

0826. परिवार - के सदस्य संस्कार और जीवन मूल्यों से जुड़े रहें.  अपने बड़ों का सम्मान करें.  रोज सुबह उनका आशीर्वाद लेकर दिन की शुरुआत करें ताकि सभी का स्वभाव, चरित्र और व्यक्तित्व श्रेष्ठ बने. 

0827. परिवार - जिस कुल के पितृ और कुल देवता उस कुल के लोगों से संतुष्ट रहते हैं.  उनकी सात पीढिय़ां खुशहाल रहती है. 

0828. परिवार - जिस घर में किचन में खाना बिना चखें भगवान को अर्पित किया जाता है.  उस घर में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती है. 

0829. परिवार - ना करें - माँ-बाप का अपमान नही करना चाहिये.

0830. परिवार - परिजनों की बीमारी के कारण चिंतित हैं तो रोज महामृत्युंजय मंत्र का जप करें.  कुछ ही दिनों में आपकी यह समस्या दूर हो जाएगी.

0831. परिवार - पारिवारिक सदस्य सुख शांति से न रहते हों तो शनिवार के दिन सुबह काले कपड़े में नालियल लपेटकर 21 काजल की बिंदी लगा लें और घर के बाहर लटका दें. लाभ होगा.

0832. परिवार - बांस का पौधा रोपना अशुभ होता है.  जामुन और अमरूद को छोड़कर फलदार वृक्ष भवन की सीमा में नहीं होने चाहिए.  इससे बच्चों का स्वास्थ्य खराब होता है.

0833. परिवार - मिश्री संग खाने से गर्भवती स्त्री की शारीरिक दुर्बलता दूर होती है तथा बच्चा सुंदर होता है।

0834. परिवार - यदि कन्या 7 साबुत हल्दी की गांठें, पीतल का एक टुकड़ा, थोड़ा सा गुड लेकर ससुराल की तरफ फेंक दें तो वह कन्या को ससुराल में सुख ही सुख मिलता है.

0835. परिवार - यदि पति-पत्नी के बीच झगड़ा होता है तो ज्योतिषानुसार शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को पत्नी अशोक वृक्ष की जड़ में घी का दीपक और चंदन की अगरबत्ती जलाकर नैवेद्य चढ़ाएं.  पेड़ को जल अर्पित करते समय उससे अपनी कामना करनी चाहिए.  फिर वृक्ष से 7 पत्ते तोड़कर घर लाएं, श्रद्धाभाव से उनकी पूजा करें व घर के मंदिर में रख दें.  अगले सोमवार फिर से यह उपासना करें तथा बाद में सूखे पत्तों को बहते जल में प्रवाहित कर दें.

0836. परिवार - सास या बहु में जो भी कोई सम्बन्ध सुधारने को इच्छुक हो वह शुक्ल पक्ष के प्रथम बृहस्पतिवार से माथे पर हल्दी या केसर की बिंदी लगाना शुरू करें.

0837. परिवार - सास व बहू के आपसी संबंध में कटुता होने पर बहू या सास दोनों में कोई भी चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें, और ईश्वर से अपनी सास / बहु से सम्बन्ध अच्छे रहने की प्रार्थना करे. इससे दोनों के बीच में सम्बन्ध प्रगाढ़ होते है.

0838. परिवार - सास-ससुर का कमरा सदैव दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही होना चाहिए और बेटे-बहू का कमरा पश्चिमी या दक्षिण दिशा में.  अगर बेटे-बहू का रूम दक्षिण-पश्चिम में होता है, तो उनका सास-ससुर से झगडा बना ही रहेगा. परिवार पर अपना नियंत्रण रखने के लिए इस दिशा में घर के बडों को ही रहना चाहिए.

0839. परिवार - सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जल द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है.

0840. पितृ दोष -  सूर्यदेव को हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि मैं श्राद्ध के लिए जरूरी धन और साधन न होने से पितरों का श्राद्ध करने में असमर्थ हूं.  इसलिए आप मेरे पितरों तक मेरा भावनाओं और प्रेम से भरा प्रणाम पहुंचाएं और उन्हें तृप्त करें. लाभ  होता है.

0841. पितृ दोष - अगर कोई व्यक्ति गरीब हो और चाहने पर भी धन की कमी से पितरों का श्राद्ध करने में समर्थ न हो पाए तो वह किसी पवित्र नदी के जल में काले तिल डालकर तर्पण करे.

0842. पितृ दोष - गुड़-घी की धूप देने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है.  घर में किसी भी प्रकार का संकट नहीं आता है.

0843. पितृ दोष - घर-परिवार में किसी न किसी कारण झगड़ा होता रहता है। परिवार के सदस्यों में मनमुटाव बना रहता है व मानसिक अशांति के कारण जीना दूभर हो जाता है।

0844. पितृ दोष - जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है उनके यहां संतान होने में समस्याएं आती हैं। कई बार तो संतान पैदा ही नहीं होती और यदि संतान हो जाए तो उनमें से कुछ अधिक समय तक जीवित नहीं करती है।

0845. पितृ दोष - जिन लोगों को पितृ दोष होता है, उनकी शादी होने में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं।

0846. पितृ दोष - पितरों के श्राद्ध में केवल एक ब्राह्मण को भोजन कराए या भोजन सामग्री जिसमें आटा, फल, गुड़, शक्कर, सब्जी और दक्षिणा दान करें.  इससे पितृ दोष का प्रभाव कम होता है.

0847. पितृ दोष - पितरों को याद कर गाय को चारा खिला दे.  इससे भी पितृ प्रसन्न हो जाते हैं.

0848. पितृ दोष - पितृ दोष होने के कारण कन्या के विवाह में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है या तो कन्या का विवाह जल्दी नहीं होता या फिर मनचाहा वर नहीं मिल पाता.

0849. पितृ दोष - पितृ दोष होने पर परिवार का एक न एक सदस्य निरंतर रूप से बीमार रहता है। यह बीमारी भी जल्दी ठीक नहीं होती।

0850. पितृ दोष - यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक किसी मुकद्में में उलझा रहे या बिना किसी कारण उसे कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटना पड़े तो ये भी पितृ दोष का कारण हो सकता है।

0851. पितृ दोष - विद्वान ब्राह्मण को एक मुट्ठी काले तिल दान करने मात्र से भी फायदा होता है. लाभ  होता है.

0852. पितृ दोष - होने के कारण ऐसे लोगों को हमेशा धन की कमी रहती है। किसी न किसी रूप में धन की हानि होती रहती है।

0853. पितृ दोष उपाय - अगर कोई व्यक्ति गरीब हो और चाहने पर भी धन की कमी से पितरों का श्राद्ध करने में समर्थ न हो पाए तो वह किसी पवित्र नदी के जल में काले तिल डालकर तर्पण करे। इससे भी पितृ दोष में कमी आती है।

0854. पितृ दोष उपाय - अगर श्राद्ध करने वाले की साधारण आय हो तो वह पितरों के श्राद्ध में केवल एक ब्राह्मण को भोजन कराए या भोजन सामग्री जिसमें आटा, फल, गुड़, शक्कर, सब्जी और दक्षिणा दान करें। इससे पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।

0855. पितृ दोष उपाय - तो सूर्यदेव को हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि मैं श्राद्ध के लिए जरूरी धन और साधन न होने से पितरों का श्राद्ध करने में असमर्थ हूं। इसलिए आप मेरे पितरों तक मेरा भावनाओं और प्रेम से भरा प्रणाम पहुंचाएं और उन्हें तृप्त करें.

0856. पितृ दोष उपाय - पितरों को याद कर गाय को चारा खिला दे। इससे भी पितृ प्रसन्न हो जाते हैं।

0857. पितृ दोष उपाय - ब्राह्मण को एक मुट्ठी काले तिल दान करने मात्र से भी पितृ प्रसन्न हो जाते हैं।

0858. पितृ पक्ष में दान - अनाज का - अन्नदान में गेहूं, चावल का दान करना चाहिए। इनके अभाव में कोई दूसरा अनाज भी दान किया जा सकता है। यह दान संकल्प सहित करने पर मनोवांछित फल देता है।

0859. पितृ पक्ष में दान - किसी भी प्रकार का दान करते समय यह श्लोक बोलकर भगवान विष्णु से श्राद्धकर्म की शुभ फल की प्रार्थना करना चाहिए.

0860. पितृ पक्ष में दान - गाय का - धार्मिक दृष्टि से गाय का दान सभी दानों में श्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन श्राद्ध पक्ष में किया गया गाय का दान हर सुख और धन-संपत्ति देने वाला माना गया है।

0861. पितृ पक्ष में दान - गुड़ का - गुड़ का दान पूर्वजों के आशीर्वाद से कलह और दरिद्रता का नाश कर धन और सुख देने वाला माना गया है।

0862. पितृ पक्ष में दान - घी का - श्राद्ध में गाय का घी एक पात्र (बर्तन) में रखकर दान करना परिवार के लिए शुभ और मंगलकारी माना जाता है।

0863. पितृ पक्ष में दान - चांदी का - पितरों के आशीर्वाद और संतुष्टि के लिए चांदी का दान बहुत प्रभावकारी माना गया है।

0864. पितृ पक्ष में दान - तिल का - श्राद्ध के हर कर्म में तिल का महत्व है। इसी तरह श्राद्ध में दान की दृष्टि से काले तिलों का दान संकट, विपदाओं से रक्षा करता है।

0865. पितृ पक्ष में दान - नमक का - पितरों की प्रसन्नता के लिए नमक का दान बहुत महत्व रखता है।

0866. पितृ पक्ष में दान - ब्राह्मणों को दान देते समय यह मंत्र बोलना चाहिए. "यस्य स्मृत्या च नामोक्त्या तपोयज्ञक्रियादिषु। न्यूनं सम्पूर्णतां याति सद्यो वन्दे तमच्युतम्।।"

0867. पितृ पक्ष में दान - भूमि का - अगर आप आर्थिक रूप से संपन्न हैं तो श्राद्ध पक्ष में किसी कमजोर या गरीब व्यक्ति को भूमि का दान आपको संपत्ति और संतान लाभ देता है। किंतु अगर यह संभव न हो तो भूमि के स्थान पर मिट्टी के कुछ ढेले दान करने के लिए थाली में रखकर किसी ब्राह्मण को दान कर सकते हैं।

0868. पितृ पक्ष में दान - वस्त्रों का - इस दान में धोती और दुपट्टा सहित दो वस्त्रों के दान का महत्व है। यह वस्त्र नए और स्वच्छ होना चाहिए।

0869. पितृ पक्ष में दान - सोने का - सोने का दान कलह का नाश करता है। किंतु अगर सोने का दान संभव न हो तो सोने के दान के निमित्त यथाशक्ति धन दान भी कर सकते हैं।

0870. प‌ितृपक्ष  - (श्राद्ध) तर्पण, इसमें दूध, तिल, कुशा, पुष्प, गंध मिश्रित जल पितरों को तृप्त करने हेतु दिया जाता है.  श्राद्ध पक्ष में इसे नित्य करने का विधान है.

0871. प‌ितृपक्ष  - इन द‌िनों दाढ़ी मूंछें भी नहीं काटे जाते हैं.  इसका संबंध भी शोक व्यक्त करने से है.

0872. प‌ितृपक्ष  - इन द‌िनों नए वाहन नहीं खरीदने चाह‌िए.  असल में वाहन खरीदने में कोई बुराई नहीं है.  शास्‍त्रों में इस बात की कहीं मनाही नहीं है.  बात बस इतनी है क‌ि इसे भौत‌िक सुख से जोड़कर जाना जाता है.  जब आप शोक में होते हैं तो या क‌िसी के प्रत‌ि दुख प्रकट करते है तो जश्न नहीं मनाते हैं.  इसल‌िए धारणा है क‌ि इन द‌िनों वाहन नहीं खरीदना चाह‌िए

0873. प‌ितृपक्ष  - ऐसी मान्यता है क‌ि प‌ितृपक्ष के द‌िनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाह‌िए यानी स्‍त्री पुरुष संसर्ग से बचना चाह‌िए.  इसके पीछे यह धारणा है क‌ि प‌ितर आपके घर में होते हैं और यह उनके प्रत‌ि श्रद्धा प्रकट करने का समय होता है इसल‌िए इन द‌िनों संयम का पालन करना चाह‌िए.

0874. प‌ितृपक्ष  - कुत्ते और कौए के निमित्त निकाला भोजन कुत्ते और कौए को ही कराएं किंतु देवता और चींटी का भोजन गाय को खिला सकते हैं.  इसके बाद ही ब्राह्मणों को भोजन कराएं.  पूरी तृप्ति से भोजन कराने के बाद ब्राह्मणों के मस्तक पर तिलक लगाकर यथाशक्ति कपड़े, अन्न और दक्षिणा दान कर आशीर्वाद पाएं.

0875. प‌ितृपक्ष  - चना, मसूर, उड़द, कुलथी, सत्तू, मूली, काला जीरा, कचनार, खीरा, काला उड़द, काला नमक, लौकी, बड़ी सरसों, काले सरसों की पत्ती और बासी, अपवित्र फल या अन्न श्राद्ध में निषेध हैं.

0876. प‌ितृपक्ष  - चाहे मनुष्य देवकार्य में ब्राह्मण का चयन करते समय न सोचे, लेकिन पितृ कार्य में योग्य ब्राह्मण का ही चयन करना चाहिए क्योंकि श्राद्ध में पितरों की तृप्ति ब्राह्मणों द्वारा ही होती है.

0877. प‌ितृपक्ष  - जो पितृ शस्त्र आदि से मारे गए हों उनका श्राद्ध मुख्य तिथि के अतिरिक्त चतुर्दशी को भी करना चाहिए.  इससे वे प्रसन्न होते हैं.  श्राद्ध गुप्त रूप से करना चाहिए. 

0878. प‌ितृपक्ष  - जो व्यक्ति किसी कारणवश एक ही नगर में रहनी वाली अपनी बहिन, जमाई और भानजे को श्राद्ध में भोजन नहीं कराता, उसके यहां पितर के साथ ही देवता भी अन्न ग्रहण नहीं करते.

0879. प‌ितृपक्ष  - तिथि के पूर्व ही यथाशक्ति विद्वान ब्राह्मणों को भोजन के लिए बुलावा दें.  श्राद्ध के दिन भोजन के लिए आए ब्राह्मणों को दक्षिण दिशा में बैठाएं.

0880. प‌ितृपक्ष  - तुलसी से पितृगण प्रसन्न होते हैं.  ऐसी धार्मिक मान्यता है कि पितृगण गरुड़ पर सवार होकर विष्णु लोक को चले जाते हैं.  तुलसी से पिंड की पूजा करने से पितर लोग प्रलयकाल तक संतुष्ट रहते हैं.

0881. प‌ितृपक्ष  - तैयार भोजन में से गाय, कुत्ते, कौए, देवता और चींटी के लिए थोड़ा सा भाग निकालें.  इसके बाद हाथ जल, अक्षत यानी चावल, चन्दन, फूल और तिल लेकर ब्राह्मणों से संकल्प लें.

0882. प‌ितृपक्ष  - दिन के आठवें मुहूर्त (कुतपकाल) में पितरों के लिए दिया गया दान अक्षय होता है.

0883. प‌ितृपक्ष  - दूसरे की भूमि पर श्राद्ध नहीं करना चाहिए.  वन, पर्वत, पुण्यतीर्थ एवं मंदिर दूसरे की भूमि नहीं माने जाते क्योंकि इन पर किसी का स्वामित्व नहीं माना गया है.  अत: इन स्थानों पर श्राद्ध किया जा सकता है.

0884. प‌ितृपक्ष  - द्वार पर आए अत‌िथ‌ि और याचक को ब‌िना भोजन पानी द‌िए जाने नहीं देना चाह‌िए.  माना जाता है क‌ि प‌ितर क‌िसी भी रुप में श्राद्ध मांगने आ सकते हैं.  इसल‌िए क‌िसी का अनादर नहीं करना चाह‌िए.

0885. प‌ितृपक्ष  - पितरों की पसंद का भोजन दूध, दही, घी और शहद के साथ अन्न से बनाए गए पकवान जैसे खीर आदि है.  इसलिए ब्राह्मणों को ऐसे भोजन कराने का विशेष ध्यान रखें.

0886. प‌ितृपक्ष  - पिता का श्राद्ध पुत्र को ही करना चाहिए.  पुत्र के न होने पर पत्नी श्राद्ध कर सकती है.  पत्नी न होने पर सगा भाई और उसके भी अभाव में सपिंडों

0887. प‌ितृपक्ष  - ब‌िना प‌ितरों को भोजन द‌िया स्वयं भोजन नहीं करना चाह‌िए इसका मतलब यह है क‌ि जो भी भोजन बने उसमें एक ह‌िस्सा गाय, कुत्ता, ब‌िल्ली, कौआ को ख‌िला देना चाह‌िए.

0888. प‌ितृपक्ष  - ब्राह्मण हीन श्राद्ध से मनुष्य महापापी होता है.

0889. प‌ितृपक्ष  - ब्राह्मणों को भोजन के बाद घर के द्वार तक पूरे सम्मान के साथ विदा करके आएं.  क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ब्राह्मणों के साथ-साथ पितर लोग भी चलते हैं.  ब्राह्मणों के भोजन के बाद ही अपने परिजनों, दोस्तों और रिश्तेदारों को भोजन कराएं.

0890. प‌ितृपक्ष  - भविष्य पुराण के अनुसार श्राद्ध 12 प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार हैं 1- नित्य, 2- नैमित्तिक, 3- काम्य, 4- वृद्धि, 5- सपिण्डन, 6- पार्वण, 7- गोष्ठी, 8- शुद्धर्थ, 9- कर्मांग, 10- दैविक, 11- यात्रार्थ, 12- पुष्टयर्थ.

0891. प‌ितृपक्ष  - भोजन व पिण्ड दान- पितरों के निमित्त ब्राह्मणों को भोजन दिया जाता है.  श्राद्ध करते समय चावल या जौ के पिण्ड दान भी किए जाते हैं.

0892. प‌ितृपक्ष  - माना जाता है क‌ि प‌ितृपक्ष में नया घर नहीं लेना चाह‌िए. जहां प‌ितरों की मृत्यु हुई होती है वह अपने उसी स्‍थान पर लौटते हैं.  अगर उनके परिजन उस स्‍थान पर नहीं म‌िलते हैं तो उन्हें तकलीफ होती है.

0893. प‌ितृपक्ष  - में गाय का घी, दूध या दही काम में लेना चाहिए.  यह ध्यान रखें कि गाय को बच्चा हुए दस दिन से अधिक हो चुके हैं.  दस दिन के अंदर बछड़े को जन्म देने वाली गाय के दूध का उपयोग श्राद्ध कर्म में नहीं करना चाहिए.

0894. प‌ितृपक्ष  - में चांदी के बर्तनों का उपयोग व दान पुण्यदायक तो है ही राक्षसों का नाश करने वाला भी माना गया है.  पितरों के लिए चांदी के बर्तन में सिर्फ पानी ही दिए जाए तो वह अक्षय तृप्तिकारक होता है.  पितरों के लिए अर्घ्य, पिण्ड और भोजन के बर्तन भी चांदी के हों तो और भी श्रेष्ठ माना जाता है.

