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Tuesday, October 11, 2016

अच्छे जीवन के उपाय 1101. - 1200.


ध्यान रखें यहां बताए जा रहे सभी उपाय ज्योतिष से संबंधित हैं.  इस कारण इन्हें आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए.  उपाय करते समय मन में किसी प्रकार की शंका   ना हो , इसका ख़याल रखे.




1101. मान सम्मान - रात में सोते समय सिरहाने ताम्बे के बर्तन में जल भर कर उसमें थोड़ा शहद के साथ कोई भी सोने /चाँदी का सिक्का या अंगूठी रख लें फिर सुबह उठकर प्रभु का स्मरण करने के बाद सबसे पहले बिना कुल्ला किये उस जल को पी लें.

1102. मान सम्मान - शत्रुओं से निपटने के लिए प्रात:काल कच्ची धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें.  अनिष्ट दूर होगा और धन भी प्राप्त होगा.

1103. मान सम्मान - सक्षम होने पर गरीबों को भोजन या अन्नदान से मिले पुण्य अदृश्य दोषों का नाश कर परिवार को संकट से बचाते हैं.  दान करने से सिर्फ एक पीढ़ी का नहीं सात पीढिय़ों का कल्याण होता है.

1104. मान सम्मान - सरकारी या निजी रोजगार क्षेत्र में परिश्रम के उपरांत भी सफलता नहीं मिल रही हो, तो नियमपूर्वक किये गये विष्णु यज्ञ की विभूति ले कर, अपने पितरों की `कुशा´ की मूर्ति बना कर, गंगाजल से स्नान करायें तथा यज्ञ विभूति लगा कर, कुछ भोग लगा दें और उनसे कार्य की सफलता हेतु कृपा करने की प्रार्थना करें.  किसी धार्मिक ग्रंथ का एक अध्याय पढ़ कर, उस कुशा की मूर्ति को पवित्र नदी या सरोवर में प्रवाहित कर दें.  सफलता अवश्य मिलेगी.

1105. मान सम्मान - सुबह नींद से जागकर सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियों को आपस मे मिलाकर किसी पुस्तक की तरह खोल लें और उसको ऊपर से नीचे तक गौर से देखते हुए यह श्लोक पढ़े –" “कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती. करमूले तू गोविन्दः प्रभाते कर दर्शनम “॥ इसके बाद जो स्वर चल रहा हो ( नाक के जिस छिद्र से साँस ले रहे हो ) धरती माता का दाहिने हाथ से स्पर्श करके उसी तरफ का पाँव जमीन पर रखें , और तभी घर के किसी भी सदस्य का चेहरा देखे. लेकिन यह ध्यान रखे कि शीशे में अपना चेहरा कम से कम आधे घंटे या नहाने से पहले बिलकुल भी ना देखे अन्यथा समाज में लाख चाह कर मान प्रतिष्ठा प्राप्त नहीं हो पाती है या लंबे समय तक टिक नहीं पाती है.

1106. मान सम्मान - सुबह बिस्तर छोड़ते समय इस बात का अवश्य ही ध्यान दे कि आपका बिस्तर भी जल्दी ही व्यवस्थित हो जाय, जिन लोगो का बिस्तर , चादर, तकिया देर तक बिखरा पड़ा रहता है उन्हें अधिकतर मानसिक तनाव, चिंताएं घेरे रहती है, उनके ऊपर हर वक्त चिड़चडाहट सवार रहती है, उन्हें समाज में उचित सम्मान भी नहीं मिलता है, उनको शनि और राहु से भी पीड़ा मिलती है.

1107. रंग - अपने घर के पर्दों और अन्य वस्तुओं के रंग पर भी ध्यान दें.  काला, भूरा, कत्थई, मटमेला, सूर्ख लाल, जामूनी आदि रंगों का कम ही इस्तेमाल करें.

1108. रंग - कार्य में रुकावट या सफलता में आपके घर और कपड़े के रंग का भी बहुत योगदान रहता है.  कभी भी हल्के, काले, कत्थई, भूरे और मटमैले रंग के कपड़े न पहनें.  अधिकतर सफेद, नीले, लाल, हरे और गुलाबी रंग के कपड़े ही पहनें.

1109. लाभ - किसी के प्रत्येक शुभ कार्य में बाधा आती हो या विलम्ब होता हो तो रविवार को भैरों जी के मंदिर में सिंदूर का चोला चढ़ा कर “बटुक भैरव स्तोत्र´´ का एक पाठ कर के गौ, कौओं और काले कुत्तों को उनकी रूचि का पदार्थ खिलाना चाहिए.  ऐसा वर्ष में 4-5 बार करने से कार्य बाधाएं नष्ट हो जाएंगी.

1110. लौंग - अगर किसी जरूरी काम में सफलता चाहते हैं तो एक नींबू के ऊपर 4 लौंग गाड़ दें और "ॐ ॐ श्री हनुमते नम:" मंत्र का 21 बार जाप कर उस नींबू को अपने साथ ले कर जाएं. आपका काम बन जाएगा.

1111. लौंग - इच्छा के विरूद्ध कार्य करना पड़ रहा हो तो इसका नुकसान भी उठाना पड़ता है.  यदि ऐसा है तो आप कपूर और एक फूल वाली लौंग एक साथ जलाकर दो-तीन दिन में थोड़ी-थोड़ी खा लें.  आपकी इच्छा के विपरीत कार्य होना बंद हो जाएगा.

1112. लौंग - कच्ची धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें.  अनिष्ट दूर होगा और धन भी प्राप्त होगा.

1113. लौंग - गणेश चतुर्थी को गणेश जी का ऐसा चित्र घर या दुकान पर लगाएं, जिसमें उनकी सूंड दाईं ओर मुड़ी हुई हो.  इसकी आराधना करें.  इसके आगे लौंग तथा सुपारी रखें.

1114. लौंग - सुबह पूजा के बाद आरती करते समय दीपक में 2 लौंग डाल कर आरती करें या कपूर में दो फूल वाले लौंग डालकर आरती करें. आपके हर काम सुगमता से होंगे और किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आएगी.

