ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं. इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए. उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका ना हो , इसका ख़याल रखे.
0701. ना करें - जो व्यक्ति परमात्मा का विरोधी है, वह भी मृत समान है. जो व्यक्ति ये सोच लेता है कि कोई परमतत्व है ही नहीं. हम जो करते हैं, वही होता है. संसार हम ही चला रहे हैं. जो परमशक्ति में आस्था नहीं रखता है, ऐसा व्यक्ति भी मृत माना जाता है.
0702. ना करें - जो व्यक्ति पाप कर्मों से अर्जित धन से अपना और परिवार का पालन-पोषण करता है, वह व्यक्ति भी मृत समान ही है. उसके साथ रहने वाले लोग भी उसी के समान हो जाते हैं. हमेशा मेहनत और ईमानदारी से कमाई करके ही धन प्राप्त करना चाहिए. पाप की कमाई पाप में ही जाती है.
0703. ना करें - जो व्यक्ति पूरी दुनिया से उल्टा चले. जो संसार की हर बात के पीछे नकारात्मकता खोजता हो. नियमों, परंपराओं और लोक व्यवहार के खिलाफ चलता हो, वह वाम मार्गी कहलाता है. ऐसे काम करने वाले लोग मृत समान माने गए हैं.
0704. ना करें - जो व्यक्ति सूर्यास्त के बाद झाड़ू-पोछा करता है, देवी लक्ष्मी उस घर में निवास नहीं करती और वहां से चली जाती हैं.
0705. ना करें - जो संत, ग्रंथ, पुराण और वेदों का विरोधी है, वह भी मृत समान होता है.
0706. ना करें - ज्यादा नमक खाने से हाई BP की प्रॉब्लम हो सकती है. इससे किडनी डैमेज और हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
0707. ना करें - ज्यादा मात्रा में रेड मीट खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. इससे हार्ट अटैक और कैंसर का खतरा हो सकता है.
0708. ना करें - ज्यादा शराब पीने से हाई BP, हाई ब्लड फैट्स और हार्ट फेलियर की प्रॉब्लम हो सकती है. इससे मिलने वाली केलोरी से वजन भी बढेगा, जो अच्छा नहीं है.
0709. ना करें - टूटा शीशा घर के लिए बिल्कुल भी ठीक नही है, इससे घर मैं ग़रीबी बनी रहती हैं, इसी समय इसे दूर कर दे.
0710. ना करें - टूटी हुई कन्घी से कंगा नही करना चाहिये.
0711. ना करें - तम्बाकू से ब्लड क्लॉट होता है. ऐसे में बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरह से नहीं हो पाता और हार्ट अटैक की आशंका बढ़ती है.
0712. ना करें - ताजमहल की गिनती विश्व के कुछ उत्कृष्ट कलाओं में की जाती है एवं लोगों के बीच ये प्यार का प्रतीक भी समझा जाता है परन्तु ध्यान दें ताजमहल मुमताजमहल की कब्र है. ऐसे में घर में ताजमहल के आकृति वाले शो पिस रखना या फोटो टांगना निष्क्रियता को बढ़ावा देता है .
0713. ना करें - देर तक टी वी के सामने बैठे रहना नुकसानदायक है. कम मूवमेंट्स की वजह से ब्लड सर्कुलेशन सही तरह से नहीं हो पाता, जिससे डिजीज का खतरा बढ़ता है.
0714. ना करें - नटराज हमारी कला का आयाम जरुर हो सकता है परन्तु ये महादेव के रूद्र अवतार एवं विनाश का प्रतीक है.
0715. ना करें - नदी,तालाब में शौच साफ और उसमें पेशाब नही करना चाहिये.
0716. ना करें - पीने का पानी रात में खुला नही रखना चाहिये.