0895. प‌ितृपक्ष  - में जौ, कांगनी, मटर और सरसों का उपयोग श्रेष्ठ रहता है.  तिल की मात्रा अधिक होने पर श्राद्ध अक्षय हो जाता है.  वास्तव में तिल पिशाचों से श्राद्ध की रक्षा करते हैं.  कुशा (एक प्रकार की घास) राक्षसों से बचाते हैं.

0896. प‌ितृपक्ष  - में प्रसन्न पितृगण मनुष्यों को पुत्र, धन, विद्या, आयु, आरोग्य, लौकिक सुख, मोक्ष और स्वर्ग प्रदान करते हैं.  श्राद्ध के लिए शुक्लपक्ष की अपेक्षा कृष्णपक्ष श्रेष्ठ माना गया है.

0897. प‌ितृपक्ष  - में ब्राह्मण को भोजन करवाते समय परोसने के बर्तन दोनों हाथों से पकड़ कर लाने चाहिए, एक हाथ से लाए अन्न पात्र से परोसा हुआ भोजन राक्षस छीन लेते हैं.

0898. प‌ितृपक्ष  - में ब्राह्मण को भोजन करवाना आवश्यक है, जो व्यक्ति बिना ब्राह्मण के श्राद्ध कर्म करता है, उसके घर में पितर भोजन नहीं करते, श्राप देकर लौट जाते हैं. 

0899. प‌ितृपक्ष  - में ब्राह्मण को भोजन मौन रहकर एवं व्यंजनों की प्रशंसा किए बगैर करना चाहिए क्योंकि पितर तब तक ही भोजन ग्रहण करते हैं जब तक ब्राह्मण मौन रहकर भोजन करें.

0900. प‌ितृपक्ष  - में ये चीजें होना महत्वपूर्ण हैं- गंगाजल, दूध, शहद, दौहित्र, कुश और तिल.  केले के पत्ते पर श्राद्ध भोजन निषेध है.  सोने, चांदी, कांसे, तांबे के पात्र उत्तम हैं.  इनके अभाव में पत्तल उपयोग की जा सकती है.




🌹‌awesome whatsapp status in hindi about love | cute Girl whatsapp Status in Hindi. 🌹 👍whatsapp status for sweetest girl in hindi सिग्नल - अच्छे स्वास्थ्य के लिये - अमावस्या - आसन - उल्लू - कपूर - कलेश से बचने हेतु - काम - कारोबार में काली मिर्च - काले तिल - कुत्ता - कौआ - क्रोध - गणेश चतुर्थी के दौरान - गाय - गुरु ग्रह - गृह शांति - गृह शांति - ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहने रत्न - घर और कार्यस्थल में धन वर्षा के लिए - घर में - घर मैं सुख ओर खुशियों के लिए छिपकली - छींक - जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - ज़रूर करे - जाने से पहले - झाड़ू - ताक़त के लिए तुलसी - दांत से नाखून नही काटना चाहिये. दीपावली - दुख में - धन प्राप्ति के लिए राशि अनुसार उपाय - धन-समृद्धि - धनतेरस के दिन राशि के उपाय - नज़र - नमक - ना करें - नारी संसार : निरोग - नज़र - परिवार - पितृ दोष निवारण के उपाय पितृ दोष निवारण के उपाय - पीपल के वृक्ष पूजन - पूजा के नियम पूर्णिमा - प्रेम विवाह - प‌ितृपक्ष - फड़कन - बदल डालिये - मनीप्लांट - मान सम्मान - यदि सपने में यदि सपने में - रात - रात्रि में सोने से पूर्व भूत-प्रेत पर चर्चा न करें. रोज शाम रोज सुबह रोटी लौंग - वास्तु - विवाह - वीरवार को करे - व्यापार बढाने के लिए - शनिवार शिवलिंग श्राद्ध - श्लोक - पॉज़िटिव एनर्जी सकारात्मक ऊर्जा - सफल शादी शुदा जीवन - सम्मोहन - सावन स्टडी रूम हथेली हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं अगर आप - हवन - दूर रहें - कटु सत्य - नौकरी में तरक्की चाहते हैं, तो 7 तरह का अनाज चिड़ियों को डालें. ==================================================================================================================================== माना जाता है ऐसा करने से व्यक्ति की आमदानी में इजाफा होता है. से इसका तिलक लगाते रहने से वशीकरण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है. हिन्दू धर्म में आज महाभारत की गिनती धर्मग्रंथों में की जाती है ऐसे में आपका भी मन कर ही जाता होगा की अचानक धोखा, धननाश या दुर्घटना के लिए राहु जिम्मेदार होता है. यदि राहु अशुभ स्थिति में हैं तो इसका बच्चे का ज्यादा रोना व चिड़चिड़ाना - , बार-बार फेल हो जाते हों कुंवारे लड़के-लड़कियों के शीघ्र विवाह के लिए उपाय मंत्र लिए टोटका इसके बाद तीन माह तक नित्य इसी मंत्र का जप शिव मंदिर में अथवा अपने घर के पूजाकक्ष में मां पार्वती के सामने 108 बार जाप करें। घर पर भी आपको पंचोपचार पूजा करनी है। शीघ्र ही भगवान की कृपा से आपकी मनचाहे लड़के से शादी होगी। घर में पैसा टिकने का उपाय हर मंत्र जाप के साथ एक-एक चावल इस शंख में डालते जाएं। ध्यान रखें कि चावल टूटे हुए न हों। लगातार नौ दिनों तक इस प्रयोग को करें। रोज 108 बार ही जाप करना है। प्रयोग पूरा होने के बाद पूजा के इन चावलों को एक सफेद रंग के कपड़े की थैली में रखें। ग्यारह दिनों के बाद चावल के साथ शंख को भी उस थैली में रखकर तिजोरी में रख लें। यदि परिश्रम के पश्चात् भी कारोबार ठप्प हो, या धन आकर खर्च हो जाता हो तो यह टोटका काम में लें. श्रीफल नारियल ! (Mangal Mantra)- (Guru Mantra)- (Budh Mantra)- (Rahu Mantra)- (Ketu Mantra)- (Shani Mantra)- (Shukra Mantra)- ======================================================== प्रेम संबंधो में फैंगशुई का महत्व हर व्यक्ति चाह्ता है की उसके पारिवारिक जीवन, दाम्पत्य जीवन में आपसी रिश्तों में सदैव मधुरता और अच्छा तालमेल बना रहे. उसके घर में सभी जगह प्रेम, सुख शांति,हर्ष और उल्लास का वातावरण हो. आपके रिश्ते हमेशा ही बेहतर बने रहें इसके लिए हम आपको कुछ बहुत ही खास और आसान फेंगशुई के टिप्स बता रहे है जिससे निश्चित ही आपसी रिश्तों को बहुत ही मजबूत बनाया जा सकता है- फेंगशुई में ऐसी मान्यता है कि हमारे आस-पास ऊर्जा का अनंत असीम स्रोत है. यह ऊर्जा सकारात्मक (पॉजिटिव) और नकारात्मक (नेगेटिव) दोनों प्रकार की होती है. इस ऊर्जा से हमारे जीवन का प्रत्येक पहलू प्रभावित होता है. हमारे दांपत्य जीवन पर भी इस ऊर्जा का बहुत ही असर पड़ता है. फेंगशुई मुख्यता हमारे घर हमारे जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को निष्क्रिय करके सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है. फेंगशुई में घर के दक्षिण-पश्चिम खंड को आपसी रिश्तों के लिए सक्रिय माना गया है. इसलिए इस खंड में सकारात्मक ऊर्जा को सक्रिय और नकारात्मक ऊर्जा को निष्क्रिय करने के लिए आप जो भी प्रयास करेंगे, वह बहुत फलदाई साबित होगा.

Tuesday, October 4, 2016

अच्छे जीवन के उपाय 0701. - 0800


ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं.  इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए.  उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका   ना हो , इसका ख़याल रखे.



0701. ना करें -  जो व्यक्ति परमात्मा का विरोधी है, वह भी मृत समान है.  जो व्यक्ति ये सोच लेता है कि कोई परमतत्व है ही नहीं.  हम जो करते हैं, वही होता है.  संसार हम ही चला रहे हैं.  जो परमशक्ति में आस्था नहीं रखता है, ऐसा व्यक्ति भी मृत माना जाता है.

0702. ना करें -  जो व्यक्ति पाप कर्मों से अर्जित धन से अपना और परिवार का पालन-पोषण करता है, वह व्यक्ति भी मृत समान ही है.  उसके साथ रहने वाले लोग भी उसी के समान हो जाते हैं.  हमेशा मेहनत और ईमानदारी से कमाई करके ही धन प्राप्त करना चाहिए.  पाप की कमाई पाप में ही जाती है.

0703. ना करें -  जो व्यक्ति पूरी दुनिया से उल्टा चले.  जो संसार की हर बात के पीछे नकारात्मकता खोजता हो.  नियमों, परंपराओं और लोक व्यवहार के खिलाफ चलता हो, वह वाम मार्गी कहलाता है.  ऐसे काम करने वाले लोग मृत समान माने गए हैं.

0704. ना करें -  जो व्यक्ति सूर्यास्त के बाद झाड़ू-पोछा करता है, देवी लक्ष्मी उस घर में निवास नहीं करती और वहां से चली जाती हैं.

0705. ना करें -  जो संत, ग्रंथ, पुराण और वेदों का विरोधी है, वह भी मृत समान होता है.

0706. ना करें -  ज्यादा नमक खाने से हाई BP की प्रॉब्लम हो सकती है.  इससे किडनी डैमेज और हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

0707. ना करें -  ज्यादा मात्रा में रेड मीट खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है.  इससे हार्ट अटैक और कैंसर का खतरा हो सकता है.

0708. ना करें -  ज्यादा शराब पीने से हाई BP, हाई ब्लड फैट्स और हार्ट फेलियर की प्रॉब्लम हो सकती है.  इससे मिलने वाली केलोरी से वजन भी बढेगा, जो अच्छा नहीं है.

0709. ना करें -  टूटा शीशा घर के लिए बिल्कुल भी ठीक नही है, इससे घर मैं ग़रीबी बनी रहती हैं, इसी समय इसे दूर कर दे.

0710. ना करें -  टूटी हुई कन्घी से कंगा नही करना  चाहिये.

0711. ना करें -  तम्बाकू से ब्लड क्लॉट होता है.  ऐसे में बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरह से नहीं हो पाता और हार्ट अटैक की आशंका बढ़ती है.

0712. ना करें -  ताजमहल की गिनती विश्व के कुछ उत्कृष्ट कलाओं में की जाती है एवं लोगों के बीच ये प्यार का प्रतीक भी समझा जाता है परन्तु ध्यान दें ताजमहल मुमताजमहल की कब्र है. ऐसे में घर में ताजमहल के आकृति वाले शो पिस रखना या फोटो टांगना निष्क्रियता को बढ़ावा देता है .

0713. ना करें -  देर तक टी वी के सामने बैठे रहना  नुकसानदायक है.  कम मूवमेंट्स की वजह से ब्लड सर्कुलेशन सही तरह से नहीं हो पाता, जिससे डिजीज का खतरा बढ़ता है.

0714. ना करें -  नटराज हमारी कला का आयाम जरुर हो सकता है परन्तु ये महादेव के रूद्र अवतार एवं विनाश का प्रतीक है.

0715. ना करें -  नदी,तालाब में शौच साफ  और उसमें पेशाब नही करना  चाहिये.

0716. ना करें -  पीने का पानी रात में खुला नही रखना चाहिये.

0717. ना करें -  पूजा स्थान पर बांस से बनी हुई अगरबत्तियां न जलाएं.  बांस के जलने से दुर्भाग्य पैदा होता है.  ऐसी अगरबत्ति का इस्तेमाल करें जिसमें लकड़ी की तिलियां लगी हो.  या केवल धूप बत्ति जलाएं.

0718. ना करें -  पेड़ के नीचे पेशाब नही करना चाहिये.

0719. ना करें -  बेर, पाकड़, बबूल, गूलर आदि कांटेदार पेड़ घर में दुश्मनी पैदा करते हैं.  इनमें जति और गुलाब अपवाद हैं.  घर में कैक्टस के पौधे नहीं लगाएं.

0720. ना करें -  बोनसाई पौधा घर में तैयार नहीं करने चाहिए और न ही बाहर से लाकर लगाने चाहिए.  बोनसाई पौधा घर में रहने वाले सदस्यों का आर्थिक विकास रोकते हैं.

0721. ना करें -  भोजन कक्ष में झाड़ू न रखें, क्योंकि इससे घर का अनाज जल्दी खत्म हो सकता है.  साथ ही, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

0722. ना करें -  यदि भोजन करते समय आपको दाल या सब्जी आदि में नमक कम लगे तो उपर से नमक न डालें (सफेद नमक तो बिल्कुल भी नही) ऐसे में काला नमक तथा मिर्च कम होने पर काली मिर्च का प्रयोग करें.

0723. ना करें -  रसोई घर के पास में पेशाब नही  करना चाहिये.

0724. ना करें -  रात के समय भूलकर भी श्मशान के आस-पास नहीं जाना चाहिए.  श्मशान व कब्रिस्तान में रात के समय वहां की मृत आत्माएं चेतन हो जाती हैं.  यहीं नहीं मृत व्यक्तियों के संबंधियों द्वारा अंतिम संस्कार करते समय रोने-बिलखने से भी इन स्थानों पर नकारात्मक ऊर्जा बहुत अधिक मात्रा में होती है जो रात के समय आसानी से किसी को भी अपनी गिरफ्त में ले सकती है.

0725. ना करें -  रात को झाडू नही लगाना चाहिये.

0726. ना करें -  रात को झूठे बर्तन किचन में न रखें.  धन के नुकसान से  बचा जा सकता हैं

0727. ना करें -  रात में लड़कियों को बालों को खुला रखकर नहीं सोना चाहिए.  रात में खुले बाल सोने पर नकारात्मक शक्तियां आकर्षित होती हैं.  इसीलिए रात को न केवल महिलाएं वरन चोटी रखने वाले पुरुष भी अपनी चोटी को बांध लेते हैं.

0728. ना करें -  लहसुन प्याज के  छिलके कभी भी नही जलाने  चाहिये.

0729. ना करें -  शुगरी, फैटी और ऑयली फ़ूड में ज्यादा कैलोरी और बहुत कम न्यूट्रिएंट्स होते है.  इन्हें खाने से वजन बढ़ता है, जो शरीर के लिए नुकसानदायक है.

0730. ना करें -  श्यमशान भूमि में कभी भी हँसना नही  चाहिये.

0731. ना करें -  संध्या समय सोना, मिलन करना निषिद्ध है.

0732. ना करें -  सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू पोंछा गलती से भी नहीं लगाना चाहिए.  ऐसा करना अपशकुन माना जाता है.

0733. ना करें -  स्टडीज कहती है कि अक्सर स्ट्रेस में रहने से हार्ट डिजीज की आशंका बढ़ती है.  मेडिटेशन और एक्सरसाइज करने से स्ट्रेस कम करने में मदद मिलेगी.

0734. ना करें -  हमारे भाग्य का संबंध कपड़ों से भी होता है.  अत: आप कौन से ग्रहों के वस्त्र पहनते हैं इससे भी आपका भाग्य निर्मित होता है.  यदि आप राहु और केतु से संबंधित वस्त्र पहन रहे हैं तो जीवन में अचानक आने वाले संकटों का सामना करना होगा.

0735. ना करें -  हाथ धोए बगैर भोजन कभी नही करना चाहिये.

0736. ना करें -  हार्ट को हेल्दी रखने के लिए सब्जियां और फल खाना बहुत जरूरी है.  डाइट में ये पर्याप्त मात्रा में शामिल नहीं करने से हार्ट प्रॉब्लम हो सकती है.

0737. ना हों -  मेहमान आने पर नाराज नही होना चाहिये.

0738. नारी संसार - कभी किसी महिला को दान करने की इच्छा हो तो दान सामग्री में लाल सिन्दूर के साथ इतर की शीशी ,चने की दाल तथा केसर अवश्य रखें .इस से सुहाग की आयु में वृद्धि होती है.

0739. नारी संसार - प्रसव काल से कुछ ही समय पहले यदि प्रसूता को १०० ग्राम गोमूत्र पिलाया जाये तो प्रसव आसानी से हो जाता है .

0740. नारी संसार - प्रसूता के पेट पर यदि केसर का लेप किया जाये तो भी प्रसव आसानी से हो जाता है .

0741. नारी संसार - यदि किसी महिला को पेट मैं किसी कारण से अधिक दर्द रहता है तो वह मंगलवार से अपने सिरहाने किसी ताम्बे के लोटे में जल रखे और प्रति उठाने खाली पेट उस जल का सेवन करें .इस प्रकार से हर प्रकार के पेट दर्द का निवारण हो जायेगा .

0742. नारी संसार - यदि किसी स्त्री अथवा कन्या को मासिक से पहले पेट में बहुत दर्द होता है,तो उसे रात में सोते समय मूंज की रस्सी से पेट बाँध लें,प्रात: उस रस्सी को किसी चौराहे पर फैंक देने से लाभ होता है.

0743. नारी संसार - यदि किसी स्त्री का समय से पहले अर्थात ४२ वर्षायु से पहले ही मासिक रुक जाये तो उस स्त्री को पुन:मासिक धर्म आरम्भ करने के लिए इन्द्रायन की जड़ का योनी पर धुआं देने से लाभ प्राप्त होता है.

0744. नारी संसार - यदि किसी स्त्री को मासिक धर्म के समय कमर में दर्द हो तो वह मासिक आरम्भ होने से तीन दिन पहले पीपल की जड़ वह पीपल की सुखी शाखा को काले कपडे में लपेट कर अपने तकिये के नीच रख लें.

0745. नारी संसार - विवाहित महिला को अपने परिवार की सलामती के लिए ही माँ दुर्गा चालीसा के साथ माँ के १०८ नाम अथवा ३२ नाम की माला का जाप करना चाहिए .

0746. निरोग - कोई असाध्य रोग हो जाए तथा दवाईयां काम करना बंद कर दें तो पीडि़त व्यक्ति के सिरहाने रात को एक तांबे का सिक्का रख दें तथा सुबह इस सिक्के को किसी श्मशान में फेंक दें.  दवाईयां असर दिखाना शुरू कर देंगी और रोग जल्दी ही दूर हो जाएगा.

0747. निरोग - यदि किसी के साथ बार-बार दुर्घटना होती हैं तो शुक्ल पक्ष (अमावस्या के तुरंत बाद का पहला) के प्रथम मंगलवार को 400 ग्राम दूध से चावल धोकर बहती नदी अथवा झरने में प्रवाहित करें.  यह उपाय लगातार सात मंगलवार करें, दुर्घटना होना बंद हो जाएगा.

