ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं. इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए. उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका ना हो , इसका ख़याल रखे.
0601. धन-समृद्धि - चींटी को शकर मिलाकर आटा खिलाने से कर्ज समाप्त होगा और मछली को खिलाने से समृद्धि बढ़ेगी.
0602. धन-समृद्धि - जो व्यक्ति बहुत समय से आर्थिक परेशानियों से त्रस्त हैं a. रवि पुष्य नक्षत्र वाले दिन तक तांबे पर बना श्री यंत्र लाएं और शुभ मुहूर्त में उसे घर के मंदिर में गंगाजल से धोकर स्थापित करें और धूप-आदि करने के बाद रोज एक पाठ श्री सूक्तम् का उसके समक्ष करें. b. रवि पुष्य नक्षत्र के दिन ग्यारह गोमती चक्र लाएं और उन्हें गंगाजल से शुद्ध करके अपने मंदिर में रखें और धूप आदि करके निम्न मंत्र की एक माला रोज जाप करें - "ऊँ ऊँ नमो धनदाये स्वाहा" c. घर में एक केले का पौधा बृहस्पति वार को शुक्ल पक्ष में और शुभ मुहूर्त में उसे घर के मंदिर में गंगाजल से धोकर स्थापित करें और धूप-आदि करने के बाद रोज एक पाठ श्री सूक्तम् का उसके समक्ष करें.
0603. धन-समृद्धि - पिंजरे में आप किसी पक्षी को ले जाते हुए देखें या कोई पक्षी पिंजरे में है तो आप उन पक्षियों को लेकर उन्हें आजाद कर दें. इस कार्य से आपके ऊपर कैसा भी कर्ज हो आप उससे मुक्त हो जाएंगे. लेकिन यदि आपने अपने घर में किसी पक्षी को पिंजरे में रख रखा है तो आप आज नहीं तो कल कभी भी भयंकर कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे.
0604. धन-समृद्धि - पैसों की तंगी के कारण आपके घर में क्लेश हो रहा है. कुछ दिनों बाद आपकी यह समस्या दूर जाएगी. आप मां लक्ष्मी का पूजन रोज करें.
0605. धन-समृद्धि - प्रति शनिवार की शाम को पीपल की पूजा करके धूप और दीप जलाएं. इस उपाय से जीवन में धन और समृद्दि के मार्ग खुल जाएंगे और शनिदोष में समाप्त हो जाएगा.
0606. धन-समृद्धि - प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पीपल, तुलसी एवं सूर्य देव को जल अर्पित कर सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें.
0607. धन-समृद्धि - बढाने के लिए पूजा घर में अभिमंत्रित श्री यंत्र रखें.
0608. धन-समृद्धि - यदि आप अपना मकान, दुकान या कोई अन्य प्रापर्टी बेचना चाहते हैं और वो बिक न रही हो तो बाजार से 86 साबुत बादाम (छिलके सहित) ले आईए . सुबह नहा-धो कर, बिना कुछ खाये, दो बादाम लेकर मन्दिर जाईए . दोनो बादाम मन्दिर में शिव-लिंग या शिव जी के आगे रख दीजिए . हाथ जोड कर भगवान से प्रापर्टी को बेचने की प्रार्थना कीजिए और उन दो बादामों में से एक बादाम वापिस ले आईए . उस बादाम को लाकर घर में कहीं अलग रख दीजिए . ऐसा आपको 43 दिन तक लगातार करना है . रोज़ दो बादाम लेजाकर एक वापिस लाना है . 43 दिन के बाद जो बादाम आपने घर में इकट्ठा किए हैं उन्हें जल-प्रवाह (बहते जल, नदी आदि में) कर दें . आपका मनोरथ अवश्य पूरा होगा . यदि 43 दिन से पहले ही आपका सौदा हो जाय तो भी उपाय को अधूरा नही छोडना चाहिए . पूरा उपाय करके 43 बादाम जल-प्रवाह करने चाहिए . अन्यथा कार्य में रूकावट आ सकती है .
0609. धन-समृद्धि - यदि आप हमेशा आर्थिक समस्या से परेशान हैं तो इसके लिए आप 21 शुक्रवार 9 वर्ष से कम आयु की 5 कन्यायों को खीर व मिश्री का प्रसाद बांटें .
0610. धन-समृद्धि - यदि आपका किसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमें विजय पाना चाहते हैं तो थोडे से चावल लेकर कोर्ट/कचहरी में जांय और उन चावलों को कचहरी में कहीं पर फेंक दें . जिस कमरे में आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेंकें तो ज्यादा अच्छा है.
0611. धन-समृद्धि - यदि आपका पैसा रुक गया है अथवा आ नहीं रहा है या किसी को देने के बाद मिल नहीं रहा है तो भगवान् विष्णु की तस्वीर लाएं. उसे मन्दिर में लगाएं, फिर रोज प्रातः स्नानादि से निवृत होकर पीला चंदन घिसकर उसमें थोड़ा केसर और हल्दी मिलाकर भगवान् विष्णु को तिलक करें, फिर अपने मस्तक पर तिलक करें और पूर्ण विश्वास के साथ गजेन्द्रमोक्ष के पाठ करें. बहुत जल्दी फायदा होगा.
0612. धन-समृद्धि - यदि आपकी रकम कहीं फंस गई है और पैसे वापिस नहीं मिल रहे तो आप रोज़ सुबह नहाने के पश्चात सूरज को जल अर्पण करें . उस जल में 11 बीज लाल मिर्च के डाल दें तथा सूर्य भगवान से पैसे वापिसी की प्रार्थना करें. इसके साथ ही “ऊँ ऊँ आदित्याय नमः “ का जाप करें .
0613. धन-समृद्धि - यदि आपको उपर किसी तरह का कर्ज है या कोई संकट आ खड़ा हुआ है तो आटे के पांच दिए बनाकर एक एक दिए को बढ़ के अलग अलग पत्ते पर रखें. अब उन्हें हनुमान मंदिर में ले जाकर हनुमानजी की प्रतिमा के समक्ष दिए जला दें. वहीं बैठकर हनुमानजी से अपने संकट और कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें. यह कार्य आप पांच मंगलवार तक करें. इस दौरान आते जाते वक्त मौन रहें.
0614. धन-समृद्धि - यदि आपको व्यापार में हानि हो रही है तो पीपल पर रोज जल चढ़ाएं. सफलता मिलेगी.
0615. धन-समृद्धि - यदि ऐसा लगता है कि किसी ने लक्ष्मी बांध रखी है तो माता कालीका को प्रतिदिन दो लकड़ी वाली (बांस वाली नहीं) अगरबत्ती लगाएं या एक धूपबत्ती लगाएं. प्रत्येक शुक्रवार को काली के मंदिर में जाकर पूजा करें और माता से हर तरह के बंधन को काटने की प्रार्थना करें.
0616. धन-समृद्धि - यदि कोई व्यक्ति पैसों की तंगी का सामना करना रहा है तो उसे प्रति मंगलवार और शनिवार को पीपल के 11 पत्तों का यह उपाय अपनाना चाहिए. सप्ताह के प्रति मंगलवार और शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठें. इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर किसी पीपल के पेड़ से 11 पत्ते तोड़ लें. ध्यान रखें पत्ते पूरे होने चाहिए, कहीं से टूटे या खंडित नहीं होने चाहिए. इन 11 पत्तों पर स्वच्छ जल में कुमकुम या अष्टगंध या चंदन मिलाकर इससे श्रीराम का नाम लिखें. नाम लिखते समय हनुमान चालीसा का पाठ करें. जब सभी पत्तों पर श्रीराम नाम लिख लें, उसके बाद राम नाम लिखे हुए इन पत्तों की एक माला बनाएं. इस माला को किसी भी हनुमानजी के मंदिर जाकर वहां बजरंगबली को अर्पित करें. इस प्रकार यह उपाय करते रहें. कुछ समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे. ध्यान रखें उपाय करने वाला भक्त किसी भी प्रकार के अधार्मिक कार्य न करें.
0617. धन-समृद्धि - यदि बेवजह धन का नुकसान हो रहा है. धन चोरी हो रहा है, डूब रहा है या गायब हो जाता है तो रोज सुबह नीम की लकड़ी से दातुन करें.