1115. वास्तु -  हर रोज इष्ट देव की पूजा के दौरान हाथों में सफेद चन्दन लगे सफेद फूल व अक्षत लेकर वास्तुदेव का नीचे लिखे वेद मंत्र से ध्यान कर घर-परिवार से सारे कलह, संकट व दोष दूर करने की कामना करें व फूल, अक्षत इष्टदेव को चढ़ाकर धूप, दीप आरती करें. "वास्तोष्पते प्रति जानीह्यस्मान् त्स्वावेशो अनमीवो: भवान्.  यत् त्वेमहे प्रति तन्नो जुषस्व शं नो भव द्विपदे शं चतुष्पदे. . " ऋग्वेद के इस मंत्र का सरल शब्दों में अर्थ है – हे वास्तु देवता, हम आपकी सच्चे हृदय से उपासना करते हैं.  हमारी प्रार्थना को सुन आप हमें रोग-पीड़ा और दरिद्रता से मुक्त करें.  हमारी धन-वैभव की इच्छा भी पूरी करें.  वास्तु क्षेत्र या घर में रहने वाले सभी परिजनों, पशुओं व वाहनादि का भी शुभ व मंगल करें.

1116. वास्तु - अक्सर लोग शुभ विचारों के आगमन हेतु घर के प्रवेश द्वार पर बिना सोचे समझे ही गणेश जी की तस्वीर या प्रतिमा लगा देते हैं .  ध्यान दें यदि आपके घर का मुँह उत्तर या दक्षिण मुखी है तभी गणेश जी की प्रतिमा लगायें अन्यथा नहीं.

1117. वास्तु - जिस प्रकार धन को छुपाकर रखते हैं उसी प्रकार झाड़ू को भी घर में आने जाने वालों की नज़रों से दूर रखें.  जो लोग झाड़ू के लिए एक नियत स्थान बनाने की बजाय कहीं भी रख देते हैं, उनके घर में धन का आगमन प्रभावित होता है.  इससे आय और व्यय में असंतुलन बना रहता है.  आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

1118. विवाह  - "ॐ ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम: ॥" मंत्र का पांच माला प्रति गुरुवार जप करें.

1119. विवाह  - अगर किसी का विवाह कुण्डली के मांगलिक योग के कारण नहीं हो पा रहा है, तो ऎसे व्यक्ति को मंगल वार के दिन चण्डिका स्तोत्र का पाठ तथा शनिवार के दिन सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए. इससे भी विवाह के मार्ग की बाधाओं में कमी होती है.

1120. विवाह  - कन्या के विवाह की चर्चा करने उसके घर के लोग जब भी किसी के यहाँ जायें तो कन्या खुले बालों से, लाल वस्त्र धारण कर हँसते हुए उन्हें कोई मिष्ठान खिला कर विदा करे.  विवाह की चर्चा सफल होगी.

1121. विवाह  - कन्या जब किसी कन्या के विवाह में जाये और यदि वहाँ पर दुल्हन को मेहँदी लग रही हो तो अविवाहित कन्या कुछ मेहँदी उस दुल्हन के हाथ से लगवा ले इससे विवाह का मार्ग शीघ्र प्रशस्त होता है.

1122. विवाह  - कन्या सफेद खरगोश को पाले तथा अपने हाथ से उसे भोजन के रूप में कुछ दे.

1123. विवाह  - गुरुवार की शाम को पांच प्रकार की मिठाई, हरी ईलायची का जोडा तथा शुद्ध घी के दीपक के साथ जल अर्पित करना चाहिये .  यह प्रयोग लगातार तीन गुरुवार को करना चाहिए,इससे शीघ्र विवाह के योग निस्संदेह बनते है.

1124. विवाह  - गुरुवार को केले के वृ्क्ष पर जल अर्पित करके शुद्ध घी का दीपक जलाकर गुरु के 108 नामों का उच्चारण करने से जल्दी ही जीवनसाथी की तलाश पूर्ण हो जाती है.

1125. विवाह  - गुरुवार को बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए.  पीले रंग की वस्तुएं जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीले फूल, केला, चने की दाल आदि इसी तरह की वस्तुएं गुरु ग्रह को चढ़ानी चाहिए.

1126. विवाह  - गुरूवार को वट वृक्ष, पीपल, केले के वृक्ष पर जल अर्पित करने से विवाह बाधा दूर होती है.

1127. विवाह  - जिन लड़कों का विवाह नहीं हो रहा हो या प्रेम विवाह में विलंब हो रहा हो, उन्हें शीघ्र मनपसंद विवाह के लिए श्रीकृष्ण के इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए. “क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा. ”

1128. विवाह  - जिन व्यक्तियों को शीघ्र विवाह की कामना हों उन्हें गुरुवार को गाय को दो आटे के पेडे पर थोड़ा हल्दी लगाकर खिलाना चाहिए. तथा इसके साथ ही थोड़ा सा गुड व चने की पीली दाल का भोग गाय को लगाना शुभ होता है.

1129. विवाह  - पूर्णिमा को वट वृक्ष की 108 परिक्रमा देने से भी विवाह बाधा दूर होती है.

1130. विवाह  - प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करें . विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी .

1131. विवाह  - बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है इनकी पूजा से विवाह के मार्ग में आ रही सभी अड़चनें स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं.  इनकी पूजा के लिए गुरुवार का विशेष महत्व है.

1132. विवाह  - बृहस्पति, शुक्र, बुद्ध और सोम इन वारों में विवाह करने से कन्या सौभाग्यवती होती है. विवाह में चतुर्दशी, नवमी इन तिथियों को त्याग देना चाहिए.

1133. विवाह  - यदि आपको प्रेम विवाह में अडचने आ रही हैं तो :—- शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का रोज़ तीन माला जाप स्फटिक माला पर करें . इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें . तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रशाद चढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें .

1134. विवाह  - यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें . भगवान शिव की मूर्ती या फोटो के आगे रख कर “ऊं ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नामः” मंत्र का पांच माला जाप करें फिर वो पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें . विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जांयगी .

1135. विवाह  - यदि किसी कन्या का विवाह नहीं हो पा रहा है तो वह कन्या विवाह की कामना से भगवान श्रीगणेश को मालपुए का भोग लगाए तो शीघ्र ही उसका विवाह हो जाता है.

1136. विवाह  - यदि विवाह के पूर्व लड़का-लड़की मिलना चाहें तो वह इस प्रकार बैठे कि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो.

1137. विवाह  - विवाह के पश्चात एक वर्ष तक पिण्डदान,मृक्ति का स्नान, तिलतर्पण, तीर्थयात्रा,मुण्डन,प्रेतानुगमन आदि नहीं करना चाहिये.