0748. निरोग - यदि कोई पुराना रोग ठीक नहीं हो रहा हो तो गोमती चक्र को लेकर एक चांदी की तार में पिरोएं तथा पलंग के सिरहाने बांध दें.  रोग जल्दी ही पीछा छोड़ देगा.

0749. निरोग - यदि व्यक्ति चिड़चिढ़ा हो रहा है तथा बात-बात पर गुस्सा हो रहा है तो उसके ऊपर से राई-मिर्ची उसार कर जला दें.  तथा पीडि़त व्यक्ति को उसे देखते रहने के लिए कहें.

0750. निरोग - सुबह नींद से जागकर बिस्तर छोड़ते समय इस बात ध्यान दें कि बिस्तर , उसके ऊपर की चादर जल्दी ही ठीक हो जाये या आप किसी का इंतज़ार किये बिना उसे स्वयं ही सही कर दें.

0751. निरोग - सूर्य जब मेष राशि में प्रवेश करें तो नीम की नवीन कोपलें, गुड़ व मसूर के साथ पीस कर खाने से व्यक्ति पूरे वर्ष निरोग तथा स्वस्थ रहता है.

0752. निरोगी - "ऊँ ऊँ  नमो काली कपाला देहि देहि स्वाहा. " मंत्र का १०८ बार जप करके सरसों का तेल अभिमंत्रित कर लें और उससे पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर मालिश करें, व्यक्ति पीड़ामुक्त हो जाएगा.

0753. निरोगी - "ऊँ ऊँ नमः भवे भास्कराय आस्माक अमुक सर्व ग्रहणं पीड़ा नाशनं कु रु-कुरु स्वाहा. " जौ, तिल, सफेद सरसों, गेहूं, चावल, मूंग, चना, कुष, शमी, आम्र, डुंबरक पत्ते और अषोक, धतूरे, दूर्वा, आक व ओगां की जड़ को मिला लें और उसमें दूध, घी, मधु और गोमूत्र मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें.  फिर संध्या काल में हवन करें और मंत्र का १०८ बार जप कर इस मिश्रण से १०८ आहुतियां दें.

0754. निरोगी - "जीरा जीरा महाजीरा जिरिया चलाय.  जिरिया की शक्ति से फलानी चलि जाय॥ जीये तो रमटले मोहे तो मशान टले.  हमरे जीरा मंत्र से अमुख अंग भूत चले॥ जाय हुक्म पाडुआ पीर की दोहाई॥" मंत्र से थोड़ा-सा जीरा ७ बार अभिमंत्रित कर रोगी के शरीर से स्पर्श कराएं और उसे अग्नि में डाल दें.  रोगी को इस स्थिति में बैठाना चाहिए कि उसका धूंआ उसके मुख के सामने आये.  इस प्रयोग से भूत-प्रेत बाधा की निवृत्ति होती है.

0755. निरोगी - "हल्दी गीरी बाण बाण को लिया हाथ उठाय.  हल्दी बाण से नीलगिरी पहाड़ थहराय॥ यह सब देख बोलत बीर हनुमान.  डाइन योगिनी भूत प्रेत मुंड काटौ तान॥ आज्ञा कामरु कामाक्षा माई.  आज्ञा हाड़ि की चंडी की दोहाई॥" थोड़ी सी हल्दी को ३ बार  इस मंत्र से अभिमंत्रित करके अग्नि में इस तरह छोड़ें कि उसका धुआं रोगी के मुख की ओर जाए.  इसे हल्दी बाण मंत्र कहते हैं.

0756. निरोगी - अगर बीमार व्यक्ति ज्यादा गम्भीर हो, तो जौ का  1.25 kg आटा लें.  उसमें साबुत काले तिल मिला कर रोटी बनाएं.  अच्छी तरह सेंके, जिससे वे कच्ची न रहें.  फिर उस पर थोड़ा सा तिल्ली का तेल और गुड़ डाल कर पेड़ा बनाएं और एक तरफ लगा दें.  फिर उस रोटी को बीमार व्यक्ति के ऊपर से 7 बार वार कर किसी भैंसे को खिला दें.  पीछे मुड़ कर न देखें और न कोई आवाज लगाए.  भैंसा कहाँ मिलेगा, इसका पता पहले ही मालूम कर के रखें.  भैंस को रोटी नहीं खिलानी है, केवल भैंसे को ही श्रेष्ठ रहती है.  शनि और मंगलवार को ही यह कार्य करें.

0757. निरोगी - इतवार या गुरूवार को चीनी, दूध, चावल और पेठा (कद्दू-पेठा, सब्जी बनाने वाला) अपनी इच्छा अनुसार लें और उसको रोगी के सिर पर से वार कर किसी भी धार्मिक स्थान पर, जहां पर लंगर बनता हो, दान कर दें, रोग दूर जाने लगेगा.

0758. निरोगी - उपले या लकड़ी के कोयले जलाकर उसमें धूनी की विशिष्ट वस्तुएं डालें और उससे उत्पन्न होने वाला धुआं पीड़ित व्यक्ति  को सुंघाएं.  ऊपरी हवाओं से मुक्ति मिलेगी.

0759. निरोगी - ऊपरी बाधाओं से मुक्ति हेतु निम्नोक्त मंत्र का यथासंभव जप करना चाहिए.  "ऊँ ऊँ नमो भगवते रुद्राय नमः कोशेश्वस्य नमो ज्योति पंतगाय नमो रुद्राय नमः सिद्धि स्वाहा. "

0760. निरोगी - एक बरगद, एक अनार, एक कड़ीपत्ता, एक जामफल, एक तुलसी, एक नींबू, एक अशोक, एक चमेली, एक चम्पा का वृक्ष लगाने से निरोगी काया रहकर घर में धन, समृद्धि और शांति बनी रहती है.

0761. निरोगी - कांसे की कटोरी में तेल भरकर उसमें अपनी परछाई देखें और यह तेल किसी मंदिर में दान कर दें.  5 तरह के फल ले जाकर किसी मंदिर में रख आएं.

0762. निरोगी - किसी तालाब, कूप या समुद्र में जहां मछलियाँ हों, उनको शुक्रवार से शुक्रवार तक आटे की गोलियां, शक्कर मिला कर खिलाए, रोगी ठीक होता चला जायेगा.

0763. निरोगी - किसी दरगाह पर सूर्यास्त के पश्चात् तेल का दीपक जलाएं.  अगरबत्ती जलाएं और बताशे रखें, फिर वापस मुड़ कर न देखें.  बीमार व्यक्ति शीघ्र अच्छा हो जायेगा.

0764. निरोगी - किसी रोग से ग्रसित होने पर.सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें . अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें . सेहत ठीक रहेगी.

0765. निरोगी - कुत्ता आपको राजा से रंक और रंक से राजा बना सकता है.  कुत्ते को खिलाने से दुश्मन आपसे दूर रहेंगे.  कुत्ते को प्रतिदिन भोजन देने से जहां दुश्मनों का भय मिट जाता है, वहीं व्यक्ति निडर हो जाता है.  कुत्ता पालने से लक्ष्मी आती है और कुत्ता घर के रोगी सदस्य की बीमारी अपने ऊपर ले लेता है.  पितृ पक्ष में कुत्तों को मीठी रोटी खिलानी चाहिए.

0766. निरोगी - कोई असाध्य रोग हो जाए तथा दवाईयां काम करना बंद कर दें तो पीडि़त व्यक्ति के सिरहाने रात को एक तांबे का सिक्का रख दें तथा सुबह इस सिक्के को किसी श्मशान में फेंक दें.  दवाईयां असर दिखाना शुरू कर देंगी और रोग जल्दी ही दूर हो जाएगा.

0767. निरोगी - गुग्गुल का उपयोग सुगंध, इत्र व औषधि में भी किया जाता है.  इसकी महक मीठी होती है और आग में डालने पर वह स्थान सुंगध से भर जाता है.  गुग्गल की सुगंध से जहां आपके मस्तिष्क का दर्द और उससे संबंधित रोगों का नाश होगा वहीं इसे दिल के दर्द में भी लाभदायक माना गया है.

0768. निरोगी - डि-हाइड्रेशन होने पर नारियल पानी में नीबू मिलाकर पिया जाता है.

0769. निरोगी - धान कूटने वाला मूसल और झाडू रोगी के ऊपर से उतार कर उसके सिरहाने रखें.

0770. निरोगी - नारियल के पानी में पोटैशियम अधिक मात्रा में होता है.  इसे पीने से शरीर में किसी भी प्रकार की सुन्नता नहीं रहती.

0771. निरोगी - नारियल पानी में पोटेशियम और क्लोरीन होता है जो मां के दूध के समान होता है। जिन शिशुओं को दूध नहीं पचता उन्हें दूध के साथ नारियल पानी मिलाकर पिलाना चाहिए.

0772. निरोगी - नीम शीतल, हल्का, ग्राही पाक में चरपरा, हृदय को प्रिय, अग्नि, वाट, परिश्रम, तृषा, अरुचि, क्रीमी, व्रण, कफ, वामन, कोढ़ और विभिन्न प्रमेह को नष्ट करता है.

0773. निरोगी - प्रेत बाधा दूर करने के लिए पुष्य नक्षत्र में चिड़चिटे अथवा धतूरे का पौधा जड़सहित उखाड़ कर उसे धरती में ऐसा दबाएं कि जड़ वाला भाग ऊपर रहे और पूरा पौधा धरती में समा जाएं.  इस उपाय से घर में प्रेतबाधा नहीं रहती और व्यक्ति सुख-शांति का अनुभव करता है.

0774. निरोगी - प्रेत बाधा निवारक हनुमत मंत्र – "ॐ ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ॐॐ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षणी-पूतना-मारी-महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम्‌ क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर रुद्रावतार हुं फट् स्वाहा.  इस हनुमान मंत्र का पांच बार जाप करने से भूत कभी भी निकट नहीं आ सकते.

0775. निरोगी - बेडरूम में बिस्तर पर सोते वक़्त ये जरुर ध्यान रखें कि आपका मुँह दक्षिण दिशा में हो .  उत्तर दिशा में मुँह करके सोने से अनिंद्रा, पाचन, एसिडिटी इत्यादि जैसे विकार जन्म ले सकते हैं .

0776. निरोगी - यदि आप ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन से परेशान हैं तो इतवार की रात को सोते समय अपने सिरहाने की तरफ 325 ग्राम दूध रख कर सोंए . सोमवार को सुबह उठ कर सबसे पहले इस दूध को किसी कीकर या पीपल के पेड को अर्पित कर दें . यह उपाय 5 इतवार तक लगातार करें . लाभ होगा .

0777. निरोगी - यदि किसी को टायफाईड हो गया हो तो उसे प्रतिदिन एक नारियल पानी पिलायें. कुछ ही दिनों में आराम हो जायगा.

0778. निरोगी - यदि किसी को लगातार बुखार आ रहा हो और कोई भी दवा असर न कर रही हो तो आक की जड लेकर उसे किसी कपडे में कस कर बांध लें . फिर उस कपडे को रोगी के कान से बांध दें . बुखार उतर जायगा .

0779. निरोगी - यदि कोई पुराना रोग ठीक नहीं हो रहा हो तो गोमती चक्र को लेकर एक चांदी की तार में पिरोएं तथा पलंग के सिरहाने बांध दें.  रोग जल्दी ही पीछा छोड़ देगा.

0780. निरोगी - यदि कोई व्यक्ति अचानक ही बीमार हो जाए तथा उस पर दवाओं का कोई असर न हों तो इसके लिए भी नींबू का उपाय किया जाता है.  ऐसी स्थिति में एक साबूत नींबू के उपर काली स्याही से 307 लिख दें और उस व्यक्ति के उपर उल्टी तरफ से 7 बार उतारें.  इसके पश्चात उसी नींबू को चार भागों में इस प्रकार से काटें कि वह नीचें से जुड़े रहें.  और फिर उसी नींबू को घर से बाहर किसी निर्जन स्थान पा फेंक दें.  इस उपाय को करने से पीडि़त व्यक्ति 24 घंटों के अंदर ही स्वस्थ हो जायेगा.

0781. निरोगी - यदि पर्याप्त उपचार करने पर भी रोग-पीड़ा शांत नहीं हो रही हो तो ऐसे व्यक्ति को अपने वजन के बराबर गेहू¡ का दान रविवार के दिन करना चाहिए.  गेहूँ का दान जरूरतमंद एवं अभावग्रस्त व्यक्तियों को ही करना चाहिए.

0782. निरोगी - रात में पूर्व की ओर अपना सिर करके सोएं.  सोते समय एक कटोरी में थोड़ा सा सेंधा नमक रख लें.  इससे आपकी बीमारी में लाभ होगा.

0783. निरोगी - शुक्रवार रात को मुठ्ठी भर काले साबुत चने भिगोयें.  शनिवार की शाम काले कपड़े में उन्हें बांधे तथा एक कील और एक काले कोयले का टुकड़ा रखें.   रोगी के ऊपर से 7 बार वार दें. इस पोटली को किसी तालाब या कुएं में फेंक दें  ऐसा 3 शनिवार करें. बीमार व्यक्ति शीघ्र अच्छा हो जायेगा.

0784. निरोगी - सरसों के तेल को गरम कर इसमें एक चमड़े का टुकड़ा डालें, पुन: गर्म कर इसमें नींबू, फिटकरी, कील और काली कांच की चूड़ी डाल कर मिट्टी के बर्तन में रख कर, रोगी के सिर पर फिराएं.  इस बर्तन को एकांत में गाड़ दें.

0785. निरोगी - साबुत मसूर, काले उड़द, मूंग और ज्वार चारों बराबर-बराबर ले कर साफ कर के मिला दें.  कुल वजन 1 किलो हो.  इसको रोगी के ऊपर से 7 बार वार कर उनको एक साथ पकाएं.  जब चारों अनाज पूरी तरह पक जाएं, तब उसमें तेल-गुड़ मिला कर, किसी मिट्टी के दीये में डाल कर दोपहर को, किसी चौराहे पर रख दें.  उसके साथ मिट्टी का दीया तेल से भर कर जलाएं, अगरबत्ती जलाएं.  फिर पानी से उसके चारों ओर घेरा बना दें.  पीछे मुड़ कर न देखें.  घर आकर पांव धो लें.  रोगी ठीक होना शुरू हो जायेगा.

0786. निरोगी - सूर्य जब मेष राशि में प्रवेश करें तो नीम की नवीन कोपलें, गुड़ व मसूर के साथ पीस कर खाने से व्यक्ति पूरे वर्ष निरोग तथा स्वस्थ रहता है.

0787. निरोगी - हर मंगल और शनिवार को रोगी के ऊपर से इमरती को 7 बार वार कर कुत्तों को खिलाने से धीरे-धीरे आराम मिलता है.  यह कार्य कम से कम 7 सप्ताह करना चाहिये.  बीच में रूकावट न हो, अन्यथा वापस शुरू करना होगा.

0788. परिवार -  अगर  पूजा घर सीढियों के निचे बना हुआ है तो बहुत गलत है, इससे बहु और सास में झगडे होते हैं, आपके घर में शादी विवाह में रुकावट आएगी, आपके पड़ोसियों से सम्बन्ध अच्छे नहीं रहेंगे, आपके घर में अशांति रहेगी, इस लिए सीढियों के नीचे  अपने घर में पूजा घर ना बनाइये.

0789. परिवार -  अगर घर में सास बहु में सदैव कलह रहती हो तो घर के मुख्य द्वार पर बाहर की ओर श्वेतार्क (सफेद आक के गणेश) लगाये  इससे घर में सुख-शांति बनी रहेगी.

0790. परिवार -  अगर रसोई घर आग्नेय दिशा के स्थान पर किसी और दिशा में बनी हो तो उसकी दक्षिण और आग्नेय दिशा की दीवार को लाल रंग से रंगकर कर उसका दोष दूर किया जा सकता हैं, ओर ऐसा करने से मनमुटाव धीरे धीरे कम होता जाएगा,

0791. परिवार -  आजकल बेडरूम में टीवी, फ्रिज या कंप्यूटर आदि रखना एक फैशन सा हो गया है इससे सदैव ही बचना चाहिए इनसे निकलने वाली हानिकारक तरंगे शरीर पर दुष्प्रभाव डालती हैं.  पर यदि टीवी, कंप्यूटरआदि रखना ही पड़े तो जब वह इस्तेमाल में न हो तो उसे किसी कपड़े से ढँककर ही रखें.

0792. परिवार -  इस बात का ध्यान रखे कि उत्तराभिमुख घर में उत्तर दिशा से ईशान कोण तक, पूर्वाभिमुख घर में पूर्व दिशा मध्य से अग्नि कोण पर्यन्त, दक्षिणाभिमुख मकान में दक्षिण दिशा मध्य से दक्षिण-पश्चिम कोण तक तथा पश्चिममुख मकानों में पश्चिम दिशा से वायव्य कोण तक यदि बाह्य द्वार न रखा जाय तो घर की सभी स्त्रियां आपस में समन्वय व प्रेम की और अग्रसर हो कर सुख की अनुभूति करती है तथा घर में सुख-शांति बनी रहेगी.

0793. परिवार -  एक नारियल लेकर उस पर काला धागा लपेट दें फिर इसे पूजा स्थान पर रख दें.  शाम को उस नारियल को धागे सहित जला दें.  घर में शांति बनी रहेगी.

0794. परिवार -  ऐसी चीज का प्रयोग करने से बचें जो अलगाव दर्शाती हो.  छत पर बीम का होना और दो अलग मैट्रेस का प्रयोग भी प्रेम संबंधो में दूरी बनाता है, जहाँ तक संभव हो पति पत्नी एक ही मैट्रेस के ऊपर सोयें.

0795. परिवार -  कहते है जो सास अपनी बहु को अपनी बेटी मानती है , उसे अपनी बेटी की तरह ही लाड़ प्यार करती है उसकी स्वयं की बेटी का भी दाम्पत्य जीवन सदैव सुखमय रहता है.  उससे देवता भी प्रसन्न रहते है , उसका और उस घर के बुजुर्गो का स्वास्थ्य ठीक बना रहता है.  वह जीवन के अंतिम समय तक भी बिस्तर पर रोगी बनकर नहीं रहते है अर्थात उनका शरीर उनका साथ देता है.

0796. परिवार -  की मुखिया सास या बड़ी बहू को कभी भी ईशान कोण में नहीं सोना चाहिए इससे परिवार में प्रभाव कम हो कर हास्यास्पद स्थिति रहती है वृद्धावस्था में अग्नि कोण में रह सकती है.

0797. परिवार -  गाय के गोबर का दीपक बनाकर उसमें गुड़ तथा मीठा तेल डालकर जलाएं.  फिर इसे घर के मुख्य द्वार के मध्य में रखें. घर में शांति बनी रहेगी तथा समृद्धि में वृद्धि होगी.

0798. परिवार -  ग्रहस्थ जीवन में पत्नी को हमेशा पति के बायीं और ही शयन करना चाहिए इससे पति और पत्नी के मध्य प्रेम बना रहता है.

0799. परिवार -  ग्रहस्थ सांसारिक मामलों में पत्नी को हमेशा पति के बायीं और ही शयन करना चाहिए .