0618. धन-समृद्धि - रविवार पुष्य नक्षत्र में एक कौआ अथवा काला कुत्ता पकड़े. उसके दाएँ पैर का नाखून काटें. इस नाखून को ताबीज में भरकर, धूपदीपादि से पूजन कर धारण करें. इससे आर्थिक बाधा दूर होती है. कौए या काले कुत्ते दोनों में से किसी एक का नाखून लें. दोनों का एक साथ प्रयोग न करें.
0619. धन-समृद्धि - लक्ष्मी जी का जप करने से अभीष्ट धन की प्राप्ति होती है. : - ॐ ॐ देवसखाय नम:, चिक्लीताय, आनन्दाय, कर्दमाय, श्रीप्रदाय, जातवेदाय, अनुरागाय, सम्वादाय, विजयाय, वल्लभाय, मदाय, हर्षाय, बलाय, तेजसे, दमकाय, सलिलाय, गुग्गुलाय, ॐ ॐ कुरूण्टकाय नम:.
0620. धन-समृद्धि - शनिवार के दिन कृष्ण वर्ण के पशुओं को रोटी खिलाएं. लाभ मिलता है.
0621. धन-समृद्धि - शुक्र्वार की रात को सवा किलो काले चने भिगो दें. दूसरे दिन शनिवार को उन्हें सरसों के तेल में बना लें. उसके तीन हिस्से कर लें . उसमें से एक हिस्सा घोडे या भैंसे को खिला दें. दूसरा हिस्सा कुष्ठ रोगी को दे दें और तीसरा हिस्सा अपने सिर से घडी की सूई से उल्टे तरफ तीन बार वार कर किसी चौराहे पर रख दें. यह प्रयोग 40 दिन तक करें
0622. धन-समृद्धि - सर्वप्रथम 5 लाल गुलाब के पूर्ण खिले हुए फूल लें. इसके पश्चात् डेढ़ मीटर सफेद कपड़ा ले कर अपने सामने बिछा लें. इन पांचों गुलाब के फुलों को उसमें, गायत्री मंत्र 21 बार पढ़ते हुए बांध दें. अब स्वयं जा कर इन्हें जल में प्रवाहित कर दें. भगवान ने चाहा तो जल्दी ही कर्ज से मुक्ति प्राप्त होगी.
0623. धन-समृद्धि - सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ. फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ. इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है.
0624. नजर - ॐ या रुद्राक्ष का अभिमंत्रित लॉकेट गले में पहने और घर के बाहर एक त्रिशूल में जड़ा ॐ का प्रतीक दरवाजे के ऊपर लगाएं. सिर पर चंदन, केसर या भभूति का तिलक लगाएं. हाथ में मौली (नाड़ा) अवश्य बांध कर रखें. बुरी नजर से भी रक्षा होती है.
0625. नज़र - " ऊँ ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ऊँ ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षणी-पूतना-मारी-महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम् क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर रुद्रावतार हुं फट् स्वाहा. " इस हनुमान मंत्र का पांच बार जाप करने से भूत कभी भी निकट नहीं आ सकते.
0626. नज़र - आंखें भारी होना व पलकों का मुड़ना -रविवार या शनिवार को नज़र लगे व्यक्ति से तीन बार दूध उतारकर एक मिट्टी के बर्तन में रखकर कुत्तों के आगे डाल दें.
0627. नज़र - आपको लगता है कि आपके घर में किसी ने कुछ तंत्र कर रखा है तो जावित्री, गायत्री और केसर लाकर उसे कूटकर मिला लें. इसके बाद उसमें उचित मात्रा में गुग्गल मिला लें. अब इस मिश्रण को धूप प्रतिदिन शाम को दें. ऐसे 21 दिन तक करेंगे तो तांत्रिक प्रभाव हट जाएगा.
0628. नज़र - किसी काम में मन न लगना - डंठल सहित 7 लाल मिर्च 9, 11, या 21 बार उतारकर अग्नि में डाल देने पर नज़र उतर जाती है.
0629. नज़र - किसी गर्भवती महिला का दूध सुख जाना - गोबर के छोटे दिए में गुड़ का टुकड़ा, तेल और रुई की बत्ती डालकर उसे जलाकर दरवाज़े के बीच में रखने से भी बुरी नज़र का प्रभाव खत्म हो जाता है.
0630. नज़र - खाने की किसी चीज़ से चिढ हो जाना - जिसे भी नज़र लगी हो उस व्यक्ति पर से तेल लगी रोटी 7 बार वारकर काले कुत्ते को खिला दें. नज़र दोष दूर हो जाएगा.
0631. नज़र - गोबर के छोटे दिए में गुड़ का टुकड़ा, तेल और रुई की बत्ती डालकर उसे जलाकर दरवाज़े के बीच में रखने से भी बुरी नज़र का प्रभाव खत्म हो जाता है.
0632. नज़र - घर की छत पर उत्तर-पूर्व दिशा में 5 तुलसी के पौधे लगाएं या घर की छत पर काली मटकी लगाएं.
0633. नज़र - जिसे भी नज़र लगी हो उस व्यक्ति पर से तेल लगी रोटी 7 बार वारकर काले कुत्ते को खिला दें. नज़र दोष दूर हो जाएगा.
0634. नज़र - डंठल सहित 7 लाल मिर्च 9, 11, या 21 बार उतारकर अग्नि में डाल देने पर नज़र उतर जाती है.
0635. नज़र - नींबू को सिर से उतारकर चार टुकड़ों में काटकर चौराहे पर चारों दिशाओं में फेंक दें. यदि कोई नज़र लगी हो या टोटका किया गया हो तो दूर हो जाता है.
0636. नज़र - नीम एक चमत्कारी वृक्ष माना जाता है. मां दुर्गा का रूप माने जाने वाले इस पेड़ को कहीं-कहीं 'नीमारी देवी' भी कहते हैं. इस पेड़ की पूजा की जाती है. कहते हैं कि नीम की पत्तियों के धुएं से बुरी और प्रेत आत्माओं से रक्षा होती है.
0637. नजर - मां काली के लिए उनके नाम से प्रतिदिन अच्छी तरह से पवित्र की हुई दो अगरबत्ती सुबह और दो दिन ढलने से पूर्व लगाएं और उनसे घर और शरीर की रक्षा करने की प्रार्थना करें. बुरी नजर से रक्षा भी होती है.
0638. नजर - यदि कोई व्यक्ति किसी नदी में स्नान करता है तो उसे पानी पर ऊँ लिखकर पानी में तुरंत डुबकी मार लेना चाहिए. ऐसा करने से नदी स्नान का पूर्ण पुण्य प्राप्त होता है. इस उपाय से ग्रह दोष भी शांत होते हैं. यदि आपके ऊपर किसी की बुरी नजर है तो वह उतर जाती है.
0639. नजर - यदि घर में किसी बच्चे या बड़े व्यक्ति को बुरी नजर लग जाए तो उसके सिर से पैर तक सात बार नींबू वार लें. इसके बाद इस नींबू के चार टुकड़े करके किसी सुनसान स्थान या किसी तिराहे पर फेंक दें. ध्यान रखें नींबू के टुकड़े फेंकने के बाद पीछे न देखें और सीधे घर आ जाएं. नजर तुरंत दूर हो जाएगी.
0640. नज़र - यदि व्यक्ति चिड़चिढ़ा हो रहा है तथा बात-बात पर गुस्सा हो रहा है तो उसके ऊपर से राई-मिर्ची उसार कर जला दें. तथा पीडि़त व्यक्ति को उसे देखते रहने के लिए कहें.
0641. नजर - रविवार को बांह पर काले धतूरे की जड़ बांधें, ऊपरी हवाओं से मुक्ति मिलेगी.
0642. नज़र - रविवार या शनिवार को नज़र लगे व्यक्ति से तीन बार दूध उतारकर एक मिट्टी के बर्तन में रखकर कुत्तों के आगे डाल दें.
0643. नजर - रोटी पर थोड़ा सा गुड़ रखें और इस रोटी को बच्चे के ऊपर से 11 या 21 बार वार लें. इसके बाद ये रोटी किसी कुत्ते को खाने के लिए दे दें. इस उपाय से बच्चे के ऊपर से बुरी नजर का असर खत्म हो जाएगा और वह फिर से ठीक से खाना खाने लगेगा.
0644. नज़र - लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पंखुड़ियां रख अपने इष्टदेव का नाम लेकर खिलाने से बुरी नज़र का प्रभाव दूर होता है.