0717. ना करें - पूजा स्थान पर बांस से बनी हुई अगरबत्तियां न जलाएं. बांस के जलने से दुर्भाग्य पैदा होता है. ऐसी अगरबत्ति का इस्तेमाल करें जिसमें लकड़ी की तिलियां लगी हो. या केवल धूप बत्ति जलाएं.
0718. ना करें - पेड़ के नीचे पेशाब नही करना चाहिये.
0719. ना करें - बेर, पाकड़, बबूल, गूलर आदि कांटेदार पेड़ घर में दुश्मनी पैदा करते हैं. इनमें जति और गुलाब अपवाद हैं. घर में कैक्टस के पौधे नहीं लगाएं.
0720. ना करें - बोनसाई पौधा घर में तैयार नहीं करने चाहिए और न ही बाहर से लाकर लगाने चाहिए. बोनसाई पौधा घर में रहने वाले सदस्यों का आर्थिक विकास रोकते हैं.
0721. ना करें - भोजन कक्ष में झाड़ू न रखें, क्योंकि इससे घर का अनाज जल्दी खत्म हो सकता है. साथ ही, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
0722. ना करें - यदि भोजन करते समय आपको दाल या सब्जी आदि में नमक कम लगे तो उपर से नमक न डालें (सफेद नमक तो बिल्कुल भी नही) ऐसे में काला नमक तथा मिर्च कम होने पर काली मिर्च का प्रयोग करें.
0723. ना करें - रसोई घर के पास में पेशाब नही करना चाहिये.
0724. ना करें - रात के समय भूलकर भी श्मशान के आस-पास नहीं जाना चाहिए. श्मशान व कब्रिस्तान में रात के समय वहां की मृत आत्माएं चेतन हो जाती हैं. यहीं नहीं मृत व्यक्तियों के संबंधियों द्वारा अंतिम संस्कार करते समय रोने-बिलखने से भी इन स्थानों पर नकारात्मक ऊर्जा बहुत अधिक मात्रा में होती है जो रात के समय आसानी से किसी को भी अपनी गिरफ्त में ले सकती है.
0725. ना करें - रात को झाडू नही लगाना चाहिये.
0726. ना करें - रात को झूठे बर्तन किचन में न रखें. धन के नुकसान से बचा जा सकता हैं
0727. ना करें - रात में लड़कियों को बालों को खुला रखकर नहीं सोना चाहिए. रात में खुले बाल सोने पर नकारात्मक शक्तियां आकर्षित होती हैं. इसीलिए रात को न केवल महिलाएं वरन चोटी रखने वाले पुरुष भी अपनी चोटी को बांध लेते हैं.
0728. ना करें - लहसुन प्याज के छिलके कभी भी नही जलाने चाहिये.
0729. ना करें - शुगरी, फैटी और ऑयली फ़ूड में ज्यादा कैलोरी और बहुत कम न्यूट्रिएंट्स होते है. इन्हें खाने से वजन बढ़ता है, जो शरीर के लिए नुकसानदायक है.
0730. ना करें - श्यमशान भूमि में कभी भी हँसना नही चाहिये.
0731. ना करें - संध्या समय सोना, मिलन करना निषिद्ध है.
0732. ना करें - सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू पोंछा गलती से भी नहीं लगाना चाहिए. ऐसा करना अपशकुन माना जाता है.
0733. ना करें - स्टडीज कहती है कि अक्सर स्ट्रेस में रहने से हार्ट डिजीज की आशंका बढ़ती है. मेडिटेशन और एक्सरसाइज करने से स्ट्रेस कम करने में मदद मिलेगी.
0734. ना करें - हमारे भाग्य का संबंध कपड़ों से भी होता है. अत: आप कौन से ग्रहों के वस्त्र पहनते हैं इससे भी आपका भाग्य निर्मित होता है. यदि आप राहु और केतु से संबंधित वस्त्र पहन रहे हैं तो जीवन में अचानक आने वाले संकटों का सामना करना होगा.
0735. ना करें - हाथ धोए बगैर भोजन कभी नही करना चाहिये.