0800. परिवार -  घर के बर्तन के गिरने टकराने की आवाज न आने दें. , घर सजाकर सुन्दर रखें. प्रतिदिन पहली रोटी गाय को एवं आखरी रोटी कुत्ते को खिलाऐं. ॐ ॐ शांति मन्त्र का जाप सास-बहू दोनों 21 दिन तक लगातर 11-11 माला करें.  घर में शांति बनी रहेगी.

नज़र - रविवार तक सूर्य को नित्य रक्त पुष्प डाल कर अर्ध्य दिया जाता है. अर्ध्य द्वारा विसर्जित जल को दक्षिण नासिका, नेत्र, कर्ण व भुजा को स्पर्शित करें. यदि आप ऐसे नहीं करेंगे तो इससे शनि का दुष्प्रभाव शुरू हो जाएगा. शनि के दुष्प्रभाव से बचें : इससे धन का क्षय होता है. नवग्रह मंत्र, जप विधि और फायदे :Navgraha Mantra, Jap Vidhi, Benefits Navgraha Mantra, Jap Vidhi, Benefits: ज्योतिष में नौ ग्रह बताए गए हैं और सभी ग्रहों का अलग-अलग असर होता है। कुंडली में जिस ग्रह की स्थिति अशुभ होती है, उससे शुभ फल पाने के लिए कई उपाय हैं। इन्हीं उपायों में से एक उपाय ये है कि अशुभ ग्रह के मंत्र का जप किया जाए। ग्रहों के मंत्र जप से अशुभ असर कम हो सकता है। यहां जानिए किस ग्रह के लिए कौन से मंत्र का जप करना चाहिए… Must Read- जानिए आरती के बाद क्यों बोलते हैं कर्पूरगौरं मंत्र Navgraha Mantra, Beej Mantra, Jap Vidhi, Benefits, Fayde, मंत्र जप की सामान्य विधि (Navgraha Mantra Jap Vidhi)- जिस ग्रह के लिए मंत्र जप करना चाहते हैं, उस ग्रह की विधिवत पूजा करें। पूजा में सभी आवश्यक सामग्रियां चढ़ाएं। इसके लिए किसी ब्राह्मण की मदद भी ली जा सकती है। पूजा में संबंधित ग्रह के मंत्र का जप करें। वैसे तो हर गृह के लिए मंत्र जप की संख्या निश्चित है। लेकिन यदि आप उतना मंत्र जप नहीं कर पाए तो कम से कम 108 मंत्र जप अवश्य करे । जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग किया जा सकता है। loading... नवग्रह मंत्र (Navgraha Mantra) (Surya Mantra)- (Chandra Mantra)- अन्य धार्मिक लेख- Pitra Dosh Nivaran Ke Upay : पितृ दोष निवारण के उपाय Pitra dosh nivaran ke upay in Hindi: हिंदू धर्म में श्राद्ध की व्यवस्था इसलिए की गई है कि मनुष्य साल में एक बार अपने पितरों को याद कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर सके। श्राद्ध का अर्थ अपने पितरों से प्रति व्यक्त की गई श्रद्धा से है। जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है, उसके लिए भी श्राद्ध पक्ष का समय विशेष होता है क्योंकि इन 16 दिनों में किए गए कर्मों के आधार पर ही पितृ दोष से मुक्ति मिलना संभव है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, जो लोग श्राद्ध पक्ष के दौरान अपने पितरों का तर्पण, पिण्डदान व श्राद्ध नहीं करते, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उनमें से कुछ समस्या इस प्रकार है- उपरोक्त में से एक न एक बाधा पितृ दोष के कारण बनी रहती है। पितृ दोष निवारण के उपाय श्राद्ध में कौन सी वस्तु दान करने से क्या फल मिलता है? Shradh (Pitru Paksha) mein kya kare dan: पितृ पक्ष के सोलह दिनों में श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि कर्म कर पितरों को प्रसन्न किया जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष में दान का भी बहुत महत्व है। मान्यता है कि दान से पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है और पितृ दोष भी खत्म हो जाते हैं। श्राद्ध में गाय, तिल, भूमि, नमक, घी आदि दान करने की परंपरा है। Shradh (Pitru Paksha) mein kya kare dan इन सभी वस्तुओं को दान करने से अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं। धर्म ग्रंथों में श्राद्ध में दान की गई वस्तु से मिलने वाले फलों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है, लेकिन बहुत कम लोग इस बारे में जानते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं श्राद्ध में क्या वस्तु दान करने से उसका क्या फल प्राप्त होता है- ये है श्राद्ध की सबसे आसान विधि आश्विन कृष्ण पक्ष में जिस दिन पूर्वजों की श्राद्ध तिथि आए, उस दिन पितरों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध विधि-विधान से करना चाहिए। किंतु अगर आप किसी कारणवश शास्त्रोक्त विधानों से न कर पाएं तो यहां बताई श्राद्ध की सरल विधि से भी श्राद्ध कर सकते हैं- श्राद्ध विधि सुबह उठकर स्नान कर देव स्थान व पितृ स्थान को गाय के गोबर से लीपकर व गंगाजल से पवित्र करें। घर के आंगन में रांगोली बनाएं। महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं। श्राद्ध का अधिकारी श्रेष्ठ ब्राह्मण (या कुल के अधिकारी जैसे दामाद या बहन का पुत्र आदि) को न्योता देकर बुलाएं। ब्राह्मण से पितरों की पूजा एवं तर्पण आदि करवाएं। पितरों के निमित्त अग्नि में गाय का दूध, दही, घी एवं खीर अर्पित करें। गाय, कुत्ता, कौआ व अतिथि के लिए भोजन से चार ग्रास निकालें। ब्राह्मण को आदरपूर्वक भोजन कराएं, मुखशुद्धि, वस्त्र, दक्षिणा आदि से सम्मान करें। ब्राह्मण स्वस्तिवाचन तथा वैदिक पाठ करें एवं गृहस्थ एवं पितर के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त करें। OCTOBER 7, 2015 BY AG LEAVE A COMMENT बार-बार उल्टी या डायरिया का होना - बिना बात के धन संबंधी नुकसान होना - ये भी पढ़े- ऐसे करें दीवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन, घर आएंगी सुख-समृद्धि ये भी पढ़े- दीपावली की रात को किए जाते हैं ये 11 अचूक टोने-टोटके शनि देव मान जाते हैं अगर आप - गाय , बैल को लात नही मारना चाहिये. ( एक ही परिवार के) को श्राद्ध करना चाहिए. एक से अधिक पुत्र होने पर सबसे बड़ा पुत्र श्राद्ध करता है. फिर उस पुतली को छाती से लगाकर रखें. इससे स्त्री वशीभूत हो जाएगी. फूक मार के दीपक नही बुझाना. चाहिये. धन प्राप्ति के लिए राशि अनुसार उपाय - गृह क्लेश क्यों होता है teg :- Hindi Kahaniya With Moral, Hindi Story on Moral Values, Moral Stories in Hindi, Motivational Stories in Hindi, Short Hindi St... सफलता कि आदतें सफलता कि आदतें दो बचपन के दोस्त बहुत सालों के बाद मिलते है , एक दोस्त अपनी अच्छी आदतों के कारण सफलता के शिखर प... खोखले बहाने हम सब लोग बहाने बहुत बनाते है , मैं गरीब घर से आया हूँ , मेरी हाईट नहीं है , मैं सुन नहीं सकता , मैं देख नहीं सकता , मेरी... गधे की माँ गधे की माँ किसी मज़ार पर एक फकीर रहते थे। सैकड़ों भक्त उस मज़ार पर आकर दान-दक्षिणा चढ़ाते थे। उन भक्तों में एक बंजार... ☝ ✔ ✍‪ ➟ ⇨ ====================================================== ऊँ ऊँ ॐ ॐ लाभ मिलता है. फायदा होता है. शारीरिक दुर्बलता दूर हो जाती है. ताक़त के लिए ये टोटका हमेशा बुरी नजर से बचाएगा. शत्रु से मुक्ति सुख शांति के लिए लाभ होगा. चाहिये अच्छे स्वास्थ्य के लिये काजल से वशीकरण "ऊँ ऊँ नम: शिवाय: मंत्र" "ऊँ ऊँ गं गणपतयै नम:" लाभ होगा फायदा होता है. लाभ होता है. गणेश चतुर्थी के दौरान - श्री गणेशजी "तह कुठठ इलाही का बान. कूडूम की पत्ती चिरावन. भाग भाग अमुक अंक से भूत. मारुं धुलावन कृष्ण वरपूत. आज्ञा कामरु कामाख्या. हारि दासीचण्डदोहाई. "

Saturday, October 1, 2016

अच्छे जीवन के उपाय 0601. - 0700.

ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं.  इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए.  उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका   ना हो , इसका ख़याल रखे.
0601. धन-समृद्धि - चींटी को शकर मिलाकर आटा खिलाने से कर्ज समाप्त होगा और मछली को खिलाने से समृद्धि बढ़ेगी.

0602. धन-समृद्धि - जो व्यक्ति बहुत समय से आर्थिक परेशानियों से त्रस्त हैं a. रवि पुष्य नक्षत्र वाले दिन तक तांबे पर बना श्री यंत्र लाएं और शुभ मुहूर्त में उसे घर के मंदिर में गंगाजल से धोकर स्थापित करें और धूप-आदि करने के बाद रोज एक पाठ श्री सूक्तम् का उसके समक्ष करें. b. रवि पुष्य नक्षत्र के दिन ग्यारह गोमती चक्र लाएं और उन्हें गंगाजल से शुद्ध करके अपने मंदिर में रखें और धूप आदि करके निम्न मंत्र की एक माला रोज जाप करें - "ऊँ ऊँ  नमो धनदाये स्वाहा"  c. घर में एक केले का पौधा बृहस्पति वार को शुक्ल पक्ष में और शुभ मुहूर्त में उसे घर के मंदिर में गंगाजल से धोकर स्थापित करें और धूप-आदि करने के बाद रोज एक पाठ श्री सूक्तम् का उसके समक्ष करें.

0603. धन-समृद्धि - पिंजरे में आप किसी पक्षी को ले जाते हुए देखें या कोई पक्षी पिंजरे में है तो आप उन पक्षियों को लेकर उन्हें आजाद कर दें.  इस कार्य से आपके ऊपर कैसा भी कर्ज हो आप उससे मुक्त हो जाएंगे.  लेकिन यदि आपने अपने घर में किसी पक्षी को पिंजरे में रख रखा है तो आप आज नहीं तो कल कभी भी भयंकर कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे.

0604. धन-समृद्धि - पैसों की तंगी के कारण आपके घर में क्लेश हो रहा है.  कुछ दिनों बाद आपकी यह समस्या दूर जाएगी.  आप मां लक्ष्मी का पूजन रोज करें.

0605. धन-समृद्धि - प्रति शनिवार की शाम को पीपल की पूजा करके धूप और दीप जलाएं.  इस उपाय से जीवन में धन और समृद्दि के मार्ग खुल जाएंगे और शनिदोष में समाप्त हो जाएगा.

0606. धन-समृद्धि - प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पीपल, तुलसी एवं सूर्य देव को जल अर्पित कर सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें.

0607. धन-समृद्धि - बढाने के लिए पूजा घर में अभिमंत्रित श्री यंत्र रखें.

0608. धन-समृद्धि - यदि आप अपना मकान, दुकान या कोई अन्य प्रापर्टी बेचना चाहते हैं और वो बिक न रही हो तो  बाजार से 86  साबुत बादाम (छिलके सहित) ले आईए . सुबह नहा-धो कर, बिना कुछ खाये, दो बादाम लेकर मन्दिर जाईए . दोनो बादाम मन्दिर में शिव-लिंग या शिव जी के आगे रख दीजिए . हाथ जोड कर भगवान से प्रापर्टी को बेचने की प्रार्थना कीजिए और उन दो बादामों में से एक बादाम वापिस ले आईए . उस बादाम को लाकर घर में कहीं अलग रख दीजिए . ऐसा आपको 43 दिन तक लगातार करना है . रोज़ दो बादाम लेजाकर एक वापिस लाना है . 43 दिन के बाद जो बादाम आपने घर में इकट्ठा किए हैं उन्हें जल-प्रवाह (बहते जल, नदी आदि में) कर दें . आपका मनोरथ अवश्य पूरा होगा . यदि 43 दिन से पहले ही आपका सौदा हो जाय तो भी उपाय को अधूरा नही छोडना चाहिए . पूरा उपाय करके 43 बादाम जल-प्रवाह करने चाहिए . अन्यथा कार्य में रूकावट आ सकती है .

0609. धन-समृद्धि - यदि आप हमेशा आर्थिक समस्या से परेशान हैं तो इसके लिए आप 21 शुक्रवार 9 वर्ष से कम आयु की 5 कन्यायों को खीर व मिश्री का प्रसाद बांटें .

0610. धन-समृद्धि - यदि आपका किसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमें विजय पाना चाहते हैं तो थोडे से चावल लेकर कोर्ट/कचहरी में जांय और उन चावलों को कचहरी में कहीं पर फेंक दें . जिस कमरे में आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेंकें तो ज्यादा अच्छा है.

0611. धन-समृद्धि - यदि आपका पैसा रुक गया है अथवा आ नहीं रहा है या किसी को देने के बाद मिल नहीं रहा है तो भगवान् विष्णु की तस्वीर लाएं.  उसे मन्दिर में लगाएं, फिर रोज प्रातः स्नानादि से निवृत होकर पीला चंदन घिसकर उसमें थोड़ा केसर और हल्दी मिलाकर भगवान् विष्णु को तिलक करें, फिर अपने मस्तक पर तिलक करें और पूर्ण विश्वास के साथ गजेन्द्रमोक्ष के पाठ करें.  बहुत जल्दी फायदा होगा.

0612. धन-समृद्धि - यदि आपकी रकम कहीं फंस गई है और पैसे वापिस नहीं मिल रहे तो आप रोज़ सुबह नहाने के पश्चात सूरज को जल अर्पण करें . उस जल में 11 बीज लाल मिर्च के डाल दें तथा सूर्य भगवान से पैसे वापिसी की प्रार्थना करें. इसके साथ ही “ऊँ ऊँ आदित्याय नमः “ का जाप करें .

0613. धन-समृद्धि - यदि आपको उपर किसी तरह का कर्ज है या कोई संकट आ खड़ा हुआ है तो आटे के पांच दिए बनाकर एक एक दिए को बढ़ के अलग अलग पत्ते पर रखें.  अब उन्हें हनुमान मंदिर में ले जाकर हनुमानजी की प्रतिमा के समक्ष दिए जला दें.  वहीं बैठकर हनुमानजी से अपने संकट और कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें.  यह कार्य आप पांच मंगलवार तक करें.  इस दौरान आते जाते वक्त मौन रहें.

0614. धन-समृद्धि - यदि आपको व्यापार में हानि हो रही है तो पीपल पर रोज जल चढ़ाएं.  सफलता मिलेगी.

0615. धन-समृद्धि - यदि ऐसा लगता है कि किसी ने लक्ष्मी बांध रखी है तो माता कालीका को प्रतिदिन दो लकड़ी वाली (बांस वाली नहीं) अगरबत्ती लगाएं या एक धूपबत्ती लगाएं.  प्रत्येक शुक्रवार को काली के मंदिर में जाकर पूजा करें और माता से हर तरह के बंधन को काटने की प्रार्थना करें.

0616. धन-समृद्धि - यदि कोई व्यक्ति पैसों की तंगी का सामना करना रहा है तो उसे प्रति मंगलवार और शनिवार को पीपल के 11 पत्तों का यह उपाय अपनाना चाहिए. सप्ताह के प्रति मंगलवार और शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठें.  इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर किसी पीपल के पेड़ से 11 पत्ते तोड़ लें.  ध्यान रखें पत्ते पूरे होने चाहिए, कहीं से टूटे या खंडित नहीं होने चाहिए.  इन 11 पत्तों पर स्वच्छ जल में कुमकुम या अष्टगंध या चंदन मिलाकर इससे श्रीराम का नाम लिखें. नाम लिखते समय हनुमान चालीसा का पाठ करें. जब सभी पत्तों पर श्रीराम नाम लिख लें, उसके बाद राम नाम लिखे हुए इन पत्तों की एक माला बनाएं.  इस माला को किसी भी हनुमानजी के मंदिर जाकर वहां बजरंगबली को अर्पित करें.  इस प्रकार यह उपाय करते रहें.  कुछ समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे. ध्यान रखें उपाय करने वाला भक्त किसी भी प्रकार के अधार्मिक कार्य न करें.

0617. धन-समृद्धि - यदि बेवजह धन का नुकसान हो रहा है.  धन चोरी हो रहा है, डूब रहा है या गायब हो जाता है तो रोज सुबह नीम की लकड़ी से दातुन करें.

0618. धन-समृद्धि - रविवार पुष्य नक्षत्र में एक कौआ अथवा काला कुत्ता पकड़े.  उसके दाएँ पैर का नाखून काटें.  इस नाखून को ताबीज में भरकर, धूपदीपादि से पूजन कर धारण करें.  इससे आर्थिक बाधा दूर होती है.  कौए या काले कुत्ते दोनों में से किसी एक का नाखून लें.  दोनों का एक साथ प्रयोग न करें.

0619. धन-समृद्धि - लक्ष्मी जी का  जप करने से अभीष्ट धन की प्राप्ति होती है.  : - ॐ ॐ देवसखाय नम:, चिक्लीताय, आनन्दाय, कर्दमाय, श्रीप्रदाय, जातवेदाय, अनुरागाय, सम्वादाय, विजयाय, वल्लभाय, मदाय, हर्षाय, बलाय, तेजसे, दमकाय, सलिलाय, गुग्गुलाय, ॐ ॐ कुरूण्टकाय नम:.

0620. धन-समृद्धि - शनिवार के दिन कृष्ण वर्ण के पशुओं को रोटी खिलाएं. लाभ मिलता है.

0621. धन-समृद्धि - शुक्र्वार की रात को सवा किलो काले चने भिगो दें. दूसरे दिन शनिवार को उन्हें सरसों के तेल में बना लें. उसके तीन हिस्से कर लें . उसमें से एक हिस्सा घोडे या भैंसे को खिला दें. दूसरा हिस्सा कुष्ठ रोगी को दे दें और तीसरा हिस्सा अपने सिर से घडी की सूई से उल्टे तरफ तीन बार वार कर किसी चौराहे पर रख दें. यह प्रयोग 40 दिन तक करें

0622. धन-समृद्धि - सर्वप्रथम 5 लाल गुलाब के पूर्ण खिले हुए फूल लें.  इसके पश्चात् डेढ़ मीटर सफेद कपड़ा ले कर अपने सामने बिछा लें.  इन पांचों गुलाब के फुलों को उसमें, गायत्री मंत्र 21 बार पढ़ते हुए बांध दें.  अब स्वयं जा कर इन्हें जल में प्रवाहित कर दें.  भगवान ने चाहा तो जल्दी ही कर्ज से मुक्ति प्राप्त होगी.