0645. नज़र - लहसुन के रस में हींग घोलकर आंख में डालने या सुंघाने से पीड़ित व्यक्ति को ऊपरी हवाओं से मुक्ति मिल जाती है.
0646. नज़र - लाल मिर्च, अजवायन और पीली सरसों को एक मिट्टी के छोटे बर्तन में आग लेकर उसमें जलाएं. इसका धुआं नज़र लगे बच्चे को दें.
0647. नज़र - लोबान को सुलगते हुए कंडे या अंगारे पर रख कर जलाया जाता है. लोबान का इस्तेमाल अक्सर दरगाह पर होता है. लोबान को जलाने के नियम होते हैं. इसको जलाने से पारलौकिक शक्तियां आकर्षित होती है. (लोबान को घर में जलाने से पहले किसी विशेषज्ञ से पूछकर जलाएं) गुरुवार के दिन किसी समाधि विशेष पर लोबान जलाने से पारलौकिक मदद मिलना शुरू हो जाती है.
0648. नजर - शनि, राहु या केतुजनित कोई समस्या हो, कोई ऊपरी बाधा हो, बनता काम बिगड़ रहा हो, कोई अनजाना भय आपको भयभीत कर रहा हो अथवा ऐसा लग रहा हो कि किसी ने आपके परिवार पर कुछ कर दिया है, तो इसके निवारण के लिए शनिवार के दिन एक जलदार जटावाला नारियल लेकर उसे काले कपड़े में लपेटें. 100 ग्राम काले तिल, 100 ग्राम उड़द की दाल तथा 1 कील के साथ उसे बहते जल में प्रवाहित करें. ऐसा करना बहुत ही लाभकारी होता है.
0649. नमक - अगर कुंडली में चंद्र कमजोर है तो समुद्री या सामान्य नमक का भोजन में इस्तेमाल न करें बल्कि सेंधा नमक का इस्तेमाल करें. इससे आप रक्तचाप की समस्या से बचे रहेंगे. लेकिन अगर कुंडली में मंगल कमजोर है तो भोजन में समुद्री नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
0650. नमक - अगर कोई व्यक्ति लंबी बीमारी से ग्रसित हैं तो उसके सिरहाने कांच के एक बर्तन में नमक रखें. एक सप्ताह बाद उस नमक को बदल कर दोबारा नमक रख दें. धीरे धीरे उस व्यक्ति की सेहत में सुधार होने लगेगा.
0651. नमक - कई बार आपको समझ नहीं आता कि आप क्यों बीमार हो रहे हैं, क्यों अचानक से सफलता मिलते-मिलते रह जाती है, सर्वगुण संपन्न होने के बावजूद विवाह नहीं हो रहा है या आपको लगता है जैसे आपके धन को कोई टोक लग गई है तो इस उपाय को होली के दिन अवश्य आजमाएं. काले कपड़े में काली हल्दी को बांधकर 7 बार ऊपर से उतार कर होली की अग्नि में भस्म कर दें.
0652. नमक - का गिरना अच्छा नहीं माना जाता. बुल्गारिया, यूक्रेन और रोमानिया जैसे देशों में इसे दुर्भाग्य और विवाद का सूचक समझा जाता है. इसका गिरना अशुभ माना गया है. नमक को गिराने से चंद्रमा और शुक्र दोनों कमजोर हो जाते हैं.
0653. नमक - को सीधे सीधे किसी व्यक्ति के हाथ में मत दीजिए. नमक का पैकेट भी देने से बचना चाहिए. ऐसा मानते हैं कि इससे व्यक्ति के संबंध खराब होते हैं.
0654. नमक - घर में धन का प्रवाह बनाए रखने के लिए कांच का एक गिलास लेकर उसमें पानी और नमक मिलाकर घर के नैऋत्य कोने में रख दें और उस के पीछे लाल रंग का एक बल्व लगा दें, जब भी पानी सूखे तो उस गिलास को साफ करके दोबारा नमक मिलाकर पानी भर दें.
0655. नमक - टायलेट में कांच के बाऊल में क्रिस्टल साल्ट (दरदरा नमक) भर कर रखें, 15 दिन बाद बदल दें, पहला टायलेट के सिंक में डाल दें. अगर किसी कारण टायलेट उत्तर-पूर्व में हो तो इसके दरवाजे पर रोअरिंग लायन का फोटो पेस्ट कर दें.
0656. नमक - नमक को कांच के पात्र में रखें और उसमें चार-पांच लोंग डाल दें. इससे धन की आवक शुरू होने लगेगी और घर में बरकत भी बनी रहती है. इससे एक ओर जहां नमक में सुगंध बनी रहेगी वहीं इस उपाय से कभी धन की कमी नहीं होगी.
0657. नमक - भोजन पकाते समय भोजन को चखे नहीं. उससे भोजन की पवित्रता नष्ट होती है और दरिद्रता आती है. नमक कम हो जाएगा तो बाद में डाल दिया जाएगा. भगवान को भोजन नैवेद्य लगाने के बाद ही भोजन को चखे.
0658. नमक - मजमूरी में या दबाव में किसी का नमक मत खाइये इससे आपका बड़ा नुकसान हो सकते है. नमक उसी का खाइये जिसके संस्कार अच्छे हों और जो धर्म सम्मत आचरण करता हो.
0659. नमक - मिला जुला वास्तुदोष हो तो जिसे आप बदल नहीं सकते. मन में खिन्नता, भय, चिंता होने से, दोनों हाथों में साबुत नमक भर कर कुछ देर रखे रहें, फिर वॉशबेसिन में डालकर पानी से बहा दें. नमक इधर उधर न फेंके.
0660. नमक - यदि आपका मन बहुत अशांत रहता है. विचार चलते रहते हैं किसी प्रकार की चिंता से ग्रस्त रह रहे हैं तो इससे आपका स्वास्थ्य गिरता जाएगा. नमक मिले हुए जल से स्नान करने से शरीर तो शुद्ध होगा ही साथ ही मन की बैचेनी भी शांत हो जाएगी.
0661. नमक - यदि आपके पास धन तो बहुत आता है लेकिन रूकता नहीं है, तो आपको यह उपाय अवश्य करना चाहिए. होलिका दहन के दिन चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिन्दूर को साथ में रखकर सजी हुई होली की पूजन कर डिब्बी के साथ 7 प्रदक्षिणा करें फिर स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें. धन आपके पास रूकने लगेगा.
0662. नमक - यदि आपको कोई व्यक्ति पसंद नहीं है तो उसका नमक न खाएं. उसका मीठा खा सकते हैं. किसी पापी पुरुष के यहां का नमक तो कदापी न खाएं अन्यथा आपका जीवन भी उसी के सामन होने लगेगा. हर कहीं का नमक या नमकीन न खाएं इस बात का हमेशा ध्यान रखें.
0663. नमक - यदि आपको या किसी बच्चे को किसी की नजर लग गई है तो सात बार एक चुटकी नमक उस पर से उतारकर उसे बहते पानी में बहा दें. नल खोलें और उसे नल के बहते पानी में डाल दें. इससे नजर दोष दूर हो जाएगा.
0664. नमक - यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरन्तर अस्वस्थ्य रहता है, तो होली के दिन सुबह आटे की 2 लोई बनाकर उसमें गीले चने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी मात्रा में पिसी काली हल्दी को दबाकर मरीज के ऊपर से 7 बार उतार कर गाय को खिला दें. फिर होली का पूजन कर घर लौट आएं.
0665. नमक - रोग से बचने के लिए साधारण नमक का कम ही उपयोग करना चाहिए. उसकी जगह सेंधा नमक या काले नमक का उपयोग भोजन के दौरान करना चाहिए.
0666. नमक - व्यक्तिगत बाधा के लिए एक मुट्ठी पिसा हुआ नमक लेकर शाम को अपने सिर के ऊपर से तीन बार उतार लें और उसे दरवाजे के बाहर फेंकें. ऐसा तीन दिन लगातार करें. यदि आराम न मिले तो नमक को सिर के ऊपर वार कर शौचालय में डालकर फ्लश चला दें. निश्चित रूप से लाभ मिलेगा.