0736. ना करें - हार्ट को हेल्दी रखने के लिए सब्जियां और फल खाना बहुत जरूरी है. डाइट में ये पर्याप्त मात्रा में शामिल नहीं करने से हार्ट प्रॉब्लम हो सकती है.
0737. ना हों - मेहमान आने पर नाराज नही होना चाहिये.
0738. नारी संसार - कभी किसी महिला को दान करने की इच्छा हो तो दान सामग्री में लाल सिन्दूर के साथ इतर की शीशी ,चने की दाल तथा केसर अवश्य रखें .इस से सुहाग की आयु में वृद्धि होती है.
0739. नारी संसार - प्रसव काल से कुछ ही समय पहले यदि प्रसूता को १०० ग्राम गोमूत्र पिलाया जाये तो प्रसव आसानी से हो जाता है .
0740. नारी संसार - प्रसूता के पेट पर यदि केसर का लेप किया जाये तो भी प्रसव आसानी से हो जाता है .
0741. नारी संसार - यदि किसी महिला को पेट मैं किसी कारण से अधिक दर्द रहता है तो वह मंगलवार से अपने सिरहाने किसी ताम्बे के लोटे में जल रखे और प्रति उठाने खाली पेट उस जल का सेवन करें .इस प्रकार से हर प्रकार के पेट दर्द का निवारण हो जायेगा .
0742. नारी संसार - यदि किसी स्त्री अथवा कन्या को मासिक से पहले पेट में बहुत दर्द होता है,तो उसे रात में सोते समय मूंज की रस्सी से पेट बाँध लें,प्रात: उस रस्सी को किसी चौराहे पर फैंक देने से लाभ होता है.
0743. नारी संसार - यदि किसी स्त्री का समय से पहले अर्थात ४२ वर्षायु से पहले ही मासिक रुक जाये तो उस स्त्री को पुन:मासिक धर्म आरम्भ करने के लिए इन्द्रायन की जड़ का योनी पर धुआं देने से लाभ प्राप्त होता है.
0744. नारी संसार - यदि किसी स्त्री को मासिक धर्म के समय कमर में दर्द हो तो वह मासिक आरम्भ होने से तीन दिन पहले पीपल की जड़ वह पीपल की सुखी शाखा को काले कपडे में लपेट कर अपने तकिये के नीच रख लें.
0745. नारी संसार - विवाहित महिला को अपने परिवार की सलामती के लिए ही माँ दुर्गा चालीसा के साथ माँ के १०८ नाम अथवा ३२ नाम की माला का जाप करना चाहिए .
0746. निरोग - कोई असाध्य रोग हो जाए तथा दवाईयां काम करना बंद कर दें तो पीडि़त व्यक्ति के सिरहाने रात को एक तांबे का सिक्का रख दें तथा सुबह इस सिक्के को किसी श्मशान में फेंक दें. दवाईयां असर दिखाना शुरू कर देंगी और रोग जल्दी ही दूर हो जाएगा.
0747. निरोग - यदि किसी के साथ बार-बार दुर्घटना होती हैं तो शुक्ल पक्ष (अमावस्या के तुरंत बाद का पहला) के प्रथम मंगलवार को 400 ग्राम दूध से चावल धोकर बहती नदी अथवा झरने में प्रवाहित करें. यह उपाय लगातार सात मंगलवार करें, दुर्घटना होना बंद हो जाएगा.
0748. निरोग - यदि कोई पुराना रोग ठीक नहीं हो रहा हो तो गोमती चक्र को लेकर एक चांदी की तार में पिरोएं तथा पलंग के सिरहाने बांध दें. रोग जल्दी ही पीछा छोड़ देगा.
0749. निरोग - यदि व्यक्ति चिड़चिढ़ा हो रहा है तथा बात-बात पर गुस्सा हो रहा है तो उसके ऊपर से राई-मिर्ची उसार कर जला दें. तथा पीडि़त व्यक्ति को उसे देखते रहने के लिए कहें.