0623. धन-समृद्धि - सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ.  फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ.  इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है.

0624. नजर -  ॐ या रुद्राक्ष का अभिमंत्रित लॉकेट गले में पहने और घर के बाहर एक त्रिशूल में जड़ा ॐ का प्रतीक दरवाजे के ऊपर लगाएं.  सिर पर चंदन, केसर या भभूति का तिलक लगाएं.  हाथ में मौली (नाड़ा) अवश्य बांध कर रखें.  बुरी नजर से भी रक्षा होती है.

0625. नज़र - " ऊँ ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ऊँ ऊँ  नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षणी-पूतना-मारी-महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम्‌ क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर रुद्रावतार हुं फट् स्वाहा. " इस हनुमान मंत्र का पांच बार जाप करने से भूत कभी भी निकट नहीं आ सकते.

0626. नज़र - आंखें भारी होना व पलकों का मुड़ना -रविवार या शनिवार को नज़र लगे व्यक्ति से तीन बार दूध उतारकर एक मिट्टी के बर्तन में रखकर कुत्तों के आगे डाल दें.

0627. नज़र - आपको लगता है कि आपके घर में किसी ने कुछ तंत्र कर रखा है तो जावित्री, गायत्री और केसर लाकर उसे कूटकर मिला लें.  इसके बाद उसमें उचित मात्रा में गुग्गल मिला लें.  अब इस मिश्रण को धूप प्रतिदिन शाम को दें.  ऐसे 21 दिन तक करेंगे तो तांत्रिक प्रभाव हट जाएगा.

0628. नज़र - किसी काम में मन न लगना - डंठल सहित 7 लाल मिर्च 9, 11, या 21 बार उतारकर अग्नि में डाल देने पर नज़र उतर जाती है.

0629. नज़र - किसी गर्भवती महिला का दूध सुख जाना - गोबर के छोटे दिए में गुड़ का टुकड़ा, तेल और रुई की बत्ती डालकर उसे जलाकर दरवाज़े के बीच में रखने से भी बुरी नज़र का प्रभाव खत्म हो जाता है.

0630. नज़र - खाने की किसी चीज़ से चिढ हो जाना - जिसे भी नज़र लगी हो उस व्यक्ति पर से तेल लगी रोटी 7 बार वारकर काले कुत्ते को खिला दें.  नज़र दोष दूर हो जाएगा.

0631. नज़र - गोबर के छोटे दिए में गुड़ का टुकड़ा, तेल और रुई की बत्ती डालकर उसे जलाकर दरवाज़े के बीच में रखने से भी बुरी नज़र का प्रभाव खत्म हो जाता है.

0632. नज़र - घर की छत पर उत्तर-पूर्व दिशा में 5 तुलसी के पौधे लगाएं या घर की छत पर काली मटकी लगाएं.

0633. नज़र - जिसे भी नज़र लगी हो उस व्यक्ति पर से तेल लगी रोटी 7 बार वारकर काले कुत्ते को खिला दें.  नज़र दोष दूर हो जाएगा.

0634. नज़र - डंठल सहित 7 लाल मिर्च 9, 11, या 21 बार उतारकर अग्नि में डाल देने पर नज़र उतर जाती है.

0635. नज़र - नींबू को सिर से उतारकर चार टुकड़ों में काटकर चौराहे पर चारों दिशाओं में फेंक दें.  यदि कोई नज़र लगी हो या टोटका किया गया हो तो दूर हो जाता है.

0636. नज़र - नीम एक चमत्कारी वृक्ष माना जाता है.  मां दुर्गा का रूप माने जाने वाले इस पेड़ को कहीं-कहीं 'नीमारी देवी' भी कहते हैं.  इस पेड़ की पूजा की जाती है.  कहते हैं कि नीम की पत्तियों के धुएं से बुरी और प्रेत आत्माओं से रक्षा होती है.

0637. नजर - मां काली के लिए उनके नाम से प्रतिदिन अच्छी तरह से पवित्र की हुई दो अगरबत्ती सुबह और दो दिन ढलने से पूर्व लगाएं और उनसे घर और शरीर की रक्षा करने की प्रार्थना करें.  बुरी नजर से रक्षा भी होती है.

0638. नजर - यदि कोई व्यक्ति किसी नदी में स्नान करता है तो उसे पानी पर ऊँ लिखकर पानी में तुरंत डुबकी मार लेना चाहिए.  ऐसा करने से नदी स्नान का पूर्ण पुण्य प्राप्त होता है.  इस उपाय से ग्रह दोष भी शांत होते हैं.  यदि आपके ऊपर किसी की बुरी नजर है तो वह  उतर जाती है.

0639. नजर - यदि घर में किसी बच्चे या बड़े व्यक्ति को बुरी नजर लग जाए तो उसके सिर से पैर तक सात बार नींबू वार लें.  इसके बाद इस नींबू के चार टुकड़े करके किसी सुनसान स्थान या किसी तिराहे पर फेंक दें.  ध्यान रखें नींबू के टुकड़े फेंकने के बाद पीछे न देखें और सीधे घर आ जाएं.  नजर तुरंत दूर हो जाएगी.

0640. नज़र - यदि व्यक्ति चिड़चिढ़ा हो रहा है तथा बात-बात पर गुस्सा हो रहा है तो उसके ऊपर से राई-मिर्ची उसार कर जला दें.  तथा पीडि़त व्यक्ति को उसे देखते रहने के लिए कहें.

0641. नजर - रविवार को बांह पर काले धतूरे की जड़ बांधें, ऊपरी हवाओं से मुक्ति मिलेगी.

0642. नज़र - रविवार या शनिवार को नज़र लगे व्यक्ति से तीन बार दूध उतारकर एक मिट्टी के बर्तन में रखकर कुत्तों के आगे डाल दें.

0643. नजर - रोटी पर थोड़ा सा गुड़ रखें और इस रोटी को बच्चे के ऊपर से 11 या 21 बार वार लें.  इसके बाद ये रोटी किसी कुत्ते को खाने के लिए दे दें.  इस उपाय से बच्चे के ऊपर से बुरी नजर का असर खत्म हो जाएगा और वह फिर से ठीक से खाना खाने लगेगा.

0644. नज़र - लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पंखुड़ियां रख अपने इष्टदेव का नाम लेकर खिलाने से बुरी नज़र का प्रभाव दूर होता है.

0645. नज़र - लहसुन के रस में हींग घोलकर आंख में डालने या सुंघाने से पीड़ित व्यक्ति को ऊपरी हवाओं से मुक्ति मिल जाती है.

0646. नज़र - लाल मिर्च, अजवायन और पीली सरसों को एक मिट्टी के छोटे बर्तन में आग लेकर उसमें जलाएं.  इसका धुआं नज़र लगे बच्चे को दें.

0647. नज़र - लोबान को सुलगते हुए कंडे या अंगारे पर रख कर जलाया जाता है.  लोबान का इस्तेमाल अक्सर दरगाह पर होता है.  लोबान को जलाने के नियम होते हैं.  इसको जलाने से पारलौकिक शक्तियां आकर्षित होती है. (लोबान को घर में जलाने से पहले किसी विशेषज्ञ से पूछकर जलाएं) गुरुवार के दिन किसी समाधि विशेष पर लोबान जलाने से पारलौकिक मदद मिलना शुरू हो जाती है.

0648. नजर - शनि, राहु या केतुजनित कोई समस्या हो, कोई ऊपरी बाधा हो, बनता काम बिगड़ रहा हो, कोई अनजाना भय आपको भयभीत कर रहा हो अथवा ऐसा लग रहा हो कि किसी ने आपके परिवार पर कुछ कर दिया है, तो इसके निवारण के लिए शनिवार के दिन एक जलदार जटावाला नारियल लेकर उसे काले कपड़े में लपेटें.  100 ग्राम काले तिल, 100 ग्राम उड़द की दाल तथा 1 कील के साथ उसे बहते जल में प्रवाहित करें.  ऐसा करना बहुत ही लाभकारी होता है.

0649. नमक - अगर कुंडली में चंद्र कमजोर है तो समुद्री या सामान्य नमक का भोजन में इस्तेमाल न करें बल्कि सेंधा नमक का इस्तेमाल करें.  इससे आप रक्तचाप की समस्या से बचे रहेंगे.  लेकिन अगर कुंडली में मंगल कमजोर है तो भोजन में समुद्री नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं.

0650. नमक - अगर कोई व्यक्ति लंबी बीमारी से ग्रसित हैं तो उसके सिरहाने कांच के एक बर्तन में नमक रखें.  एक सप्ताह बाद उस नमक को बदल कर दोबारा नमक रख दें.  धीरे धीरे उस व्यक्ति की सेहत में सुधार होने लगेगा.

0651. नमक - कई बार आपको समझ नहीं आता कि आप क्यों बीमार हो रहे हैं, क्यों अचानक से सफलता मिलते-मिलते रह जाती है, सर्वगुण संपन्न होने के बावजूद विवाह नहीं हो रहा है या आपको लगता है जैसे आपके धन को कोई टोक लग गई है तो इस उपाय को होली के दिन अवश्य आजमाएं.  काले कपड़े में काली हल्दी को बांधकर 7 बार ऊपर से उतार कर होली की अग्नि में भस्म कर दें.

0652. नमक - का गिरना अच्छा नहीं माना जाता.  बुल्गारिया, यूक्रेन और रोमानिया जैसे देशों में इसे दुर्भाग्य और विवाद का सूचक समझा जाता है. इसका गिरना अशुभ माना गया है.  नमक को गिराने से चंद्रमा और शुक्र दोनों कमजोर हो जाते हैं.

0653. नमक - को सीधे सीधे किसी व्यक्ति के हाथ में मत दीजिए.  नमक का पैकेट भी देने से बचना चाहिए.  ऐसा मानते हैं कि इससे व्यक्ति के संबंध खराब होते हैं.

0654. नमक - घर में धन का प्रवाह बनाए रखने के लिए कांच का एक गिलास लेकर उसमें पानी और नमक मिलाकर घर के नैऋत्य कोने में रख दें और उस के पीछे लाल रंग का एक बल्व लगा दें, जब भी पानी सूखे तो उस गिलास को साफ करके दोबारा नमक मिलाकर पानी भर दें.

0655. नमक - टायलेट में कांच के बाऊल में क्रिस्टल साल्ट (दरदरा नमक) भर कर रखें, 15 दिन बाद बदल दें, पहला टायलेट के सिंक में डाल दें.  अगर किसी कारण टायलेट उत्तर-पूर्व में हो तो इसके दरवाजे पर रोअरिंग लायन का फोटो पेस्ट कर दें.

0656. नमक - नमक को कांच के पात्र में रखें और उसमें चार-पांच लोंग डाल दें.  इससे धन की आवक शुरू होने लगेगी और घर में बरकत भी बनी रहती है.  इससे एक ओर जहां नमक में सुगंध बनी रहेगी वहीं इस उपाय से कभी धन की कमी नहीं होगी.

0657. नमक - भोजन पकाते समय भोजन को चखे नहीं.  उससे भोजन की पवित्रता नष्ट होती है और दरिद्रता आती है.  नमक कम हो जाएगा तो बाद में डाल दिया जाएगा.  भगवान को भोजन नैवेद्य लगाने के बाद ही भोजन को चखे.

0658. नमक - मजमूरी में या दबाव में किसी का नमक मत खाइये इससे आपका बड़ा नुकसान हो सकते है.  नमक उसी का खाइये जिसके संस्कार अच्छे हों और जो धर्म सम्मत आचरण करता हो.

0659. नमक - मिला जुला वास्तुदोष हो तो जिसे आप बदल नहीं सकते.  मन में खिन्नता, भय, चिंता होने से, दोनों हाथों में साबुत नमक भर कर कुछ देर रखे रहें, फिर वॉशबेसिन में डालकर पानी से बहा दें.  नमक इधर उधर न फेंके.

0660. नमक - यदि आपका मन बहुत अशांत रहता है.  विचार चलते रहते हैं किसी प्रकार की चिंता से ग्रस्त रह रहे हैं तो इससे आपका स्वास्थ्य गिरता जाएगा.  नमक मिले हुए जल से स्नान करने से शरीर तो शुद्ध होगा ही साथ ही मन की बैचेनी भी शांत हो जाएगी.

0661. नमक - यदि आपके पास धन तो बहुत आता है लेकिन रूकता नहीं है, तो आपको यह उपाय अवश्य करना चाहिए.  होलिका दहन के दिन चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिन्दूर को साथ में रखकर सजी हुई होली की पूजन कर डिब्बी के साथ 7 प्रदक्षिणा करें फिर स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें.  धन आपके पास रूकने लगेगा.

0662. नमक - यदि आपको कोई व्यक्ति पसंद नहीं है तो उसका नमक न खाएं.  उसका मीठा खा सकते हैं.  किसी पापी पुरुष के यहां का नमक तो कदापी न खाएं अन्यथा आपका जीवन भी उसी के सामन होने लगेगा.  हर कहीं का नमक या नमकीन न खाएं इस बात का हमेशा ध्यान रखें.

0663. नमक - यदि आपको या किसी बच्चे को किसी की नजर लग गई है तो सात बार एक चुटकी नमक उस पर से उतारकर उसे बहते पानी में बहा दें.  नल खोलें और उसे नल के बहते पानी में डाल दें.  इससे नजर दोष दूर हो जाएगा.

0664. नमक - यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरन्तर अस्वस्थ्य रहता है, तो होली के दिन सुबह आटे की 2 लोई बनाकर उसमें गीले चने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी मात्रा में पिसी काली हल्दी को दबाकर मरीज के ऊपर से 7 बार उतार कर गाय को खिला दें.  फिर होली का पूजन कर घर लौट आएं.

0665. नमक - रोग से बचने के लिए साधारण नमक का कम ही उपयोग करना चाहिए.  उसकी जगह सेंधा नमक या काले नमक का उपयोग भोजन के दौरान करना चाहिए.

0666. नमक - व्यक्तिगत बाधा के लिए एक मुट्ठी पिसा हुआ नमक लेकर शाम को अपने सिर के ऊपर से तीन बार उतार लें और उसे दरवाजे के बाहर फेंकें.  ऐसा तीन दिन लगातार करें.  यदि आराम न मिले तो नमक को सिर के ऊपर वार कर शौचालय में डालकर फ्लश चला दें.  निश्चित रूप से लाभ मिलेगा.

0667. नमक - सप्ताह में एक बार गुरुवार को छोड़कर पोंछा लगाते समय पानी में थोड़ा साबुत खड़ा नमक (समुद्री नमक) मिला लेना चाहिए.  इस उपाय से भी घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है.  वातावरण की पवित्रता बढ़ती है.  इससे लक्ष्मी प्राप्ती का मार्ग खुलेगा और घर में बरकत भी बनी रहेगी.

0668. नमक - सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें . अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें.  इससे आपकी सेहत ठीक रहेगी.

0669. नमक - हर तरह की गंदगी को हटाने वाला रसायन है.  एक कांच की कटोरी में खड़ा नमक (समुद्री नमक) भरें और इस कटोरी को बाथरूम में रखें.  इस उपाय से भी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सकती है.  हर माह कटोरी का नमक बदल लें.  पुराने नमक को फेंक देना चाहिए.

0670. नहाते समय -  इस मंत्र का जप करना श्रेष्ठ रहता है  गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति.  नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु. .

0671. नहाते समय - हमें मंत्र जप करना चाहिए.  स्नान करते समय किसी मंत्र का पाठ किया जा सकता है या कीर्तन या भजन या भगवान का नाम लिया जा सकता है.  ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.

0672. ना करें -  अकारण निंदा करने वाला व्यक्ति भी मरा हुआ होता है.  जिसे दूसरों में सिर्फ कमियां ही नजर आती हैं.  जो व्यक्ति किसी के अच्छे काम की भी आलोचना करने से नहीं चूकता.  ऐसा व्यक्ति जो किसी के पास भी बैठे तो सिर्फ किसी ना किसी की बुराई ही करे, वह इंसान मृत समान होता है.

0673. ना करें -  अकेलेपन से स्ट्रेस, चिड़चिड़ापन और बीमारियां बढ़ती है.  इससे डिजीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

0674. ना करें -  अक्सर अपने वैभव एवं विलासिता को दिखाने हेतु हम घर में फव्वारे का इस्तेमाल करते हैं .  ध्यान दें वाटर फाउंटेन पानी के बहाव को दर्शाता है ऐसे में ये माना जाता है कि घर में लक्ष्मी का निवास नहीं रह पाता .

0675. ना करें -  अगर ब्लड प्रेशर जैसी किसी बीमारी की दवाई चल रही है, तो दवाई खाना भूलने या वक्त पर दवाई न खाने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है.

0676. ना करें -  अचानक से सांस फूलना, ज्यादा पसीना आना, चेस्ट के पास दर्द होना जैसे संकेत हार्ट प्रॉब्लम की चेतावनी देते है.  इन्हें इग्नोर करना प्रॉब्लम बढ़ा सकता है.

0677. ना करें -  अति कंजूस व्यक्ति भी मरा हुआ होता है.  जो व्यक्ति धर्म के कार्य करने में, आर्थिक रूप से किसी कल्याण कार्य में हिस्सा लेने में हिचकता हो.  दान करने से बचता हो.  ऐसा आदमी भी मृत समान ही है.

0678. ना करें -  अन्धेरे में भोजन नही करना चाहिये.

0679. ना करें -  अपने उग्र स्वभाव की वजह से हम उन चीजों की तरफ ज्यादा आकर्षित होते है जो हमारी उग्रता को बढ़ावा दें .  ऐसे में घर में जंगली जानवरों का चित्र परिवार में प्यार  को थोड़ा कमजोर जरुर कर सकती हैं .

0680. ना करें -  आप इधर उधर, बाहर सड़क पर कहीं भी थूकते तो नहीं है. अगर ऐसा है तो इसे तुरंत बंद करे. आप यथासंभव अपने घर के वाशबेसिन / जहाँ पर आप नहाते , ब्रश करते है सिर्फ वही पर कुल्ला करे, अपना गला साफ करें, थूक निकाले, और अपनी थूक को कभी भी अपने पैर से ना रगड़े.

0681. ना करें -  आवासीय परिसर में दूध वाले वृक्ष लगाने से धनहानि होती है.  महुआ, पीपल, बरगद घर के बाहर होना चाहिए.  केवड़ा और चंपा को लगा सकते हैं.

0682. ना करें -  ऐसा व्यक्ति जो पूरी तरह से आत्म संतुष्टि और खुद के स्वार्थों के लिए ही जीता है, संसार के किसी अन्य प्राणी के लिए उसके मन में कोई संवेदना ना हो तो ऐसा व्यक्ति भी मृत समान है.  जो लोग खाने-पीने में, वाहनों में स्थान के लिए, हर बात में सिर्फ यही सोचते हैं कि सारी चीजें पहले हमें ही मिल जाएं, बाकि किसी अन्य को मिले ना मिले, वे मृत समान होते हैं.  ऐसे लोग समाज और राष्ट्र के लिए अनुपयोगी होते हैं.