1138. विवाह  - विवाह के लिए मंत्र " गौरी आवे ,शिव जो ब्यावे (विवाह योग्य लड़के या लड़की का नाम) का विवाह तुरंत सिद्ध करेँ, देर ना करेँ, जो देर होए , तो शिव को त्रिशूल पड़े, गुरु गोरखनाथ की दुहाई फिरै.. "

1139. विवाह  - विवाह योग्य युवक-युवती जिस पलंग पर सोते हों उसके नीचे लोहे की वस्तुएं या कबाड़ का सामान कभी भी नहीं रखना चाहिए.

1140. विवाह  - विवाह योग्य लोगों को शीघ्र विवाह के लिये प्रत्येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए. भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती है.

1141. विवाह  - विवाह योग्य व्यक्ति को सदैव शरीर पर कोई भी एक पीला वस्त्र धारण करके रखना चाहिए.

1142. विवाह  - विवाह वार्ता के लिए घर आए अतिथियों को इस प्रकार बैठाएं कि उनका मुख घर में अंदर की ओर हो, उन्हें द्वार दिखाई न दे.

1143. विवाह  - शादी वाले दिन से एक दिन पहले एक ईंट के ऊपर कोयले से “बाधायें” लिखकर ईंट को उल्टा करके किसी सुरक्षित स्थान पर रख दीजिये,और शादी के बाद उस ईंट को उठाकर किसी पानी वाले स्थान पर डाल कर ऊपर से कुछ खाने का सामान डाल दीजिये, विवाह के समय और विवाह के बाद में वर/वधु के दाम्पत्य जीवन में बाधायें नहीं आयेंगी, यह काम वर – वधु या उनके घर का कोई भी सदस्य कर सकता है.

1144. विवाह  - शिव-पार्वती का पूजन करने स भी विवाह की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं.  इसके लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्व पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें.

1145. विवाह  - शिव-पार्वती का पूजन करने से भी विवाह की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं.  इसके लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्व पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें.

1146. विवाह  - शीघ्र विवाह की इच्छा रखने वाले युवाओं को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए. इस व्रत में खाने में पीले रंग का खाना ही खाएं, जैसे चने की दाल, पीले फल, केले खाने चाहिए.  इस दिन व्रत करने वाले को पीले रंग के वस्त्र ही पहनने चाहिए.

1147. विवाह  - शीघ्र विवाह के लिए सोमवार को 1200 ग्राम चने की दाल व सवा लीटर कच्चे दूध का दान करें.  यह प्रयोग तब तक करते रहना है जब तक कि विवाह न हो जाय.

1148. विवाह  - शुक्रवार की रात्रि में आठ छुआरे जल में उबाल कर जल के साथ ही अपने सोने वाले स्थान पर सिरहाने रख कर सोयें तथा शनिवार को प्रात: स्नान करने के बाद किसी भी बहते जल में इन्हें प्रवाहित कर दें.

1149. विवाह  - शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार को सात केले, सात गौ ग्राम गुड़ और एक नारियल लेकर किसी नदी या सरोवर पर जाएं.  अब कन्या को वस्त्र सहित नदी के जल में स्नान कराकर उसके ऊपर से जटा वाला नारियल ऊसारकर नदी में प्रवाहित कर दें.  इसके बाद थोड़ा गुड़ व एक केला चंद्रदेव के नाम पर व इतनी ही सामग्री सूर्यदेव के नाम पर नदी के किनारे रखकर उन्हें प्रणाम कर लें.  थोड़े से गुड़ को प्रसाद के रूप में कन्या स्वयं खाएं और शेष सामग्री को गाय को खिला दें.  इस टोटके से कन्या का विवाह शीघ्र ही हो जाएगा.

1150. विवाह - अगर किसी का विवाह कुण्डली के मांगलिक योग के कारण नहीं हो पा रहा है, तो ऎसे व्यक्ति को मंगल वार के दिन चण्डिका स्तोत्र का पाठ तथा शनिवार के दिन सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए. इससे भी विवाह के मार्ग की बाधाओं में कमी होती है.

1151. विवाह - कन्या के विवाह की चर्चा करने उसके घर के लोग जब भी किसी के यहाँ जायें तो कन्या खुले बालों से,लाल वस्त्र धारण कर हँसते हुए उन्हें कोई मिष्ठान खिला कर विदा करे, विवाह की चर्चा सफल होगी.

1152. विवाह - कन्या जब किसी कन्या के विवाह में जाये और यदि वहाँ पर दुल्हन को मेहँदी लग रही हो तो अविवाहित कन्या कुछ मेहँदी उस दुल्हन के हाथ से लगवा ले इससे विवाह का मार्ग शीघ्र प्रशस्त होता है.

1153. विवाह - कन्या सफेद खरगोश को पाले तथा अपने हाथ से उसे भोजन के रूप में कुछ दे.

1154. विवाह - किसी भी शुभ दिवस पर मिटटी का एक नया कुल्हड़ लाएँ तथा उसमे एक लाल वस्त्र,सात काली मिर्च एवं सात ही नमक की साबुत कंकड़ी रख दें, हांडी का मुख लाल कपडे से बंद कर दें एवँ कुल्हड़ के बाहर कुमकुम की सात बिंदियाँ लगा दे फिर उसे सामने रख कर निम्न मंत्र की ५ माला जप करेँ. मन्त्र जप के पश्चात हांडी को चौराहे पर रखवा देँ| यह बहुत ही असरदायक प्रयोग है.

1155. विवाह - के पश्चात एक वर्ष तक पिण्डदान,मृक्ति का स्नान, तिलतर्पण, तीर्थयात्रा,मुण्डन,प्रेतानुगमन आदि नहीं करना चाहिये.

1156. विवाह - के लिए सोमवार को १२०० ग्राम चने की दाल व सवा लीटर कच्चे दूध का दान करें| यह प्रयोग तब तक करते रहना है जब तक कि विवाह न हो जाय.

1157. विवाह - गुरुवार की शाम को पांच प्रकार की मिठाई, हरी ईलायची का जोडा तथा शुद्ध घी के दीपक के साथ जल अर्पित करना चाहिये | यह प्रयोग लगातार तीन गुरुवार को करना चाहिए,इससे शीघ्र विवाह के योग निस्संदेह बनते है.

1158. विवाह - गुरुवार को केले के वृ्क्ष पर जल अर्पित करके शुद्ध घी का दीपक जलाकर गुरु के 108 नामों का उच्चारण करने से जल्दी ही जीवनसाथी की तलाश पूर्ण हो जाती है.