0750. निरोग - सुबह नींद से जागकर बिस्तर छोड़ते समय इस बात ध्यान दें कि बिस्तर , उसके ऊपर की चादर जल्दी ही ठीक हो जाये या आप किसी का इंतज़ार किये बिना उसे स्वयं ही सही कर दें.
0751. निरोग - सूर्य जब मेष राशि में प्रवेश करें तो नीम की नवीन कोपलें, गुड़ व मसूर के साथ पीस कर खाने से व्यक्ति पूरे वर्ष निरोग तथा स्वस्थ रहता है.
0752. निरोगी - "ऊँ ऊँ नमो काली कपाला देहि देहि स्वाहा. " मंत्र का १०८ बार जप करके सरसों का तेल अभिमंत्रित कर लें और उससे पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर मालिश करें, व्यक्ति पीड़ामुक्त हो जाएगा.
0753. निरोगी - "ऊँ ऊँ नमः भवे भास्कराय आस्माक अमुक सर्व ग्रहणं पीड़ा नाशनं कु रु-कुरु स्वाहा. " जौ, तिल, सफेद सरसों, गेहूं, चावल, मूंग, चना, कुष, शमी, आम्र, डुंबरक पत्ते और अषोक, धतूरे, दूर्वा, आक व ओगां की जड़ को मिला लें और उसमें दूध, घी, मधु और गोमूत्र मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें. फिर संध्या काल में हवन करें और मंत्र का १०८ बार जप कर इस मिश्रण से १०८ आहुतियां दें.
0754. निरोगी - "जीरा जीरा महाजीरा जिरिया चलाय. जिरिया की शक्ति से फलानी चलि जाय॥ जीये तो रमटले मोहे तो मशान टले. हमरे जीरा मंत्र से अमुख अंग भूत चले॥ जाय हुक्म पाडुआ पीर की दोहाई॥" मंत्र से थोड़ा-सा जीरा ७ बार अभिमंत्रित कर रोगी के शरीर से स्पर्श कराएं और उसे अग्नि में डाल दें. रोगी को इस स्थिति में बैठाना चाहिए कि उसका धूंआ उसके मुख के सामने आये. इस प्रयोग से भूत-प्रेत बाधा की निवृत्ति होती है.
0755. निरोगी - "हल्दी गीरी बाण बाण को लिया हाथ उठाय. हल्दी बाण से नीलगिरी पहाड़ थहराय॥ यह सब देख बोलत बीर हनुमान. डाइन योगिनी भूत प्रेत मुंड काटौ तान॥ आज्ञा कामरु कामाक्षा माई. आज्ञा हाड़ि की चंडी की दोहाई॥" थोड़ी सी हल्दी को ३ बार इस मंत्र से अभिमंत्रित करके अग्नि में इस तरह छोड़ें कि उसका धुआं रोगी के मुख की ओर जाए. इसे हल्दी बाण मंत्र कहते हैं.
0756. निरोगी - अगर बीमार व्यक्ति ज्यादा गम्भीर हो, तो जौ का 1.25 kg आटा लें. उसमें साबुत काले तिल मिला कर रोटी बनाएं. अच्छी तरह सेंके, जिससे वे कच्ची न रहें. फिर उस पर थोड़ा सा तिल्ली का तेल और गुड़ डाल कर पेड़ा बनाएं और एक तरफ लगा दें. फिर उस रोटी को बीमार व्यक्ति के ऊपर से 7 बार वार कर किसी भैंसे को खिला दें. पीछे मुड़ कर न देखें और न कोई आवाज लगाए. भैंसा कहाँ मिलेगा, इसका पता पहले ही मालूम कर के रखें. भैंस को रोटी नहीं खिलानी है, केवल भैंसे को ही श्रेष्ठ रहती है. शनि और मंगलवार को ही यह कार्य करें.