0683. ना करें -  ऐसे स्थान पर न जाएं, जहां पर तांत्रिक अनुष्ठान होता हो.  जहां पर किसी पशु की बलि दी जाती हो या जहां भी लोभान आदि के धुएं से भूत भगाने का दावा किया जाता हो.  भूत भागाने वाले सभी स्थानों से बच कर रहें, क्योंकि यह धर्म और पवित्रता के विरुद्ध है.

0684. ना करें -  ओवरईटिंग से मोटापा बढ़ता है.  वजन ज्यादा होने पर बॉडी में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है, जिससे शरीर को नुक्सान पहुंचता है.

0685. ना करें -  कभी भी किसी एक देवी-देवता की मूर्ति आमने-सामने नहीं रखनी चाहिए.  ऐसा होने से आय के साधन कम होने लगते है और खर्च बढ़ जाते हैं.

0686. ना करें -  कभी भी गाय या अन्य जानवर को झाड़ू से नहीं मारना चाहिए.  यह अपशकुन माना गया है.

0687. ना करें -  कभी भी बैठे बैठे या लेटे हुए अपनी टाँगे ना हिलाते रहे, इससे भी भाग्य रुष्ट हो जाता है और चाह कर भी पर्याप्त सम्मान नहीं मिलता है.

0688. ना करें -  किसी की गरीबी और लाचारी का मजाक नही उडाना चाहिये.

0689. ना करें -  किसी भी तरह की तेज खुशबू परालौकिक शक्तियों को आकर्षित करती हैं.  इसीलिए रात को सोने से पहले हाथ-पांव तथा चेहरा धोकर ईश्वर का ध्यान करना चाहिए.  इससे रात को बुरे स्वप्न भी नहीं आते और नकारात्मक शक्तियां भी दूर रहती हैं.

0690. ना करें -  कुछ लोग जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करते है और फिर यह शेड्यूल छोड़ देते है.  कई अचानक एक्सरसाइज करना पूरी तरह छोड़ देते है.  यह तरीका ठीक नहीं है.

0691. ना करें -  कोई भी सदस्य किसी खास कार्य के लिए घर से निकला हो तो उसके जाने के तुरंत बाद घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए.  ऐसा करने पर उस व्यक्ति को असफलता का सामना करना पड़ सकता है.

0692. ना करें -  खराब या बेकार चीज़ों को घर में रखने से नेगेटिव एनर्जी बढ़ती है और धन संबंधी परेशानियां भी आती हैं.  खराब उपकरण जैसे टीवी, कंप्यूटर, फ्रीज़ आदि को घर में भूलकर भी न रखे.

0693. ना करें -  खर्राटे आने पर हम ठीक से सांस नहीं ले पाते.  इससे हार्ट बीट अनियमित होती है और  डिजीज का खतरा बढ़ता है.

0694. ना करें -  गंदे बिस्तर में नही सोना चाहिये.

0695. ना करें -  गरीबी सबसे बड़ा श्राप है.  जो व्यक्ति धन, आत्म-विश्वास, सम्मान और साहस से हीन हो, वो भी मृत ही है.

0696. ना करें -  घड़े में मुंह लगाकर पानी नही पीना चाहिये.

0697. ना करें -  घर में महाभारत की पेंटिंग अथवा तस्वीर न रखें , ध्यान दें ऐसा करने से घर परिवार में कलह की श्रृष्टि होने की संभावना बढ़ जाती है .

0698. ना करें -  जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ, ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें.

0699. ना करें -  जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना चाहिए.

0700. ना करें -  जो व्यक्ति अत्यंत भोगी हो, कामवासना में लिप्त रहता हो, जो संसार के भोगों में उलझा हुआ हो, वह मृत समान है.  जिसके मन की इच्छाएं कभी खत्म नहीं होती और जो प्राणी सिर्फ अपनी इच्छाओं के अधीन होकर ही जीता है, वह मृत समान है.

जो भी उपाय करें पूरे विश्वास के साथ करें, क्योंकि विश्वास के बिना हर उपाय असफल होगा. खुद पर विश्वास रखें और भगवान पर भी भरोसा करें. जो भी उपाय शुरू करें तो उसे पूरा अवश्य करें . अधूरा न छोडें . जो मनुष्य इस स्तुति को आदरपूर्वक पढ़ते हैं, वे आपकी भक्ति से युक्त होकर आपके परमपद को प्राप्त होते हैं, इसमें सन्देह नहीं है. जो मनुष्य मत्सर (डाह) रहित होकर आपके चरणकमलों का सेवन करते हैं, वे तर्क-वितर्क (अनेक प्रकार के सन्देह) रूपी तरंगों से पूर्ण संसार रूपी समुद्र में नहीं गिरते. जो लोग भूत, प्रेत या पितरों की उपासना करते हैं, वह राक्षसी कर्म के होते हैं. ऐसे लोगों का संपूर्ण जीवन ही भूतों के अधीन रहता है. भूत-प्रेत से बचने के लिए ऐसे कोई भी टोने-टोटके न करें जो धर्म विरुद्ध हो. हो सकता है आपको इससे तात्कालिक लाभ मिल जाए, लेकिन अंतत: जीवन भर आपको परेशान ही रहना पड़ेगा. जो लोग शाम सात बजे तक भोजन कर लेते हैं, उनको छोड़कर शेष लोगों को जो कि भोजन रात्रि 10-11 बजे तक करते हैं, सहवास आधी रात के बाद करना हितकारी है. ज्योतिष उपाय- रोटी के ये उपाय करते रहने से मिलते हैं शुभ फल ज्योतिष के अनुसार सांपों के दिखाई देने से जुड़े कुछ शकुन और अपशकुन बताए गए हैं, इन संकेतों का ध्यान रखने पर भविष्य में होने वाली घटनाओं की जानकारी प्राप्त की जा सकती है. जो लोग ज्योतिष में विश्वास रखते हैं, उनके लिए शकुन और अपशकुन की मान्यताएं काफी महत्व रखती हैं. काफी लोग इन बातों को अंधविश्वास मानते हैं. ज्योतिष के टोटके, बिना पैसा खर्चे बदलेंगे आपका भाग्य ज्योतिष में धन संबंधी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जो अलग-अलग समय परकिए जाते हैं. नहाते समय करने के लिए एक उपाय बताया गया है. इस उपाय को सही विधि से हर रोज किया जाए तो निकट भविष्य में सकारात्मक फल प्राप्त हो सकते हैं. ज्योतिष साहित्य के मूल ग्रंथों- प्रश्नमार्ग, वृहत्पराषर, होरा सार, फलदीपिका, मानसागरी आदि में ज्योतिषीय योग हैं जो प्रेत पीड़ा, पितृ दोष आदि बाधाओं से मुक्ति का उपाय बताते हैं. ज्योतिष से सम्बंधित अ ज्योतिष से सम्बंधित अन्य लेख ज्योतिष से सम्बंधित अन्य लेख यहाँ प ज्योतिष से सम्बंधित अन्य लेख यहाँ पढ़े – ज्योतिष से सम्बंधित अन्य लेख यहाँ पढ़े – ज्यो ज्योतिष से सम्बंधित अन्य लेख यहाँ पढ़े – ज्योतिष शास्त्र ज्योतिष से सम्बंधित अन्य लेख यहाँ पढ़े – ज्योतिष शास्त्र से सम्बंधित लेख ज्योतिष से सम्बंधित सम्पूर्ण लेख यहाँ पढ़े – ज्योतिष शास्त्र से सम्बंधित लेख ज्‍योतिष को मानने वालों में 'लाल किताब' का बड़ा महत्‍व है. यह किताब सम्‍पूर्ण उत्‍तर भारत (हिन्‍दी बेल्‍ट) में विशेष रूप से लोकप्रिय है. कहा जाता है कि इसमें तमाम तरह की समस्‍याओं से मुक्ति के सराल उपाय बताए गये हैं. इन टोटकों को बताकर ज्‍योतिषी लोग अक्‍सर लोगों को बेवकूफ बनाया करते हैं. कुछ लाजवाब टोटके देखिए : झाड़ू से घर में प्रवेश करने वाली बुरी अथवा नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है. अत: इसके संबंध ध्यान रखें कि… झाड़ू से जुड़े शकुन-अपशकुन झाड़ू से जुड़े शकुन-अपशकुन और लक्ष्मी कृपा पाने के उपाय झूठ बोलना व्यक्तिगत बुराई है. जो लोग झूठ बोलते हैं, उन्हें समाज व परिवार में उचित मान सम्मान नहीं मिलता. इसलिए सिर्फ एकादशी पर ही नहीं अन्य दिनों में भी झूठ नहीं बोलना चाहिए. टूटा हुआ कांच टोटका टोटके और उपाय टोटके को: टोटके धन टोटके वशीकरण टोटके से वश मे करना टोटके ही टोटके टोटकों द्वारा चमत्कार तकिये के नीचे घड़ी रखकर न सोएं- तनयं कृष्ण त्वामहम् शरणंगता: क्लीं ऊं. . तप मन, शरीर और विचारों से कठिन साधना करें. तप का अच्छे परिवार के लिए व्यावहारिक तौर पर मतलब यही है कि तप – तभी पढ़ने वालों पर इसका अनुकूल प्रभाव पड़ता है . तमेकमद्भुतं प्रभुं, निरीहमीश्वरं विभुम्. तांत्रिक ग्रंथों में कई ऐसे प्रयोगों के बारे में बताया गया है जिनकी मदद से असंभव कार्य को भी संभव बनाया जा सकता है. इन प्रयोगों में विशेष पौधे, पूजा सामग्री, फल तथा अन्य चीजों का उपयोग होता है. तंत्र के अनुसार नींबू तथा लौंग के टोने-टोटके द्वारा जीवन की कई समस्याओं को एक झटके में खत्म किया जा सकता है. ताक़त आती है. ताक़त के लिए ताक़त के लिए कुलंजन, सोंठ, मिश्री, अंजीर के बीज, गाजर के बीज, जरजीह के बीज और टिलयुन के बीजों को बराबर मात्रा में मिलाकर कूटकर और पीसकर छान लें. इसके बाद शहद और सफेद प्याज के पत्तों के रस को एक साथ मिलाकर किसी कलईदार बर्तन में भरकर हल्की आग पर पकाने के लिए रख दें. जब प्याज का रस जल जाए और सिर्फ शहद ही बाकी रह जाए तो इसमें पहले बताई गई औषधियों का तैयार किया हुआ चूर्ण मिला लें. इस मिश्रण को अपनी ताकत के अनुसार सेवन करने से शक्ति बढ़ती है. तीन माला जाप उपरोक्त मंत्र की करें. तत्पश्चात एक माला से मंत्र पढ़ते हुए हवन करें. तीसरा उपाए- 1 प्रदोष का व्रत करें, प्रत्येक प्रदोष को भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करने से संतान की प्राप्त होती है. तीसरा- गर्भस्रावण बन्ध्यत्व यानी गर्भ तो धारण कर ले पर गर्भकाल पूरा होने से पहले ही गर्भस्राव या गर्भपात हो जाए. इसे रिलेटिव स्टेरिलिटी कहते हैं. तीसरे भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय /टोटके :- तुलसी का धार्मिक महत्व तो है, साथ ही आयुर्वेद में इसे संजीवनी बुटि के समान माना जाता है. तुलसी तुलसी की देखभाल करना तुलसी के पत्ते तोड़ते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए- तुलसी चढाने सम्बन्धी नियम : तुला राशि :- ते सर्वे तव पूजार्थे निरता: स्युर्वरो मत:. तो देखें ऐसे ही कुछ आसान किंतु प्रभावशाली टोटके को: – तो यह अशुभ संकेत है. तोड़ने के लिए और आप के साथ हो जाएगा. त्वदंघ्रि-मूलं ये नरा:, भजन्ति हीन-मत्सरा:. थ्लेस्पी बर्सा पेस्टोरिस : ऋतुकाल के अलावा समय में रक्त स्राव होना, अधिक होना, दाग धोने पर भी न मिटना, स्राव के समय दर्द होना आदि लक्षणों वाली बन्ध्या स्त्री को थ्लेस्पी बर्सा पेस्टोरिस का मूल अर्क (मदर टिंचर) सुबह- शाम दो चम्मच पानी में 4-5 बूँद टपकाकर लेने से लाभ होता है व गर्भ स्थापित हो जाता है. दक्षिण दिशा की ओर न हो श्री गणेश का मुंह दक्षिण दिशा की ओर सिर कर के सोने वाले व्यक्ति में चुम्बकीय बल रेखाएं पैर से सिर की ओर जाती हैं, जो अधिक से अधिक रक्त खींच कर सिर की ओर लायेंगी, जिससे व्यक्ति विभिन्न रोंगो से मुक्त रहता है और अच्छी निद्रा प्राप्त करता है. दरवाजा नंबर आठ दरवाजा नंबर एक दरवाजा नंबर चार दरवाजा नंबर छह दरवाजा नंबर तीन दरवाजा नंबर दो दरवाजा नंबर पांच दरवाजा नंबर सात दरिद्रता दूर करने हेतु : दशम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय /टोटके :- दस चीजें और उनसे मिलने वाले फल

अच्छे जीवन के उपाय 0501. - 0600.


ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं.  इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए.  उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका   ना हो , इसका ख़याल रखे.

0501. दीपावली -  की रात चांदी की कटोरी में कपूर जलाकर देवी लक्ष्मी की आरती धन वृद्ध‌ि में सहायक होती है.

0502. दीपावली -  की रात सोने से पहले किसी चौराहे पर तेल का दीपक जलाएं और घर लौटकर आ जाएं.  ध्यान रखें पीछे पलटकर न देखें.

0503. दीपावली -  की रात हत्‍थाजोड़ी में स‌िंदूर लगाकर धन रखने के स्‍थान पर रखें आय बढ़ेगी और अनावश्यक खर्चों में कमी आएगी.

0504. दीपावली -  की शाम में साबुत उड़द, दही और स‌िंदूर लेकर पीपल की जड़ में रखें और एक दीपक जलाएं.  कहते हैं इससे आय में वृद्ध‌ि होती है.

0505. दीपावली -  के दिन यदि कोई किन्नर संज-संवर कर दिखाई दे, तो अवश्य ही धन लाभ होता है.  ये धन लाभ अप्रत्याशित रूप से होता है.

0506. दीपावली -  के दिन सरसों के तेल का या शुद्ध घी का दिया जलाकर काजल बना लें.  यह काजल लगाने से भूत, प्रेत, पिशाच, डाकिनी आदि से रक्षा होती है और बुरी नजर से भी रक्षा होती है.

0507. दीपावली -  के दीन पीपल के पत्ते पर कुमकुम लगाकर उस पर लड्डू रखें और हनुमान को भोग लगाएं.  इससे आय में आ रही बाधा दूर होती है.

0508. दीपावली -  पर सुबह-सुबह शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल अर्पित करें.  जल में यदि केसर भी डालेंगे तो श्रेष्ठ रहेगा.

0509. दीपावली -  पूजन के समय एकाक्षी नारियल की भी पूजा करें और इसे हमेशा देवी लक्ष्मी के साथ पूजा स्‍थान में रखें,  लाभ होगा.

0510. दीपावली - अपने घर के आसपास किसी पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं.  यह उपाय दीपावली की रात में किया जाना चाहिए.  ध्यान रखें दीपक लगाकर चुपचाप अपने घर लौट आए, वापिस पलटकर न देखें.

0511. दीपावली - इस दिन अमावस्या रहती है और इस तिथि पर पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए.  ऐसा करने पर शनि के दोष और कालसर्प दोष समाप्त हो जाते हैं.

0512. दीपावली - एक बात का विशेष ध्यान रखें कि माह की हर अमावस्या पर पूरे घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जानी चाहिए.  साफ-सफाई के बाद घर में धूप-दीप-ध्यान करें.  इससे घर का वातावरण पवित्र और बरकत देने वाला बना रहेगा.

0513. दीपावली - किसी तालाब या नदी में मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं.  इस पुण्य कर्म से बड़े से बड़े संकट भी दूर हो जाते हैं.

0514. दीपावली - किसी शिव मंदिर जाएं और वहां शिवलिंग पर अक्षत यानी चावल चढ़ाएं.  ध्यान रहें सभी चावल पूर्ण होने चाहिए.  खंडित चावल शिवलिंग पर चढ़ाना नहीं चाहिए.

0515. दीपावली - की मध्य रात्र‌ि के बाद घंटी बजाएं.  कहते हैं इससे नकारात्मक शक्त‌ियां और दरिद्रता, घर में नहीं ठहरती.

0516. दीपावली - की रात में लक्ष्मी पूजन के साथ ही अपनी दुकान, कम्प्यूटर आदि ऐसी चीजों की भी पूजा करें, जो आपकी कमाई का साधन हैं.

0517. दीपावली - की रात लक्ष्मी पूजा करते समय एक थोड़ा बड़ा घी का दीपक जलाएं, जिसमें नौ बत्तियां लगाई जा सके.  सभी 9 बत्तियां जलाएं और लक्ष्मी पूजा करें.

0518. दीपावली - के दिन झाड़ू अवश्य खरीदना चाहिए.  पूरे घर की सफाई नई झाड़ू से करें.  जब झाड़ू का काम न हो तो उसे छिपाकर रखना चाहिए.

0519. दीपावली - के दिन यदि संभव हो सके तो किसी किन्नर से उसकी खुशी से एक रुपया लें और इस सिक्के को अपने पर्स में रखें.  बरकत बनी रहेगी.

0520. दीपावली - घर में स्थित तुलसी के पौधे के पास दीपावली की रात में दीपक जलाएं.  तुलसी को वस्त्र अर्पित करें.

0521. दीपावली - जल्‍दी और अचानक धन लाभ के ल‌िए दीपावली की शाम में क‌िसी बरगद के पेड़ की जटा में गांठ लगाएं.  धन लाभ म‌िलने के बाद इस गांठ को खोल दें.

0522. दीपावली - जो लोग धन का संचय बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें तिजोरी में लाल कपड़ा बिछाना चाहिए.  इसके प्रभाव से धन का संचय बढ़ता है.  महालक्ष्मी का ऐसा फोटो रखें, जिसमें लक्ष्मी बैठी हुईं दिखाई दे रही हैं.

0523. दीपावली - दीवाली के दिन किसी मंदिर में झाड़ू का दान करें.  यदि आपके घर के आसपास कहीं महालक्ष्मी का मंदिर हो तो वहां गुलाब की सुगंध वाली अगरबत्ती का दान करें.

0524. दीपावली - पर तेल का दीपक जलाएं और दीपक में एक लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें.  किसी मंदिर हनुमान मंदिर जाकर ऐसा दीपक भी लगा सकते हैं.

0525. दीपावली - पर महालक्ष्मी के पूजन में पीली कौड़ियां भी रखनी चाहिए.  ये कौडिय़ा पूजन में रखने से महालक्ष्मी बहुत ही जल्द प्रसन्न होती हैं.  आपकी धन संबंधी सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी.