1159. विवाह - गुरुवार को बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए.  पीले रंग की वस्तुएं जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीले फूल, केला, चने की दाल आदि इसी तरह की वस्तुएं गुरु ग्रह को चढ़ानी चाहिए.  साथ ही शीघ्र विवाह की इच्छा रखने वाले युवाओं को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए. इस व्रत में खाने में पीले रंग का खाना ही खाएं, जैसे चने की दाल, पीले फल, केले खाने चाहिए.  इस दिन व्रत करने वाले को पीले रंग के वस्त्र ही पहनने चाहिए. "ॐ ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम: ॥" मंत्र का पांच माला प्रति गुरुवार जप करें.

1160. विवाह - गुरूवार को वट वृक्ष, पीपल, केले के वृक्ष पर जल अर्पित करने से विवाह बाधा दूर होती है

1161. विवाह - जिन व्यक्तियों की विवाह की आयु हो चुकी है. परन्तु विवाह संपन्न होने में बाधा आ रही है उन व्यक्तियों को यह उपाय करना चाहिए. इस उपाय में शुक्रवार की रात्रि में आठ छुआरे जल में उबाल कर जल के साथ ही अपने सोने वाले स्थान पर सिरहाने रख कर सोयें तथा शनिवार को प्रात: स्नान करने के बाद किसी भी बहते जल में इन्हें प्रवाहित कर दें|

1162. विवाह - जिन व्यक्तियों को शीघ्र विवाह की कामना हों उन्हें गुरुवार को गाय को दो आटे के पेडे पर थोड़ा हल्दी लगाकर खिलाना चाहिए. तथा इसके साथ ही थोड़ा सा गुड व चने की पीली दाल का भोग गाय को लगाना शुभ होता है.

1163. विवाह - पश्चिम दिशा  की  तरफ शुकरवार को 4 लाल गुलाब लगाए, विवाह के योग मजबूत होंगे.

1164. विवाह - पूर्णिमा को वट वृक्ष की १०८ परिक्रमा देने से भी विवाह बाधा दूर होती है.

1165. विवाह - प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे. विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी

1166. विवाह - प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करें ! विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी |

1167. विवाह - बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है इनकी पूजा से विवाह के मार्ग में आ रही सभी अड़चनें स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं.  इनकी पूजा के लिए गुरुवार का विशेष महत्व है.

1168. विवाह - बृहस्पति, शुक्र, बुद्ध और सोम इन वारों में विवाह करने से कन्या सौभाग्यवती होती है.  विवाह में चतुर्दशी, नवमी इन तिथियों को त्याग देना चाहिए.

1169. विवाह - में बार-बार बाधाएं आ रही हैं तो शनिवार के दिन लगड़ी से जमीन में गड्ढा कर काला सूरमा दबाना चाहिए.  शीघ्र विवाह कार्यक्रम होंगे.

1170. विवाह - यदि आपको प्रेम विवाह में अडचने आ रही हैं तो :—- शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊं ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का रोज़ तीन माला जाप स्फटिक माला पर करें ! इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें ! तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रशाद चढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें !

1171. विवाह - यदि आपको प्रेम विवाह में अडचने आ रही हैं तो शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊं ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का रोज़ तीन माला जाप स्फटिक माला पर करें . इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें . तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रशाद चढांए, लाभ होगा.

1172. विवाह - यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें ! भगवान शिव की मूर्ती या फोटो के आगे रख कर “ऊं ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नामः” मंत्र का पांच माला जाप करें फिर वो पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें ! विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जांयगी !

1173. विवाह - यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें . भगवान शिव की मूर्ती या फोटो के आगे रख कर “ऊं ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नामः” मंत्र का पांच माला जाप करें फिर वो पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें.

1174. विवाह - यदि किसी कन्या का विवाह नहीं हो पा रहा है तो वह कन्या आज विवाह की कामना से भगवान श्रीगणेश को मालपुए का भोग लगाए तो शीघ्र ही उसका विवाह हो जाता है.

1175. विवाह - यदि किसी युवक के विवाह में परेशानियां आ रही हैं तो वह भगवान श्रीगणेश को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं तो उसका विवाह भी जल्दी हो जाता है.

1176. विवाह - यदि विवाह के पूर्व लड़का-लड़की मिलना चाहें तो वह इस प्रकार बैठे कि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो.

1177. विवाह - योग्य युवक-युवती जिस पलंग पर सोते हों उसके नीचे लोहे की वस्तुएं या कबाड़ का सामान कभी भी नहीं रखना चाहिए.

1178. विवाह - वार्ता के लिए घर आए अतिथियों को इस प्रकार बैठाएं कि उनका मुख घर में अंदर की ओर हो, उन्हें द्वार दिखाई न दे.

1179. विवाह - विवाह योग्य लोगों को शीघ्र विवाह के लिये प्रत्येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए. भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती है|

1180. विवाह - विवाह योग्य व्यक्ति को सदैव शरीर पर कोई भी एक पीला वस्त्र धारण करके रखना चाहिए|

1181. विवाह - शादी वाले दिन से एक दिन पहले एक ईंट के ऊपर कोयले से “बाधायें” लिखकर ईंट को उल्टा करके किसी सुरक्षित स्थान पर रख दीजिये,और शादी के बाद उस ईंट को उठाकर किसी पानी वाले स्थान पर डाल कर ऊपर से कुछ खाने का सामान डाल दीजिये, विवाह के समय और विवाह के बाद में वर/वधु के दाम्पत्य जीवन में बाधायें नहीं आयेंगी, यह काम वर – वधु या उनके घर का कोई भी सदस्य कर सकता है लेकिन यह काम बिल्कुल चुपचाप करना चाहिए.

1182. विवाह - शिव-पार्वती का पूजन करने से भी विवाह की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं.  इसके लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्व पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें.

1183. विवाह - शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार को सात केले, सात गौ ग्राम गुड़ और एक नारियल लेकर किसी नदी या सरोवर पर जाएं.  अब कन्या को वस्त्र सहित नदी के जल में स्नान कराकर उसके ऊपर से जटा वाला नारियल ऊसारकर नदी में प्रवाहित कर दें.  इसके बाद थोड़ा गुड़ व एक केला चंद्रदेव के नाम पर व इतनी ही सामग्री सूर्यदेव के नाम पर नदी के किनारे रखकर उन्हें प्रणाम कर लें.  थोड़े से गुड़ को प्रसाद के रूप में कन्या स्वयं खाएं और शेष सामग्री को गाय को खिला दें.  कन्या का विवाह शीघ्र ही हो जाएगा.