0667. नमक - सप्ताह में एक बार गुरुवार को छोड़कर पोंछा लगाते समय पानी में थोड़ा साबुत खड़ा नमक (समुद्री नमक) मिला लेना चाहिए. इस उपाय से भी घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है. वातावरण की पवित्रता बढ़ती है. इससे लक्ष्मी प्राप्ती का मार्ग खुलेगा और घर में बरकत भी बनी रहेगी.
0668. नमक - सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें . अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें. इससे आपकी सेहत ठीक रहेगी.
0669. नमक - हर तरह की गंदगी को हटाने वाला रसायन है. एक कांच की कटोरी में खड़ा नमक (समुद्री नमक) भरें और इस कटोरी को बाथरूम में रखें. इस उपाय से भी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सकती है. हर माह कटोरी का नमक बदल लें. पुराने नमक को फेंक देना चाहिए.
0670. नहाते समय - इस मंत्र का जप करना श्रेष्ठ रहता है गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति. नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु. .
0671. नहाते समय - हमें मंत्र जप करना चाहिए. स्नान करते समय किसी मंत्र का पाठ किया जा सकता है या कीर्तन या भजन या भगवान का नाम लिया जा सकता है. ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
0672. ना करें - अकारण निंदा करने वाला व्यक्ति भी मरा हुआ होता है. जिसे दूसरों में सिर्फ कमियां ही नजर आती हैं. जो व्यक्ति किसी के अच्छे काम की भी आलोचना करने से नहीं चूकता. ऐसा व्यक्ति जो किसी के पास भी बैठे तो सिर्फ किसी ना किसी की बुराई ही करे, वह इंसान मृत समान होता है.
0673. ना करें - अकेलेपन से स्ट्रेस, चिड़चिड़ापन और बीमारियां बढ़ती है. इससे डिजीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
0674. ना करें - अक्सर अपने वैभव एवं विलासिता को दिखाने हेतु हम घर में फव्वारे का इस्तेमाल करते हैं . ध्यान दें वाटर फाउंटेन पानी के बहाव को दर्शाता है ऐसे में ये माना जाता है कि घर में लक्ष्मी का निवास नहीं रह पाता .
0675. ना करें - अगर ब्लड प्रेशर जैसी किसी बीमारी की दवाई चल रही है, तो दवाई खाना भूलने या वक्त पर दवाई न खाने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है.
0676. ना करें - अचानक से सांस फूलना, ज्यादा पसीना आना, चेस्ट के पास दर्द होना जैसे संकेत हार्ट प्रॉब्लम की चेतावनी देते है. इन्हें इग्नोर करना प्रॉब्लम बढ़ा सकता है.
0677. ना करें - अति कंजूस व्यक्ति भी मरा हुआ होता है. जो व्यक्ति धर्म के कार्य करने में, आर्थिक रूप से किसी कल्याण कार्य में हिस्सा लेने में हिचकता हो. दान करने से बचता हो. ऐसा आदमी भी मृत समान ही है.
0678. ना करें - अन्धेरे में भोजन नही करना चाहिये.
0679. ना करें - अपने उग्र स्वभाव की वजह से हम उन चीजों की तरफ ज्यादा आकर्षित होते है जो हमारी उग्रता को बढ़ावा दें . ऐसे में घर में जंगली जानवरों का चित्र परिवार में प्यार को थोड़ा कमजोर जरुर कर सकती हैं .
0680. ना करें - आप इधर उधर, बाहर सड़क पर कहीं भी थूकते तो नहीं है. अगर ऐसा है तो इसे तुरंत बंद करे. आप यथासंभव अपने घर के वाशबेसिन / जहाँ पर आप नहाते , ब्रश करते है सिर्फ वही पर कुल्ला करे, अपना गला साफ करें, थूक निकाले, और अपनी थूक को कभी भी अपने पैर से ना रगड़े.
0681. ना करें - आवासीय परिसर में दूध वाले वृक्ष लगाने से धनहानि होती है. महुआ, पीपल, बरगद घर के बाहर होना चाहिए. केवड़ा और चंपा को लगा सकते हैं.
0682. ना करें - ऐसा व्यक्ति जो पूरी तरह से आत्म संतुष्टि और खुद के स्वार्थों के लिए ही जीता है, संसार के किसी अन्य प्राणी के लिए उसके मन में कोई संवेदना ना हो तो ऐसा व्यक्ति भी मृत समान है. जो लोग खाने-पीने में, वाहनों में स्थान के लिए, हर बात में सिर्फ यही सोचते हैं कि सारी चीजें पहले हमें ही मिल जाएं, बाकि किसी अन्य को मिले ना मिले, वे मृत समान होते हैं. ऐसे लोग समाज और राष्ट्र के लिए अनुपयोगी होते हैं.
0683. ना करें - ऐसे स्थान पर न जाएं, जहां पर तांत्रिक अनुष्ठान होता हो. जहां पर किसी पशु की बलि दी जाती हो या जहां भी लोभान आदि के धुएं से भूत भगाने का दावा किया जाता हो. भूत भागाने वाले सभी स्थानों से बच कर रहें, क्योंकि यह धर्म और पवित्रता के विरुद्ध है.
0684. ना करें - ओवरईटिंग से मोटापा बढ़ता है. वजन ज्यादा होने पर बॉडी में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है, जिससे शरीर को नुक्सान पहुंचता है.
0685. ना करें - कभी भी किसी एक देवी-देवता की मूर्ति आमने-सामने नहीं रखनी चाहिए. ऐसा होने से आय के साधन कम होने लगते है और खर्च बढ़ जाते हैं.
0686. ना करें - कभी भी गाय या अन्य जानवर को झाड़ू से नहीं मारना चाहिए. यह अपशकुन माना गया है.
0687. ना करें - कभी भी बैठे बैठे या लेटे हुए अपनी टाँगे ना हिलाते रहे, इससे भी भाग्य रुष्ट हो जाता है और चाह कर भी पर्याप्त सम्मान नहीं मिलता है.
0688. ना करें - किसी की गरीबी और लाचारी का मजाक नही उडाना चाहिये.
0689. ना करें - किसी भी तरह की तेज खुशबू परालौकिक शक्तियों को आकर्षित करती हैं. इसीलिए रात को सोने से पहले हाथ-पांव तथा चेहरा धोकर ईश्वर का ध्यान करना चाहिए. इससे रात को बुरे स्वप्न भी नहीं आते और नकारात्मक शक्तियां भी दूर रहती हैं.
0690. ना करें - कुछ लोग जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करते है और फिर यह शेड्यूल छोड़ देते है. कई अचानक एक्सरसाइज करना पूरी तरह छोड़ देते है. यह तरीका ठीक नहीं है.
0691. ना करें - कोई भी सदस्य किसी खास कार्य के लिए घर से निकला हो तो उसके जाने के तुरंत बाद घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए. ऐसा करने पर उस व्यक्ति को असफलता का सामना करना पड़ सकता है.
0692. ना करें - खराब या बेकार चीज़ों को घर में रखने से नेगेटिव एनर्जी बढ़ती है और धन संबंधी परेशानियां भी आती हैं. खराब उपकरण जैसे टीवी, कंप्यूटर, फ्रीज़ आदि को घर में भूलकर भी न रखे.
0693. ना करें - खर्राटे आने पर हम ठीक से सांस नहीं ले पाते. इससे हार्ट बीट अनियमित होती है और डिजीज का खतरा बढ़ता है.
0694. ना करें - गंदे बिस्तर में नही सोना चाहिये.
0695. ना करें - गरीबी सबसे बड़ा श्राप है. जो व्यक्ति धन, आत्म-विश्वास, सम्मान और साहस से हीन हो, वो भी मृत ही है.
0696. ना करें - घड़े में मुंह लगाकर पानी नही पीना चाहिये.
0697. ना करें - घर में महाभारत की पेंटिंग अथवा तस्वीर न रखें , ध्यान दें ऐसा करने से घर परिवार में कलह की श्रृष्टि होने की संभावना बढ़ जाती है .
0698. ना करें - जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ, ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें.
0699. ना करें - जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना चाहिए.
0700. ना करें - जो व्यक्ति अत्यंत भोगी हो, कामवासना में लिप्त रहता हो, जो संसार के भोगों में उलझा हुआ हो, वह मृत समान है. जिसके मन की इच्छाएं कभी खत्म नहीं होती और जो प्राणी सिर्फ अपनी इच्छाओं के अधीन होकर ही जीता है, वह मृत समान है.