0526. दीपावली - पर लक्ष्मी का पूजन करने के लिए स्थिर लग्न श्रेष्ठ माना जाता है.  इस लग्न में पूजा करने पर महालक्ष्मी स्थाई रूप से घर में निवास करती हैं. -पूजा में लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और श्रीयंत्र रखना चाहिए.  यदि स्फटिक का श्रीयंत्र हो तो सर्वश्रेष्ठ रहता है.

0527. दीपावली - पर लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाना चाहिए.  इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता बाहर चली जाती है.  मां लक्ष्मी घर में आती हैं.

0528. दीपावली - पर श्रीसूक्त एवं कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.  रामरक्षा स्तोत्र या हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ भी किया जा सकता है.

0529. दीपावली - प्रथम पूज्य श्रीगणेश को दूर्वा अर्पित करें.  दूर्वा की 21 गांठ गणेशजी को चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है.  गणेशजी के साथ महालक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है.

0530. दीपावली - महालक्ष्मी के चित्र का पूजन करें, जिसमें लक्ष्मी अपने स्वामी भगवान विष्णु के पैरों के पास बैठी हैं.  ऐसे चित्र का पूजन करने पर देवी बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं.

0531. दीपावली - महालक्ष्मी के महामंत्र "ऊँ ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ ऊँ महालक्ष्मयै नम: का कमलगट्टे की माला से कम से कम 108 बार जप करें.

0532. दीपावली - लक्ष्मी पूजन के समय एक नारियल लें और उस पर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि अर्पित करें और उसे भी पूजा में रखें.

0533. दीपावली - लक्ष्मी पूजन के समय हल्दी की गांठ भी साथ रखें.  पूजन पूर्ण होने पर हल्दी की गांठ को घर में उस स्थान पर रखें, जहां धन रखा जाता है.

0534. दीपावली - लक्ष्मी पूजन में सुपारी रखें.  सुपारी पर लाल धागा लपेटकर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि पूजन सामग्री से पूजा करें और पूजन के बाद इस सुपारी को तिजोरी में रखें.

0535. दुख में - पूर्ण साफ मन से प्रदोष के दिन स्नान करके प्रभु शिव का ध्यान करते हुए पूर्ण निराहार होकर व्रत (उपवास) रखें.  उस दिन अन्न न लें.

0536. दुख में - मंत्र का जप करना चाहिये " ॐ  ॐ श्रीं श्रीं श्रीं परमाम् सिद्धिं श्री श्री श्रीं. " इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए पूर्ण स्वच्छता का ध्यान रखें.

0537. दुख में - शाम को (गोधूली बेला में) शिवजी का पूजन करें एवं असगंध के फूल को घी में डूबाकर रख लें.

0538. दूर रहें - अत्यंत मूढ़ यानी मूर्ख व्यक्ति भी मरा हुआ होता है.  जिसके पास विवेक, बुद्धि नहीं हो.  जो खुद निर्णय ना ले सके.  हर काम को समझने या निर्णय को लेने में किसी अन्य पर आश्रित हो, ऐसा व्यक्ति भी जीवित होते हुए मृत के समान ही है.

0539. देवी लक्ष्मी - की पूजा के समय गोमती चक्र को पूजा की थाली में रखकर मां की पूजा करें.  पूजा के बाद गोमती चक्र को त‌िजोरी में रखें, धन बढ़ेगा.

0540. देवी लक्ष्मी - के चित्र के समक्ष नौ बत्तियों का घी का दीपक जलाए. धन लाभ होगा.

0541. धन प्राप्ति के लिए - एक मछलीघर जिसमें 8 सुनहरी व एक काली मछ्ली हो रखें . इसको उत्तर या उत्तरपूर्व की ओर रखें . यदि कोई मछ्ली मर जाय तो उसको निकाल कर नई मछ्ली लाकर उसमें डाल दें.

0542. धन प्राप्ति के लिए - कन्या -a स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ॐ श्रीं ऐं सौं  b यदि आपको धन संबंधी कोई समस्या है तो आप लाल रुमाल में नारियल बांधकर अपने गल्ले अथवा तिजोरी में रखें.  धन लाभ होने लगेगा.  इसके दो कमलगट्टे की माला माता लक्ष्मी के मंदिर में दान अर्पित करें.   c यदि आपको नौकरी संबंधी कोई समस्या है तो आप तक रोज मीठे चावल कौओं को खिलाएं.  इससे आपकी समस्या का निदान हो जाएगा.

0543. धन प्राप्ति के लिए - कर्क - a यदि आप त्रिकोण आकृति का झंड़ा विष्णु भगवान के किसी मंदिर में ऊंचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएं कि वह लहराता रहे तो तक आपका भाग्य चमक उठेगा.   b कर्क राशि के लोग स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ क्ली ऐं श्रीं  c यदि आपको धन लाभ की अभिलाषा है तो शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे तेल का पंचमुखी दीपक जलाएं.

0544. धन प्राप्ति के लिए - कुंभ - a स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ॐ ह्रीं ऐं क्लीं श्रीं  b जीवन साथी के साथ नहीं बनती है तो खीर बनाएं इसका भोग लक्ष्मी को लगाएं और फिर स्वयं भी खाएं.  इससे दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी.   c धन प्राप्ति के लिए नारियल के कठोर आवरण में घी डालकर लक्ष्मीजी के समक्ष दीपक जलाएं.  यह दीपक रात भर जलने दें

0545. धन प्राप्ति के लिए - तुला - a स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं  b लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए तुला राशि के लोग सुबह स्नान आदि नित्य कर्म करने के बाद किसी लक्ष्मी मंदिर में जाकर 11 नारियल अर्पित करें.   c यदि आपको व्यवसाय में घाटा हो रहा है तो आप बड़ के पेड़ के पत्ते पर सिंदूर व घी से ॐ श्रीं श्रियै नम: मंत्र लिखें और इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें.

0546. धन प्राप्ति के लिए - धनु -  a स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ॐ ह्रीं क्लीं सौ:  b इस राशि के लोग धन प्राप्ति के लिए पान के पत्ते पर रोली से श्रीं लिख कर अपने पूजा स्थान पर रखे तथा रोज इसकी पूजा करें.   c यदि तुला राशि के लोग किसी बीमारी से परेशान हैं तो चंद्रमा को अध्र्य दें और बीमारी के निवारण के लिए प्रार्थना करें.  अमावस्या होने से चांद दिखाई नहीं देगा तो भी अध्र्य दें.

0547. धन प्राप्ति के लिए - मकर - a स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ॐ ऐं क्लीं सौ:  b यदि विवाह में बाधा आ रही है तो भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें पीला वस्त्र, पीली मिठाई अर्पित करें.   c काफी समय से यदि धन रुका हुआ है तो आक की रुई का दीपक घर के ईशान कोण में जलाएं.

0548. धन प्राप्ति के लिए - मिथुन -   a यदि आप कर्ज से परेशान हैं तो लक्ष्मी पूजन के बाद गणेशजी की प्रतिमा को हल्दी की माला पहनाएं.  इससे आपकी परेशान समाप्त हो जाएगी.    b स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ॐ क्लीं ऐं स:  c यदि आप धन की कमी से जूझ रहे हैं तो लक्ष्मी-गणेश पूजन करते समय दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करके उसे अपने धन स्थान पर रखें.

0549. धन प्राप्ति के लिए - मीन - a कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ॐ ह्रीं क्लीं सौ:  b धन लाभ के लिए किसी लक्ष्मी मंदिर में जाकर कमल के फूल, नारियल अर्पित करें तथा सफेद मिठाई का भोग लगाएं.   c  यदि आपको शत्रु पक्ष से परेशानी हैं तो कपूर के काजल से शत्रु का नाम लिखकर अपने पैर से मिटा दें.

0550. धन प्राप्ति के लिए - मेष - a रात में लाल चंदन और केसर घिसकर उससे रंगा हुआ सफेद कपड़ा यदि आप अपने गल्ले अथवा तिजोरी में बिछाएंगे तो उससे आपकी समृद्धि में हमेशा वृद्धि होगी तथा आकस्मिक धनहानि का अवसर भी नहीं आएगा.   b स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ॐ ऐं क्लीं सौ:.  c शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर तेल का दीपक जलाएं तथा उस दीपक में दो काली गुंजा डाल दें तो वर्ष भर आपको आर्थिक रूप से परेशानी नहीं होगी.  आपका रुका हुआ धन भी जल्दी ही मिल जाएगा.

0551. धन प्राप्ति के लिए - वृश्चिक - a स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ॐ ऐं क्लीं सौ:  b इस राशि के लोगों को यदि धन की इच्छा है तो वे अपने घर के बगीचे या बरामदे में केले के दो पेड़ लगाएं तथा इनकी देखभाल करें.  परंतु इनके फल का सेवन न करें.   c यदि परिवार में अशांति है तो नागकेसर का फूल लाकर घर में कहीं छिपा दें.  जहां उसे कोई देख न सके.

0552. धन प्राप्ति के लिए - वृषभ - a स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ॐ ऐं क्लीं श्रीं b रात गाय के घी के दो दीपक जलाकर उन्हें किसी एकांत स्थान अपनी मनोकामना बताते हुए पर रख आएं.  शीघ्र ही आपकी हर मनोकामना पूरी हो जाएगी.  c यदि बहुत पैसा कमाने के बावजूद भी आप उसे सेविंग नहीं कर पा रहे हैं तो लक्ष्मी पूजन के साथ-साथ कमल के फूल का भी पूजन करें तथा बाद में इस फूल को लाल कपड़े में बांधकर अपने धन स्थान यानी तिजोरी या लॉकर में रखें.

0553. धन प्राप्ति के लिए - सिंह - a स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ॐ ह्रीं श्रीं सौं:   b  रात घर के मुख्य दरवाजे पर गाय के घी का दीपक जला कर रखें.  यदि वह दीपक सुबह तक जलता रहे तो समझें कि आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा साथ ही मान-सम्मान भी बढ़ेगा.  c  यदि शत्रु आपको परेशान कर रहे हैं तो दीपावली की शाम को पीपल के पत्ते पर अनार की कलम से गोरोचन के द्वारा शत्रु का नाम लिखकर भूमि में दबा दें.

0554. धनतेरस के दिन राशि के उपाय - कन्या - यदि जीवन में आर्थिक स्थिरता नहीं हो तो धनतेरस के दिन दो कमलगट्टे लेकर उन्हें माता लक्ष्मी के मंदिर में अर्पित करें.

0555. धनतेरस के दिन राशि के उपाय - कर्क - यदि आपको अचानक धन लाभ की आशा हो तो धनतेरस के दिन शाम के समय पीपल वृक्ष के समीप तेल का पंचमुखी दीपक जलाएं.

0556. धनतेरस के दिन राशि के उपाय - कुंभ - जीवन स्थायी सुख-समृद्धि हेतु प्रत्येक धनतेरस की रात में पूजन करने वाले स्थान पर ही रात्रि में जागरण करना चाहिए.

0557. धनतेरस के दिन राशि के उपाय - तुला - यदि आप आर्थिक परेशानी से जुझ रहे हैं तो धनतेरस के दिन शाम को लक्ष्मीजी के मंदिर में नारियल चढ़ाएं.

0558. धनतेरस के दिन राशि के उपाय - धनु - धनतेरस के दिन गुलर के ग्यारह पत्तों को मोली से बांधकर यदि किसी वट वृक्ष पर बांध दिया जाए, तो आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी.

0559. धनतेरस के दिन राशि के उपाय - मकर - यदि आप आर्थिक समस्या से परेशान है, किंतु रूकावटें आ रही हों, तो आक की रूई का दीपक शाम के समय किसी तिहारे पर रखने से आपको धन लाभ होगा.

0560. धनतेरस के दिन राशि के उपाय - मिथुन - बरगद से पांच फल लाकर उसे लाल चंदन में रंगकर नए लाल वस्त्र में कुछ सिक्कों के साथ बांधकर अपने घर अथवा दुकान में किसी कील से लटका दें.

0561. धनतेरस के दिन राशि के उपाय - मीन - यदि व्यवसाय में शिथिलता हो तो केले के दो पौधे रोपकर उनकी देखभाल करें तथा उनके फलों को नहीं खाएं.

0562. धनतेरस के दिन राशि के उपाय - मेष - यदि आप धनतेरस के दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर तेल का दीपक में दो काली गुंजा डाल दें, तो साल भर आर्थिक अनुकूलता बनी रहेगी.  आपका उधार दिया हुआ धन भी प्राप्त हो जाएगा.

0563. धनतेरस के दिन राशि के उपाय - वृश्चिक - यदि आप निरंतर कर्ज में उलझ रहें हो तो धनतेरस के दिन श्मशान के कुएं का जल लाकर किसी पीपल वृक्ष पर चढ़ाएं.

0564. धनतेरस के दिन राशि के उपाय - वृषभ - यदि आपके संचित धन का लगातार खर्च हो रहा है तो धनतेरस के दिन पीपल के पांच पत्ते लेकर उन्हे पीले चंदन में रंगकर बहते हुए जल में छोड़ दें.

0565. धनतेरस के दिन राशि के उपाय - सिंह - यदि व्यवसाय में बार-बार हानि हो रही हो या घर में बरकत ना रहती हो तो धनतेरस के दिन से गाय को रोज चारा डालने का नियम लें.

0566. धन-समृद्धि -  शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन अपनी फैक्ट्री या दुकान के दरवाजे के दोनों तरफ बाहर की ओर थोडा सा गेहूं का आटा रख दें . ध्यान रहे ऐसा करते हुए आपको कोई देखे नही .

0567. धन-समृद्धि - "ॐ ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर.  भूरि घेदिन्द्र दित्ससि.  ॐ ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्.  आ नो भजस्व राधसि. . " हे लक्ष्मीपते . आप दानी हैं, साधारण दानदाता ही नहीं बहुत बड़े दानी हैं.  आप्तजनों से सुना है कि संसारभर से निराश होकर जो याचक आपसे प्रार्थना करता है उसकी पुकार सुनकर उसे आप आर्थिक कष्टों से मुक्त कर देते हैं – उसकी झोली भर देते हैं.  हे भगवान मुझे इस अर्थ संकट से मुक्त कर दो.

0568. धन-समृद्धि - 10-10 के 100 अच्छे नोट इकट्ठे करें और उनको तिजोरी में रखें.  इसी तरह 10 की एक गड्डी और 40-50 सिक्कों का एक सेट बनाएं और उसे प्रतिदिन रात में सोते समय गिनकर उचित स्थान पर रख दें.  हो सके तो नोटों के ढेर का एक चित्र खरीदकर ले आएं और उसे घर में वहां पर चिपका दें जहां पर आपकी नजर सहज ही रूप से जाती हो.  भाग्य चमकाने लगेगा.

0569. धन-समृद्धि - अकस्मात् धन लाभ के लिये शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार को सफेद कपड़े के झंडे को पीपल के वृक्ष पर लगाना चाहिए. यदि व्यवसाय में आकिस्मक व्यवधान एवं पतन की सम्भावना प्रबल हो रही हो, तो यह प्रयोग बहुत लाभदायक है.

0570. धन-समृद्धि - अक्सर सुनने में आता है कि घर में कमाई तो बहुत है, किन्तु पैसा नहीं टिकता, तो यह प्रयोग करें.  जब आटा पिसवाने जाते हैं तो उससे पहले थोड़े से गेंहू में 11 पत्ते तुलसी तथा 2 दाने केसर के डाल कर मिला लें तथा अब इसको बाकी गेंहू में मिला कर पिसवा लें.  यह क्रिया सोमवार और शनिवार को करें.  फिर घर में धन की कमी नहीं रहेगी.

0571. धन-समृद्धि - अगर  समस्या आर्थिक है तो आप रोज श्रीसूक्त का पाठ करें और लक्ष्मीजी का पूजा करें.  आपकी समस्या दूर होगी.

0572. धन-समृद्धि - अगर अचानक धन लाभ की स्थितियाँ बन रही हो, किन्तु लाभ नहीं मिल रहा हो, तो गोपी चन्दन की नौ डलियाँ लेकर केले के वृक्ष पर टाँग देनी चाहिए.  यह चन्दन पीले धागे से ही बाँधना है.

0573. धन-समृद्धि - अगर आप अपार धन-समृद्धि चाहते हैं, तो आपको पके हुए मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंगकर, उसके मुख पर नाड़ा यानी मौली बांधकर तथा उसमें जटायुक्त नारियल रखकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर देना चाहिए.

0574. धन-समृद्धि - अगर आप चाहते हैं कि आपकी किस्मत चमक जाए तो रोज चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा डालें.  ऐसा करने से आपके पाप कर्मों का क्षय होगा और पुण्य कर्म उदय होंगे.  यही पुण्य कर्म आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक होंगे.

0575. धन-समृद्धि - अगर आप धन संबंधित काम के लिए कहीं जाने के लिए कपड़े पहन रह हैं और उसी समय आपकी जेब से पैसे गिरें, तो यह आपके लिए धन प्राप्ति का संकेत है.

0576. धन-समृद्धि - अगर आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हों, तो मन्दिर में केले के दो पौधे (नर-मादा) लगा दें.

0577. धन-समृद्धि - अगर निरन्तर कर्ज में फँसते जा रहे हों, तो श्मशान से जल लाकर किसी पीपल के वृक्ष पर चढ़ाना चाहिए.  यह 6 शनिवार किया जाए, तो आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त होते हैं.

0578. धन-समृद्धि - अगर पर्याप्त धर्नाजन के पश्चात् भी धन संचय नहीं हो रहा हो, तो काले कुत्ते को प्रत्येक शनिवार को कड़वे तेल (सरसों के तेल) से चुपड़ी रोटी खिलाएँ.

0579. धन-समृद्धि - अग्निहोत्र करने से भी बहुत बरकत होती है.  अग्निहोत्र मतलब जब भी भोजन खाएं उससे पहले उसे अग्नि को अर्पित करें.  अग्नि द्वारा पकाए गए अन्न पर सबसे पहला अधिकार अग्नि का ही होता है.

0580. धन-समृद्धि - अपनी ईमानदारी और मेहतन की कमाई का 2 प्रतिशत हिस्सा, जीव-जंतु, प्रकृति, राष्ट्र एवं समाज की भलाई में खर्च करें.  यहां पर लगाया धन लाख गुना होकर शीघ्र ही लौट आता है.

0581. धन-समृद्धि - अश्लेषा नक्षत्र में बरगद का पत्ता लाकर अन्न भंडार में रखें, भंडार भरा रहेगा.  हल्दी की गांठें, पान पत्ता और सुपारी तिजोरी में रखने से धन का भंडार बना रहेगा.

0582. धन-समृद्धि - आटा पिसते समय उसमें 100 ग्राम काले चने भी पिसने के लियें डाल दिया करें तथा केवल शनिवार को ही आटा पिसवाने का नियम बना लें, कमाई बड़ेगी.

0583. धन-समृद्धि - आप छोटे बच्चों को मिठाई बांटें. व्यापार में लाभ होगा, घर में खुशहाली का माहौल रहेगा और सबकुछ भी ठीक रहेगा.

