ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं. इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए. उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका ना हो , इसका ख़याल रखे.
0401. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - तुलसी के पौधे और केले के पौधे के पास हर दिन शाम में घी का दीपक जलाएँ. हर दिन श्रीसूक्त और पुरुषसूक्त का पाठ करें.
0402. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - बुजुर्ग लोगों का अपमान कभी न करें.
0403. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - विवाह की बात करने जाते समय घर से निकलते वक्त गुड़ खाकर निकलें.
0404. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - विवाह के समय जब लड़की और लड़का आपस में बात करें, तो दोनों को दक्षिण के तरफ मुंह करके नहीं बैठना चाहिए.
0405. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - शादी की बात करने जब कोई व्यक्ति आए, तो उसे इस तरह बैठाएं. जिससे आए हुए लोगों को दरवाजा न दिखे.
0406. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - हर गुरुवार को गाय को रोटी खिलाएँ, उसके साथ थोड़ा सा गुड़ और चने की दाल भी ले लें.
0407. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - हर दिन ‘दुर्गासप्तशती’ से ‘अर्गलास्तोत्रम्’ का पाठ करें.
0408. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - हर दिन नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान कीजिए.
0409. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - हर दिन सूर्य को जल चढ़ायें, जल चढ़ाते समय “ऊँ ऊँ सूर्याय नमः " का जप करें.
0410. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - हर बुधवार को गणेश भगवान की पूजा करें, सिंदूर, रोरी चढ़ाएं… दीपक और अगरबत्ती दिखाएँ. दूब घास, और पीले रंग के लड्डू जरुर चढ़ाएं. उस दिन नमक न खाएं. ध्यान रखें यह पूजा शुक्ल पक्ष से शुरू करें.
0411. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए - हर मंगलवार को हनुमान मन्दिर में घी का दीपक जलाएँ. और हनुमान जी पर सिंदूर चढ़ाएं. (अगर आप मांगलिक हैं)
0412. जल्द विवाह की सम्भावना के लिए- हर दिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्व पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाएं. “ऊँ ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम:" इस मन्त्र का 5 माला हर गुरुवार को जाप करें.
0413. जाने से पहले - गुरूवार को सरसों के कुछ दाने मुख में डालकर जायें.
0414. जाने से पहले - बुधवार को हरे धनिये के पत्ते खाकर जायें.
0415. जाने से पहले - मंगलवार को मिष्ठान खाकर जायें.
0416. जाने से पहले - रविवार को पान का पत्ता साथ लेकर जायें.
0417. जाने से पहले - शनिवार को अदरक या घी खाकर जाना चाहिये.
0418. जाने से पहले - शुक्रवार को दही खाकर जायें.
0419. जाने से पहले - सोमवार को दर्पण में अपना चेहरा देखकर जायें.
0420. झाड़ू - को हमेशा लेटाकर रखना चाहिए. झाड़ू को खड़ा करके रखने पर कलह होता है.
0421. झाड़ू - जिस प्रकार देवी लक्ष्मी को आदर देते हैं उसी प्रकार झाड़ू को भी सम्मान दें. लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि इसे फूल अक्षत और प्रसाद चढ़ायें. झाड़ू को आदर देने का मतलब है इसे कभी पांव नहीं लगाएं. जब भी घर की गंदगी साफ करें इसे अच्छी तरह साफ करके घर में नियत स्थान में रख दें.
0422. झाड़ू - जो लोग किराये पर रहते हैं वह नया घर किराये पर लेते हैं अथवा अपना घर बनवाकर उसमें गृह प्रवेश करते हैं तब इस बात का ध्यान रखें कि आपका झाड़ू पुराने घर में न रह जाए. ऐसा होने पर लक्ष्मी पुराने घर में ही रह जाती है और नए घर में सुख-समृद्घि का विकास रूक जाता है.
0423. झाड़ू - शाम के समय सूर्यास्त के बाद झाड़ू नहीं लगाना चाहिए इससे आर्थिक परेशानी आती है तथा घर में लड़की का जन्म होता है.
0424. झाड़ू - सिर्फ घर की गंदगी को दूर नहीं करती है बल्कि दरिद्रता को भी घर से बाहर निकालकर घर में सुख समृद्घि लाती है. झाड़ू का महत्व इससे भी समझा जा सकता है कि रोगों को दूर करने वाली शीतला माता अपने एक हाथ में झाड़ू धारण करती हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि झाड़ू में लक्ष्मी का अंश होता है. जहां झाड़ू का अपमान होता है वहां धन की हानि होती है.