1184. विवाह (प्रेम) - कृष्ण मंदिर में बांसुरी और पान अर्पण से प्रेम की प्राप्ति होती है.

1185. विवाह (प्रेम) - गिफ्ट में कभी भी काले रंग की कोई वस्तु एक-दूसरे को न दें.  इससे आपस में दूरियां हो सकती है.  लाल, गुलाबी, पीले और सुनहरे पीले रंग की वस्तुओं को उपहार में देना अत्यंत श्रेष्ठ माना गया है.  चाहे तो प्रियतम/प्रेयसी को हीरा भी भेंट कर सकते हैं परन्तु यह काला या नीला नहीं होना चाहिए.  इसके अतिरिक्त एक-दूसरे को नुकीली या काले रंग की कोई वस्तु कभी भी न दें.  इससे संबंध खराब होने की संभावना होती है

1186. विवाह (प्रेम) - प्रेम प्रसंग वरन अन्य स्थानों पर भी सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं अगर स्वयं की जन्मकुंडली में सप्तमेश या सप्तम भाव में विराजमान ग्रह की शांति अवश्य करा लें.

1187. विवाह (प्रेम) - प्रेम में सफलता पाने के लिए प्रेमी युगल को शनिवार और अमावस्या के दिन नहीं मिलना चाहिए.  इन दिनों में मिलने से आपस में किसी भी बात पर विवाद हो सकता है.  ये दोनों ही दिन प्रेमियों के बीच झगड़ा तथा नफरत पैदा करते हैं.  बहुत संभव है कि आपके प्रेम संबंध ही टूट जाएं.

1188. विवाह (प्रेम) - प्रेमी या प्रेमिका का मन ही मन ध्यान करते हुए उपरोक्त मंत्र से राधा-कृष्ण की प्रतिमा, तस्वीर या मंदिर में जाकर सच्चे मन से 108 बार भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करें तथा "ॐ ॐ क्लीं कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा:" मंत्र का जाप करें.  प्रत्येक शुक्रवार नजदीक के किसी भी राधाकृष्ण मंदिर में जाकर उनकी प्रतिमा का दर्शन कर, फूल माला चढ़ाएं तथा मिश्री का भोग लगाएं.  आपके प्रेम विवाह में आ रही हर अड़चन शीघ्र ही दूर होगी तथा आपका वैवाहिक जीवन सफलता और शांति से बीतेगा.

1189. विवाह (प्रेम) - प्रेमी युगल को यथासंभव प्रयास करना चाहिए कि वे दोनों शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन अवश्य मिलें.  यदि शुक्रवार के दिन पूर्णिमा हो प्रेमियों के लिए वह दिन अत्यंत शुभ रहता है, इस दिन मिलने से परस्पर प्रेम व आकर्षण बढ़ता है.

1190. विवाह (प्रेम) - प्रेमी/प्रेमिका में से कोई एक मांगलिक हैं और प्रेम-विवाह में बाधा आ रही है तो तो विवाह की लिए पुन: विचार करें नहीं तो मंगल दोष का तत्काल निवारण अवश्य ही कर लें, अन्यथा जीवन भर पछताना पड़ सकता है.

1191. विवाह (प्रेम) - में सफलता के लिए शुक्ल पक्ष में प्राण प्रतिष्ठत असली नेपाली गौरी-शंकर रुद्राक्ष, व्हाइट गोल्ड में धारण करें.

1192. विवाह (प्रेम) - वशीकरण अथवा सम्मोहन का प्रयोग तभी करना चाहिए जब आपका प्रेम सच्चा हो तथा आपकी भावना सामने वाले के प्रति निश्छल हो.  साथ ही यह भी ध्यान रखें कि आप उसके योग्य हो तथा उसे प्रसन्न रख पाएंगे. यदि  आप किसी का अहित करने की सोचेंगे तो निश्चय ही आप खुद का अहित करेंगे.

1193. विवाह (प्रेम) - सोलह सोमवार के व्रत तथा भगवान शिव के पूजन से योग्य, सुन्दर, सुशील और प्रेम करने वाला जीवन साथी मिलता है.

1194. वीरवार को करें - गुरुवार लक्ष्मी नारायण का दिन होता है.  इस दिन लक्ष्मी और नारायण का एक साथ पूजन जीवन में खुशियों की अपार वृद्धि कराने वाला होता है.  इस दिन लक्ष्मी और नारायण की एक साथ पूजन करने से पति- पत्नी के बीच कभी दूरिया नहीं आती है.  साथ ही धन की वृद्धि होती है.

1195. वीरवार को ना करें - जिस प्रकार से बृहस्पति का प्रभाव शरीर पर रहता है.  उसी प्रकार से घर पर भी बृहस्पति का प्रभाव उतना ही अधिक गहरा होता है.  वास्तु अनुसार घर में ईशान कोण का स्वामी गुरु होता है.  ईशान कोण का संबंध परिवार के नन्हे सदस्यों यानी कि बच्चों से होता है.  साथ ही घर के पुत्र संतान का संबंध भी इसी कोण से होता है.  ईशान कोण धर्म और शिक्षा की दिशा है.  घर में अधिक वजन वाले कपड़ों को धोना, कबाड़ घर से बाहर निकालना, घर को धोना या पोछा लगाना.  घर के ईशान कोण को कमजोर करता है.  उससे घर के बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर शुभ प्रभाव में कमी आती है.

1196. वीरवार को ना करें - शास्त्रों में गुरुवार को महिलाओं को बाल धोने से इसलिए मनाही की गई है.  क्योंकि महिलाओं की जन्मकुंडली में बृहस्पति पति का कारक होता है.  साथ ही बृहस्पति ही संतान का कारक होता है.  इस प्रकार अकेला बृहस्पति ग्रह संतान और पति दोनों के जीवन को प्रभावित करता है.  बृहस्पतिवार को सिर धोना बृहस्पति को कमजोर बनाता है जिससे कि बृहस्पति के शुभ प्रभाव में कमी होती है.  इसी कारण से इस दिन बाल भी नहीं कटवाना चाहिए जिसका असर संतान और पति के जीवन पर पड़ता है.  उनकी उन्नति बाधित होती है.

1197. वीरवार को ना करें -शास्त्रों में गुरु ग्रह को जीव कहा गया है.  जीव मतलब जीवन.  जीवन मतलब आयु.  गुरुवार को नेल कटिंग और शेविंग करना गुरु ग्रह को कमजोर करता है.  जिससे जीवन शक्ति दुष्प्रभावित होती है.  उम्र में से दिन कम करती है.