0757. निरोगी - इतवार या गुरूवार को चीनी, दूध, चावल और पेठा (कद्दू-पेठा, सब्जी बनाने वाला) अपनी इच्छा अनुसार लें और उसको रोगी के सिर पर से वार कर किसी भी धार्मिक स्थान पर, जहां पर लंगर बनता हो, दान कर दें, रोग दूर जाने लगेगा.
0758. निरोगी - उपले या लकड़ी के कोयले जलाकर उसमें धूनी की विशिष्ट वस्तुएं डालें और उससे उत्पन्न होने वाला धुआं पीड़ित व्यक्ति को सुंघाएं. ऊपरी हवाओं से मुक्ति मिलेगी.
0759. निरोगी - ऊपरी बाधाओं से मुक्ति हेतु निम्नोक्त मंत्र का यथासंभव जप करना चाहिए. "ऊँ ऊँ नमो भगवते रुद्राय नमः कोशेश्वस्य नमो ज्योति पंतगाय नमो रुद्राय नमः सिद्धि स्वाहा. "
0760. निरोगी - एक बरगद, एक अनार, एक कड़ीपत्ता, एक जामफल, एक तुलसी, एक नींबू, एक अशोक, एक चमेली, एक चम्पा का वृक्ष लगाने से निरोगी काया रहकर घर में धन, समृद्धि और शांति बनी रहती है.
0761. निरोगी - कांसे की कटोरी में तेल भरकर उसमें अपनी परछाई देखें और यह तेल किसी मंदिर में दान कर दें. 5 तरह के फल ले जाकर किसी मंदिर में रख आएं.
0762. निरोगी - किसी तालाब, कूप या समुद्र में जहां मछलियाँ हों, उनको शुक्रवार से शुक्रवार तक आटे की गोलियां, शक्कर मिला कर खिलाए, रोगी ठीक होता चला जायेगा.
0763. निरोगी - किसी दरगाह पर सूर्यास्त के पश्चात् तेल का दीपक जलाएं. अगरबत्ती जलाएं और बताशे रखें, फिर वापस मुड़ कर न देखें. बीमार व्यक्ति शीघ्र अच्छा हो जायेगा.
0764. निरोगी - किसी रोग से ग्रसित होने पर.सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें . अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें . सेहत ठीक रहेगी.
0765. निरोगी - कुत्ता आपको राजा से रंक और रंक से राजा बना सकता है. कुत्ते को खिलाने से दुश्मन आपसे दूर रहेंगे. कुत्ते को प्रतिदिन भोजन देने से जहां दुश्मनों का भय मिट जाता है, वहीं व्यक्ति निडर हो जाता है. कुत्ता पालने से लक्ष्मी आती है और कुत्ता घर के रोगी सदस्य की बीमारी अपने ऊपर ले लेता है. पितृ पक्ष में कुत्तों को मीठी रोटी खिलानी चाहिए.
0766. निरोगी - कोई असाध्य रोग हो जाए तथा दवाईयां काम करना बंद कर दें तो पीडि़त व्यक्ति के सिरहाने रात को एक तांबे का सिक्का रख दें तथा सुबह इस सिक्के को किसी श्मशान में फेंक दें. दवाईयां असर दिखाना शुरू कर देंगी और रोग जल्दी ही दूर हो जाएगा.
0767. निरोगी - गुग्गुल का उपयोग सुगंध, इत्र व औषधि में भी किया जाता है. इसकी महक मीठी होती है और आग में डालने पर वह स्थान सुंगध से भर जाता है. गुग्गल की सुगंध से जहां आपके मस्तिष्क का दर्द और उससे संबंधित रोगों का नाश होगा वहीं इसे दिल के दर्द में भी लाभदायक माना गया है.
0768. निरोगी - डि-हाइड्रेशन होने पर नारियल पानी में नीबू मिलाकर पिया जाता है.