0425. झाड़ू - a देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए घर के आसपास किसी भी मंदिर में तीन झाड़ू रख आएं. यह पुराने समय से चली आ रही परंपरा है. पुराने समय में लोग अक्सर मंदिरों में झाड़ू दान किया करते थे. b मंदिर में झाड़ू सुबह ब्रह्म मुहूर्त में रखना चाहिए. c यह काम किसी विशेष दिन करना चाहिए. विशेष दिन जैसे कोई त्योहार, ज्योतिष के शुभ योग या शुक्रवार को. d इस काम को बिना किसी को बताए गुप्त रूप से करना चाहिए. शास्त्रों में गुप्त दान का विशेष महत्व बताया गया है. e जिस दिन यह काम करना हो, उसके एक दिन पहले ही बाजार से 3 झाड़ू खरीदकर ले आना चाहिए.
0426. झाड़ू - को कभी भी खड़ी करके नहीं रखना चाहिए. यह अपशकुन माना गया है.
0427. झाड़ू - पर गलती से भी पैर नहीं रखना चाहिए. ऐसा होने पर लक्ष्मी रूठ जाती हैं. यह अपशकुन है.
0428. ताक़त के लिए - 10 ग्राम भैंस का घी और 10 ग्राम सितोपलादि चूर्ण को किसी कांच या मिट्टी के बर्तन में भरकर रख लें. फिर उसी बर्तन में गाय या भैंस का दूध मिला कर पी लें. रोजाना सुबह और शाम 3-4 महीनों तक इस दूध का सेवन करने से हर प्रकार की कमजोरी दूर हो जाती है.
0429. ताक़त के लिए - 100-100 ग्राम शतावरी, कौंच के बीज, उड़द, खजूर, मुनक्का दाख और सिंघाड़ा को मोटा-मोटा पीसकर चूर्ण बना लें. इसके बाद 1 लीटर दूध में इतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर इसमें चूर्ण को भी मिला लें और हल्की आग पर पकाने के लिए रख दें. पकने पर जब सिर्फ दूध बच जाए तो नीचे उतारकर छान लें. फिर इसमें लगभग 300-300 ग्राम चीनी, वंशलोचन का बारीक चूर्ण और घी मिला लें. इसके बाद इसमें शहद मिलाकर 50 ग्राम की मात्रा में रोजाना सुबह और शाम सेवन करने से बल बढ़ता है.
0430. ताक़त के लिए - 25 ग्राम पिसी-छनी हुई मुलहठी, 25 ग्राम पिसी और छनी असगंध, और 12 ग्राम पिसा और छना हुआ बिधारा को एकसाथ मिलाकर शीशी में भर लें. सर्दी के मौसम में इसमें से 3 ग्राम चूर्ण को अच्छी तरह से घुटे हुए लगभग 0.12 ग्राम मकरध्वज के साथ मिला लें. इसके बाद इसे मिश्री मिले दूध के साथ रोजाना सुबह और शाम 3-4 महीनों तक सेवन करने से शक्ति तेज होती है.
0431. ताक़त के लिए - 25-25 ग्राम केसर, पीपल, जायफल, जावित्री, अकरकरा, सोंठ, लोंग और लाल चंदन, 6 ग्राम शुद्ध हिंगुल, 6 ग्राम शुद्ध गंधक और 90 ग्राम अफीम को ले लें. इन सारी औषधियों को कूटकर और छानकर लगभग 20-20 ग्राम की मात्रा में रख लें. फिर सबको एकसाथ मिलाकर हिंगुल, गंधक और अफीम के साथ खरल में डालकर पानी मिलाकर घोट लें. इसके पूरी तरह से घुट जाने पर 0.36 ग्राम और 0.36 ग्राम की गोलियां बना लें. यह एक गोली रोजाना सोने से पहले खाकर ऊपर से दूध पीने से शक्ति तेज होती है.
0432. ताक़त के लिए - 30 पीस छोटी पीपल को लगभग 40 ग्राम तिल के तेल या गाय के घी में भूनकर बिल्कुल पाउडर बना लें. फिर उसमें शहद और शक्कर मिलाकर दूध निकालने के बर्तन में डालकर उसी के अंदर गाय का दूध दूह लें. इस दूध को अपनी रुचि के अनुसार सेवन करें. इसको 1-1 चम्मच की मात्रा में गाय के ताजा निकले हुए दूध के साथ सेवन करने से बल की वृद्धि होती है.
0433. ताक़त के लिए - अंडे का सेवन करना चाहिए,संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे.
0434. ताक़त के लिए - अजवाइन की पत्तियां एक बेहतरीन दवा है. अजवाइन की पत्तियों का जूस निकालकर उसे शहद के साथ लें. अजवाइन का रस इस तरह से लेने से बहुत जल्दी लाभ होता है.