1198. शनि देव मान जाते हैं अगर - साँपो को दूध पिलाए, कभी भी साँपो को परेशान न करें , न ही मारे.

1199. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - अपने कमरे के पर्दे , बिस्तर का कवर , दीवारों का रंग आदि पीला रंग की करवाए यह आप के लिए उत्तम रहेगा.

1200. शनि देव मान जाते हैं अगर आप - अपने घर पर एक काला कुत्ता पाले तथा उस का ध्यान रखें.

उनमें से कुछ समस्या इस प्रकार है- उपरोक्त में से एक न एक बाधा पितृ दोष के कारण बनी रहती है. उपाय उपाय 1 उपाय करके अपनी आर्थ‌िक परेशान‌ियों को दूर करने की कोश‌िश कर सकते हैं. उपाय के तौर पर महंगे यज्ञ और हवन आदि महेंगी रस्मो की आवश्यकता नही है. उपाय जरूर करना चाहिए. इसके 400 ग्राम सूरमा पानी में बहाएं, राहु शांत हो जाएगा उल्लू - से जुड़े शकुन-अपशकुन ऊँ नम: शिवाय. ऊं क्लीं देवकी सूत गोविंदो वासुदेव जगतपते देहि मे, ऋग्वेद (4/32/20-21) का प्रसिद्ध मन्त्र इस प्रकार है - ऋग्वेद के इस मंत्र का सरल शब्दों में अर्थ है – हे वास्तु देवता, हम आपकी सच्चे हृदय से उपासना करते हैं. हमारी प्रार्थना को सुन आप हमें रोग-पीड़ा और दरिद्रता से मुक्त करें. हमारी धन-वैभव की इच्छा भी पूरी करें. वास्तु क्षेत्र या घर में रहने वाले सभी परिजनों, पशुओं व वाहनादि का भी शुभ व मंगल करें. एक दिन में एक ही उपाय करना चाहिए . यदि एक से ज्यादा उपाय करने हों तो छोटा उपाय पहले करें . एक उपाय के दौरान दूसरे उपाय का कोई सामान भी घर में न रखें . एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम:. एकादश भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय /टोटके :- एकादशी का व्रत रखें : एकादशी की रात को सोना नहीं चाहिए. पूरी रात जागकर भगवान विष्णु की भक्ति करनी चाहिए. भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर के निकट बैठकर भजन करते हुए ही जागरण करना चाहिए. इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. एकादशी के दिन पान खाना भी वर्जित माना गया है. पान खाने से मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है. इसलिए एकादशी के दिन पान न खा कर व्यक्ति को सात्विक आचार-विचार रख प्रभु भक्ति में मन लगाना चाहिए. एकादशी के दिन हिंसा करने की मनाही है. हिंसा केवल शरीर से ही नहीं मन से भी होती है. इससे मन में विकार आता है. इसलिए शरीर या मन किसी भी प्रकार की हिंसा इस दिन नहीं करनी चाहिए. एकादशी के द‌िन चावल और चावल से बनी चीजें क्यों नहीं खानी चाह‌िए? एकादशी पर क्रोध भी नहीं करना चाहिए. इससे मानसिक हिंसा होती है. अगर किसी से कोई गलती हो भी जाए तो उसे माफ कर देना चाहिए और मन शांत रखना चाहिए. एकादशी पर दातून (मंजन) करने की भी मनाही है. एकादशी पर स्त्रीसंग करना भी वर्जित है क्योंकि इससे भी मन में विकार उत्पन्न होता है और ध्यान भगवान भक्ति में नहीं लगता. अतः एकादशी पर स्त्रीसंग नहीं करना चाहिए. एकादशी व्रत करना ऐसी स्थिति में प्रायः पति लोग सहवास क्रिया में रुचि नहीं ले पाते और कोई-कोई पति परस्त्रीगमन की ओर उन्मुख हो जाते हैं. विलासी एवं रसिक स्वभाव के पति घर की सुन्दर नौकरानियों से ही यौन संबंध कायम कर लेते हैं. इस व्याधि को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय उपयोगी एवं कारामद सिद्ध हुए हैं. ऐसे लोग होते हैं कल्पनाशील और रोमांटिक स्वभाव के: कुंडली के ग्रह-नक्षत्र से जानिए किसका स्वभाव कैसा है ऐसे समय में व्यक्ति को अध्ययन, मनन, ध्यान तथा भगवान की पूजा-पाठ जैसे कार्य करने चाहिए. कोई नई योजना बनानी हो तो भी उसके लिए यह समय बहुत उपयुक्त है. परन्तु इस समय भूल कर भी शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए अन्यथा पुरुषत्व की हानि होने के साथ-साथ व्यक्ति का बुरा समय आरंभ हो जाता है. शारीरिक संबंध बनाने के लिए सर्वोत्तम समय बह्म मुहूर्त के प्रहर से पहले (अर्थात् सुबह 3 बजे से पहले) का ही ठीक माना जाता है. ऐसे स्थान पर न जाएं, जहां पर तांत्रिक अनुष्ठान होता हो. जहां पर किसी पशु की बलि दी जाती हो या जहां भी लोभान आदि के धुएं से भूत भगाने का दावा किया जाता हो. भूत भागाने वाले सभी स्थानों से बच कर रहें, क्योंकि यह धर्म और पवित्रता के विरुद्ध है. औरम म्यूर नैट्रोनेटम : इसे स्त्री बाँझपन को दूर करने की विशिष्ट दवा माना जाता है. गर्भाशय के दोषों को दूर कर यह दवा गर्भ स्थापना होने की स्थिति बना देती है. गर्भाशय में सूजन हो, स्थानभ्रंण यानी प्रोलेप्स ऑफ यूटेरस की स्थिति हो, योनि मार्ग में जख्म हो या छाले हों तो नैट्रोनेटम 2 एक्स या 3 एक्स शक्ति में सुबह-शाम सेवन करना चाहिए. इसे 30 शक्ति में भी लिया जा सकता है. औषधि के सेवन काल के दौरान खटाई, सेवन करना चाहिए. कई कारणों से स्त्रियों की योनि में खुजली (कण्डु) होने लगती है. खुजली होने पर युवती को बार-बार अपना हाथ वहाँ ले जाना पड़ता है, यह अशोभनीय लगता है. कई बार ऐसा होता है कि बहुत प्रयास करने के बाद भी कोई काम नहीं बनता और यदि बन भी जाता है