0769. निरोगी - धान कूटने वाला मूसल और झाडू रोगी के ऊपर से उतार कर उसके सिरहाने रखें.
0770. निरोगी - नारियल के पानी में पोटैशियम अधिक मात्रा में होता है. इसे पीने से शरीर में किसी भी प्रकार की सुन्नता नहीं रहती.
0771. निरोगी - नारियल पानी में पोटेशियम और क्लोरीन होता है जो मां के दूध के समान होता है। जिन शिशुओं को दूध नहीं पचता उन्हें दूध के साथ नारियल पानी मिलाकर पिलाना चाहिए.
0772. निरोगी - नीम शीतल, हल्का, ग्राही पाक में चरपरा, हृदय को प्रिय, अग्नि, वाट, परिश्रम, तृषा, अरुचि, क्रीमी, व्रण, कफ, वामन, कोढ़ और विभिन्न प्रमेह को नष्ट करता है.
0773. निरोगी - प्रेत बाधा दूर करने के लिए पुष्य नक्षत्र में चिड़चिटे अथवा धतूरे का पौधा जड़सहित उखाड़ कर उसे धरती में ऐसा दबाएं कि जड़ वाला भाग ऊपर रहे और पूरा पौधा धरती में समा जाएं. इस उपाय से घर में प्रेतबाधा नहीं रहती और व्यक्ति सुख-शांति का अनुभव करता है.
0774. निरोगी - प्रेत बाधा निवारक हनुमत मंत्र – "ॐ ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ॐॐ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षणी-पूतना-मारी-महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम् क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर रुद्रावतार हुं फट् स्वाहा. इस हनुमान मंत्र का पांच बार जाप करने से भूत कभी भी निकट नहीं आ सकते.
0775. निरोगी - बेडरूम में बिस्तर पर सोते वक़्त ये जरुर ध्यान रखें कि आपका मुँह दक्षिण दिशा में हो . उत्तर दिशा में मुँह करके सोने से अनिंद्रा, पाचन, एसिडिटी इत्यादि जैसे विकार जन्म ले सकते हैं .
0776. निरोगी - यदि आप ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन से परेशान हैं तो इतवार की रात को सोते समय अपने सिरहाने की तरफ 325 ग्राम दूध रख कर सोंए . सोमवार को सुबह उठ कर सबसे पहले इस दूध को किसी कीकर या पीपल के पेड को अर्पित कर दें . यह उपाय 5 इतवार तक लगातार करें . लाभ होगा .
0777. निरोगी - यदि किसी को टायफाईड हो गया हो तो उसे प्रतिदिन एक नारियल पानी पिलायें. कुछ ही दिनों में आराम हो जायगा.
0778. निरोगी - यदि किसी को लगातार बुखार आ रहा हो और कोई भी दवा असर न कर रही हो तो आक की जड लेकर उसे किसी कपडे में कस कर बांध लें . फिर उस कपडे को रोगी के कान से बांध दें . बुखार उतर जायगा .
0779. निरोगी - यदि कोई पुराना रोग ठीक नहीं हो रहा हो तो गोमती चक्र को लेकर एक चांदी की तार में पिरोएं तथा पलंग के सिरहाने बांध दें. रोग जल्दी ही पीछा छोड़ देगा.
0780. निरोगी - यदि कोई व्यक्ति अचानक ही बीमार हो जाए तथा उस पर दवाओं का कोई असर न हों तो इसके लिए भी नींबू का उपाय किया जाता है. ऐसी स्थिति में एक साबूत नींबू के उपर काली स्याही से 307 लिख दें और उस व्यक्ति के उपर उल्टी तरफ से 7 बार उतारें. इसके पश्चात उसी नींबू को चार भागों में इस प्रकार से काटें कि वह नीचें से जुड़े रहें. और फिर उसी नींबू को घर से बाहर किसी निर्जन स्थान पा फेंक दें. इस उपाय को करने से पीडि़त व्यक्ति 24 घंटों के अंदर ही स्वस्थ हो जायेगा.