0435. ताक़त के लिए - अश्वगंधा की जड़ के 3-3 ग्राम चूर्ण को दूध के साथ सेवन करने से लाभ होता है शारीरिक शक्ति की कमी होना, मानसिक कमजोरी आदि रोगों में अश्वगंधा का सेवन करना लाभकारी होता है. जब शरीर में याददाश्त कम होने लगती है, किसी काम में मन नहीं लगता है, शरीर में हर समय थकान सी बनी रहती है, इस तरह के लक्षणों में अश्वगंधा के चूर्ण को गाय के घी में मिलाकर चाटने और उसके ऊपर से गाय का गर्म-गर्म दूध पीना लाभकारी रहता है.
0436. ताक़त के लिए - अश्वगंधा बहुत ही बेहतरीन दवाई है इसको लेटिन भाषा में Withania-Somnifera कहा जाता है. अश्वगंधा का सेवन करने से शरीर में घोड़े की तरह ताकत आ जाती है
0437. ताक़त के लिए - आंवले का मुरब्बा खाएं. केला पुरुष की शक्ति को बढ़ाने वाला फल है. प्रतिदिन केले खाएं और संभव हो तो केला खाने के बाद दूध भी पिएं.
0438. ताक़त के लिए - इमली के बीजों को पानी में छिलका उतरने तक भिगो लें. इसके बाद इन बीजों का छिलका उतारकर चूर्ण बना लें. इसके लगभग आधा किलो चूर्ण में इतनी ही मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें. इसमें से लगभग 2 ग्राम चूर्ण को लगभग 40 दिनों तक नियमित रूप से फांकने के बाद ऊपर से दूध पीने से शरीर मजबूत बनता हैं.
0439. ताक़त के लिए - उड़द के लड्डू, उड़द की दाल, दूध में बनाई हुई उड़द की खीर का सेवन करना चाहिए.
0440. ताक़त के लिए - उड़द, उड़द की दाल को घी में भूनकर उसमें दूध डालकर पकाएं. जब खीर तैयार हो जाए तो उसमें चीनी मिलाकर नीचे उतार लें. इस खीर को रोजाना सुबह नाश्ते के रूप में सेवन करने से शक्ति तेज होती है.
0441. ताक़त के लिए - एक पौधा है पुनर्नवा. पुनर्नवा का वानस्पतिक नाम बोहराविया डिफ्यूसा है. पुनर्नवा की ताजी जड़ों का रस (2 चम्मच) दो से तीन माह तक लगातार दूध के साथ सेवन करने से वृद्ध व्यक्ति भी युवा की तरह महसूस करने लगता है.
0442. ताक़त के लिए - कुलंजन, सोंठ, मिश्री, अंजीर के बीज, गाजर के बीज, जरजीह के बीज और टिलयुन के बीजों को बराबर मात्रा में मिलाकर कूटकर और पीसकर छान लें. इसके बाद शहद और सफेद प्याज के पत्तों के रस को एक साथ मिलाकर किसी कलईदार बर्तन में भरकर हल्की आग पर पकाने के लिए रख दें. जब प्याज का रस जल जाए और सिर्फ शहद ही बाकी रह जाए तो इसमें पहले बताई गई औषधियों का तैयार किया हुआ चूर्ण मिला लें. इस मिश्रण को अपनी ताकत के अनुसार सेवन करने से शक्ति बढ़ती है.
0443. ताक़त के लिए - कौंच का भी प्रयोग कर सकते हैं, इसको कपिकच्छू और कैवांच आदि के नामों से भी जाना जाता है. इसके बीजों का उपयोग करने के लिए बीजों को दूध या पानी में उबालकर उनके ऊपर का छिलका हटा देना चाहिए. इसके बाद बीजों को सुखाकर बारीक चूर्ण बना लेना चाहिए. इस चूर्ण को लगभग 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम मिश्री के साथ दूध में मिलाकर सेवन करने से रोग दूर होता है.
0444. ताक़त के लिए - कौंच के बीज, सफेद मूसली और अश्वगंधा के बीजों को बराबर मात्रा में मिश्री के साथ मिलाकर बारीक चूर्ण तैयार कर लें. इस चूर्ण में से एक चम्मच चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से जैसे रोग जल्दी दूर हो जाते हैं.
0445. ताक़त के लिए - गोखरू का चूर्ण, आंवले का चूर्ण, गिलोय को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें. इस बने हुए चूर्ण को रसायन चूर्ण कहा जाता है. इस चूर्ण को रोजाना 3 बार 1-1 चम्मच की मात्रा में दूध या ताजे पानी के साथ लाभ होता है.
0446. ताक़त के लिए - चिरौंजी, मुलहठी और दूधिया बिदारीकंद को बराबर मात्रा में एक साथ मिलाकर चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को लगभग 1 सप्ताह तक लेने से शरीर में शक्ति का संचार होने लगता है.