तो बनते-बनते बिगड़ जाता है. सफलता आते-आते आपके हाथों से फिसल जाती है. आखिर इसके पीछे कुछ तो कारण होगा? कई बार शादी में हमें बाधाओं का सामना करना पड़ता है, बनते-बनते बात बिगड़ जाती है. तो कई बार हमारे पास रिश्ते हीं नहीं आते है. आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय जिन्हें आजमाने से आपकी शादी से सम्बन्धित बाधाएँ दूर हो जाएँगी. और आपकी शादी जल्दी हो जाएगी. तो आइए हम जानते हैं कि आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं. कई लोग अपनी पत्नी की ओर से प्यार और ध्यान की कमी महसूस करते हैं और इस कारण उपेक्षा करते हैं, उन्हें सिर्फ आने वाले बच्चे के प्रति मोह रहता है, पत्नी के प्रति कम हो जाता है. वे यह सोचकर तथा कह कर अपने फर्ज की इतिश्री कर लेते हैं कि गर्भवती को तो गर्भावस्था की परेशानियों को सहन करना ही पड़ता है. कक्ष के आसपास शौचालय नहीं होना चाहिए : कन्या राशि :- कपड़े पहने सोच समझ कर: कपड़े पहनें रंगदार और साफ-सुथरे : कपूर की धूप : कभी -कभी हम किसी कार्य के लिए जाते है और हमारा कार्य नहीं होता है व्यक्ति कोई न कोई बहाना बना कर हमें निराश कर देता है उनके लिए ये प्रयोग अपनाए. किसी भी गणेश चतुर्थी को कभी-कभी रोड पर नींबू-मिर्च पड़ी हुई दिख जाती है, किसी चौराहे या तिराहे पर कोई नींबू या नींबू के टुकड़े पड़े रहते हैं तो ध्यान रखें उन हमारा पैर नहीं लगाना चाहिए. करते रहना चाहिए. करना चाहिये कर्क राशि :- कर्ज उतारने के लिए : कर्ज से मुक्ति कर्म शुद्ध है तो भाग्य भी शुद्ध है. भाग्य जाग्रत है तो किसी भी कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं होगी और हर तरह का मनचाहा कार्य निर्विघ्न संपन्न होगा. यदि भाग्य जाग्रत है तो आपको धनवान बनने से कोई रोक नहीं सकता. कष्टार्तव (मासिक धर्म के समय दर्द) पेडू का दर्द : ऋतुरूजाहर, रजः प्रवर्तनी वटी, अशोकारिष्ट, लोध्रासव, कुमारी आसव, पुष्पावरोधग्न चूर्ण. कहा जाता है कि लंकाधिपति रावण ने सूर्य के सारथी अरुण से यह विद्या प्राप्त की थी. रावण की दुनिया समाप्त होने के बाद यह ग्रंथ किसी प्रकार ‘आद’ नामक स्थान पर पहुंच गया, जहां इसका अनुवाद अरबी और फारसी भाषा में किया गया. आज भी यह मान्यता है कि यह पुस्तक फारसी भाषा में उपलब्ध है. यह ग्रंथ आजकल पाकिस्तान के पुस्तकालय में सुरक्षित है और उर्दू भाषा में है. परन्तु इस अरुण संहिता या लाल किताब का कुछ अंश गायब है. एक मान्यता के अनुसार एक बार लाहौर में जमीन खोदने का कार्य चल रहा था, उसमें से तांबे की पट्टिकाएं मिलीं जिनपर उर्दू एवं अरबी भाषा में लाल किताब लिखी मिली. सन 1936 में अरबी भाषा में लाहौर में प्रकाशित की गई और यह प्रसिद्ध हो गई. कहां होती है भाग्य रेखा कांटेदार पौधे काजल के ये टोटके नहीं जाने देंगे नौकरी, शत्रु भी वश में होगा कामशक्ति को बढ़ाने वाले उपाय कामशक्ति बढ़ाने वाली मलहम- कामुकतापूर्ण बातें, किसी बहाने से अपने स्तन सहलवाना या मर्दन करवाना, किसी बहाने से स्तनों को छूने के पुरुषों को ज्यादा मौके देना आदि. कामों में रुकावट आना कार्य सिद्धि हेतु : कालसर्प योग काला जादू काली मिर्च और लौंग काली मिर्च का ही सेवन करें काली मिर्च शनि का कारण होती है. काली हल्‍दी के 3 अचूक टोटके, होली पर आजमाएं विशेष रूप से काले तिल के ये उपाय करने से दूर होता है दुर्भाग्य कि अधिक से अधिक हो जाएगा. इस जादू को विशेष रूप से तैयार किया गया है और आप में परिवर्तन करना होगा कि अपने दोस्त को एक किंतु साथ ही कुछ जांचे-परखे और कारगर उपायों जिन्हें टोने-टोटके के रूप में जाना जाता है को भी आजमाना चाहिये. किया-कराया समाप्त करने के लिए : किशोर अवस्था पार कर नवयौवन में प्रवेश करने वाली नवयुवतियों, नवविवाहिताओं व छोटे शिशुओं की माताओं को भी अनियमित मासिक धर्म की शिकायत रहती है. किस ओर हो श्रीगणेश की सूंड किस जगह कैसी मूर्ति रखना होगा शुभ किस रंग की घड़ी न लगाएं- किसी गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को खाना खिलाएं किसी गर्भवती महिला का दूध सुख जाना किसी भी उपाय के बीच मांस, मदिरा, झूठे वचन, परस्त्री गमन की विशेष मनाही है . किसी भी जन्मकुंडली में दूसरा और ग्यारहवां भाव धन के स्थान होते हैं. गुरु ग्रह इन दोनों ही स्थानों का कारक ग्रह होता है. गुरुवार को गुरु ग्रह को कमजोर किए जाने वाले काम करने से धन की वृद्धि रुक जाती है. धन लाभ की जो भी स्थितियां बन रही हों. उन सभी में रुकावट आने लगती है. सिर धोना, भारी कपड़े धोना, बाल कटवाना, शेविंग करवाना, शरीर के बालों को साफ करना, फेशियल करना, नाखून काटना, घर से मकड़ी के जाले साफ करना, घर के उन कोनों की सफाई करना जिन कोनों की रोज सफाई नहीं की जा सकती हो. ये सभी काम गुरुवार को करना धन हानि का संकेत हैं. तरक्की को कम करने का संकेत हैं. किसी भी देवी-देवता की आरती के बाद कपूरगौरम् करुणावतारं….