0601. धन-समृद्धि - चींटी को शकर मिलाकर आटा खिलाने से कर्ज समाप्त होगा और मछली को खिलाने से समृद्धि बढ़ेगी.
0602. धन-समृद्धि - जो व्यक्ति बहुत समय से आर्थिक परेशानियों से त्रस्त हैं a. रवि पुष्य नक्षत्र वाले दिन तक तांबे पर बना श्री यंत्र लाएं और शुभ मुहूर्त में उसे घर के मंदिर में गंगाजल से धोकर स्थापित करें और धूप-आदि करने के बाद रोज एक पाठ श्री सूक्तम् का उसके समक्ष करें. b. रवि पुष्य नक्षत्र के दिन ग्यारह गोमती चक्र लाएं और उन्हें गंगाजल से शुद्ध करके अपने मंदिर में रखें और धूप आदि करके निम्न मंत्र की एक माला रोज जाप करें - "ऊँ ऊँ नमो धनदाये स्वाहा" c. घर में एक केले का पौधा बृहस्पति वार को शुक्ल पक्ष में और शुभ मुहूर्त में उसे घर के मंदिर में गंगाजल से धोकर स्थापित करें और धूप-आदि करने के बाद रोज एक पाठ श्री सूक्तम् का उसके समक्ष करें.
0603. धन-समृद्धि - पिंजरे में आप किसी पक्षी को ले जाते हुए देखें या कोई पक्षी पिंजरे में है तो आप उन पक्षियों को लेकर उन्हें आजाद कर दें. इस कार्य से आपके ऊपर कैसा भी कर्ज हो आप उससे मुक्त हो जाएंगे. लेकिन यदि आपने अपने घर में किसी पक्षी को पिंजरे में रख रखा है तो आप आज नहीं तो कल कभी भी भयंकर कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे.
0604. धन-समृद्धि - पैसों की तंगी के कारण आपके घर में क्लेश हो रहा है. कुछ दिनों बाद आपकी यह समस्या दूर जाएगी. आप मां लक्ष्मी का पूजन रोज करें.
0605. धन-समृद्धि - प्रति शनिवार की शाम को पीपल की पूजा करके धूप और दीप जलाएं. इस उपाय से जीवन में धन और समृद्दि के मार्ग खुल जाएंगे और शनिदोष में समाप्त हो जाएगा.
0606. धन-समृद्धि - प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पीपल, तुलसी एवं सूर्य देव को जल अर्पित कर सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें.
0607. धन-समृद्धि - बढाने के लिए पूजा घर में अभिमंत्रित श्री यंत्र रखें.
0608. धन-समृद्धि - यदि आप अपना मकान, दुकान या कोई अन्य प्रापर्टी बेचना चाहते हैं और वो बिक न रही हो तो बाजार से 86 साबुत बादाम (छिलके सहित) ले आईए . सुबह नहा-धो कर, बिना कुछ खाये, दो बादाम लेकर मन्दिर जाईए . दोनो बादाम मन्दिर में शिव-लिंग या शिव जी के आगे रख दीजिए . हाथ जोड कर भगवान से प्रापर्टी को बेचने की प्रार्थना कीजिए और उन दो बादामों में से एक बादाम वापिस ले आईए . उस बादाम को लाकर घर में कहीं अलग रख दीजिए . ऐसा आपको 43 दिन तक लगातार करना है . रोज़ दो बादाम लेजाकर एक वापिस लाना है . 43 दिन के बाद जो बादाम आपने घर में इकट्ठा किए हैं उन्हें जल-प्रवाह (बहते जल, नदी आदि में) कर दें . आपका मनोरथ अवश्य पूरा होगा . यदि 43 दिन से पहले ही आपका सौदा हो जाय तो भी उपाय को अधूरा नही छोडना चाहिए . पूरा उपाय करके 43 बादाम जल-प्रवाह करने चाहिए . अन्यथा कार्य में रूकावट आ सकती है .
0609. धन-समृद्धि - यदि आप हमेशा आर्थिक समस्या से परेशान हैं तो इसके लिए आप 21 शुक्रवार 9 वर्ष से कम आयु की 5 कन्यायों को खीर व मिश्री का प्रसाद बांटें .
0610. धन-समृद्धि - यदि आपका किसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमें विजय पाना चाहते हैं तो थोडे से चावल लेकर कोर्ट/कचहरी में जांय और उन चावलों को कचहरी में कहीं पर फेंक दें . जिस कमरे में आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेंकें तो ज्यादा अच्छा है.
0611. धन-समृद्धि - यदि आपका पैसा रुक गया है अथवा आ नहीं रहा है या किसी को देने के बाद मिल नहीं रहा है तो भगवान् विष्णु की तस्वीर लाएं. उसे मन्दिर में लगाएं, फिर रोज प्रातः स्नानादि से निवृत होकर पीला चंदन घिसकर उसमें थोड़ा केसर और हल्दी मिलाकर भगवान् विष्णु को तिलक करें, फिर अपने मस्तक पर तिलक करें और पूर्ण विश्वास के साथ गजेन्द्रमोक्ष के पाठ करें. बहुत जल्दी फायदा होगा.
0612. धन-समृद्धि - यदि आपकी रकम कहीं फंस गई है और पैसे वापिस नहीं मिल रहे तो आप रोज़ सुबह नहाने के पश्चात सूरज को जल अर्पण करें . उस जल में 11 बीज लाल मिर्च के डाल दें तथा सूर्य भगवान से पैसे वापिसी की प्रार्थना करें. इसके साथ ही “ऊँ ऊँ आदित्याय नमः “ का जाप करें .
0613. धन-समृद्धि - यदि आपको उपर किसी तरह का कर्ज है या कोई संकट आ खड़ा हुआ है तो आटे के पांच दिए बनाकर एक एक दिए को बढ़ के अलग अलग पत्ते पर रखें. अब उन्हें हनुमान मंदिर में ले जाकर हनुमानजी की प्रतिमा के समक्ष दिए जला दें. वहीं बैठकर हनुमानजी से अपने संकट और कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें. यह कार्य आप पांच मंगलवार तक करें. इस दौरान आते जाते वक्त मौन रहें.
0614. धन-समृद्धि - यदि आपको व्यापार में हानि हो रही है तो पीपल पर रोज जल चढ़ाएं. सफलता मिलेगी.
0615. धन-समृद्धि - यदि ऐसा लगता है कि किसी ने लक्ष्मी बांध रखी है तो माता कालीका को प्रतिदिन दो लकड़ी वाली (बांस वाली नहीं) अगरबत्ती लगाएं या एक धूपबत्ती लगाएं. प्रत्येक शुक्रवार को काली के मंदिर में जाकर पूजा करें और माता से हर तरह के बंधन को काटने की प्रार्थना करें.
0616. धन-समृद्धि - यदि कोई व्यक्ति पैसों की तंगी का सामना करना रहा है तो उसे प्रति मंगलवार और शनिवार को पीपल के 11 पत्तों का यह उपाय अपनाना चाहिए. सप्ताह के प्रति मंगलवार और शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठें. इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर किसी पीपल के पेड़ से 11 पत्ते तोड़ लें. ध्यान रखें पत्ते पूरे होने चाहिए, कहीं से टूटे या खंडित नहीं होने चाहिए. इन 11 पत्तों पर स्वच्छ जल में कुमकुम या अष्टगंध या चंदन मिलाकर इससे श्रीराम का नाम लिखें. नाम लिखते समय हनुमान चालीसा का पाठ करें. जब सभी पत्तों पर श्रीराम नाम लिख लें, उसके बाद राम नाम लिखे हुए इन पत्तों की एक माला बनाएं. इस माला को किसी भी हनुमानजी के मंदिर जाकर वहां बजरंगबली को अर्पित करें. इस प्रकार यह उपाय करते रहें. कुछ समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे. ध्यान रखें उपाय करने वाला भक्त किसी भी प्रकार के अधार्मिक कार्य न करें.
0617. धन-समृद्धि - यदि बेवजह धन का नुकसान हो रहा है. धन चोरी हो रहा है, डूब रहा है या गायब हो जाता है तो रोज सुबह नीम की लकड़ी से दातुन करें.