0447. ताक़त के लिए - छुआरे का हलुवा, इसको बनाने के लिए 50 ग्राम छुआरे. 50 ग्राम घी, 300 ग्राम दूध, 50 ग्राम पिसी हुई मिश्री और 2 इलायची के पीस ले लें. इसके बाद छुआरों के बीजों को निकाल लें और बीज निकले हुए छुआरों को 250 ग्राम दूध में उबाल लें तथा बारीक पीस लें. इसके बाद कड़ाही में घी डालकर पिसे हुए छुआरों को इसमें डालकर भून लें. जब यह लाल हो जाए तो इसमें दूध डालकर पकाएं और गाढ़ा हो जाने पर इसमें पिसी हुई मिश्री मिला लें. अब इसमें इलायची के दानों का पाउडर मिलाकर अच्छी तरह से मिला लें. अब हलुआ तैयार है. इस हलुए को पाचन शक्ति के अनुसार 30 से 60 ग्राम की मात्रा में रोजाना सुबह-सुबह खाकर ऊपर से दूध पीने से शरीर में बल मात्रा बढ़ती है.
0448. ताक़त के लिए - छुई-मुई के बीजों के चूर्ण (3 ग्राम) को दूध में मिलाकर रोजाना रात को सोने से पहले लिया जाए तो फायदा होता है
0449. ताक़त के लिए - तालमखाना का सेवन करना चाहिए, ये ज्यादातर धान के खेतों में पाया जाता है इसे लेटिन भाषा में एस्टरकैन्था-लोंगिफोलिया कहते हैं.
0450. ताक़त के लिए - तालमखाना, समुंद्रशोष, ढाक का गोंद, बीजबंद, बड़े गोखरू, तज और सफेद मूसली को एक साथ मिलाकर कूटकर और पीसकर छान लें. इसके बाद इस चूर्ण के बराबर ही इसमें पिसी हुई मिश्री मिलाकर रख लें. इस चूर्ण को रोजाना सुबह 6 ग्राम की मात्रा में फांककर उसके ऊपर से गाय का धार वाला ताजा दूध पीने से शरीर में ताकत की बढ़ोतरी होती है.
0451. ताक़त के लिए - तिल का तेल भी रामबाण की तरह काम करता है. तिल के तेल को जितनी मात्रा में लें, उतनी ही मात्रा में लौकी का जूस भी लें. रात को सोने से पहले इस तेल के मिश्रण से अपने सिर और बॉडी पर मसाज करें. यह एक बहुत प्रभावी नुस्खा है.
0452. ताक़त के लिए - दही की मलाई में उतनी ही मात्रा में वंशलोचन, कालीमिर्च, शक्कर और शहद मिला लें. इसके बाद एक मिट्टी के घड़े के मुंह पर साफ कपड़ा बांध देना चाहिए तथा उस कपड़े से दिए गए मिश्रण को छान लें. इससे मिश्रण छनकर उस घड़े के अंदर जमा हो जाएगा. इस छने हुए मिश्रण को रोजाना 2-2 चम्मच की मात्रा में घी के साथ सेवन करके ऊपर से दूध पीने से शरीर में ताकत आती है.
0453. ताक़त के लिए - दूध को सबसे ज्यादा उपयोगी माना गया है.इसलिए रोज रात को गरम दूध पीना चाहिए.
0454. ताक़त के लिए - नारियल के लड्डू, इसको बनाने के लिए सबसे पहले 250 ग्राम कच्चे नारियल की कद्दूकस करी हुई गिरी, 50 ग्राम घी, 125 ग्राम मावा, 250 ग्राम चीनी और 10 छोटी इलायची को पीस लें. इसके बाद लगभग 25 ग्राम घी को कड़ाही में डालकर उसके अंदर नारियल की गिरी को मिलाकर भून लें. अब बचे हुए घी को मावे के साथ मिलाकर भून लें. इसके बाद दोनों भुनी हुई चीजों को आपस में मिला लें. अब इसके अंदर चीनी की चाशनी बनाकर मिला लें और इलायची का बारीक पिसा हुआ चूर्ण भी डाल लें. इस मिश्रण के 20-20 ग्राम के लड्ड़ू बनाकर 1-1 लड्ड़ू रोजाना सुबह और शाम दूध के साथ सेवन करने से कमजोरी आदि रोग दूर हो जाते हैं.
0455. ताक़त के लिए - पुरुषों को कच्ची भिंडी चबानी चाहिए. इस समस्या में भिंडी एक बेहतरीन दवा का काम करती है.