0781. निरोगी - यदि पर्याप्त उपचार करने पर भी रोग-पीड़ा शांत नहीं हो रही हो तो ऐसे व्यक्ति को अपने वजन के बराबर गेहू¡ का दान रविवार के दिन करना चाहिए. गेहूँ का दान जरूरतमंद एवं अभावग्रस्त व्यक्तियों को ही करना चाहिए.
0782. निरोगी - रात में पूर्व की ओर अपना सिर करके सोएं. सोते समय एक कटोरी में थोड़ा सा सेंधा नमक रख लें. इससे आपकी बीमारी में लाभ होगा.
0783. निरोगी - शुक्रवार रात को मुठ्ठी भर काले साबुत चने भिगोयें. शनिवार की शाम काले कपड़े में उन्हें बांधे तथा एक कील और एक काले कोयले का टुकड़ा रखें. रोगी के ऊपर से 7 बार वार दें. इस पोटली को किसी तालाब या कुएं में फेंक दें ऐसा 3 शनिवार करें. बीमार व्यक्ति शीघ्र अच्छा हो जायेगा.
0784. निरोगी - सरसों के तेल को गरम कर इसमें एक चमड़े का टुकड़ा डालें, पुन: गर्म कर इसमें नींबू, फिटकरी, कील और काली कांच की चूड़ी डाल कर मिट्टी के बर्तन में रख कर, रोगी के सिर पर फिराएं. इस बर्तन को एकांत में गाड़ दें.
0785. निरोगी - साबुत मसूर, काले उड़द, मूंग और ज्वार चारों बराबर-बराबर ले कर साफ कर के मिला दें. कुल वजन 1 किलो हो. इसको रोगी के ऊपर से 7 बार वार कर उनको एक साथ पकाएं. जब चारों अनाज पूरी तरह पक जाएं, तब उसमें तेल-गुड़ मिला कर, किसी मिट्टी के दीये में डाल कर दोपहर को, किसी चौराहे पर रख दें. उसके साथ मिट्टी का दीया तेल से भर कर जलाएं, अगरबत्ती जलाएं. फिर पानी से उसके चारों ओर घेरा बना दें. पीछे मुड़ कर न देखें. घर आकर पांव धो लें. रोगी ठीक होना शुरू हो जायेगा.
0786. निरोगी - सूर्य जब मेष राशि में प्रवेश करें तो नीम की नवीन कोपलें, गुड़ व मसूर के साथ पीस कर खाने से व्यक्ति पूरे वर्ष निरोग तथा स्वस्थ रहता है.
0787. निरोगी - हर मंगल और शनिवार को रोगी के ऊपर से इमरती को 7 बार वार कर कुत्तों को खिलाने से धीरे-धीरे आराम मिलता है. यह कार्य कम से कम 7 सप्ताह करना चाहिये. बीच में रूकावट न हो, अन्यथा वापस शुरू करना होगा.
0788. परिवार - अगर पूजा घर सीढियों के निचे बना हुआ है तो बहुत गलत है, इससे बहु और सास में झगडे होते हैं, आपके घर में शादी विवाह में रुकावट आएगी, आपके पड़ोसियों से सम्बन्ध अच्छे नहीं रहेंगे, आपके घर में अशांति रहेगी, इस लिए सीढियों के नीचे अपने घर में पूजा घर ना बनाइये.
0789. परिवार - अगर घर में सास बहु में सदैव कलह रहती हो तो घर के मुख्य द्वार पर बाहर की ओर श्वेतार्क (सफेद आक के गणेश) लगाये इससे घर में सुख-शांति बनी रहेगी.