0584. धन-समृद्धि - आप जो भी धन मेहनत से कमाते हैं उससे ज्यादा खर्च हो रहा हो अर्थात घर में धन का ठहराव न हो तो ध्यान रखें को आपके घर में कोई नल लीक न करता हो . अर्थात पानी टप–टप टपकता न हो .

0585. धन-समृद्धि - ऋण मुक्त होगी अगर मंगलवार को शिव मन्दिर में जा कर शिवलिंग पर मसूर की दाल “ॐ ॐ ऋण मुक्तेश्वर महादेवाय नम:´´ मंत्र बोलते हुए चढ़ाएं.

0586. धन-समृद्धि - एक नारियल पर  सिन्दूर, मोली, अक्षत अर्पित कर पूजन करें.  फिर हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ा आएँ. धन लाभ होगा.

0587. धन-समृद्धि - एक नारियल पर चमेली का तेल मिले सिन्दूर से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं.  कुछ भोग (लड्डू अथवा गुड़-चना) के साथ हनुमानजी के मंदिर में जाकर उनके चरणों में अर्पित करके ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें.  तत्काल लाभ प्राप्त होगा.

0588. धन-समृद्धि - एक हंडिया में सवा किलो हरी साबुत मूंग की दाल, दूसरी में सवा किलो डलिया वाला नमक भर दें.  यह दोनों हंडिया घर में कहीं रख दें.  यह क्रिया बुधवार को करें.  घर में धन आना शुरू हो जाएगा.

0589. धन-समृद्धि - कहीं जाते समय नेवले का दिखना शुभ संकेत होता है.  नेवला दिखना धन लाभ का संकेत होता है.  आप सोकर उठे हों और उसी समय नेवला आपको दिख जाए तो गुप्त धन मिलने की संभावना रहती है.

0590. धन-समृद्धि - कारोबार में नुकसान हो रहा हो या कार्यक्षेत्र में झगडा हो रहा हो तो आप अपने वज़न के बराबर कच्चा कोयला लेकर जल प्रवाह कर दें . अवश्य लाभ होगा.

0591. धन-समृद्धि - कारोबार में लगातार घाटा हो रहा हो तो गुरुवार के दिन एक नारियल सवा मीटर पीले वस्त्र में लपेटकर एक जोड़ा जनेऊ, सवा पाव मिष्ठान्न के साथ आस-पास के किसी भी विष्णु मंदिर में अपने संकल्प के साथ चढ़ा दें.  तत्काल ही व्यापार चल निकलेगा.

0592. धन-समृद्धि - काला सुरमा एक शीशी में लेकर शनिवार को नौ बार सिर से पैर तक किसी से उतरवाकर सुनसान जमीन में गाड़ दें.  इसके बाद पीछे पलटकर न देखें और जिससे गड्ढ़ा किया गया है, उसे औजार को वहीं छोड़ आएं.

0593. धन-समृद्धि - किसी गुरु पुष्य योग और शुभ चन्द्रमा के दिन सुबह-सुबह हरे रंग के कपड़े की छोटी थैली तैयार करें.  श्री गणेश के चित्र अथवा मूर्ति के आगे 'संकटनाशन गणेश स्तोत्र' के 11 पाठ करें.  तत्पश्चात् इस थैली में 7 मूंग, 10 ग्राम साबुत धनिया, एक पंचमुखी रूद्राक्ष, एक चांदी का रुपया या 2 सुपारी, 2 हल्दी की गांठ ले कर दाहिनी सूंड के गणेश जी को शुद्ध घी के मोदक का भोग लगाएं.  फिर यह थैली तिजोरी या कैश बॉक्स में रख दें.  आर्थिक स्थिति में शीघ्र सुधार आएगा.  एक साल बाद नई थैली बना कर बदलते रहें.

0594. धन-समृद्धि - की देवी लक्ष्मी को प्रति एकादशी के दिन नौ बत्तियों वाला शुद्ध घी का दीपक लगाएं.

0595. धन-समृद्धि - कुत्ते को तेल चुपड़ी रोटी खिलाएं. मनोकामनाएं पूरी होंगी.  धन-धान्य एवं परिवार में वृद्धि होगी.

0596. धन-समृद्धि - केले का पेड़ काफी पवित्र माना जाता है और कई धार्मिक कार्यों में इसका प्रयोग किया जाता है.  भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को केले का भोग लगाया जाता है.  केले के पत्तों में प्रसाद बांटा जाता है.  माना जाता है कि समृद्धि के लिए केले के पेड़ की पूजा अच्छी होती है.

0597. धन-समृद्धि - गन्ने की जड़ को लाल वस्‍त्र में लपेटकर उस पर स‌िंदूर और लाल चंदन लगाएं और इसे धन रखने के स्‍थान में रखें, आय बढ़ेगी.

0598. धन-समृद्धि - घर आए अतिथि, साधु या याचक को यथा संभव प्रसन्न करके ही विदा करें.

0599. धन-समृद्धि - घर का कोना-कोना साफ रखें और मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं.

0600. धन-समृद्धि - घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर तांबे के सिक्के को लाल रंग के नवीन वस्त्र में बांधने से घर में धन, समृद्धि का आगमन होता है.
विनोद बंसल विपिन किशोर सिन्हा विपुल समाजदार विभाष कुमार झा विभोर गुप्ता विभोर त्रिखा विमलेश बंसल 'आर्या' विविधा  (2,885) विवेक सक्सेना विशाल आनंद विशाल शर्मा विश्व गौरव विश्ववार्ता  (484) विश्‍वमोहन तिवारी विश्‍वरंजन वी. के. सिंह वीडियो  (5) वीरभान सिंह वीरेंदर परिहार वीरेन्द्र जैन वीरेन्द्र सिंह चौहान वीरेन्द्र सिंह राठौर वीरेन्‍द्र वीरेश्वर तोमर वृषेश चन्‍द्र लाल वैदिका गुप्ता व्यंग्य  (692) व्यंग्य/ स्थितप्रज्ञ हुए मनमोहन व्यंग्य/ स्थितप्रज्ञ हुए मनमोहन" height="104" srcs व्यंग्य/ स्थितप्रज्ञ हुए मनमोहन
  • सत्यव्रत त्रिपाठी सत्येंद्र खरे सत्येन्द्र गुप्ता सत्‍येन्‍द्र सिंह 'भोलू' सपना मांगलिक समन्वय़ नंद समन्‍वय नंद समाज  (1,112) समीर चौगांवकर सम्पुट पाठ ०३ से ०६ घन्टे तक, इक्यावन सौ रुपये से प्रारम्भ !
    सरफराज़ ख़ान सरमन नगेले सरिता अरगरे सलीम अख्‍तर सिद्दिकी सविता मिश्रा सहस्रचण्डी पाठ ब्राह्मणों की संख्या २१-३१-५१-८१ , सवा लाख रुपयों से प्रारम्भ !
    साक्षात्‍कार गुरु ग्रह का कमजोर होना किस तरह करता है धन की कमी गुरु पुष्य योग पंचांग से पता करे . गुरुवार को किए गए ये कार्य रोकते हैं पति, संतान की उन्नति गुरुवार को नहीं करना चाहिए नेल कटिंग और शेविंग भी गुरुवार को नहीं करने चाहिए ये 5 काम, जानिए क्यों? गुरूदराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय ते. गृहकलह से बचने के लिए : गोप्याय गोपिताशेषभुवना चिदात्मने.. ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहनना चाहिए रत्न ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहने रत्न घण्टों टी वी देखना घर आए अतिथि, साधु या याचक को यथा संभव प्रसन्न करके ही विदा करें. – घर की खुशहाली के लिए 10 वास्तु टिप्स घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए 25 आसान वास्तु टिप्स घर के अंदर लगाएं- घर के बाहर एक खास नंबर का (नंबर 26 जिसे ईसाईयों में पवित्र माना जाता है) होना बताता है कि आप ईश्वर में आस्था रखते हैं. आप मानते हैं कि एक अदृश्य शक्ति आप पर नजर रखती है. यही विश्वास आपमें ऊर्जा लाता है और विश्वास पैदा करता है जिसके चलते आपके बिगड़े काम भी देर-सवेर बन जाते हैं. घर के मंदिर में ध्यान रखनी चाहिए यह 20 बातें घर को बुरी नजर से बचाता है यह दिव्य मंत्र घर खाली हाथ न जाएं घर बनाते वक़्त काफी कुछ ध्यान दिया जाता है जैसे कि प्रवेश द्वार का मुँह किस दिशा में हो पूजा घर की बनावट कैसी हो..बेडरूम की साज-सज्जा का कैसे रखें ध्यान इत्यादि . ऐसे में आज समाज में वास्तु के प्रति रुझान में बेतहासा वृधि हुयी है . घर में किसी को हार्ट डिजीज रही है, तो रेग्युलर हेल्थ चेकअप करवाना जरूरी है. बॉडी में प्रॉब्लम होना शुरू होते ही पता चल जाए, तो उसे आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है. घर में कोई बीमार हो जाए तो उस रोगी को शहद में चन्दन मिला कर चटाएं. घर में खूबसूरत पत्ती वाले पौधे जैसे- साइकस, एक्लिया, अर्लिया, फिलोडेण्ट्रोन व ऐरिका आदि लगाए जा सकते हैं. घर में चाहते हैं बरकत तो करें ये 10 टोटके घर में झाड़ू कहां और कैसे रखें घर में न रखें बंद घड़ी- घर में न रखें ये 5 चीजे होती है वास्तु दोष घर में पोंछा लगाते समय करें ये उपाय घर में बरकत रहेगी और लक्ष्मी दिन दूना रात चौगुना बढऩे लगेगी. घर में यहां जरूर लगाएं श्रीगणेश का चित्र घर या दुकान में श्री गणेश की स्थापना करते वक़्त ध्यान रखे ये बातें घर से निकलते वक्त गुड़ खाकर व थोड़ा-सा पानी ‍पीकर निकलें, तो कार्य में सफलता मिलेगी. इसके अलावा घर की देहली के बाहर कुछ काली मिर्ची के दाने बिखेर दें और उस पर से पैर रखकर निकल जाएं फिर पीछे पलटकर न देंखे. बिगड़े कार्य बन जाएंगे घर से निकलते ही :. क्योंकि, ऐसा करने से इस टोटके का प्रभाव लगभग खत्म हो जाता है. घड़ी का समय हमेशा सही रखें- चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्. . चाही हुई कोई भी वस्तु या इच्छा आसानी से पूरी नहीं होती है. अन्य लोगों को जो चीज बिना संघर्ष के मिल जाती है, वही आपको एड़ी-चोटी का जोर लगाने के बाद हासिल होती है. आप धैर्यवान हैं और यही आपकी शक्ति है. चिकित्सा चीटियों को आटा डालें चुगली करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है. कई बार अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है. इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी किसी की चुगली नहीं करना चाहिए. चोरी करना पाप कर्म माना गया है. चोरी करने वाला व्यक्ति परिवार व समाज में घृणा की नजरों से देखा जाता है. इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी चोरी जैसा पाप कर्म नहीं करना चाहिए. चौथा उपाए- गरीब बालक, बालिकाओं को गोद लें, उन्हें पढ़ाएं, लिखाएं, वस्त्र, कापी, पुस्तक, खाने पीने का खर्चा दो वर्ष तक उठाने से संतान की प्राप्त होती है. चौमुखा दीपक का उपाय छठवे भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय /टोटके :- छिपकली से जुड़े कुछ शकुन – अपशकुन (शकुन शास्त्र के अनुसार) छोटा बच्चा खाना न खाए तो कर सकते हैं ये उपाय जंगली जानवरों की तस्वीर: ध्यान दें अक्सर जगद्-गुरूं च शाश्वतं, तुरीयमेव केवलम्. . 9 जन्मकुंडली में कई ऐसे योग होते हैं जिनकी वजह से कोई भी पुरुष या स्त्री विवाह की खुशी से वंचित रह सकते हैं….कई बार ये रूकावट बाहरी बाधाओं की वजह से भी आती हैं. उम्र लगातार बढती जाती है और लाख प्रयास के बाद भी रिश्ते बन नहीं पाते हैं या मनचाहे रिश्तों का तो जैसे आकाल ही पड़ जाता है इस प्रकार की स्थिति होने पर शीघ्र विवाह के उपाय करने में समझदारी रहती है. इन उपाय को करने से शीघ्र विवाह के मार्ग बनते है, तथा विवाह मार्ग की समस्त बाधाएं दूर होती है| यहाँ पर हम कुछ बहुत ही आसान किन्तु अचूक उपाय बता रहे है जिनको सच्चे मन से करने से वर एवं कन्या दोनों को ही निश्चित रूप से मनवांछित लाभ प्राप्त होगा. जन्मकुंडली में गुरु ग्रह के प्रबल होने से उन्नति के रास्ते आसानी से खुलते हैं. यदि गुरु ग्रह को कमजोर करने वाले कार्य किए जाए तो प्रमोशन होने में रुकावटें आती है. जब किसी इंसान को बुरी नजर लगती है तो उसे अनेक बाधाएं व मुसीबतें आ घेरती हैं. आइए जानते हैं कौन से वो लक्षण है जिनसे पता लग सकता है कि आप पर किसी की बुरी नज़र का साया है और कैसे उससे छुटकारा पाया जा सकता है… जब किसी कारण किसी युवती के वक्षस्थल का समुचित विकास नहीं हो पाता तो वह चिंतित और दुःखी हो उठती है, प्रायः हमउम्र सहेलियों एवं परिवार की महिलाओं के सामने लज्जा का अनुभव करती है. उसे यह भी संकोच और भय होता है कि विवाह के बाद पति के सामने उसकी क्या स्थिति होगी. जब भी उन फूलों का सीजन जाने वाला हो तो उससे पहले ही कुछ गमलो में नए फूल लगा दें, जिससे ज्यादातर आपके घर में लाल फूल खिले ही रहे. आपको समाज में उचित मान सम्मान मिलने लगेगा. जब भी टोटका करने के बाद नींबू फेंके तो पीछे मुड़कर कभी न देखें. सीधे अपने घर की तरफ आ जाएं. जब भी मौका मिले इन 5 में से 1 को जरूर भोजन करवाएं. जब माता पिता की गाढ़ी कमाई के सहारे उच्च शिक्षा प्राप्त करके भी कोई मार्ग सामने दिख न रहा हो तब क्या किया जाए और कितने इस मानसिक स्थिति में असामाजिक रास्ते पर भी चल पड़ते हैं .पर जब कोई मार्ग न दिख रहा हो तो जमीन पर ना फैलाएं- जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर चंदन, चावल, बिल्वपत्र, आंकड़े के फूल और धतूरा चढ़ाएं. जल्दी शादी के उपाय – Jaldi Shadi Ke Upay in Hindi 4 जाएगा. जानिए उपाय की विधि… जानिए काम से जुड़ी 10 बुरी आदतों के बारे में- जानिए किस ग्रह के लिए कब, कैसे और कौनसा पहनना चाहिए रत्न जानिए गाय से जुड़े कुछ शकुन व अपशकुन के बारे में – जानिए शरीर के किस अंग के फड़कने का क्या होता है मतलब जानिये कुंडली के प्रत्येक भाव/लग्न में उपस्तिथ शनि के कष्ट निवारण के उपाय/टोटके. जिन लोगों की हथेली में भाग्य रेखा चंद्र क्षेत्र से प्रारंभ हुई है, वे दूसरों की मदद या प्रोत्साहन से सफलता प्राप्त करने वाले हो सकते हैं. जिन लोगों को 1-2 बार दिल का दौरा पहले भी पड़ चुका हो वे उपरोक्त प्रयोग संख्या 2 करें तथा निम्न प्रयोग भी करें :- जिस तरह से आर्युवेद की किसी भी औषधि का सेवन करते समय क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इस बात का खासतौर पर ध्यान रखा जाता है उसी तरह से वाजीकरण औषधि का प्रयोग करते समय भी व्यक्ति को कई तरह के परहेजों से गुजरना पड़ता है. जिस दिन शिव पूजन करना चाहते हैं, उस दिन सुबह स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र हो जाएं. इसके बाद घर के मंदिर में ही या किसी शिव मंदिर जाएं. मंदिर पहुंचकर भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल अर्पित करें. जिसमें उनकी सूंड दाईं ओर मुड़ी हुई हो. जी हाँ, फेंगसुई आर्ट की ही तरह वास्तु विद्या भी प्राकृतिक बल को साधने की कला है जिससे कि आप पर हमेशा खुशियों की बरसात हो परन्तु हमारे घर में कुछ ऐसी चीजे हो सकती हैं जो वास्तु दोष को उजागर करती हैं . आईये डालते है नजर उन चीजों पर.. जीवन रेखा: जीवन रेखा शुक्र पर्वत (अंगूठे के नीचे वाला भाग) को घेरे रहती है. यह रेखा तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) और अंगूठे के मध्य से शुरू होती है और मणिबंध तक जाती है. जुआ खेलना एक सामाजिक बुराई है. जो व्यक्ति जुआ खेलता है, उसका परिवार व कुटुंब भी नष्ट हो जाता है. जिस स्थान पर जुआ खेला जाता है, वहां अधर्म का राज होता है. ऐसे स्थान पर अनेक बुराइयां उत्पन्न होती हैं. इसलिए सिर्फ आज ही नहीं बल्कि कभी भी जुआ नहीं खेलना चाहिए. जूठा व गंदगी से रखें घर को दूर- जॉन्डिस: अगर मां को पीलिया है तो डिलिवरी से पहले ही ब्लीडिंग हो सकती है. ऐसे केस में डिलिवरी हमेशा अच्छे हॉस्पिटल में ही कराएं. जो एकान्तवासी पुरूष मुक्ति के लिये, इन्द्रियादि का निग्रह करके (उन्हें विषयों से हटाकर) प्रसन्नतापूर्वक आपको भजते हैं, वे स्वकीय गति को (अपने स्वरूप को) प्राप्त होते हैं. जो पुरुष जन्मजात नपुंसक होता है, उसे सहज क्लैब्य कहते हैं. आयुर्वेद ने मुख्य रूप से नपुंसकता के ये सात कारण बताए हैं. सहज और शिराच्छेदजन्य क्लैब्यता असाध्य यानी जो बहु अपने सास ससुर और ससुराल वालो के साथ मिल कर रहती है उनका ध्यान रखती है उनका दिल नहीं दुखाती है, अर्थात घर में प्रेम और हर्ष के बीज को लगाकर उसकी देखभाल करती है उसे पौधे और वृक्ष का रूप देती है उसके पति – बच्चो पर कोई भी आकस्मिक विपदा नहीं आती है, उस परिवार में धन की कोई भी कमी नहीं होती है और उस स्त्री और उसके पति से रोग दूर दूर ही रहते है. उस परिवार के बच्चे भी उस प्रेम और सदभाव के वृक्ष की छावं में बड़े होकर अपने माता पिता के आज्ञाकारी होते है, उनकी सेवा करते है, अंत तक
  • free dogecoin mining