0456. ताक़त के लिए - पुष्पधंवा रस का सेवन लाभकारी रहता है और यह बहुत ही प्रसिद्ध योग है. इसकी 1-1 गोली सुबह और शाम पीसकर इसमें 1.5 चम्मच मक्खन और मिश्री मिलाकर प्रयोग करने से स्त्री और पुरुष दोनों ही की शक्ति में वृद्धि होती है. इसके ऊपर से दूध में पिंड खजूर को उबालकर खाएं और दूध को पी लें.
0457. ताक़त के लिए - प्याज के सफेद कंद का रस, शहद, अदरक का रस और घी का मिश्रण 21 दिनों तक लगातार लेने से फायदा होता है
0458. ताक़त के लिए - बबूल की कच्ची पत्तियां, कच्ची फलियां और गोंद को बराबर मात्रा में मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें और इनमें इतनी ही मात्रा में मिश्री मिलाकर किसी डिब्बे आदि में रख लें. इस चूर्ण को नियमित रूप से 2 महीने तक 2-2 चम्मच की मात्रा में दूध के साथ सेवन करने से ताक़त मैं वृद्धि होती है.
0459. ताक़त के लिए - बरगद के पके हुए फलों को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें और इसमें मिश्री मिलाकर रख लें. इस चूर्ण को 5 ग्राम की मात्रा में रोजाना शाम को दूध के साथ लेने से लाभ होता है
0460. ताक़त के लिए - मुलहठी के बारीक चूर्ण को 10 ग्राम की मात्रा में घी और शहद से साथ चाटकर ऊपर से दूध पीने से शक्ति तेज होती है.
0461. ताक़त के लिए - मूसली का भी प्रयोग कर सकते हैं, यह सफेद और काली दो प्रकार की होती है. काली मूसली से ज्यादा गुणकारी सफेद मूसली होती है. सुबह और शाम दूध के साथ लेने से शरीर में तेज़ी आती है.
0462. ताक़त के लिए - मूसली के लगभग 10 ग्राम चूर्ण को 250 ग्राम गाय के दूध में मिलाकर अच्छी तरह से उबालकर किसी मिट्टी के बर्तन में रख दें. इस दूध में रोजाना सुबह और शाम पिसी हुई मिश्री मिलाकर सेवन करने से रोगों में बहुत लाभ मिलता है.
0463. ताक़त के लिए - मेथी को बहुत कारगर दवा माना गया है. दो चम्मच मेथी के जूस में आधा चम्मच शहद मिलाकर रोजाना रात को लेने से लाभ मिलता है.
0464. ताक़त के लिए - रोज रात को सोने से पहले लहसुन की दो कलियां निगल लें. फिर थोड़ा-सा पानी पिएं. आंवले के चूर्ण में मिश्री पीसकर मिलाएं. इसके बाद प्रतिदिन रात को सोने से पहले करीब एक चम्मच इस मिश्रित चूर्ण का सेवन करें. इसके बाद थोड़ा-सा पानी पिएं.
0465. ताक़त के लिए - लगभग 10 ग्राम बिदारीकंद के चूर्ण को गूलर के रस में मिलाकर चाट लें. इसके ऊपर से घी मिला हुआ दूध पीने से व्यक्ति मजबूत बनता है.
0466. ताक़त के लिए - लगभग 10-10 ग्राम जायफल, काला अनार, रुमी मस्तंगी, खस की जड़, बालछड़, दालचीनी, बबूल और शहद, 1 ग्राम कस्तूरी, 9 ग्राम सालममिश्री और 125 ग्राम मिश्री को एक साथ मिलाकर पीसकर छान लें. इस चूर्ण को 6 ग्राम की मात्रा में रोजाना सुबह और शाम 3-4 महीने तक सेवन करने से शक्ति तेज हो जाती है.
0467. ताक़त के लिए - लगभग 20 ग्राम उड़द की दाल के छिलके उतारकर रात के समय पानी में भिगों दें. सुबह इस दाल को बारीक पीसकर पिट्ठी बना लें और कड़ाही में डालकर घी के साथ गुलाबी होने तक सेक लें. इसके बाद एक दूसरे बर्तन में 250 ग्राम दूध डालकर उबाल लें. दूध के उबलने पर इसमें सिंकी हुई उड़द की दाल डालकर पका लें. पकने पर इसमें शक्कर डालकर नीचे उतार लें. इस खीर को ठंडा करके रोजाना सुबह नाश्ते के समय 2 चम्मच शहद के साथ सेवन करने से पुरुष की शक्ति बहुत ज्यादा तेज हो जाती है.
0468. ताक़त के लिए - लगभग 25 ग्राम खस-खस के दाने, 25 ग्राम भुने चने, 25 ग्राम खांड और नारियल की पूरी गिरी को एक साथ कूटकर पीसकर रख लें. इस चूर्ण को रोजाना 70 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से शरीर में ताकत की बढ़ोत्तरी होती है.