0790. परिवार - अगर रसोई घर आग्नेय दिशा के स्थान पर किसी और दिशा में बनी हो तो उसकी दक्षिण और आग्नेय दिशा की दीवार को लाल रंग से रंगकर कर उसका दोष दूर किया जा सकता हैं, ओर ऐसा करने से मनमुटाव धीरे धीरे कम होता जाएगा,
0791. परिवार - आजकल बेडरूम में टीवी, फ्रिज या कंप्यूटर आदि रखना एक फैशन सा हो गया है इससे सदैव ही बचना चाहिए इनसे निकलने वाली हानिकारक तरंगे शरीर पर दुष्प्रभाव डालती हैं. पर यदि टीवी, कंप्यूटरआदि रखना ही पड़े तो जब वह इस्तेमाल में न हो तो उसे किसी कपड़े से ढँककर ही रखें.
0792. परिवार - इस बात का ध्यान रखे कि उत्तराभिमुख घर में उत्तर दिशा से ईशान कोण तक, पूर्वाभिमुख घर में पूर्व दिशा मध्य से अग्नि कोण पर्यन्त, दक्षिणाभिमुख मकान में दक्षिण दिशा मध्य से दक्षिण-पश्चिम कोण तक तथा पश्चिममुख मकानों में पश्चिम दिशा से वायव्य कोण तक यदि बाह्य द्वार न रखा जाय तो घर की सभी स्त्रियां आपस में समन्वय व प्रेम की और अग्रसर हो कर सुख की अनुभूति करती है तथा घर में सुख-शांति बनी रहेगी.
0793. परिवार - एक नारियल लेकर उस पर काला धागा लपेट दें फिर इसे पूजा स्थान पर रख दें. शाम को उस नारियल को धागे सहित जला दें. घर में शांति बनी रहेगी.
0794. परिवार - ऐसी चीज का प्रयोग करने से बचें जो अलगाव दर्शाती हो. छत पर बीम का होना और दो अलग मैट्रेस का प्रयोग भी प्रेम संबंधो में दूरी बनाता है, जहाँ तक संभव हो पति पत्नी एक ही मैट्रेस के ऊपर सोयें.
0795. परिवार - कहते है जो सास अपनी बहु को अपनी बेटी मानती है , उसे अपनी बेटी की तरह ही लाड़ प्यार करती है उसकी स्वयं की बेटी का भी दाम्पत्य जीवन सदैव सुखमय रहता है. उससे देवता भी प्रसन्न रहते है , उसका और उस घर के बुजुर्गो का स्वास्थ्य ठीक बना रहता है. वह जीवन के अंतिम समय तक भी बिस्तर पर रोगी बनकर नहीं रहते है अर्थात उनका शरीर उनका साथ देता है.
0796. परिवार - की मुखिया सास या बड़ी बहू को कभी भी ईशान कोण में नहीं सोना चाहिए इससे परिवार में प्रभाव कम हो कर हास्यास्पद स्थिति रहती है वृद्धावस्था में अग्नि कोण में रह सकती है.
0797. परिवार - गाय के गोबर का दीपक बनाकर उसमें गुड़ तथा मीठा तेल डालकर जलाएं. फिर इसे घर के मुख्य द्वार के मध्य में रखें. घर में शांति बनी रहेगी तथा समृद्धि में वृद्धि होगी.
0798. परिवार - ग्रहस्थ जीवन में पत्नी को हमेशा पति के बायीं और ही शयन करना चाहिए इससे पति और पत्नी के मध्य प्रेम बना रहता है.
0799. परिवार - ग्रहस्थ सांसारिक मामलों में पत्नी को हमेशा पति के बायीं और ही शयन करना चाहिए .
0800. परिवार - घर के बर्तन के गिरने टकराने की आवाज न आने दें. , घर सजाकर सुन्दर रखें. प्रतिदिन पहली रोटी गाय को एवं आखरी रोटी कुत्ते को खिलाऐं. ॐ ॐ शांति मन्त्र का जाप सास-बहू दोनों 21 दिन तक लगातर 11-11 माला करें. घर में शांति बनी रहेगी.