0618. धन-समृद्धि - रविवार पुष्य नक्षत्र में एक कौआ अथवा काला कुत्ता पकड़े. उसके दाएँ पैर का नाखून काटें. इस नाखून को ताबीज में भरकर, धूपदीपादि से पूजन कर धारण करें. इससे आर्थिक बाधा दूर होती है. कौए या काले कुत्ते दोनों में से किसी एक का नाखून लें. दोनों का एक साथ प्रयोग न करें.
0619. धन-समृद्धि - लक्ष्मी जी का जप करने से अभीष्ट धन की प्राप्ति होती है. : - ॐ ॐ देवसखाय नम:, चिक्लीताय, आनन्दाय, कर्दमाय, श्रीप्रदाय, जातवेदाय, अनुरागाय, सम्वादाय, विजयाय, वल्लभाय, मदाय, हर्षाय, बलाय, तेजसे, दमकाय, सलिलाय, गुग्गुलाय, ॐ ॐ कुरूण्टकाय नम:.
0620. धन-समृद्धि - शनिवार के दिन कृष्ण वर्ण के पशुओं को रोटी खिलाएं. लाभ मिलता है.
0621. धन-समृद्धि - शुक्र्वार की रात को सवा किलो काले चने भिगो दें. दूसरे दिन शनिवार को उन्हें सरसों के तेल में बना लें. उसके तीन हिस्से कर लें . उसमें से एक हिस्सा घोडे या भैंसे को खिला दें. दूसरा हिस्सा कुष्ठ रोगी को दे दें और तीसरा हिस्सा अपने सिर से घडी की सूई से उल्टे तरफ तीन बार वार कर किसी चौराहे पर रख दें. यह प्रयोग 40 दिन तक करें
0622. धन-समृद्धि - सर्वप्रथम 5 लाल गुलाब के पूर्ण खिले हुए फूल लें. इसके पश्चात् डेढ़ मीटर सफेद कपड़ा ले कर अपने सामने बिछा लें. इन पांचों गुलाब के फुलों को उसमें, गायत्री मंत्र 21 बार पढ़ते हुए बांध दें. अब स्वयं जा कर इन्हें जल में प्रवाहित कर दें. भगवान ने चाहा तो जल्दी ही कर्ज से मुक्ति प्राप्त होगी.
0623. धन-समृद्धि - सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ. फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ. इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है.
0624. नजर - ॐ या रुद्राक्ष का अभिमंत्रित लॉकेट गले में पहने और घर के बाहर एक त्रिशूल में जड़ा ॐ का प्रतीक दरवाजे के ऊपर लगाएं. सिर पर चंदन, केसर या भभूति का तिलक लगाएं. हाथ में मौली (नाड़ा) अवश्य बांध कर रखें. बुरी नजर से भी रक्षा होती है.
0625. नज़र - " ऊँ ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ऊँ ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षणी-पूतना-मारी-महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम् क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर रुद्रावतार हुं फट् स्वाहा. " इस हनुमान मंत्र का पांच बार जाप करने से भूत कभी भी निकट नहीं आ सकते.
0626. नज़र - आंखें भारी होना व पलकों का मुड़ना -रविवार या शनिवार को नज़र लगे व्यक्ति से तीन बार दूध उतारकर एक मिट्टी के बर्तन में रखकर कुत्तों के आगे डाल दें.
0627. नज़र - आपको लगता है कि आपके घर में किसी ने कुछ तंत्र कर रखा है तो जावित्री, गायत्री और केसर लाकर उसे कूटकर मिला लें. इसके बाद उसमें उचित मात्रा में गुग्गल मिला लें. अब इस मिश्रण को धूप प्रतिदिन शाम को दें. ऐसे 21 दिन तक करेंगे तो तांत्रिक प्रभाव हट जाएगा.
0628. नज़र - किसी काम में मन न लगना - डंठल सहित 7 लाल मिर्च 9, 11, या 21 बार उतारकर अग्नि में डाल देने पर नज़र उतर जाती है.
0629. नज़र - किसी गर्भवती महिला का दूध सुख जाना - गोबर के छोटे दिए में गुड़ का टुकड़ा, तेल और रुई की बत्ती डालकर उसे जलाकर दरवाज़े के बीच में रखने से भी बुरी नज़र का प्रभाव खत्म हो जाता है.
0630. नज़र - खाने की किसी चीज़ से चिढ हो जाना - जिसे भी नज़र लगी हो उस व्यक्ति पर से तेल लगी रोटी 7 बार वारकर काले कुत्ते को खिला दें. नज़र दोष दूर हो जाएगा.
0631. नज़र - गोबर के छोटे दिए में गुड़ का टुकड़ा, तेल और रुई की बत्ती डालकर उसे जलाकर दरवाज़े के बीच में रखने से भी बुरी नज़र का प्रभाव खत्म हो जाता है.
0632. नज़र - घर की छत पर उत्तर-पूर्व दिशा में 5 तुलसी के पौधे लगाएं या घर की छत पर काली मटकी लगाएं.
0633. नज़र - जिसे भी नज़र लगी हो उस व्यक्ति पर से तेल लगी रोटी 7 बार वारकर काले कुत्ते को खिला दें. नज़र दोष दूर हो जाएगा.
0634. नज़र - डंठल सहित 7 लाल मिर्च 9, 11, या 21 बार उतारकर अग्नि में डाल देने पर नज़र उतर जाती है.
0635. नज़र - नींबू को सिर से उतारकर चार टुकड़ों में काटकर चौराहे पर चारों दिशाओं में फेंक दें. यदि कोई नज़र लगी हो या टोटका किया गया हो तो दूर हो जाता है.
0636. नज़र - नीम एक चमत्कारी वृक्ष माना जाता है. मां दुर्गा का रूप माने जाने वाले इस पेड़ को कहीं-कहीं 'नीमारी देवी' भी कहते हैं. इस पेड़ की पूजा की जाती है. कहते हैं कि नीम की पत्तियों के धुएं से बुरी और प्रेत आत्माओं से रक्षा होती है.
0637. नजर - मां काली के लिए उनके नाम से प्रतिदिन अच्छी तरह से पवित्र की हुई दो अगरबत्ती सुबह और दो दिन ढलने से पूर्व लगाएं और उनसे घर और शरीर की रक्षा करने की प्रार्थना करें. बुरी नजर से रक्षा भी होती है.
0638. नजर - यदि कोई व्यक्ति किसी नदी में स्नान करता है तो उसे पानी पर ऊँ लिखकर पानी में तुरंत डुबकी मार लेना चाहिए. ऐसा करने से नदी स्नान का पूर्ण पुण्य प्राप्त होता है. इस उपाय से ग्रह दोष भी शांत होते हैं. यदि आपके ऊपर किसी की बुरी नजर है तो वह उतर जाती है.
0639. नजर - यदि घर में किसी बच्चे या बड़े व्यक्ति को बुरी नजर लग जाए तो उसके सिर से पैर तक सात बार नींबू वार लें. इसके बाद इस नींबू के चार टुकड़े करके किसी सुनसान स्थान या किसी तिराहे पर फेंक दें. ध्यान रखें नींबू के टुकड़े फेंकने के बाद पीछे न देखें और सीधे घर आ जाएं. नजर तुरंत दूर हो जाएगी.
0640. नज़र - यदि व्यक्ति चिड़चिढ़ा हो रहा है तथा बात-बात पर गुस्सा हो रहा है तो उसके ऊपर से राई-मिर्ची उसार कर जला दें. तथा पीडि़त व्यक्ति को उसे देखते रहने के लिए कहें.
0641. नजर - रविवार को बांह पर काले धतूरे की जड़ बांधें, ऊपरी हवाओं से मुक्ति मिलेगी.
0642. नज़र - रविवार या शनिवार को नज़र लगे व्यक्ति से तीन बार दूध उतारकर एक मिट्टी के बर्तन में रखकर कुत्तों के आगे डाल दें.
0643. नजर - रोटी पर थोड़ा सा गुड़ रखें और इस रोटी को बच्चे के ऊपर से 11 या 21 बार वार लें. इसके बाद ये रोटी किसी कुत्ते को खाने के लिए दे दें. इस उपाय से बच्चे के ऊपर से बुरी नजर का असर खत्म हो जाएगा और वह फिर से ठीक से खाना खाने लगेगा.
0644. नज़र - लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पंखुड़ियां रख अपने इष्टदेव का नाम लेकर खिलाने से बुरी नज़र का प्रभाव दूर होता है.