0469. ताक़त के लिए - लगभग 250 ग्राम शतावरी घृत में इतनी ही मात्रा में शक्कर, 5 ग्राम छोटी पीपल और 5 चम्मच शहद मिला लें. इस मिश्रण को 1-1 चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम दूध के साथ सेवन करने से शक्ति तेज हो जाती है.
0470. ताक़त के लिए - लगभग 25-25 ग्राम सफेद बूरा, ढाक की छाल का रस, गेंहू का मैदा और शुद्ध घी को एकसाथ मिलाकर हलवा बना लें. इस हलुए को रोजाना सुबह और शाम सेवन करने से शरीर मजबूत बनता है.
0471. ताक़त के लिए - लगभग 5-5 ग्राम की मात्रा में सेमल की जड़ के चूर्ण और मूसली के चूर्ण को रोजाना सुबह और शाम मीठे दूध के साथ सेवन करने शक्ति तेज होती है.
0472. ताक़त के लिए - लगभग 6 चम्मच अदरक का रस, 8 चम्मच सफेद प्याज का रस, 2 चम्मच देशी घी और 4 चम्मच शहद को एक साथ मिलाकर किसी साफ कांच के बर्तन में रख लें. इस योग को रोजाना 4 चम्मच की मात्रा में सुबह खाली पेट सेवन करना चाहिए. इसको लगातार 2 महीने तक सेवन करने से दुर्बलता, शिथिलता, कमजोरी आदि दूर हो जाते हैं.
0473. ताक़त के लिए - लगभग आधा किलो देशी फूल की कच्ची कलियों को डेढ़ लीटर पानी में डालकर उबाल लें. पानी उबलने के बाद जल जाने पर इस मिश्रण को बारीक पीसकर 5-5 ग्राम की गोलियां बनाकर एक कांच के बर्तन में रखकर ऊपर से ढक्कन लगा दें. इसमें से 1 गोली को रोजाना सुबह के समय दूध के साथ लेने से ताक़त आती है.
0474. ताक़त के लिए - लौंग, अकरकरा, कबाबचीनी, ऊदस्वालिस और बीजबंद को बराबर की मात्रा में लेकर कूटकर और पीसकर छान लें. इसके बाद इस चूर्ण के वजन से 2 गुणा पुराना गुड़ लेकर लेकर इसमें मिला लें और छोटी-छोटी गोलियां बना लें. यह 1-1 गोली रोजाना सुबह और शाम दूध के साथ 21 दिनों तक लेने से शरीर में बल की वृद्धि होती है.
0475. ताक़त के लिए - वानरी गुटिका,150 ग्राम कौंच के बीजों को 2 लीटर दूध में डालकर उबाल लें. उबलने पर जब दूध गाढ़ा हो जाए तो इसे नीचे उतारकर ठंडा कर लें और बीजों के छिलके उतार लें. इसके बाद इन बीजों को बिल्कुल बारीक पीसकर रख लें. अब बीजों की पिट्ठी बनाकर इतनी ही मात्रा में मैदा मिलाकर एकसाथ गूंथ लें. फिर इसमें थोडा सा गिल्ट और मिल्कमेड का गुलाब जामुन पाउडर मिलाकर छोटे-छोटे आकार के गोले बनाकर गाय के घी में हल्का गुलाबी होने तक तलें. इन्हे एकतार की चाशनी में डालते जाएं. ठंडा होने के बाद इस चाशनी में ही शहद डालकर किसी कांच के बर्तन में सुरक्षित रख लें. इस 1-1 गुलाब जामुन को सुबह और शाम सेवन करने से शक्ति बहुत तेज हो जाती है.
0476. ताक़त के लिए - विदारीकंद का भी प्रयोग कर सकते हैं. इसको लेटिन भाषा में Pueraria-Tuberosa कहा जाता है. विदारीकंद के चूर्ण को 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम असमान मात्रा के घी और शहद के साथ मिलाकर चाटने और ऊपर से गर्म दूध पीने से शक्ति तेज होती है. विदारीकंद बल बढ़ाने वाली औषधि है.
0477. ताक़त के लिए - व्यक्ति को जल्दी पचने वाला और पौष्टिक भोजन करना चाहिए. क्योंकि इस औषधि का सेवन करने के दौरान कब्ज का रोग बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए. भोजन में हरी सब्जियां. मौसमी फल, खिचड़ी, मोटे आटे की रोटी, दूध, सलाद, दलिया आदि का सेवन ज्यादा मात्रा में करना चाहिए, खटाई, खट्टे फल, तंबाकू, गुटखा, पान, तेज मिर्च-मसाले वाले और तले हुए भोजन, शराब आदि का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
0478. ताक़त के लिए - शतावरी- का भी प्रयोग कर सकते हैं, शतावरी को लेटिन भाषा में असपारगस-रेसेमेसस कहा जाता है. इसका पौधा उत्तर भारत में ज्यादा पाया जाता है. इसकी जड़ को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है. इसे दूध में चाय की तरह पकाकर भी सेवन किया जा सकता है. शरीर में बल को बढ़ाने के लिए शतावरी की जड़ का चूर्ण लगभग 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम गर्म दूध के साथ लेना लाभकारी रहता है.