मंत्र ही क्यों बोला जाता है, इसके पीछे बहुत गहरे अर्थ छिपे हुए हैं. भगवान शिव की ये स्तुति शिव-पार्वती विवाह के समय विष्णु द्वारा गाई हुई मानी गई है. अमूमन ये माना जाता है कि शिव शमशान वासी हैं, उनका स्वरुप बहुत भयंकर और अघोरी वाला है. लेकिन, ये स्तुति बताती है कि उनका स्वरुप बहुत दिव्य है. शिव को सृष्टि का अधिपति माना गया है, वे मृत्युलोक के देवता हैं, उन्हें पशुपतिनाथ भी कहा जाता है, पशुपति का अर्थ है संसार के जितने भी जीव हैं (मनुष्य सहित) उन सब का अधिपति. ये स्तुति इसी कारण से गाई जाती है कि जो इस समस्त संसार का अधिपति है, वो हमारे मन में वास करे. शिव श्मशान वासी हैं, जो मृत्यु के भय को दूर करते हैं. हमारे मन में शिव वास करें, मृत्यु का भय दूर हो. किसी भी प्रकार के टोने-टोटकों से बच कर रहें. किसी भी शनिवार की शाम को माँ की दाल के दाने लें. उसपर थोड़ी सी दही और सिन्दूर लगाकर पीपल के वृक्ष के नीचे रख दें और बिना मुड़कर देखे वापिस आ जायें. सात शनिवार लगातार करने से आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली बनी रहेगी. किसी भी सोमवार से यह प्रयोग करें. किसी रोग से ग्रसित होने पर : किसी व्यक्ति के जीवन में यौन समस्याएं उसके यौन जीवन में शुरुआत में विकसित हो सकती हैं या असुखद व असंतोषजनक यौन अनुभव होने के बाद भी हो सकती हैं. यौन समस्याओं के कारण शारीरिक, मानसिक, या दोनों हो सकते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं पुरुषों में कमजोरी पैदा करने वाली समस्याओं को खत्म करने के लिए कुछ नेचुरल नुस्खे. ये इस समस्या में रामबाण की तरह काम करते हैं. किसी शुभ कार्य के जाने से पहले - कुंडली में चंद्र और मंगल कमजोर है तो : कुंभ राशि :- कुछ आसान वाजीकरण (संभोग शक्ति बढ़ाने वाले) योग- कुछ महिलाएँ इस काल में सेक्स का आनंद नहीं उठा पातीं. कभी-कभी वे इतनी थकान महसूस करती हैं कि उनके भीतर एक आनंदपूर्ण संभोग का मजा उठाने की ऊर्जा और उत्साह नहीं रहता. कई बार रक्त स्राव या योनि में पीड़ा होने के कारण भी वे सेक्स से मना करती हैं. डॉक्टर भी ऐसी स्थिति में पति-पत्नी को सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. कुछ लोग रात को सोते समय इत्र या सेंट लगाकर सोते हैं. शास्त्रों के अनुसार कुत्ते को शकुन शास्त्र में शकुन रत्न कहा गया है, क्योंकि कुत्ता इंसानों के काफी करीब है. शकुन शास्त्र के अनुसार कुत्ते के क्रिया-कलापों को देखकर भविष्य में होने वाली अच्छी-बुरी घटनाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है. हालांकि वर्तमान समय में इन बातों पर विश्वास करना काफी कठिन है, लेकिन इन बातों को सिरे से नकारा भी नहीं जा सकता. आज हम आपको कुत्तों से जुड़े कुछ ऐसे ही शकुन-अपशकुन के बारे में बता रहे हैं- कुलदेवता पूजन और श्राद्ध- के 10 चमत्कारिक टोटके के साथ ही यहां बताई जा रही सभी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए. साथ ही केमद्रुम योग केला हर मौसम में सरलता से उपलब्ध होने वाला अत्यंत पौष्टिक एवं स्वादिष्ट फल है. केला रोचक, मधुर, शक्तिशाली, वीर्य व मांस बढ़ाने वाला, नेत्रदोष में हितकारी है. पके केले के नियमित सेवन से शरीर पुष्ट होता है. यह कफ, रक्तपित, वात और प्रदर के उपद्रवों को नष्ट करता है. केले का पेड़ : कैल्केरिया कार्ब 200 शक्ति में दिन में एक बार देना चाहिए. इस प्रयोग से दो या तीन माह में बन्ध्यत्व दूर हो जाता है. कैसा हो घड़ी का शेप- कैसा होगा आपका भविष्य कैसा होगा भविष्य कैसी मूर्तियां रखनी चाहिए मंदिर में : कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:. कोनियम मेक : सिर को दाएँ-बाएँ हिलाने से चक्कर आ जाना इसका मुख्य लक्षण है. बाँझ स्त्री में यह लक्षण होना ही इस दवा को चुन लेने के लिए काफी है. डिम्ब कोश की क्षीणता के कारण गर्भ स्थापित न होता हो तो कोनियम मेक का सेवन लाभ करता है. कोनियम मेक सिर्फ 3 शक्ति में सुबह-शाम चूसकर सेवन करना चाहिए. कौंच के बीजों, उड़द की दाल को प्रयोग में लाने से पहले उन्हें गर्म पानी या दूध में उबालकर उनके छिलके उतार लेने चाहिए. कौए से जुड़े शकुन-अपशकुन क्या आप एक करीबी दोस्त है, जो तुम चुपके से आकर्षित कर रहे हैं? शायद आप इस मित्र की तरह करने के लिए एक छोटा सा सिर्फ इतना है क्या कहता है आयुर्वेद क्यों रखते है शिखा ? क्या है इसकी वैज्ञानिकता ? खंडित मूर्तियां ना रखें : खंडित शिवलिंग की पूजा हो सकती है पर खंडित शिव मूर्ति की नहीं, जाने क्यों ? खराब या बंद उपकरण खाने की किसी चीज़ से चिढ हो जाना खुले बाल नहीं सोना चाहिए खुश हो जाइए, आप का बुरा समय अब जाने को है…पिछले कुछ दिनों से आप पर्सनल और प्रोफेशनल फ्रंट पर संघर्ष कर रहे थे. आपको शुभचिंतक और भरोसेमंद लोगों का साथ पसंद है और आप ऐसे लोगों की तलाश में हैं. खुशियां बढ़ाने के लिए : खोया प्यार जादू या मंत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं या प्रदर्शन, यदि आप अपने प्यार को खो दिया है और सभी प्रयासों की कोशिश की है कि आप गजकेसरी योग

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