0645. नज़र - लहसुन के रस में हींग घोलकर आंख में डालने या सुंघाने से पीड़ित व्यक्ति को ऊपरी हवाओं से मुक्ति मिल जाती है.
0646. नज़र - लाल मिर्च, अजवायन और पीली सरसों को एक मिट्टी के छोटे बर्तन में आग लेकर उसमें जलाएं. इसका धुआं नज़र लगे बच्चे को दें.
0647. नज़र - लोबान को सुलगते हुए कंडे या अंगारे पर रख कर जलाया जाता है. लोबान का इस्तेमाल अक्सर दरगाह पर होता है. लोबान को जलाने के नियम होते हैं. इसको जलाने से पारलौकिक शक्तियां आकर्षित होती है. (लोबान को घर में जलाने से पहले किसी विशेषज्ञ से पूछकर जलाएं) गुरुवार के दिन किसी समाधि विशेष पर लोबान जलाने से पारलौकिक मदद मिलना शुरू हो जाती है.
0648. नजर - शनि, राहु या केतुजनित कोई समस्या हो, कोई ऊपरी बाधा हो, बनता काम बिगड़ रहा हो, कोई अनजाना भय आपको भयभीत कर रहा हो अथवा ऐसा लग रहा हो कि किसी ने आपके परिवार पर कुछ कर दिया है, तो इसके निवारण के लिए शनिवार के दिन एक जलदार जटावाला नारियल लेकर उसे काले कपड़े में लपेटें. 100 ग्राम काले तिल, 100 ग्राम उड़द की दाल तथा 1 कील के साथ उसे बहते जल में प्रवाहित करें. ऐसा करना बहुत ही लाभकारी होता है.
0649. नमक - अगर कुंडली में चंद्र कमजोर है तो समुद्री या सामान्य नमक का भोजन में इस्तेमाल न करें बल्कि सेंधा नमक का इस्तेमाल करें. इससे आप रक्तचाप की समस्या से बचे रहेंगे. लेकिन अगर कुंडली में मंगल कमजोर है तो भोजन में समुद्री नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
0650. नमक - अगर कोई व्यक्ति लंबी बीमारी से ग्रसित हैं तो उसके सिरहाने कांच के एक बर्तन में नमक रखें. एक सप्ताह बाद उस नमक को बदल कर दोबारा नमक रख दें. धीरे धीरे उस व्यक्ति की सेहत में सुधार होने लगेगा.
0651. नमक - कई बार आपको समझ नहीं आता कि आप क्यों बीमार हो रहे हैं, क्यों अचानक से सफलता मिलते-मिलते रह जाती है, सर्वगुण संपन्न होने के बावजूद विवाह नहीं हो रहा है या आपको लगता है जैसे आपके धन को कोई टोक लग गई है तो इस उपाय को होली के दिन अवश्य आजमाएं. काले कपड़े में काली हल्दी को बांधकर 7 बार ऊपर से उतार कर होली की अग्नि में भस्म कर दें.
0652. नमक - का गिरना अच्छा नहीं माना जाता. बुल्गारिया, यूक्रेन और रोमानिया जैसे देशों में इसे दुर्भाग्य और विवाद का सूचक समझा जाता है. इसका गिरना अशुभ माना गया है. नमक को गिराने से चंद्रमा और शुक्र दोनों कमजोर हो जाते हैं.
0653. नमक - को सीधे सीधे किसी व्यक्ति के हाथ में मत दीजिए. नमक का पैकेट भी देने से बचना चाहिए. ऐसा मानते हैं कि इससे व्यक्ति के संबंध खराब होते हैं.
0654. नमक - घर में धन का प्रवाह बनाए रखने के लिए कांच का एक गिलास लेकर उसमें पानी और नमक मिलाकर घर के नैऋत्य कोने में रख दें और उस के पीछे लाल रंग का एक बल्व लगा दें, जब भी पानी सूखे तो उस गिलास को साफ करके दोबारा नमक मिलाकर पानी भर दें.
0655. नमक - टायलेट में कांच के बाऊल में क्रिस्टल साल्ट (दरदरा नमक) भर कर रखें, 15 दिन बाद बदल दें, पहला टायलेट के सिंक में डाल दें. अगर किसी कारण टायलेट उत्तर-पूर्व में हो तो इसके दरवाजे पर रोअरिंग लायन का फोटो पेस्ट कर दें.
0656. नमक - नमक को कांच के पात्र में रखें और उसमें चार-पांच लोंग डाल दें. इससे धन की आवक शुरू होने लगेगी और घर में बरकत भी बनी रहती है. इससे एक ओर जहां नमक में सुगंध बनी रहेगी वहीं इस उपाय से कभी धन की कमी नहीं होगी.
0657. नमक - भोजन पकाते समय भोजन को चखे नहीं. उससे भोजन की पवित्रता नष्ट होती है और दरिद्रता आती है. नमक कम हो जाएगा तो बाद में डाल दिया जाएगा. भगवान को भोजन नैवेद्य लगाने के बाद ही भोजन को चखे.
0658. नमक - मजमूरी में या दबाव में किसी का नमक मत खाइये इससे आपका बड़ा नुकसान हो सकते है. नमक उसी का खाइये जिसके संस्कार अच्छे हों और जो धर्म सम्मत आचरण करता हो.
0659. नमक - मिला जुला वास्तुदोष हो तो जिसे आप बदल नहीं सकते. मन में खिन्नता, भय, चिंता होने से, दोनों हाथों में साबुत नमक भर कर कुछ देर रखे रहें, फिर वॉशबेसिन में डालकर पानी से बहा दें. नमक इधर उधर न फेंके.
0660. नमक - यदि आपका मन बहुत अशांत रहता है. विचार चलते रहते हैं किसी प्रकार की चिंता से ग्रस्त रह रहे हैं तो इससे आपका स्वास्थ्य गिरता जाएगा. नमक मिले हुए जल से स्नान करने से शरीर तो शुद्ध होगा ही साथ ही मन की बैचेनी भी शांत हो जाएगी.
0661. नमक - यदि आपके पास धन तो बहुत आता है लेकिन रूकता नहीं है, तो आपको यह उपाय अवश्य करना चाहिए. होलिका दहन के दिन चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिन्दूर को साथ में रखकर सजी हुई होली की पूजन कर डिब्बी के साथ 7 प्रदक्षिणा करें फिर स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें. धन आपके पास रूकने लगेगा.
0662. नमक - यदि आपको कोई व्यक्ति पसंद नहीं है तो उसका नमक न खाएं. उसका मीठा खा सकते हैं. किसी पापी पुरुष के यहां का नमक तो कदापी न खाएं अन्यथा आपका जीवन भी उसी के सामन होने लगेगा. हर कहीं का नमक या नमकीन न खाएं इस बात का हमेशा ध्यान रखें.
0663. नमक - यदि आपको या किसी बच्चे को किसी की नजर लग गई है तो सात बार एक चुटकी नमक उस पर से उतारकर उसे बहते पानी में बहा दें. नल खोलें और उसे नल के बहते पानी में डाल दें. इससे नजर दोष दूर हो जाएगा.
0664. नमक - यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरन्तर अस्वस्थ्य रहता है, तो होली के दिन सुबह आटे की 2 लोई बनाकर उसमें गीले चने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी मात्रा में पिसी काली हल्दी को दबाकर मरीज के ऊपर से 7 बार उतार कर गाय को खिला दें. फिर होली का पूजन कर घर लौट आएं.
0665. नमक - रोग से बचने के लिए साधारण नमक का कम ही उपयोग करना चाहिए. उसकी जगह सेंधा नमक या काले नमक का उपयोग भोजन के दौरान करना चाहिए.
0666. नमक - व्यक्तिगत बाधा के लिए एक मुट्ठी पिसा हुआ नमक लेकर शाम को अपने सिर के ऊपर से तीन बार उतार लें और उसे दरवाजे के बाहर फेंकें. ऐसा तीन दिन लगातार करें. यदि आराम न मिले तो नमक को सिर के ऊपर वार कर शौचालय में डालकर फ्लश चला दें. निश्चित रूप से लाभ मिलेगा.