0479. ताक़त के लिए - सफेद चीनी, ग्वारपाठे का गूदा, घी और गेंहू के मैदा को बराबर मात्रा में एकसाथ मिलाकर हलवा बनाकर खाने से 21 दिन में ही बल की वृद्धि होती है.
0480. ताक़त के लिए - सफेद मूसली की खीर, इसको बनाने के लिए करने के लिए सबसे पहले 10 ग्राम सफेद मूसली का चूर्ण, 250 ग्राम गाय का दूध और 20 ग्राम पिसी हुई मिश्री लें लें. इसके बाद मूसली के चूर्ण को दूध में मिलाकर उबाल लें. उबलने पर जब यह गाढ़ा हो जाए तो इसमें पिसी हुई मिश्री मिलाकर नीचे उतार लें. इस मिश्रण को ठंडा करके नियमित रूप से सेवन करने से कमजोरी समाप्त होती है.
0481. ताक़त के लिए - सफेद मूसली के चूर्ण और मुलहठी के चूर्ण को बराबर की मात्रा में मिला लें. इस चूर्ण को 1 चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम शुद्ध घी के साथ मिलाकर चाट लें और ऊपर से गर्म दूध पी लें. नियमित सेवन करने से शरीर पुष्ट और शक्तिशाली बनता है.
0482. ताक़त के लिए - सर्दी के मौसम में उड़द की दाल के लड्ड़ू बनाकर रोजाना सुबह के समय खाकर ऊपर से दूध पीने से शरीर में बल की वृद्धि होती है.
0483. ताक़त के लिए - साबुत अनाज को भिगोकर अंकुरित कर खाने से खून बढ़ता है ओर शरीर मजबूत बनता है.
0484. ताक़त के लिए - सिंघाड़े का हलवा, लगभग 25 ग्राम सिंघाड़े का आटा, 25 ग्राम घी, 50 ग्राम चीनी और 250 ग्राम दूध ले लें. इसके बाद सिंघाड़े के आटे में घी डालकर हल्की आग पर लाल होने तक पकने के लिए रख दें. जब यह आटा अच्छी तरह से सिक जाए तो इसमें दूध डालकर पकाएं और हलुए की तरह सेक लें. जब यह गाढ़ा हो जाए तो इसमें चीनी डालकर चलाएं और तैयार होने के बाद नीचे उतार लें. इस हलुए को रोजाना सुबह नाश्ते में खाने और ऊपर से दूध पीने से शक्ति तेज होती है.
0485. ताक़त के लिए - सिंघाड़े के आटे का हलुआ, उड़द और चने की दाल का हलुआ, अंडों की जर्दी का गाय के घी में तैयार किया हुआ हलुआ, मेथी और उड़द की दाल के लडडू, आंवले की चटनी, गेहूं, चावल, बराबर मात्रा में जौ और उड़द का आटा और उसमें थोड़ी सी पीपल को डालकर तैयार की गई पूडि़यां और नारियल की खीर आदि का सेवन करने से हर तरह के रोग नष्ट हो जाते हैं, शक्ति बढ़ती है.
0486. ताक़त के लिए - सूखे आंवलों को अच्छी तरह से कूटकर और पीसकर छान लें. इस चूर्ण में ताजे आंवलों के ताजा रस को उबालकर और सुखाकर किसी कांच की शीशी में भर लें. इस मिश्रण में शहद और मिश्री मिलाकर अपनी ताकत के अनुसार 3 महीने तक खाने से बूढ़े लोगों के शरीर में भी जवानों के जैसी ताकत आ जाती है.
0487. ताक़त के लिए - सूखे बिदारीकंद को पीसकर उसमें ताजी बिदारीकंद के रस की 7 भावनाएं देकर उसमें मिश्री तथा शहद मिलाकर लगभग 20 ग्राम की मात्रा में नियमित रूप से 3 महीने तक सुबह के समय सेवन करने से बूढ़े लोग भी अपने शरीर में जवानों जैसी ताकत महसूस करते हैं.
0488. ताक़त के लिए - सेमल का भी प्रयोग कर सकते हैं, इसके पेड़ पूरे भारतवर्ष में पाए जाते हैं. इसको लेटिन भाषा में सालमालिया-माला-बारिका कहा जाता है. सेमल के गोंद को मोचरस कहा जाता है. रोग होने पर सेमल की गोंद और जड़ का प्रयोग होता था.
0489. ताक़त के लिए - सोंठ, सतावर, गोरखमुंडी, थोड़ी सी हींग और देशी खांड को एक साथ मिलाकर सेवन करने से शरीर मजबूत और सख्त होता है और बुढ़ापे तक ऐसा ही रहता है.
0490. तुलसी - एक पौधा सूख जाने के बाद तुरंत ही दूसरा तुलसी का पौधा लगा लेना चाहिए. सूखा हुआ तुलसी का पौधा घर में होने से बरकत पर बुरा असर पड़ सकता है. इसी वजह से घर में हमेशा पूरी तरह स्वस्थ तुलसी का पौधा ही लगाया जाना चाहिए.
0491. तुलसी - का पौधा होने से घर वालों को बुरी नजर प्रभावित नहीं कर पाती है. साथ ही, सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय नहीं हो पाती है. सकारात्मक ऊर्जा को बल मिलता है.
0492. तुलसी - की सुंगध हमें श्वास संबंधी कई रोगों से बचाती है. साथ ही, तुलसी की एक पत्ती रोज सेवन करने से हम सामान्य बुखार से बचे रहते हैं. तुलसी की पत्ती सेवन करने से हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ जाती है.
0493. तुलसी - के पत्तों का सेवन करते समय ध्यान रखना चाहिए कि इन पत्तों को चबाए नहीं बल्कि निगल लेना चाहिए. इस प्रकार तुलसी का सेवन करने से कई रोगों में लाभ प्राप्त होता है. तुलसी के पत्तों में पारा धातु के तत्व भी विद्यमान होते हैं जो कि पत्तों को चबाने से दांतों पर लग जाते हैं.
0494. तुलसी - घर-आंगन में होने से कई प्रकार के वास्तु दोष भी समाप्त हो जाते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति पर शुभ असर होता है.
0495. तुलसी - पूजन हर रोज करना चाहिए, हर शाम तुलसी के पास दीपक लगाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि जो लोग शाम के समय तुलसी के पास दीपक लगाते हैं, उनके घर में महालक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है.
0496. तुलसी - में कई ऐसे गुण होते हैं जो कई बीमारियों को दूर करने और उनकी रोकथाम करने में सहायक हैं. तुलसी का पौधा घर में रहने से उसकी सुगंध वातावरण को पवित्र बनाती है और हवा में मौजूद बीमारी फैलाने वाले कई सूक्ष्म कीटाणुओं को नष्ट कर देती है.
0497. तुलसी - यदि घर में लगा हुआ तुलसी का पौधा सूख जाता है तो उसे किसी पवित्र नदी में या तालाब में या कुएं में प्रवाहित कर देना चाहिए. तुलसी का सूखा पौधा घर में रखना अशुभ माना जाता है.
0498. तुलसी - शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पत्ते कुछ खास दिनों में नहीं तोड़ने चाहिए. ये दिन हैं एकादशी, रविवार और सूर्य या चंद्र ग्रहण काल. इन दिनों में और रात के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. बिना उपयोग तुलसी के पत्ते कभी नहीं तोड़ने चाहिए. ऐसा करने पर व्यक्ति को दोष लगता है. अनावश्यक रूप से तुलसी के पत्ते तोड़ना, तुलसी को नष्ट करने के समान माना गया है.
0499. तुलसी - शिव पूजन और गणेश पूजन में तुलसी का प्रयोग वर्जित है. इसके लिए पुराणो में दो कथा बताई गई है. एक कथा के अनुसार भगवान शिव ने तुलसी के पति दैत्यों के राजा शंखचूड़ का वध किया था, जिसके फलस्वरूप न तो शिव पूजन में तुलसी काम में लेते है और नाहि शंख से शिवलिंग पर जल चढ़ाते है. जबकि एक अन्य कथा के अनुसार एक बार गणेशजी ने तुलसी का विवाह प्रस्ताव यह कह कर अस्वीकार कर दिया की वो ब्रह्मचारी है जिससे रुष्ट होकर तुलसी ने उन्हें दो विवाह का श्राप दे दिया, प्रतिक्रिया स्वरुप गणेश जी ने तुलसी को एक राक्षस से विवाह का श्राप दे दिया. इसलिए गणेश पूजन में भी तुलसी का प्रयोग वर्जित है.
0500. दीपावली - की रात उल्लू की तस्वीर तिजोरी पर लगाएं. माना जाता है कि उल्लू हर पूर्णिमा को पीपल के चक्कर लगाता है जहां लक्ष्मी विराजती हैं. कहते हैं उल्लू की तस्वीर यहां पर होने पर, देवी लक्ष्मी का वास आपकी तिजोरी में बना रहेगा.