0667. नमक - सप्ताह में एक बार गुरुवार को छोड़कर पोंछा लगाते समय पानी में थोड़ा साबुत खड़ा नमक (समुद्री नमक) मिला लेना चाहिए. इस उपाय से भी घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है. वातावरण की पवित्रता बढ़ती है. इससे लक्ष्मी प्राप्ती का मार्ग खुलेगा और घर में बरकत भी बनी रहेगी.
0668. नमक - सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें . अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें. इससे आपकी सेहत ठीक रहेगी.
0669. नमक - हर तरह की गंदगी को हटाने वाला रसायन है. एक कांच की कटोरी में खड़ा नमक (समुद्री नमक) भरें और इस कटोरी को बाथरूम में रखें. इस उपाय से भी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सकती है. हर माह कटोरी का नमक बदल लें. पुराने नमक को फेंक देना चाहिए.
0670. नहाते समय - इस मंत्र का जप करना श्रेष्ठ रहता है गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति. नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु. .
0671. नहाते समय - हमें मंत्र जप करना चाहिए. स्नान करते समय किसी मंत्र का पाठ किया जा सकता है या कीर्तन या भजन या भगवान का नाम लिया जा सकता है. ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
0672. ना करें - अकारण निंदा करने वाला व्यक्ति भी मरा हुआ होता है. जिसे दूसरों में सिर्फ कमियां ही नजर आती हैं. जो व्यक्ति किसी के अच्छे काम की भी आलोचना करने से नहीं चूकता. ऐसा व्यक्ति जो किसी के पास भी बैठे तो सिर्फ किसी ना किसी की बुराई ही करे, वह इंसान मृत समान होता है.
0673. ना करें - अकेलेपन से स्ट्रेस, चिड़चिड़ापन और बीमारियां बढ़ती है. इससे डिजीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
0674. ना करें - अक्सर अपने वैभव एवं विलासिता को दिखाने हेतु हम घर में फव्वारे का इस्तेमाल करते हैं . ध्यान दें वाटर फाउंटेन पानी के बहाव को दर्शाता है ऐसे में ये माना जाता है कि घर में लक्ष्मी का निवास नहीं रह पाता .
0675. ना करें - अगर ब्लड प्रेशर जैसी किसी बीमारी की दवाई चल रही है, तो दवाई खाना भूलने या वक्त पर दवाई न खाने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है.
0676. ना करें - अचानक से सांस फूलना, ज्यादा पसीना आना, चेस्ट के पास दर्द होना जैसे संकेत हार्ट प्रॉब्लम की चेतावनी देते है. इन्हें इग्नोर करना प्रॉब्लम बढ़ा सकता है.
0677. ना करें - अति कंजूस व्यक्ति भी मरा हुआ होता है. जो व्यक्ति धर्म के कार्य करने में, आर्थिक रूप से किसी कल्याण कार्य में हिस्सा लेने में हिचकता हो. दान करने से बचता हो. ऐसा आदमी भी मृत समान ही है.
0678. ना करें - अन्धेरे में भोजन नही करना चाहिये.
0679. ना करें - अपने उग्र स्वभाव की वजह से हम उन चीजों की तरफ ज्यादा आकर्षित होते है जो हमारी उग्रता को बढ़ावा दें . ऐसे में घर में जंगली जानवरों का चित्र परिवार में प्यार को थोड़ा कमजोर जरुर कर सकती हैं .
0680. ना करें - आप इधर उधर, बाहर सड़क पर कहीं भी थूकते तो नहीं है. अगर ऐसा है तो इसे तुरंत बंद करे. आप यथासंभव अपने घर के वाशबेसिन / जहाँ पर आप नहाते , ब्रश करते है सिर्फ वही पर कुल्ला करे, अपना गला साफ करें, थूक निकाले, और अपनी थूक को कभी भी अपने पैर से ना रगड़े.
0681. ना करें - आवासीय परिसर में दूध वाले वृक्ष लगाने से धनहानि होती है. महुआ, पीपल, बरगद घर के बाहर होना चाहिए. केवड़ा और चंपा को लगा सकते हैं.
0682. ना करें - ऐसा व्यक्ति जो पूरी तरह से आत्म संतुष्टि और खुद के स्वार्थों के लिए ही जीता है, संसार के किसी अन्य प्राणी के लिए उसके मन में कोई संवेदना ना हो तो ऐसा व्यक्ति भी मृत समान है. जो लोग खाने-पीने में, वाहनों में स्थान के लिए, हर बात में सिर्फ यही सोचते हैं कि सारी चीजें पहले हमें ही मिल जाएं, बाकि किसी अन्य को मिले ना मिले, वे मृत समान होते हैं. ऐसे लोग समाज और राष्ट्र के लिए अनुपयोगी होते हैं.
0683. ना करें - ऐसे स्थान पर न जाएं, जहां पर तांत्रिक अनुष्ठान होता हो. जहां पर किसी पशु की बलि दी जाती हो या जहां भी लोभान आदि के धुएं से भूत भगाने का दावा किया जाता हो. भूत भागाने वाले सभी स्थानों से बच कर रहें, क्योंकि यह धर्म और पवित्रता के विरुद्ध है.
0684. ना करें - ओवरईटिंग से मोटापा बढ़ता है. वजन ज्यादा होने पर बॉडी में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है, जिससे शरीर को नुक्सान पहुंचता है.
0685. ना करें - कभी भी किसी एक देवी-देवता की मूर्ति आमने-सामने नहीं रखनी चाहिए. ऐसा होने से आय के साधन कम होने लगते है और खर्च बढ़ जाते हैं.
0686. ना करें - कभी भी गाय या अन्य जानवर को झाड़ू से नहीं मारना चाहिए. यह अपशकुन माना गया है.
0687. ना करें - कभी भी बैठे बैठे या लेटे हुए अपनी टाँगे ना हिलाते रहे, इससे भी भाग्य रुष्ट हो जाता है और चाह कर भी पर्याप्त सम्मान नहीं मिलता है.
0688. ना करें - किसी की गरीबी और लाचारी का मजाक नही उडाना चाहिये.
0689. ना करें - किसी भी तरह की तेज खुशबू परालौकिक शक्तियों को आकर्षित करती हैं. इसीलिए रात को सोने से पहले हाथ-पांव तथा चेहरा धोकर ईश्वर का ध्यान करना चाहिए. इससे रात को बुरे स्वप्न भी नहीं आते और नकारात्मक शक्तियां भी दूर रहती हैं.
0690. ना करें - कुछ लोग जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करते है और फिर यह शेड्यूल छोड़ देते है. कई अचानक एक्सरसाइज करना पूरी तरह छोड़ देते है. यह तरीका ठीक नहीं है.
0691. ना करें - कोई भी सदस्य किसी खास कार्य के लिए घर से निकला हो तो उसके जाने के तुरंत बाद घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए. ऐसा करने पर उस व्यक्ति को असफलता का सामना करना पड़ सकता है.
0692. ना करें - खराब या बेकार चीज़ों को घर में रखने से नेगेटिव एनर्जी बढ़ती है और धन संबंधी परेशानियां भी आती हैं. खराब उपकरण जैसे टीवी, कंप्यूटर, फ्रीज़ आदि को घर में भूलकर भी न रखे.
0693. ना करें - खर्राटे आने पर हम ठीक से सांस नहीं ले पाते. इससे हार्ट बीट अनियमित होती है और डिजीज का खतरा बढ़ता है.
0694. ना करें - गंदे बिस्तर में नही सोना चाहिये.
0695. ना करें - गरीबी सबसे बड़ा श्राप है. जो व्यक्ति धन, आत्म-विश्वास, सम्मान और साहस से हीन हो, वो भी मृत ही है.
0696. ना करें - घड़े में मुंह लगाकर पानी नही पीना चाहिये.
0697. ना करें - घर में महाभारत की पेंटिंग अथवा तस्वीर न रखें , ध्यान दें ऐसा करने से घर परिवार में कलह की श्रृष्टि होने की संभावना बढ़ जाती है .
0698. ना करें - जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ, ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें.
0699. ना करें - जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना चाहिए.
0700. ना करें - जो व्यक्ति अत्यंत भोगी हो, कामवासना में लिप्त रहता हो, जो संसार के भोगों में उलझा हुआ हो, वह मृत समान है. जिसके मन की इच्छाएं कभी खत्म नहीं होती और जो प्राणी सिर्फ अपनी इच्छाओं के अधीन होकर ही जीता है, वह मृत समान है.